एक्जिट पोल के अनुसार एनडीए फिर बनाएगा बिहार में सरकार

एक्जिट पोल के आंकड़ों पर भरोसा किया जाए तो बिहार में नीतीश कुमार दोबारा सरकार बनाने वाले हैं। उनकी अगुवाई वाले एनडीए को जबर्दस्त बहुमत हासिल होने जा रहा है। स्टार न्यूज- नीलसन सर्वे जहां नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए को 150 सीटें दे रहा है वहीं सीएनएन आईबीएन- वीक सर्वे के मुताबिक इस गठबंधन को 180 से 201 के बीच सीटें मिलेंगी।

स्टार न्यूज-नीलसन एक्जिट पोल के मुताबिक एनडीए को 150 सीटें मिलने वाली हैं। गौरतलब है कि इसी चैनल पर बिहार में पहले फेज के मतदान से ठीक पहले प्रसारित किए गए प्री पोल सर्वे में एनडीए को 170 सीटें मिलने की बात कही गई थी। शनिवार को दिखाए गए फाइनल एक्जिट पोल के नतीजों में एनडीए को 20 सीटें कम मिलती दिखाई जा रही हैं।

इस सर्वे के मुताबिक लालू प्रसाद यादव की अगुवाई वाले आरजेडी गठबंधन को 57 सीटें मिलने वाली हैं। कांग्रेस को 15 सीटें मिलने की बात कही गई है, जबकि 21 सीटें अन्य के खाते में जाती बताई गई हैं। यानी इस सर्वे के नतीजों के आधार पर बात करें तो आरजेडी-एलजेपी गठबंधन को कांग्रेस का समर्थन हासिल हो जाता है और अन्य श्रेणी वाले सारे विधायक उसे समर्थन दे देते हैं तब भी उसके विदायकों की संख्या सौ से नीचे (93) ही रहती है।

प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए कम से कम 123 विधायकों का समर्थन जरूरी है। ऐसे में सर्वे के नतीजों के मुताबिक नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन सरकार बनना तय लगता है।

भोजपुरी कलाकार राजा चौधरी श्रद्धा शर्मा से झगडा कर फिर गिरफ्तार

मुम्बई के उपनगरीय इलाके ओशिवाड़ा में सार्वजनिक रूप से लड़कर कथित बखेरा खड़ा करने के लिए भोजपुरी कलाकार राजा चौधरी को आज गिरफ्तार कर लिया गया और अभिनेत्री श्रद्धा शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस के अनुसार राजा चौधरी ओशिवाड़ा में श्रद्धा शर्मा के फ्लैट पर गए थे जहां दोनों के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गयी। राजा चौधरी ने श्रद्धा शर्मा के घर में तोड़फोड़ की। बाद में सोसायटी के लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी।

एक पुलिस कांस्टेबल के समझाने बुझाने पर भी दोनों इमारत के समीप सड़क पर लड़ते रहे। राजा चौधरी नशे की हालत में थे। इस लड़ाई में श्रद्धा शर्मा घायल भी हो गयी।

दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। राजा पहले भी ऐसी घटनाओं में संलिप्त रहे हैं और उन्हें उनके हिंसक बर्ताव में बदलाव के लिए पुनर्वास केंद्र भी भेजा जा चुका है।

अटार्नी जनरल द्वारा प्रधानमंत्री का पक्ष रखना गलत - सुब्रमण्यम स्वामी

स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए जनता पार्टी के अध्‍यक्ष ने इस मामले में अटार्नी जनरल द्वारा प्रधानमंत्री का पक्ष रखे जाने पर आपत्ति जताई है। स्‍वामी का कहना है कि इससे हितों का टकराव होगा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लिखित जवाब मांगे जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती की मदद ली है। इससे पहले अदालत में सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्‍यम अब दूरसंचार मंत्रालय का पक्ष रखेंगे।

सूत्रों के मुताबिक पीएमओ अब तक अदालत में सरकार का पक्ष रखे जाने के रवैये से संतुष्‍ट नहीं है इसलिए सरकार ने अपनी ‘लीगल टीम’ में बदलाव किए हैं। हालांकि स्‍वामी ने कहा है कि उन्‍हें इस बात से आपत्ति नहीं है कि वाहनवती अदालत में प्रधानमंत्री का पक्ष रखेंगे लेकिन यदि वह 2जी स्‍पेक्‍ट्रम मामले के लिए कोर्ट में खडे़ होते हैं तो इस पर उन्‍हें आपत्ति है क्‍योंकि राजा ने वाहनवती से स्‍पेक्‍ट्रम मसले पर कानूनी राय मांगी थी। हालांकि वाहनवती ने इससे इनकार किया है कि उन्‍हें दूरसंचार मंत्रालय को किसी तरह की राय दी है। अटार्नी जनरल ने यह भी कहा कि स्‍पेक्‍ट्रम मामले में अदालत में प्रधानमंत्री का पक्ष रखने से हितों का टकराव नहीं होगा।

