फरीदाबाद में 50 किलो गोमांस के साथ अफल नामक एक व्यक्ति गिरफ्तार

कांग्रेस शासित हरियाणा के फरीदाबाद में पुलिस ने 50 किलो गोमांस बरामद कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि गांव फतेहपुर तगा निवासी अफल अपने स्कूटर पर गामांस लेकर जा रहा है

पुलिस ने फतेहपुर तगा .नेकपुर रोड पर नाकाबंदी कर जांच शुरू कर दी । कुछ देर बाद एक स्कूटर पर उक्त युवक आते हुए दिखाई दिया जो पुलिस टीम को देख कर दूर से ही अपना स्कूटर छोड़कर भाग निकला ।

पुलिस ने स्कूटर चैक किया तो पायदान पर रखे हुए प्लास्टिक के कटट्रे में 50 किलो गौमांस बरामद हुआ । पुलिस टीम ने गउकशी अधिनियम के अधीन अभियोग दर्ज कर लिया और आरोपी अफल को गिरफ्तार कर लिया ।

उच्च न्यायालय के फैसले में धार्मिक स्वतंत्रता का संतुलन प्रदर्शित नहीं हुआ - मुचाला

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के विधिक प्रकोष्ठ के संयोजक यूसुफ हातिम मुचाला ने आज कहा कि बोर्ड सभी धर्मावलम्बियों के आराध्यों का सम्मान करता है औरराम हमारे लिये काबिल--एहतराम हैं।मुचाला ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ के गत 30 सितम्बर के फैसले पर विचार-विमर्श के लिये बोर्ड की कार्यसमिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘राम हमारे लिये काबिल--इबादत सही...लेकिन काबिल--एहतराम :सम्मान के पात्र: तो हैं ही।

हमारी लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि अन्याय के विरुद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान धर्म विरोधी नहीं है। वह हम सबको अपने-अपने धर्म का पालन करने की आजादी देता है।’’ मुचाला ने कहा कि कि उच्च न्यायालय के फैसले में धार्मिक स्वतंत्रता का संतुलन प्रदर्शित नहीं हो रहा है। उसमें एक धार्मिक आस्था को दूसरे अकीदे से उपर रखा गया है, हमें बस इसी बात पर आपत्ति है।

राहुल गांधी की टीम ने ठीक से होमवर्क नहीं किया था - रविशंकर प्रसाद

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा ने आज कहा कि वह उनकी आलोचना नहीं करेगी क्योंकि ‘‘ वह अब भी सीख रहे हैं और वह वही कहते हैं जो उनकी टीम कहती है। ’’ लेकिन पार्टी ने प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी पर आपत्ति की जिसमें उन्होंने बिहार की राजग सरकार को असफल बताया था।

भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘ मैं राहुल गांधी के खिलाफ कुछ नहीं बोलना चाहता क्योंकि उनकी टीम उनसे जो कहती है वह वही कहते हैं। अगर उनकी टीम ठीक से होमवर्क करती तो यह राहुल गांधी की गलती नहीं है। लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। ’’ बिहार में चुनावी सभाओं में राहुल और सिंह के बयानों पर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि नीतीश कुमार को विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने विकास के मापदंड पर सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री घोषित किया गया है। इन एजेंसियों में योजना आयोग और भारतीय सांख्यिकी संस्थान शामिल हैं।

प्रसाद ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार बिहार के राजग सरकार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।

राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार पर भाजपा कांग्रेस पर हल्ला बोलने की तैय्यारी में

राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों से जुड़े लोग और एजेंसियां आयोजन की सफलता के तले सारे विवादों को दबाने की कोशिश में भले हों, भाजपा इसे भूलने को तैयार नहीं है। राष्ट्रमंडल खेल खत्म होने के दूसरे ही दिन भाजपा ने साफ कर दिया कि वह कुछ दिन इंतजार करेगी और फिर हमला बोलेगी।

पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को यहां कहा कि उनकी सारी तैयारी हो चुकी है। सरकार ने खुद सक्रियता नहीं दिखाई तो विपक्ष राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार की कलई खोलेगा।

गुरुवार रात राष्ट्रमंडल खेलों के सफल समापन के साथ ही आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और अन्य की ओर से यह संदेश दिया जाने लगा था कि अब जब पूरा विश्व भारत की प्रशंसा कर रहा है तो हमें पीछे देखने की बजाय आगे सोचना चाहिए। शुक्रवार को हालांकि सरकार और सत्ताधारी कांग्रेस की ओर से साफ कर दिया गया कि जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भाजपा ने भी चेतावनी दे दी है कि कोई ढिलाई हुई तो वह चुप नहीं रहेगी।

जावड़ेकर ने कहा कि सीएजी की अंतरिम रिपोर्ट में ही भ्रष्टाचार की परत खुलने लगी थी। उसके बाद संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पूरी सरकार ने आश्वासन दिया था कि खेल के बाद इसकी पूरी निष्पक्ष जांच होगी। लिहाजा भाजपा कुछ दिन इंतजार करेगी। इस दौरान यदि चुस्ती से जांच आगे नहीं बढ़ी तो पूरी तैयारी के साथ भाजपा इसकी कलई खोलेगी।

देगंगा में जिहादियों के उत्पात पर मीडिया को क्यों लकवा मार गया ?

पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती प्रखंड देगंगा में जिहादियों का जो उत्पात पिछले दिनों हुआ, उसे हमारे सेकुलर मीडिया ने नजरंदाज किया। कल्पना करें कि इस मामले में पीडि़त अगर तथाकथित अल्पसंख्यक होते तो आज सेकुलर मीडिया आसमान सर पर उठा लेता। किंतु देदंगा के पीडि़त हिंदू हैं इसलिए किसी को उनकी परवाह नहीं है। पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के देगंगा प्रखंड में गत 6 से 8 सितंबर तक जिहादियों ने जमकर उत्पात मचाया था। इस मामले में अब साफ तौर पर दो नाम सामने आए हैं जिन्होंने जिहादियों को उकसाया और उनका नेतृत्व किया। वे हैं तृणमूल कांग्रेस के सांसद हाजी नूरूल इस्लाम और एक स्थानीय अपराधी मकलुकर रहमान। इस पूरे इलाके से हिंदुओं को भगाने के लिए यह सारे षडयंत्र चल रहे हैं। इसके चलते इस बार देगंगा की 24 पूजा पंडाल समितियों ने दुर्गा पूजा मनाने का फैसला किया है। यह कहने की बात नहीं है कि पश्चिम बंगाल के समाज जीवन में इस पूजा का क्या स्थान है। जो जांच हो रही है उसके शुरूआती निष्कर्ष यही हैं कि कट्टरवादी जिहादी मुस्लिम तत्व पूरी तरह से भारतबंगलादेश सीमा से हिंदुओं को खदेड़ देना चाहते हैं ताकि सीमा के दोनों ओर घुसपैठियों का आगमन बेरोकटोक हो सके और तस्करी का धंधा भी फलफूल सके।

इस
इलाके में हूजी और सिमी जैसे संगठनों की सक्रियता ने भी हालात बदतर किए हैं। प्रतिबंधित होने के बावजूद इस इलाके में उनकी गतिविधियां जारी है। इलाके में विस्फोटक हालात होने के बावजूद हमारी सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं क्योंकि उनके लिए वोट बैंक से बड़ा कुछ भी नहीं है। देश का देशभक्त समाज अपने त्यौहार मना सके पर सरकार को इससे फर्क नहीं पड़ता। सीमावर्ती इलाकों में इस तरह का उत्पात देश की सुरक्षा के लिए एक बेहद चिंता जनक बात है किंतु हमारी सरकार को इससे फर्क नहीं पड़ता।

पांच साल और वोट बैंक के आगे देखने वाली राजनीति को इससे क्या फर्क पड़ता है कि समाज का देशभक्त वर्ग कितने संकटों से जूझते हुए अपना जीवन यापन कर रहा है। पश्चिम बंगाल की सरकार ने, ही केंद्रीय सरकार ने इस क्षेत्र की स्थितियों पर कोई ध्यान दिया है। सेकुलर मीडिया तो वैसे भी हिंदू उत्पीडऩ के सवालों से मुंह चुराता रहा है। हिंदु उत्पीडऩ दरअसल उनके लिए कोई खबर नहीं है।

ऐसे
कठिन समय में जब देश के सीमावर्ती इलाकों में देशविरोधी गतिविधियां बढ़ रही हैं क्या हमारी सरकारों का कर्तव्य नहीं है कि वे इन हालात को संभालने के लिए आगे आएं। ताकि सीमांत क्षेत्रों से हिंदुओं को भगाने का षडयंत्र रोका जा सके।

ममता के बाद माया भैनजी भी नक्सलियों के समर्थन में

बसपा सुप्रीमो और उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि जिन्हें रोज़गार नहीं मिला वे लोग आज नक्सली बन गए हैं। आज़ादी के बाद अब तक केंद्र और राज्य सत्ता में जो भी पार्टियां रहीं उन्होंने निचले तबके के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया। इस कारण आज भी बिहार के गांव में गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी है।

मायावती आज मुजफ्फरपुर जिले के मडवन विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रही थीं। मायावती ने कहा कि आज देश में बहुजन समाज की सामाजिक और आर्थिक हालत काफी ख़राब है। इनकी चिंता किसी को नहीं। इनकी हालत में कोई सुधर भी नहीं हो रहा। जो थोडा बहुत आरक्षण बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के प्रयासों से मिला है, उसे भी आज लोग ख़त्म करने पर तुले हुए हैं।

मायावती ने कहा कि आज तक किसी पार्टी ने बहुजन के हित में काम नहीं किया इसलिए बिहार के लोगों को एक बार बीएसपी को वोट देना चाहिए। ताकि उनकी हालत में सुधार आ सके। मायावती ने कहा कि बसपा आज बिहार में लगभग सभी सीटों पर अकेले लड़ रही है। इस कारण लोगों को सहयोग पार्टी चाह रही है।

मायावती ने कहा कि आज बिहार में किसान और कारोबारी काफी दुखी हैं। अगर बसपा की सरकार बनी तो सबके चेहरे पर खुशियां होंगी। इसके बाद मायावती ने पूर्णिया जिले के धमदाहा में भी एक चुनावी सभा को संबोधित किया।

एसएम कृष्णा ने उमर अब्दुला के बयान को सही ठहराया

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला द्वारा कश्मीर के भारत में शामिल होने पर दिए गए विवादास्पद बयान का विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने बचाव किया है। कृष्णा ने कहा है कि उमर के बयान में उन्हें कुछ भी गलत नजर नहीं आता।

गौरतलब है कि उमर ने कहा था कि कश्मीर का भारत में विलय नहीं हुआ था बल्कि इसे भारत में शामिल किया गया था।

पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान जब कृष्णा से उमर के बयान के मद्देनजर पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं नहीं सोचता कि उमर ने कुछ भी ऐसा कहा है जो आपत्तिजनक हो। यह सच है कि जिस तरह मैसूर को भारत में शामिल किया गया उसी तरह जम्मू कश्मीर को भी भारत में शामिल किया गया है.

मैसूर की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह जम्मू कश्मीर के महाराजा ने भारत में शामिल होने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. ठीक उसी तरह मैसूर के महाराजा ने भी एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

साथ-साथ कृष्णा ने यह भी जोड़ा कि वह मैसूर के नागरिक हैं। कश्मीर पर उमर के बयान को जायज ठहराने के बाद भी कृष्णा ने यह जोड़ा कि जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा है।

कांग्रेस ने गुजरात महानगर पालिका चुनाव में हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा

गुजरात महानगर पालिका चुनाव में हार का ठीकरा प्रदेश कांग्रेस अब ईवीएम पर फोड़ रही है। कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला का कहना है कि यह नरेंद्र मोदी के मैजिक नहीं मशीन मैजिक की जीत है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल ने भी आरोप लगाया कि ईवीएम से छेड़छाड़ हुई है।

प्रदेश कांग्रेस की पत्रकार वार्ता में गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने पार्टी की हार स्वीकारते हुए कहा कि दुनिया के किसी देश में किसी एक दल को 80 फीसदी मत नहीं मिल सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदान के दिन 10 अक्टूबर को शुरुआती 5 घंटों में 20 से 25 फीसदी मतदान हुआ जबकि अंतिम एक घंटे में 10 से 20 बीस प्रतिशत मतदान हुआ जो अपने आप में शंका पैदा करता है।

सिद्धार्थ पटेल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से हैदराबाद की कंपनी से विशेष रूप से यह ईवीएम तैयार कराई गई है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर अमेरिका से आए एक तकनीकी विशेषज्ञ ने कई ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की, जिसके कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने गुजरात सरकार पर ईवीएम को टेंपर करने का आरोप लगाते हुए कहा, यह ईवीएम 8 वर्ष पुरानी तकनीक से चलने वाली है जिसके डेटा ब्ल्यूटूथ से भी बदले जा सकते हैं

जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी ने पत्रकार को पीटा

दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना सैयद अहमद बुखारी और उनके समर्थकों के खिलाफ लखनऊ में गुरूवार देर शाम एक पत्रकार को पीटने और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया।

बुखारी और उनके अज्ञात समर्थकों के खिलाफ यह मुकदमा लखनऊ में हजरतगंज थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 और 506 के तहत दर्ज किया गया। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) बृजलाल ने यहां देर शाम संवादाताओं को बताया, ""इमाम बुखारी गोमती होटल में गुरूवार शाम एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।

इस दौरान उर्दू अखबार दास्ताने-ए-अवध के सम्पादक अब्दुल बहीद चिश्ती ने उनसे कोई सवाल पूछा, जिससे बुखारी और उनके समर्थक नाराज हो गए। उन्होंने चिश्ती के साथ मारपीट की।"" लाल ने कहा कि मुकदमे की विवेचना होगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

उधर, चिश्ती ने संवाददाताओं से कहा, ""पत्रकार होने के नाते मैंने बुखारी से केवल एक साधारण सवाल पूछा, जिस पर वह भ़डक गए और मुझे अपशब्द कहे। उन्होंने समर्थकों के साथ न केवल मुझसे मारपीट की, बल्कि मुझे जान से मारने की धमकी भी दी।"" मालूम हो कि बुखारी ने अयोध्या मुद्दे को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया था। संवाददाता सम्मेलन की शुरूआत होते ही यहां हंगामा शुरू हो गया।

बाद में बुखारी ने पत्रकार को कांग्रेस का एजेंट करार देते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि मुसलमान अयोध्या मामले को लेकर सर्वोच्चा न्यायालय जाएं।

कांग्रेस शासित आंध्रप्रदेश के करीमनगर में एक किसान ने की आत्महत्या

आंध्रप्रदेश के करीमनगर जिले में कपास की खेती करने वाले एक किसान ने आत्महत्या कर ली।

बताया जाता है कि किसान भारी वर्षा के कारण अपनी फसल को हुए नुकसान से परेशान था।

पुलिस के मुताबिक चीरालावंचा गांव के निवासी वांगापल्ली रामरेड्डी ने कल कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।

उन्होंने बताया कि उसकी पूरी फसल बारिश के कारण खराब हो गई थी और वह उधार नहीं चुका पा रहा था।

कर्नाटक में भाजपा की सरकार ने भ्रष्टाचार और संस्थागत रूढ़ीवाद को बढ़ावा दिया - मनीष तिवारी

कर्नाटक में बीएस येद्दियुरप्पा सरकार द्वारा विधानसभा में दूसरी बार बहुमत साबित करने पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि अयोग्य ठहराए गए विधायकों के मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर सब कुछ निर्भर है।

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर ही सब कुछ निर्भर करता है। कोर्ट 18 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। तिवारी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार ने भ्रष्टाचार और संस्थागत रूढ़ीवाद को बढ़ावा दिया है।

गौरतलब है कि येद्दियुरप्पा सरकार ने एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार विधानसभा में बहुमत साबित किया है। इससे पहले सोमवार को उसने ध्वनिमत से विश्वास मत जीता था।

शीला दीक्षित झूठी हैं - दिल्ली के राज्यपाल तेजिंदर खन्ना


गेम्स विलेज की बदहाली पर दुनिया भर से आलोचना झेलने के बाद इसे रहने लायक बनाने का श्रेय लेने की कोशिश कर रहीं दिल्ली की सी एम शीला दीक्षित पर दिल्ली के एलजी ने पलटवार किया है। दरअसल, एलजी तेजिंदर खन्ना ने पीएम को पत्र लिख कर शिकायत की है कि गेम्स विलेज की हफ्ते भर के अंदर हुई 'कायापलट' के मामले में शीला 'पूरा क्रेडिट खुद ही' हड़पना चाहती हैं। जबकि, ऐसा नहीं है।