स्‍वामी ने कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की जिसमें उन्‍होंने कहा था कि चूंकि जनता पार्टी नेता ने कोर्ट में कोई शिकायत नहीं दर्ज की है इसलिए राजा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। स्‍वामी ने कहा, 'यही सवाल सॉलिसिटर जनरल ने क्‍यों नहीं किया था जब वे सरकार का प्रतिनिधित्‍व कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के किसी जज ने भी यह सवाल नहीं खड़ा किया।'

स्‍वामी ने 2जी स्‍पेक्‍ट्रम मामले में तत्‍कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से निर्देश दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। करीब 1.76 लाख करोड़ के इस घोटाले के चलते दूरसंचार मंत्री की कुर्सी गंवाने वाले ए. राजा के खिलाफ पीएम की चुप्‍पी पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लिखित जवाब देने के लिए शनिवार तक मोहलत दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 23 नवंबर को होनी है।

वाहनवती ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने उनसे इस मामले में प्रधानमंत्री का प्रतिनिधित्व करने को कहा है। बहरहाल उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि सरकार ने उनको इस संबंध में कोई विशेष निर्देश दिया है या नहीं। इस बारे में जब सुब्रमण्‍यम से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार और दूरसंचार मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करते रहेंगे जबकि अटार्नी जनरल प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि होंगे।

ईरान के कश्मीर में ‘आतंकवाद' के समर्थन पर भारत का कड़ा विरोध

जम्मू कश्मीर मुद्दे पर ईरान के लगातार आलोचनात्मक बयानों से खिन्न भारत ने आज इस्लामी गणराज्य के कार्यवाहक दूत को तलब कर कहा कि इस तरह की टिप्पणियां देश की क्षेत्रीय अखंडता की दृष्टि से प्रतिकूल हैं।

ईरान के ‘चार्ज डी अफेयर्स’ रजा अलाई को तल्ख विरोध संदेश देते हुए भारत ने इस्लामी गणराज्य की टिप्पणियों पर ‘गहरी निराशा’ जाहिर की और कहा कि ये टिप्पणियां क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिहाज से प्रतिकूल हैं।

‘जैसे को तैसा’ वाला रुख जाहिरा तौर पर अख्तियार करते हुए भारत कल देर रात ईरान में मानवाधिकार हनन के मुद्दे से संबंधित एक प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में हुए मतदान से अनुपस्थित रहा। भारत ने पहली बार इस तरह का कदम उठाया। इससे पहले भारत ने हमेशा इस तरह के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है। ईरान की टिप्पणियां संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने के भारत के फैसले का एक कारण रही। कनाडा तथा कई अन्य देशों ने यह प्रस्ताव पेश किया था।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ‘‘मतदान पर हमारा फैसला उचित तरीके से विचार-विमर्श के बाद किया गया।’’ प्रस्ताव के समर्थन में जहां 80 देशों ने मतदान किया, वहीं 44 देशों ने विरोध में वोट डाले, जबकि 57 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।

सूत्रों के मुताबिक, बीती जुलाई से ईरान ने तीन बार कश्मीर में ‘आतंकवाद' का समर्थन किया है और जम्मू कश्मीर के हालात को गाजा तथा अफगानिस्तान के समान बताया है।

येदियुरप्‍पा के रिश्तेदारों ने लौटाईं विवादास्पद जमीन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के रिश्तेदारों ने भले ही विवादास्पद जमीन सरकार को वापस कर दी गई हो, लेकिन इससे सीएम को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। पार्टी ने इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया है। पार्टी कोर ग्रुप की आज दिल्ली में रात को बैठक है, जिसमें येदियुरप्पा के भविष्य पर चर्चा होगी।

पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर कार्रवाई के पक्ष में हैं, जिससे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चल रहे हंगामे के बीच वे सरकार पर दबाव बढ़ा सकें। इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार पर आरोप लगाया है कि वे उनके खिलाफ षडयंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विवादों में परिवार को घसीटना ठीक नहीं है। बीजेपी पिछले ६ दिनों से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रही है और इसीलिए कुछ पार्टी नेताओं का मानना है कि येदियुरप्पा पर कार्रवाई की जाना चाहिए, ताकि वे कांग्रेस पर दबाव बना सकें।