तिलमिलाए खन्ना ने शीला दीक्षित की इस 'चाल' को नाकाम करने के लिए सीधे पीएम से शिकायत की है। खन्ना ने लिखा है कि शीला 'अनुचित और तथ्यात्मक तौर पर झूठी' बातें बोल रही हैं।

जैसा कि आप जानते हैं, सीडब्ल्यूजी में शामिल देशों के प्रतिनिधियों ने जब गेम्स विलेज का दौरा किया था, तब इसकी असुरक्षा और बदहाली को लेकर सवालिया निशान खड़े हो गए थे। मीडिया में आई तमाम निगेटिव रिपोर्ट्स के बाद इसे 'हफ्ते भर के अंदर रहने योग्य' बनाया दिया गया था।

एलजी ने यह पत्र 7 अक्टूबर को लिखा है। एक इंटरव्यू में सीएम ने बताया था कि कैसे उन्हें आखिरी पलों में गेम्स विलेज की जिम्मेदारी सौंपी गई और सिर्फ चार दिनों में उन्होने गेम्स विलेज को चमका दिया। शीला ने गेम्स की ऑर्गनाइजिंग कमिटी और डीडीए को 'गेम्स विलेज में लापरवाही' बरतने के लिए जिम्मेदार भी ठहराया था। गौरतलब है कि डीडीए के चेयरमैन हैं एलजी तेजिंदर खन्ना।

खन्ना ने लिखा है कि इस कायापलट को किसी एक एंजेसी ने अंजाम नहीं दिया है। गेम्स विलेज पर ऐसी बयानबाजी कर शीला उन सैंकड़ों कर्मचारियों और एजेंसियों का मनोबल गिरा रही हैं जिन्होने दिन रात ईमानदारी से मेहनत मशक्कत कर कम समय में बेहतरीन काम किया।

उन्होंने पत्र में लिखा है, गेम्स विलेज के लिए सीएम ने एमसीडी और एनडीएमसी से अतिरिक्त स्टाफ की मांग की थी जिनका उपयोग विलेज के बाहरी हिस्सों की सफाई के लिए किया गया। कुछ का प्रयोग लिफ्ट्स और सीढ़ियां साफ करने के लिए किया। यह ऊपरी सफाई थी और 'डीप क्लीनिंग' में यह स्टाफ शामिल नहीं था।

उन्होंने यह भी जिक्र किया है कि जब ऑर्गनाइजिंग कमिटी द्वारा जब खुद उनसे काम करवाने के लिए स्टाफ मांगा गया तब खुद उन्होंने 70 जूनियर कमिश्नड ऑफिसर तुरंत अरेंज किए थे। खन्ना ने जेएनएस के पास टूटे पुल को बनवाने के लिए आर्मी से रिक्वेस्ट करने का क्रेडिट भी खुद लिया है। जबकि, शीला दीक्षित का कहना है कि गेम्स विलेज में ऑफिसर नियुक्त करने का फैसला उन्होंने लिया था।

कांग्रेस के शासन में भारत पर कर्ज बढकर 273.1 अरब डॉलर हुआ

भारत पर विदेशी कर्ज मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10.8 अरब डॉलर बढ़कर 273.1 अरब डॉलर हो गया। यह वृद्धि लघु अवधि के व्यापारिक ऋण, वाणिज्यिक उधारी और बहुपक्षीय ऋणों में वृद्धि के कारण हुई है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में लघु अवधि का ऋण 5.4 अरब डॉलर बढ़कर 57.8 अरब डॉलर हो गया इसमें कुल 21.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं लंबी अवधि का ऋण बढ़कर 215.2 अरब डॉलर हो गया।

तिमाही में सभी तरह के कर्जो में वृद्धि दर्ज की गई। वाणिज्यिक उधारियां 2.5 अरब डॉलर और विदेशी सहायत के अंतर्गत लिया गया कर्ज 2.3 अरब डॉलर बढ़ा हैं।

कुल कर्ज में वाणिज्यिक उधारियों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 27.3 प्रतिशत बनी रही जबकि कुल विदेशी कर्ज में छोटी अवधि के कर्ज की हिस्सेदारी 21.2 प्रतिशत, प्रवासी भारतीयों का जमा 17.6 प्रतिशत और बहुपक्षीय ऋण 16.4 प्रतिशत रहा है।

हंसराज भारद्वाज के मुंह पर फिर तमाचा - येदियुरप्पा सरकार ने फिर साबित किया बहुमत

कर्नाटक में बी . एस . येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने विधानसभा में हुए शक्तिपरीक्षण में विश्वासमत हासिल कर लिया है। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विश्वासमत का प्रस्ताव सदन में पेश किया जिसके पक्ष में 106 विधायकों ने अपना मत दिया जबकि 100 विधायकों ने इसके खिलाफ मत दिया।

येदियुरप्पा और बीजेपी के लिए सदन में दूसरी बार विश्वास मत हासिल करना मुश्किल नहीं रहा क्योंकि 224 सदस्यीय विधानसभा में 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद से प्रभावी सदस्य संख्या घटकर 208 ही रह गई थी।

इससे पहले कर्नाटक विधानसभा सत्र स्थगित करने की विपक्षी दल कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया गया। कांग्रेस के नेता एस. सिद्धारमैया ने मांग की थी कि प्रस्ताव को हाई कोर्ट का फैसला आने तक टाल दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट को अयोग्य ठहराए गए 16 विधायकों की याचिका पर फैसला सुनाना है। स्पीकर के. जी. बोपैया ने कहा कि, यह सत्र राज्यपाल के निर्देश पर विश्वासमत के लिए विशेष तौर पर बुलाया गया है और इसे स्थगित नहीं किया जा सकता।

बांग्लादेश में किसी स्त्री को उसकी इच्छा के बिना नकाब पहनने को मजबूर नहीं किया जा सकता

एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल सुलताना अर्जुमन बानू ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि सात माह पहले बुरका न पहनने की निजी इच्छा की रक्षा के लिए उन्होंने अदालत का जो सहारा लिया था, वह बांग्लादेश की तमाम स्त्रियों के लिए नजीर बनेगा। यह इसी का नतीजा है कि वहां की उच्च अदालत ने व्यवस्था दी है कि किसी स्त्री को उसकी इच्छा के बिना नकाब पहनने को मजबूर नहीं किया जा सकता।

मुसलिम बहुल समाजों में बुरके के बढ़ते प्रचलन या अपने यहां भी किसी मुसलिम महिला के बुरका न पहनने की जिद पर कट्टरपंथी संगठनों के हाथों प्रताड़ना झेलने की खबरों के बीच पड़ोसी मुल्क से आनेवाली यह खबर ताजा हवा की तरह है।

बांग्लादेश की अदालत का साफ कहना है कि स्त्री पर किसी तरह का ड्रेस कोड लागू करना यौनिक प्रताड़ना को अंजाम देने जैसा है। सुलताना बानू को वह दिन अब भी याद है, जब कुड़ीग्राम के उनके स्कूल में शिक्षा विभाग के अधिकारी ने उन्हें बिना बुरके में देखकर बेहद असम्मानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। उच्च अदालत ने उस अधिकारी को आदेश दिया कि वह सुलताना बानू से माफी मांगे।

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से बुरके का सवाल बांग्लादेश की संसद में ही नहीं, शिक्षा संस्थानों के भीतर भी जबर्दस्त बहस का विषय रहा है। उच्च अदालत का यह आदेश एक तरह से इस सिलसिले में जारी अदालती आदेशों में चौथा है। ऐसा पहला आदेश विगत मार्च में आया था, जब अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया था कि वह ऐसी महिलाओं को तंग न करे, जो बुरका न पहनती हों।

उस समय उत्तरी रंगपुर जिले में पुलिस ने बगैर बुरके के नौ किशोरियों को एक पार्क से गिरफ्तार किया था और थाने ले जाकर प्रताड़ित किया था। फिर अप्रैल में दूसरा आदेश आया, जिसमें अदालत ने कहा कि शिक्षिकाओं को शिक्षण संस्थानों में बुरका पहनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। पिछले महीने यह आदेश सभी शिक्षण संस्थानों पर लागू कर दिया गया, जब यह पता चला कि उत्तरी बांग्लादेश के एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने सभी छात्राओं को बुरका पहनने के लिए मजबूर किया। अब उच्च न्यायालय का यह ताजा आदेश सभी महिलाओं के इस अधिकार की हिफाजत करने का ऐलान करता है।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि इन अदालती आदेशों के पीछे व्यापक जन दबाव भी काम कर रहा है। जमीनी स्तर पर महिलाएं तथा उनके संगठन इसके लिए जोरदार मुहिम चलाते रहे हैं। पिछले साल एक पॉलीटेक्नीक इंस्टीट्यूट में एक छात्रा पर उसके सहपाठी छात्रों द्वारा किए गए हमले का मसला भी काफी गूंजा था। छात्रों ने कॉलेज में पढ़नेवाली छात्राओं पर दबाव डाला था कि वे सिर ढककर चलें और ऊंची एड़ी का सैंडल न पहनें। कंप्यूटर साइंस की एक छात्रा ने जब इसे नहीं माना, तो सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक छात्र ने उस पर हमला किया और पिस्तौल से उसे धमकाया।

बांग्लादेश महिला परिषद आदि संगठनों ने सरकार पर दबाव डाला था कि वे फतवे को रोकने एवं स्त्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाएं। फतवे से जुड़ी हिंसा इतनी भयंकर थी कि बांग्लादेश महिला परिषद द्वारा संग्रहीत आंकड़ों के मुताबिक, 2002 में 39 महिलाएं मार दी गईं, जबकि 2003 में 44 स्त्रियां इसका शिकार हुईं। इसी तरह 2004 में 59, 2006 में 66, 2007 में 77, 2008 में 21 और पिछले साल 48 महिलाओं की जान फतवों ने ले ली।

सैयद महमूद हुसैन और गोविंद चंद्र टैगोर की दो सदस्यीय हाई कोर्ट बेंच ने अपने ऐतिहासिक निर्णय में फतवे या इसलामी आदेश के नाम पर स्त्रियों की चाबुक या डंडे से की जानेवाली पिटाई को आपराधिक घोषित कर दिया। अदालत ने कहा कि जो कोई भी ऐसा गैरविधिक काम करता है, उसे सख्त सजा सुनाई जानी चाहिए। ताजा फैसले में अदालत ने पहले सरकार एवं पुलिस प्रमुख से उनकी इस विफलता पर सफाई भी मांगी। अदालत का विशेष जोर स्त्रियों के खिलाफ जारी होने वाले फतवों पर था।

बांग्लादेश के सामाजिक कार्यकर्ताओं के मुताबिक, हाल के वर्षों में ऐसे फतवों में बढ़ोतरी हुई है और उसकी अभिव्यक्ति अधिक हिंसक हुई है। यह उन इलाकों में भी फैलती दिख रही है, जहां धार्मिक नेताओं की पहले भूमिका नहीं दिखती थी। ऐसे में, हालिया अदालती आदेश से उम्मीद बंधती है।

मुस्लिम समुदाय के विद्यार्थियों के लिए शून्य बैलेंस पर खोले जाएँ खाते-आरबीआई

आरबीआई ने कहा है कि मुस्लिम मामलों के मंत्रालय द्वारा यह बात हमारे संज्ञान में लाई गई है कि बैंक मुस्लिम समुदाय के ऐसे विद्यार्थियों के शून्य बैलेंस वाले खाते नहीं खोल रहे हैं जो वजीफा का लाभ उठाना चाहते हैं।

इससे सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाने के चलते बैंकों की आलोचना की जा रही है। बैंक ने कहा कि आपको (क्षेत्रीण ग्रामीण बैंकों) सलाह दी जाती है कि वे मुस्लिम समुदाय के विद्यार्थियों के शून्य बैलेंस वाले खाते खोलें ताकि विद्यार्थी विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ उठा सकें।

येदियुरप्पा सरकार आज दोबारा विश्वास मत रखेगी पर फैसला सोमवार को ही

कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार आज दोबारा विश्वास मत रखेगी। आज फैसला जो भी हो, लेकिन सरकार के भाग्य का अंतिम फैसला सोमवार को ही हो सकेगा, जब हाईकोर्ट अयोग्य घोषित विधायकों की याचिका पर सुनवाई करेगा।

विधानसभा में आज कड़ी सुरक्षा की गई है ताकि सोमवार का घटनाक्रम नहीं दोहराया जाए। मुख्यमंत्री ने सोमवार को जबर्दस्त हंगामे के बीच पहला विश्वास मत हासिल किया था। कांग्रेस, जनता दल (सेक्युलर) और 16 अयोग्य घोषित विधायकों ने उस दिन विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा किया था। मार्शलों पर हमले हुए, और कई बाहरी तत्व सदन में घुस गए। राज्यपाल के सुझाव पर आज फिर बीजेपी सरकार विश्वास मत हासिल करने जा रही है। सदन की कार्यवाही सुबह 11.30 बजे शुरु होगी।

आज की परिस्थिति में यदि कुछ असामान्य नहीं हुआ तो सरकार के बचने के आसार हैं। फिलहाल आंकड़े सरकार के पक्ष में हैं। कुल मिलाकर बीजेपी के पक्ष में 108 विधायक बताए जा रहे हैं, जिसमें स्पीकर शामिल नहीं हैं। मतदान में यदि बराबर मत पड़ सकते हैं तो स्पीकर भी वोट कर सकते हैं। विपक्ष के पास 100 विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है।

पहले विश्वास मत के पूर्व रविवार को विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपय्या ने 11 बीजेपी और 5 निर्दलियों सहित 16 विधायकों को सदन की कार्यवाही से अयोग्य घोषित कर दिया था। उन्होंने यह कार्रवाई दल बदल कानून का तहत की। इन विधायकों ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका पेश की।

मंगलवार को अपील पर सुनवाई हुई और अगली सुनवाई आने वाले सोमवार को है। इसी बीच बुधवार को पांच निर्दलीय विधायकों ने फिर एक याचिका हाईकोर्ट में लगाकर मामले की तत्काल सुनवाई की अपील की। हाईकोर्ट ने हालांकि इन विधायकों को कोई राहत नहीं दी, लेकिन साफ कर दिया है कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही का अंतिम निर्णय, सोमवार को होने वाली सुनवा के बाद ही होगा।

यदि कोर्ट स्पीकर के आदेश को बनाए रखता है, तो सरकार बची रहेगी, लेकिन यदि अदालत ने फैसले को पलट दिया, तो सरकार को फिर से विश्वास मत हासिल करना पड़ सकता है।

कड़ी सुरक्षा है विधानसभा में

विधानसभा में आज करीब 149 मार्शल ड्यूटी पर रहेंगे। किसी भी बाहरी व्यक्ति को सदन में घुसने नहीं दिया जाएगा। आज सांसद और पूर्व विधायकों को भी आने की इजाजत नहीं है। आमतौर पर सदन की कार्यवाही दर्शक दीर्घा, वीआईपी दीर्घा से देखी जा सकती है, लेकिन आज किसी को भी यहां आने की इजाजत नहीं होगी। खासतौर पर अयोग्य घोषित विधायक तो विधानसभा के आसपास भी नहीं फटक सकेंगे।

भारतीय खेल प्राधिकरण ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को 3 करो़ड 90 लाख रूपये दिए

भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को एस्ट्रो टर्फ बिछाने के लिए 3 करो़ड 90 लाख रूपये आवंटित किए हैं।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रवक्ता राहत अबरार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, ""साई की तरफ से हमें धन आवंटन के बारे में सूचित कर दिया गया है।"" उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि बहुत जल्द केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के विशेषज्ञ यहां एस्ट्रो टर्फ बिछवाने का कार्य जलद शुरू करवाएंगे।

एएमयू के अधिकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय की खेल कमेटी यहां एस्ट्रो टर्फ बिछाने की मांग काफी समय से करती रही है। इसके बिछ जाने के बाद एएमयू हॉकी के एक केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हॉकी को बहुत बढ़ावा मिलेगा।

पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी कश्मीर में फिर कर सकतें हैं खूनी खेल

पाकिस्तान की दो मुंही नीति एक बार फिर उजागर हो गई है। एक तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत आने के लिए तैयार हो गए हैं, लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान में छिपे लश्कर--तैय्यबा, जमात-उद-दावा और अल बदर सहित दूसरे आतंकवादी संगठन बड़ी संख्या में अपने कैडर को कश्मीर में छद्म युद्ध के लिए भेज रहे हैं।