सीएम के रिश्तेदारों ने लौटाई जमीन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे और बेटी ने शुक्रवार को सरकार द्वारा आवंटित विवादास्पद जमीन लौटा दी है। मुख्यमंत्री के पुत्र और सांसद बीवाई राघवेंद्र ने शुक्रवार को बंगलुरु विकास प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर आरएमवाई एक्सटेंशन कॉलोनी में आवंटित ५० गुना ८० का प्लॉट वापस लौटा दिया है। इसी तरह उनकी बेटी उमा देवी ने उनके नाम आवंटित दो एकड़ का औद्योगिक प्लॉट भी वापस करने के लिए उद्योग विभाग को लिखा है। उनके परिवार के बाकी सदस्य भी उन्हें आवंटित जमीनें लौटा रहे हैं।

सरकार ने दिए न्यायिक जांच के आदेश

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच के दायरे में पिछले १० सालों में हुए भूमि आवंटन के मामले लाए जाएंगे। जांच के दायरे में पूर्व मुख्यमंत्रियों एसएम कृष्णा, धर्म सिंह और एचडी कुमारस्वामी के कार्यकाल के कथित घोटाले भी शामिल हैं। कर्नाटक में विपक्षी दल जनता दल(सेक्युलर) ने मुख्यमंत्री के जमीन घोटालों को लेकर लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई है।

संसद की कार्यवाही बाधित रहने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार - भाजपा

पिछले छह दिन संसद की कार्यवाही बाधित रहने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को विभिन्न घोटालों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को तत्काल मान लेना चाहिए।

संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले कई दिनों से संसद की कार्यवाही बाधित रहने के लिए केवल कांग्रेस जिम्मेदार है। यह मांग केवल भाजपा की ही नहीं है बल्कि सपा, बसपा, राजद जैसे सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले दल तथा राजग के घटक एवं अन्नाद्रमुक, बीजद आदि की भी मांग है।उन्होंने कहा कि संसद के करीब 70 प्रतिशत सदस्य जेपीसी की मांग कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस लोकतंत्र को मानने को तैयार नहीं है।विधि मंत्रालय के जेपीसी के गठन की स्थिति में 1998 से सभी मामलों की जांच कराने का उल्लेख करने के बारे में पूछे जाने पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमारा कहना है कि वह 1947 से सभी मामलों की जांच करा लें, लेकिन सरकार पहले 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन, आदर्श सोसाइटी घोटाला और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में अनियमितता की जेपीसी से जांच कराए जाने की घोषणा तो करे।जावड़ेकर ने कहा कि विभिन्न घोटालों की जेपीसी से जांच कराने की घोषणा करने के बाद बैठक में ही तय होगा कि जांच का दायरा क्या होगा।

सरकार की ओर से संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका प्रश्न ही कहां उठता है। हम एक आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। लोकतंत्र में हमें यह हक है।

पेप्सिको के खिलाफ केरल सरकार की आपराधिक कार्यवाही पर रोक

उच्चतम न्यायालय ने शीतल पेय में कीटनाशक की मात्रा पर केरल सरकार द्वारा पेप्सिको के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को आज दरकिनार कर दिया।

कंपनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अल्तमास कबीर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने पेप्सिको इंडिया के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को दरकिनार कर दिया। निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में कीटनाशक वाले शीतल पेय बेचने के लिए कंपनी के खिलाफ केरल सरकार ने आपराधिक कार्यवाही शुरू की थी।

उच्चतम न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को भी दरकिनार कर दिया जिसमें उच्च न्यायालय ने कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार किया था।

उल्लेखनीय है कि पेप्सिको द्वारा राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ एक हलफनामा दायर करने के बाद उच्चतम न्यायालय ने सितंबर में इस मुद्दे पर निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

पेप्सिको ने दलील दी थी कि कानून के मुताबिक, कोल्ड ड्रिंक्स में कीटनाशक की मिलावट के नियमन के लिए कोई प्रावधान नहीं है और यह विश्वभर में स्वीकार्य नियम है कि सभी खाद्य वस्तुओं में कीटनाशक की मात्रा मौजूद होती है।

इसके अलावा खाद्य अपमिश्रण अधिनियम 1954 में शीतल पेयों में कीटनाशक होने की कोई मात्रा अभी तक तय नहीं की गई है। खाद्य अपमिश्रण नियमों में भी इसके बारे में कोई निर्धारित मात्रा नही रखी गई है।

भूमि आवंटन मामले में येदियुरप्पा को दिल्ली बुलाया गया

भाजपा नेतृत्व ने आज शहरी भूमि आवंटन मामले में उठे विवाद के मद्देनजर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को विचार-विमर्श के लिए दिल्ली बुलाने का फैसला किया।

पार्टी की कोर समिति की बैठक पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर हुई। बैठक में मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत समेत अन्य कई मुद्दों पर बातचीत हुई।