इनमें कुछ भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं और बाकी शीतकाल का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय गृह विभाग को मिल रही जानकारी के अनुसार हफीज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैय्यबा, जमात-उद-दावा औऱ अल बदर, जमीम खान गुट इस अभियान को कश्मीरी इंतिफदा(बगावत) की संज्ञा दे रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के साथ युद्ध के लिए बड़ी संख्या में कैडर तैयार किए हैं। ये आजाद कश्मीर का लक्ष्य लेकर भारत में घुसेंगे।

कुछ आतंकवादी भारत की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं लेकिन ज्यादा घुसपैठ ठंड के समय होगी, जब पहाड़ों पर जबर्दस्त बर्फबारी होती है। इन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार का भी पूरा समर्थन है। पाकिस्तानी सेना, इन आतंकवादियों की घुसपैठ के समय कवरिंग फायर करती है। वे फायरिंग कर न केवल भारतीय सेना को उलझाए रखते हैं बल्कि आतंकवादियों को बचाते भी हैं।

इन संगठनों ने पहला कश्मीरी इंतिफदा(बगावत) 1989 में किया था, जिसके बाद करीब एक दशक तक दक्षिण एशिया में हिंसा का दौर चला था। कई बार भारत और पाकिस्तान के संबंध टूटने की कगार पर आ गए थे। और इन आतंकवादी संगठनों की एक बार फिर वही खूनी दौर लाने की तैयारी है।

भारतीय सेना भी तैयार

भारतीय सेना के पास भी इस षडयंत्र की पूरी जानकारी है। सेना ने इसके लिए विशेष रणनीति बना है। हाल ही में 16 कार्प्स के मुख्यालय नागरोटा में सैन्य और गुप्तचर विभाग के अफसरों की बैठक लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर राय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में बताया गया कि 600 से ज्यादा पूरी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी सीमा पार घुसपैठ को तैयार बैठे हैं। आतंकवादियों पर भारतीय सीमा में प्रवेश का दबाव भी बढ़ रहा है।

पाक विदेश मंत्री भारत आएंगे

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत आ रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और कुरैशी के बीच जुलाई में इस्लामाबाद में हुई विफल बातचीत के बाद पहली बार दोनों नेताओं की मुलाकात होगी। हालांकि दोनों नेताओं में पिछले माह संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा की बैठक के दौरान भी मुलाकात का मौका था, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और उसने फिर कश्मीर का मुद्दा उछाल दिया। पाकिस्तान कई बार दोहरा चुका है कि भारत से बातचीत तभी संभव है जब कश्मीर और सियाचीन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो। भारत भी सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए राजी है।

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने बताया कि उन्होंने जुलाई में पाकिस्तानी विदेश मंत्री को भारत आने का निमंत्रण दिया था, जो उन्होंने मान लिया है। उन्होंने कहा कि तारीख जल्दी ही तय होंगीं।

बिहार में भाजपा छोटे भाई की भूमिका में नहीं - मोदी

बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का मानना है कि मौजूदा दौर में लोगों में राजनीति के प्रति महत्वकांक्षा बढ़ी है और यही वजह है कि टिकटों को लेकर हर तरफ हंगामा बरपा हुआ है।
उन्होंने यह मानने से इंकार किया कि बिहार में भाजपा छोटे भाई की भूमिका में है।

मोदी ने कहा कि गठबंधन सरकार बिना मनमुटाव के पांच वर्षो तक चलाना एक बड़ी उपलब्धि है। अगर बीच में लड़ाई होती तो विरोधी दल के लोग कहते कि सरकार में लड़ाई हो रही है। विक्षुब्धों का तो मुंह बंद नहीं किया जा सकता। भाजपा में टिकट को लेकर मचे हंगामे के बारे में पूछे जाने पर मोदी कहते है कि आज लोगों में राजनीति को लेकर महत्वकांक्षा बढ़ गई है। ऐसे में लोग टिकट के लिए हंगामा करेंगे ही। पिछले चुनाव की तुलना में इस दफा हंगामा कम है।

जब उनसे यह पूछा गया कि सरकार में बतौर सहयोगी भाजपा की भी मुख्य भूमिका रही लेकिन विकास का सारा श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही क्यों लेने दिया जा रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है। सरकार ने अच्छा काम किया है तो इसका श्रेय हमे नहीं राज्य की नौ करोड़ जनता को जाता है, जिसके सहारे भाजपा और जनता दल [युनाइटेड] की सरकार ने अच्छा काम किया। रही बात मुख्यमंत्री की तो सरकार का मुखिया होने के नाते श्रेय तो उन्हे मिलेगा ही। वह कहते है कि सरकार ने राज्य में काफी विकास किया है। सड़कें चिकनी है तो विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। अब यहां के लोगों को तय करना है कि उन्हें कैसी सरकार चाहिए।

जनता का जो फैसला होगा, हमें वह शीरोधार्य होगा। मोदी ने अन्य दलों से आए उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बारे में पूछने पर स्पष्ट कहा कि इसमें बुराई क्या है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर दूसरे दल के अच्छे लोग भाजपा में आना चाहते है तो क्या उन्हें नहीं लिया जाना चाहिए। जहां तक उनके टिकट देने का प्रश्न है तो कई आधार बनाकर टिकट का वितरण किया गया है। जीतने लायक लोगों को प्रत्याशी बनाया गया है।

जदयू के लोगों को टिकट देने के मामले पर उन्होंने कहा कि वे अपने ही सहयोगी दल के है। इसलिए उन्हे टिकट दिए गए है। आसन्न चुनाव के प्रमुख मुद्दों के बारे में जब मोदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर हम मतदाताओं के पास जा रहे है और उम्मीद है कि अगले पांच वर्षो के लिए लोग एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन [राजग] सरकार को मौका देंगे।

जब उनसे यह पूछा गया कि टिकट देने में तो उनकी ही चली है, तो उन्होंने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसमें केवल एक व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। टिकट कई चरणों में तय किया जाता है, जिसमें केंद्रीय नेतृत्व और चुनाव पूर्व कराए गए सर्वेक्षणों की मुख्य भूमिका रही है।

नहीं रुकेगा मायावती का हाथी

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती को राहत देते हुए चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी के चुनाव चिन्हहाथीपर रोक लगाने और उन्हें चुनाव लड़ने से आयोग्य ठहराये जाने की मांग को खारिज कर दिया

आयोग ने इस बारे में की गई मांग को ठुकराते हुए अपने फैसले में कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठायेगा और उपाय करेगा कि मायावती की मूर्तियों और उनकी पार्टी बसपा का चुनाव चिन्ह ‘हाथी’ चुनावों के दौरान किसी भी तरह से बराबरी का अवसर मुहैया कराने में अवरोध पैदा न करने पाये ।

आयोग ने बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने की मांग संबंधी याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है । आयोग का यह फैसला पिछले साल जुलाई में दाखिल की गई याचिकाओं पर आया है जिसमें अधिवक्ताओं रविकांत और सुकुमार ने कहा था कि लखनउ और नोएडा में हाथी और मायावती की मूर्तियां सरकारी पैसा खर्च करके लगाई गयी है ।

याचिकाकर्ताओं ने मांग की कि पार्टी के चुनाव चिन्ह पर रोक लगाकर उसके स्थान पर उसे दूसरा चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाये और साथ ही मायावती को चुनाव लड़ने से आयोग्य ठहराया जाये क्योंकि उनकी अनेक मूर्तियां चुनाव के दौरान उनके विरोधियों के लिए असमान अवसर पैदा करेगी ।

छत्तीसगढ़ सरकार की कर चोरी रोकने के लिए अनूठी योजना

छत्तीसगढ़ के उपभोक्ता दुकानों से सामान लेने के दौरान पक्का बिल लेने से 50 लाख रूपए का इनाम जीत सकते हैं। राज्य सरकार ने राज्य में कर चोरी रोकने के लिए उपभोक्ता जागरूकता पुरस्कार योजना की शुरूवात कर दी है।

राज्य के वाणिज्यिक कर मंत्री अमर अग्रवाल ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में उपभोक्ताओं को पक्का बिल लेने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उपभोक्ता जागरूकता पुरस्कार योजना की शुरूवात की गई है। इससे राज्य में कर चोरी रूकेगा और राज्य सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।

अग्रवाल ने बताया कि योजना के तहत पहला पुरस्कार पांच लाख रूपए का है। उपभोक्ता नगद अथवा सामान के रूप में अपना पुरस्कार ले सकता है। इसके अलावा ढाई-ढाई लाख रूपए के तीन द्वितीय पुरस्कार और एक-एक लाख रूपए के पांच तृतीय पुरस्कार रखे गए हैं।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत 50 लाख रूपए के कुल 201 पुरस्कार हैं। 10वां और 11वां पुरस्कार कुल 102 लोगों को दिए जाएंगे। इसी तरह व्यवसायियों के लिए एक लाख रूपए का पहला पुरस्कार, 20-20 हजार रूपए के तीन द्वितीय पुरस्कार और पांच-पांच हजार रूपए के पांच तृतीय पुरस्कार रखे गए हैं। यह योजना 31 दिसम्बर 2010 तक चलेगी।

राज्य में वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव अजय सिंह ने बताया कि पुरस्कार के लिए केवल वाणिज्यिक कर विभाग में पंजीबद्ध टिन होल्डर व्यवसायी ही पात्र होंगे। वाणिज्यिक कर, पंजीयन, और आबकारी विभाग में कार्यरत शासकीय सेवक इस योजना में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

बब्बर खालसा आतंकी जगतार सिंह हवारा की फांसी की सजा उम्र कैद में तब्दील

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में निचली अदालत के फैसले को बदल दिया। हाई कोर्ट ने मामले में दोषी बब्बर खालसा आतंकी जगतार सिंह हवारा की फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हवारा जीवन पर्यत जेल में रहेगा। एक अन्य अभियुक्त बलवंत सिंह की मौत की सजा को बरकरार रखा गया है। हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने का आधार बेअंत सिंह की हत्या वाले दिन हवारा का चंडीगढ़ में नहीं होना दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में चंडीगढ़ की विशेष अदालत द्वारा 31 जुलाई 2007 को बलवंत सिंह को सुनाई गई फांसी की सजा को बरकरार रखा। अपने 180 पन्नों के फैसले में न्यायमूर्ति महताब सिंह गिल व न्यायमूर्ति अरविंद सिंह की खंडपीठ ने तीन अन्य सह अभियुक्तों गुरमीत सिंह, लखविंद्र सिंह व शमशेर सिंह को निचली अदालत द्वारा दी गई उम्र कैद की सजा को बहाल रखा। इन तीनों लोगों पर हत्या के साजिशकर्ताओं की मदद करने का आरोप है।

हाई कोर्ट ने कहा कि जगतार सिंह हवारा बेअंत सिंह की हत्या की साजिश रचने में शामिल था, लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि वह 30-31 अगस्त 1995 को यहां स्थित सचिवालय के पास मौजूद था। चंडीगढ़ की विशेष अदालत ने बेअंत सिंह हत्याकांड के अभियुक्तों जगतार सिंह हवारा व बलवंत सिंह को फांसी की सजा और सह अभियुक्तों गुरमीत सिंह, लखविंद्र सिंह एवं शमशेर सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

बलवंत सिंह को छोड़ शेष सभी अभियुक्तों ने विशेष अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। बलवंत ने हाई कोर्ट को एक पत्र लिखकर मांग की थी चूंकि वह अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहता, इसलिए उसे जल्द फांसी दी जाए। हाई कोर्ट ने उसे पहली अक्टूबर को अपने समक्ष पेश करवाकर उसका पक्ष जानकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सोपोर शहर को छोड़ पूरे कश्मीर घाटी से कफ्र्यू हटा

सोपोर शहर को छोड़ आज लगभग समूचे कश्मीर घाटी से कफ्र्यू हटा लिया गया लेकिन हुर्रियत कांफ्रेंस के हड़ताल के आह्वान के कारण यहां सामान्य जन जीवन प्रभावित रहा।

पुलिस प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘‘ सोपोर जिले के कुछ इलाकों को छोड़कर समूचे कश्मीर घाटी से आज सुबह कफ्र्यू हटा लिया गया।’’ उन्होंने कहा कि सेबों के शहर के रूप में प्रसिद्ध इस इलाके में शालीपुरा, अशपीर, इकबाल कालोनी, चानखान और नेहारपुरा जैसे इलाकों में कफ्र्यू जारी है।

हुर्रियत कार्यकर्ताओं की ओर से कट्टरपंथी गुट के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के हैदरपुरा स्थित आवास तक मार्च निकालने की योजना को विफल बनाने के लिए सोमवार को कफ्र्यू लगा दिया गया था।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट के विरोध प्रदर्शन के कैलेंडर के कारण आज यहां आम जनजीवन प्रभावित रहा। दुकानें, बैंक, निजी कार्यालय और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नहीं आए। हालांकि निजी वाहनों को सड़कों पर देखा गया। वाषिर्क परीक्षा होने की वजह से शैक्षणिक संस्थान भी खुले रहे।

सूत्रों ने कहा कि कुछ इलाकों में कुछ तत्वों की ओर से शांति में बाधा डालने का प्रयास किये जाने की सूचना के बाद शहर के संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है।

हंसराज भारद्वाज आप कांग्रेसी मेढक हो

हंसराज भारद्वाज का रिश्ता आगरा, पंजाब, मध्यप्रदेश व हरियाणा की राजनीति से रहा है और ठीक-ठाक वकीलों में भी उनकी गिनती होती है। वे सिद्धार्थ सेन के बाद भारत के कानून मंत्रालय में सबसे लंबे समय तक रहने वाले विधि मंत्री भी रहे हैं।

फिलहाल वे कर्नाटक के राज्यपाल हैं और उन्होंने वहां की सरकार को फिर से बहुमत सिद्ध करने का निर्देश दिया है। सोमवार को तो उन्होंने केंद्र सरकार से कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भी कर दी थी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा ने जो विश्वासमत विधानसभा में अर्जित किया है, वह फर्जी है।

इन्हीं हंसराज भारद्वाज ने गोवा और झारखंड में इससे भी बुरे विश्वासमत अर्जित करने के तरीके को न्यायपूर्ण ठहराया था, क्योंकि उनको लगता है कि उनसे ज्यादा न्याय की जानकारी किसी और को नहीं है। कानून की जानकारी के अलावा हंसराज भारद्वाज की सबसे बडी प्रतिभा आलाकमान के चरण-चुंबन करने की रही है। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढने और मंगलवार को दारू नहीं पीने वाले हंसराज भारद्वाज के कर्मकांड दस जनपथ तक पहुंचकर समाप्त हो जाते हैं और हाल ही में आपने वह फोटो भी देखा होगा, जब चालीस साल के राहुल गांधी की कर्नाटक यात्रा के दौरान करीब 74 साल के हंसराज भारद्वाज लगभग 90 अंश के कोण पर झुके हुए नजर आ रहे थे, कांग्रेस के युवराज के ठीक सामने।हंसराज भारद्वाज ने राजनीति में या प्रशासन में या न्यायपालिका के लिए जो करना पडा, सो किया, लेकिन इतना ऐतिहासिक कुछ भी नहीं किया, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाए।

उन्हें याद रखा जाएगा, तो बोफोर्स कांड के मुख्य अभियुक्त ओट्टाबियो क्वात्रोच्चि को लगभग निर्दोष करार दे देने के लिए ही। आखिर सीबीआई जांच कर ही रही थी और आमतौर पर लोहे की दीवार से घिरे रहने वाले स्विस बैंकों तक ने क्वात्रोच्चि के दो खातों के नंबर भारत को दे दिए थे,फिर भी हंसराज भारद्वाज को पता नहीं क्या सूझी थी कि उन्होंने सीबीआई के एक अधिकारी को अपने एक कानूनी अधिकारी के साथ लंदन भेजा और लंदन की अदालत में अर्जी देकर भारत सरकार ने अपने ही एक मोस्ट वांटेड अभियुक्त के सारे सील किए हुए खाते खोलने की अपील कर डाली थी।

यानी, आज्ञाकारी होने और वफादारी दिखाने के लिए आलाकमान के सामने बार-बार झुकने में हंसराज भारद्वाज को कभी कोई दिक्कत नहीं आती और कद का फायदा यह मिलता है कि उन्हें झुकने में ज्यादा तकलीफ नहीं उठानी पडती। अब तो वे सीधे खडे होते हैं, तो भी झुके हुए ही नजर आते हैं। बहरहाल, हंसराज भारद्वाज हरियाणा के रोहतक जिले के गडी गांव में पैदा हुए थे और आगरा तथा पंजाब के जालंधर से उन्होंने पढाई की थी। वकालत की पढाई के बाद दिल्ली की तीस हजारी अदालत में किराए के स्टूल और मेज पर बैठकर बहुत मेहनत से वकालत शुरू करने वाले हंसराज भारद्वाज राजनीति में भी आए, क्योंकि उनके पिता जगन्नाथ प्रसाद भारद्वाज देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के टाइपिस्ट थे।

हंसराज भारद्वाज जब कानून की पढाई कर रहे थे, तभी उनके पिताजी स्वर्ग सिधार गए थे और काफी मेहनत करके हंसराज साहब ने वकालत की पढाई पूरी की थी, पर पिताजी के पुण्यों का लाभ तो उन्हें मिलना ही था। दिल्ली की तीस हजारी अदालत की वकालत से समय निकालकर एक दिन वे इंदिराजी के पास पहुंचे और अपने पिताजी द्वारा की गई नेहरूजी की सेवा की याद दिलाई। उन्होंने इंदिराजी के सामने खुद को अनाथ की तरह पेश किया और तीस हजारी अदालत के वकील का प्रवेश इंदिरा गांधी के परिवार में हो गया। आपातकाल के बाद जनता सरकार के दौरान संजय गांधी पर चले मुकदमों की पैरवी हंसराज भारद्वाज ने ही की थी।

ये मुकदमे जनता सरकार द्वारा प्रतिशोध की भावना से हडबडी में तैयार किए गए थे, इसलिए अदालत में टिक नहीं पाए और इसका श्रेय हंसराज भारद्वाज को मिल गया। आजकल हंसराज भारद्वाज के बेटे अरुण भारद्वाज श्रीमती सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट बडेरा और बेटी प्रियंका गांधी के भी वकील हैं। मतलब, मक्खनबाजी खानदानी कारोबार है।कर्नाटक में भी हंसराज भारद्वाज ने जो किया, उसके कानूनी आधार चाहे जो हों, लेकिन दस जनपथ को प्रसन्न करने का कोई अवसर वे छोडना नहीं चाहते। उनके नाम कई बडे विवादों से भी जुडे हुए हैं। आपको याद होगा कि यूपीए की पिछली सरकार में आमतौर पर मुस्कराती रहने वालीं अंबिका सोनी ने भारत सरकार की ओर से बयान दे दिया था कि राम थे भी या नहीं, इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।

यह बात अंबिका सोनी कोई अपने मन से नहीं बोल रही थीं। उनका बडे से बडा दुश्मन भी उन पर इतिहासकार होने का आरोप नहीं लगा सकता।अंबिका सोनी ने वही कहा था, जो हंसराज भारद्वाज के विधि मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय को भारत सरकार की ओर से तैयार एक शपथ पत्र में लिखकर दिया था। इसके बाद लाभ के पद वाला जो विधेयक कानून बनाने के लिए हंसराज भारद्वाज लेकर आए थे, उसमें राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्ष के तौर पर सांसद सोनिया गांधी सीधे फंस गई थीं और उन्हें लोकसभा से त्याग-पत्र देकर फिर से चुनाव लडना पडा था। तब तक आज्ञाकारी और चरणों के दास हंसराज भारद्वाज ने कानून में एक ऐसा प्रावधान जोड ही दिया था कि आइंदा सोनिया गांधी को दोबारा फिर इस तरह की दिक्कत में न फंसना पडे।इन्होंने कर्नाटक जाकर भी कम गुल नहीं खिलाए हैं।

विधानसभा के अध्यक्ष को आज्ञा देना तो छोटा-सा कारनामा है। इसके पहले कर्नाटक के तीन मंत्रियों को भी वे सफाई देने के लिए राजभवन में हाजिर होने का आदेश दे चुके हैं और जब तीनों मंत्रियों ने अपने-अपने वकील भेज दिए, तो भारद्वाज ने चुनाव आयोग से कहा कि इन तीनों को हटाया जाए। चुनाव आयोग के तत्कालीन प्रमुख नवीन चावला ने 25 दिन की देरी की और फिर जवाब दिया कि मंत्रियों को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है, तो उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर नवीन चावला को हटाने की ही सिफारिश कर डाली थी।हंसराज भारद्वाज यूपीए द्वितीय सरकार में भी मंत्री ही रहना चाहते थे, लेकिन सोनिया गांधी की सिफारिश पर उनकी योग्यता और पुरानी वफादारियां देखते हुए उन्हें भाजपा शासित कर्नाटक में राज्यपाल बनाकर भेजा गया।

वे अति-उत्साह से भरे हुए थे और उन्होंने एक तरह से केंद्र सरकार को कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन धर्म संकट में तो डाल ही दिया है, कर्नाटक सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश करके। लगता है कि येद्दियुरप्पा को फिर से बहुमत सिद्ध करने का उन्होंने जो निर्देश दिया है, उसके पीछे केंद्र सरकार ही होगी। आखिर, उसे तो हंसराज द्वारा खडे किए हुए धर्मसंकट से निपटना ही था, पर देश समझ गया कि कर्नाटक के राज्यपाल कितने महान हैं।

--आलोक तोमर

अमित शाह सीबीआई के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय गए

पूर्व गृह राज्यमंत्री अमित शाह ने सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में विशेष सीबीआई न्यायालय द्वारा जमानत देने संबंधी आदेश को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। हाईकोर्ट मंगलवार को भाजपा नेता की याचिका पर संज्ञान लेगा। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि हास्यास्पद सबूतों को ध्यान में लेकर विशेष सीबीआई अदालत ने उनकी जमानत याचिका ठुकरा दी है।

आवेदक राजनीतिक वैमनस्य का शिकार हुआ है। मेरे खिलाफ प्रथमदृष्टया कोई सबूत नहीं है। इस तथ्य को आवेदक ने साबित भी किया किन्तु ध्यान नहीं दिया गया। इतना ही नहीं सीबीआई न्यायालय ने अवैधानिक किस्म की टिप्पणियां की हैं। आठ अक्टूबर को विशेष सीबीआई न्यायाधीश जीके उपाध्याय की अदालत ने शाह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

मामले में शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने पैरवी की जबकि सीबीआई ने केटीएस तुलसी की सेवाएं लीं थी। सीबीआई न्यायालय ने तीखी टिप्पणियां कर आदेश में आशंका जताई थी कि आरोपी प्रभावशाली है जमानत पर छूट कर वह गवाहों को मरवा सकता है। शाह मामले में 25 जुलाई से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। बीच में दो दिन के लिए जांच एजेंसी सीबीआई ने उन्हें रिमांड पर लिया था।

जांच एजेंसी ने पूर्व गृह राज्यमंत्री पर षड्यंत्र, अपहरण, रंगदारी वसूलने , हत्या एवं गवाहों को धमकाने सहित आरोप लगाए हैं। आरोप पत्र दायर होने के बाद शाह ने अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास किया था किंतु अदालत से राहत नहीं मिली। बाद में उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई।

भारतीय जनता पार्टी हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है - शाहनवाज हुसैन

भाजपा सांसद सैयद शाहनवाज एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने सोमवार को अररिया सिकटी विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा को संबोधित किया।

अररिया विधानसभा क्षेत्र के फरौठा हाट मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। इस पार्टी पर जितना हक हिन्दुओं का है उतना ही मुसलमानों का। यदि ऐसा नहीं होता तो आज अमौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सबा जफर नहीं होते और न ही वे स्वयं दिल्ली के गलियारों तक पहुंच पाते। उन्होंने कहा कि विपक्षी सिर्फ हौवा खड़ा कर मुसलमानों को भाजपा से डरा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में ही भागलपुर का दंगा हुआ था।

लेकिन उनकी पार्टी ने उन्हें टिकट देकर भागलपुर से सांसद का चुनाव लड़वाया। हमें हिन्दू एवं मुसलमान भाईयों ने बराबर समर्थन दिया है। ऐसी परिस्थिति में भाजपा को साम्प्रदायिक पार्टी कहना सर्वथा गलत है। वहीं सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा कि दुनिया के विकसित देशों की श्रेणी में भारत को लाने के लिए बिहार को भी आगे बढ़ाना होगा।

यह तब होगा जब नीतीश एवं मोदी की सरकार को मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि पांच वर्षो में राजग की सरकार ने बिहार को विकास की पटरी पर ला खड़ा किया है। यह पटरी से न उतरे इसके लिए मतदाताओं को एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आम लोगों के अपेक्षा के अनुरूप जमीनी कार्यकर्ताओं को टिकट दिया गयाहै।वहीं विधान पार्षद सदस्य डा. दिलीप जायसवाल ने कहा कि आज बिहार में विकास बनाम विनाश की लड़ाई है। आप किसे पसंद करेंगे ये सोचना आपका काम है। लेकिन एक बार बिहार विकास की पटरी से उतर गया तो फिर त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।

उन्होंने भाजपा प्रत्याशी नारायण कुमार झा को भारी बहुमत से जिताने की अपील करते हुए कहा कि यदि प्रदेश की सत्ता एवं आपका विधायक एक होगा तो आपके क्षेत्र का चंद्रमुखी विकास होगा। क्योंकि विकास के लिए दोनों के बीच की दूरियां कम हो जाएगी। सभा में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत, पूर्व जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर सिंह बब्बन, मुफ्ती बहाव, प्रेम मिश्रा आदि मौजूद थे।

मंच की अध्यक्षता अरविन्द सिंह एवं संचालन अबू समां कर रहे थे। वहीं सिकटी के कलियागंज में सभा को संबोधित करते हुए प्रत्याशी आनंदी यादव को जिताने की अपील की।

नियमों के मुताबिक ध्वनिमत से पारित किया गया विश्वास मत - जी बोपैय्या

कर्नाटक के विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैय्या ने ध्वनिमत से विश्वास मत के पारित होने को सही ठहराते हुए कहा कि किसी ने भी मत विभाजन की मांग नहीं की। बोपैय्य ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि जब प्रस्ताव ध्वनिमत के लिए पेश किया गया तो विधानसभा के किसी भी सदस्य ने मत विभाजन की मांग नहीं की।

उन्होंने कहा कि किसी ने भी [मत विभाजन की] मांग नहीं की इसलिए मत विभाजन का सवाल कहां उठता है। नियमों के मुताबिक प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया। उन्होंने कहा कि वहां समय सीमा थी क्योंकि यही प्रस्ताव एकमात्र विषय था जिसे आज ही पूरा करना था। बोपैय्या सदन में पुलिसकर्मियों के प्रवेश को भी जायज करार देते दिखे। उन्होंने कहा कि जब हालात काबू में हों तो व्यवस्था बहाल करने के लिए ऐसा [पुलिस को सदन में बुलाना] किया जा सकता है।

यह पूछे जाने पर कि वह किस तरह पांच निर्दलीय सदस्यों को अयोग्य करार दे सकते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने वाले निर्दलीय अयोग्य करार दिए जाने योग्य हैं। बोपैय्या ने कहा कि कार्यकाल की समाप्ति तक निर्दलीय सदस्यों को निर्दलीय ही रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि निर्दलीय सदस्यों की ओर से मुहैया कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक वे एक खास राजनीतिक दल में शामिल हुए हैं।

लाचार और बेबस उमर अबदुल्ला योग करे - स्वामी रामदेव

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला को लाचार और बेबस मुख्यमंत्री करार देते हुए योगगुरू स्वामी बाबा रामदेव ने नसीहत दी कि उन्हें योग और प्रणायाम करना चाहिए।

जम्मू में अपना पहला योग शिविर लगाने के बाद बाबा रामदेव का कहना था कि इन दिनों मुख्यमंत्री कुछ ज्यादा ही तनाव में है और उन्हें योग को अपनाकर तनाव दूर करना चाहिए। बाबा रामदेव ने राज्य के हालिया संकट पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला द्वारा की गई टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा, उमर अलगाववादियों की भाषा बोल रहे है।

मुख्यमंत्री को इस तरह की बयानबाजी कर खुद को विवादों में डालने से बचना चाहिए। राज्य की शीतकालीन राजधानी जम्मू में पहली बार अपना योग शिविर संचालित करने के बाद योगगुरू ने एक संवादाता सम्मेलन में ये बातें कही। उन्होंने यह भी कहा, अपने विवादास्पद बयान से उमर ने न सिर्फ देश का अपमान किया है बल्कि उन्होंने देश की एकता और अखंडता पर भी सवाल खडा कर दिया है।

कर्नाटक में भाजपा ने बहुमत साबित किया 16 विधायक अयोग्य घोषित

कर्नाटक विधानसभा में आज भारी हंगामे के बीच भाजपा सरकार ने ध्वनिमत से बहुमत साबित किया और उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी.

इससे पहले आज सुबह विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के निर्देशों को अनदेखा करते हुए भाजपा के 11 असंतुष्ट सदस्यों सहित 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया.

16 विधायकों के द्वारा समर्थन वापस ले लिए जाने से भाजपा सरकार अल्पमत में आ गयी थी.

16 विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद 224 सदस्यीय विधानसभा में सदस्य संख्या घटकर 208 रह गयी थी. इसमें से सत्तारूढ़ पार्टी के पास 106 रिपीट 106 सदस्य हैं जबकि विपक्ष कांग्रेस के पास 73 और जदएस के 28 सदस्य हैं.

इसराइल की नागरिकता लेने वाले ग़ैर यहूदियों को इसराइल के प्रति वफ़ादारी की शपथ लेनी होगी

इसराइली कैबिनेट ने उस विवादित विधेयक को मंज़ूरी दे दी है जिसमें इसराइल की नागरिकता लेने वाले ग़ैर यहूदियों को इसराइल के प्रति वफ़ादारी की शपथ लेनी होगी और ये मानना होगा कि इसराइल एक लोकतांत्रिक यहूदी देश है.

इस प्रस्तावित क़ानून पर इसराइल में पहले भी हंगामा हो चुका है और इसराइल का अरब समुदाय इसका विरोध करता रहा है.इसराइल में अरब समुदाय की संख्या वहां की जनसंख्या का कुल 20 फ़ीसदी है.अगर ये विधेयक इसराइली संसद में पारित हो जाता है तो इससे वो ग़ैर यहूदी समुदाय प्रभावित होगा जो इसराइली नागरिकता ग्रहण करने की मंशा रखता है.

संवाददाताओं का कहना है कि ये क़ानून उन फ़लस्तीनियों पर लागू होगा जो इसराइली नागरिकों से विवाहित हैं और इसराइली नागरिकता ग्रहण करना चाहते हैं.इस प्रस्तावित क़ानून के निर्माता अतिवादी दक्षिणपंथी और इसराइल के विदेश मंत्री ऐविग्डर लीबरमैन हैं, उनका समर्थन प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहु ने भी किया है.हालांकि बहुत कम ग़ैर यहूदी लोग इसराइली नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं.

ग़ौरतलब है कि ये क़ानून इसराइल के अल्पसंख्यक अरब समुदाय पर लागू नहीं होगा लेकिन अरब वकीलों का मानना है कि ये क़ानून इसराइल में रह रहे अरब नागरिकों की अधीनता को ज्यादा उजागर करेगा.साथ ही उन्होंने इस का़नून को बनाने वाले इसराइली विदेश मंत्री की मंशा पर भी शंका व्यक्त की है.दरअसल लीबरमैन ने 2004 में भी इसराइल की ग़ैर यहूदी जनता के लिए कुछ ऐसी ही योजनाओं का प्रस्ताव रखा था.

पलटे हाशिम, कहा - विवादित स्थल पर ही मस्जिद बने तभी होगा मंजूर समझौता

अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद की पैरवी कर रहे हाशिम अंसारी ने अचानक अपना रूख बदल लिया है. कल तक सुलह की बात करने वाले हाशिम ने अब कहा है कि विवादित स्थल पर ही मस्जिद बने तभी समझौता मंजूर होगा.

उन्होने यह बात रविवार को कही, परंतु उससे दो दिन पहले ही उन्होने कहा था कि विवादित स्थल पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनाए जाने चाहिए और इसके लिए 60 दिनों में फार्मुला तय कर लेना चाहिए.

परंतु अब उन्होने कहा है कि विवादित स्थल पर मस्जिद बनाने की बात होगी तभी बातचीत आगे बढ़ सकेगी.

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