कहा जा रहा है कि नेतृत्व का मानना था कि कर्नाटक में ऐसे समय में पार्टी को राजनीतिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है, जब पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि नेता इस स्थिति से निपटने के लिए समाधान तलाश रहे हैं। सभी का मानना है कि प्रदेश की राजनीति को देखते हुए मुख्यमंत्री को हटाना सही विकल्प नहीं होगा।

बैठक के बाद पार्टी नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और दूसरे अहम नेताओं को आने वाले एक-दो दिन में दिल्ली बुलाने का फैसला किया गया है, ताकि पूरे मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व से बात हो सके।

इसके पहले पार्टी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री को आज रात आने का समन जारी किया गया है, लेकिन बेंगलूर से आई कई खबरों के मुताबिक येदियुरप्पा ने दिल्ली जाने का अपना कार्यक्रम निरस्त कर दिया है।

बैठक में कर्नाटक से सांसद अनंत कुमार भी मौजूद थे।

हिदुत्व और गुजरात दंगो पर अमेरिका का फिर आलाप

अमेरिका ने आठ साल पहले हुए दंगे को लेकर एक बार गुजरात सरकार पर निशाना साधा है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2002 में गुजरात में हुए साम्‍प्रदायिक दंगों में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर मुसलमान थे। लेकिन इन दंगों के लिए जिम्‍मेदार लोगों को गिरफ्तार करने में राज्‍य सरकार नाकाम रही है।

रिपोर्ट में धार्मिक आजादी के मामले में केंद्र की सत्‍तारूढ़ संयुक्‍त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को सबसे अधिक अंक दिए हैं और कहा गया है कि भारत के कुछ राज्‍यों में यह आजादी सीमित है।

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की ओर से अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक आजादी पर जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीए सरकार ने धार्मिक आजादी का सम्‍मान किया, इसके लिए आर्थिक मदद की और इनकी रक्षा के लिए दखल भी दिया। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा हिंदू राष्‍ट्रवाद को नकार दिए जाने के बावजूद कुछ राज्‍यों की सरकारें और स्‍थानीय सरकारों पर हिंदुत्‍व का गहरा असर है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा देश में सांप्रदायिक माहौल बरकरार रखने की कोशिशों के बावजूद कुछ कट्टरपंथी ताकतें धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले करती रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 28 में से 6 राज्‍यों- गुजरात, उड़ीसा, छत्‍तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, मध्‍य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ‘धर्मपरिवर्तन विरोधी’ कानून लागू है। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा, आरएसएस और इससे जुड़े संगठन सार्वजनिक तौर पर अन्‍य धर्मों का सम्‍मान करने की बात करते हैं लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं करते।

एक जुलाई 2009 से 30 जून 2010 तक की अवधि पर आधारित इस रिपोर्ट में ऑल इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल के हवाले से कहा गया है कि उड़ीसा, कर्नाटक, छत्‍तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश और महाराष्‍ट्र में ईसाई समुदाय के लोगों पर हमले हुए हैं।

अमेरिका का कहना है कि इस अवधि के दौरान भाजपा ने सभी राज्‍यों में धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून लागू करने, अयोध्‍या में विवादित जमीन पर मंदिर बनाने और समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जोर नहीं दिया।

अमेरिकी प्रशासन ने इससे पहले भी गुजरात दंगों को लेकर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर निशाना साधा है। दो साल पहले अमेरिका के न्यूजर्सी शहर में विश्व गुजराती सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी को वीजा देने से इंकार कर दिया गया था।

केंद्र सरकार दे लिखित में जवाब प्रधानमंत्री की चुप्पी पर-सुप्रीम कोर्ट

2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर . राजा के खिलाफ जांच के लिए मंजूरी देने में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए केंद्र सरकार से लिखित में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से कहा कि वह शनिवार तक एफिडेविट दाखिल करें। हालांकि सॉलिसिटर जनरल ने अनुरोध किया कि पीएम की ओर से किसी अधिकारी को एफिडेविट दाखिल करने की इजाजत दी जाए तो कोर्ट तैयार हो गया। सॉलिसिटर जनरल ने बाद में कहा कि एफिडेविट शुक्रवार तक दाखिल कर दिया जाएगा।

जस्टिस जी.एस.सिंघवी और ए. के. गांगुली की बेंच ने कहा कि मामला 'काफी सीरियस' है। कोर्ट ने यह भी कहा कि 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर सीएजी की जो रिपोर्ट संसद में रखी गई है, वह 'खुलासे' करने वाली है। एक एनजीओ की ओर से पेश एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट में कही गई बातें डैमेजिंग (हिला देने वाली) हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप इस डैमेजिंग क्यों कह रहे हैं, यह खुलासे करने वाली रिपोर्ट है।

कोर्ट जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें राजा के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी के लिए पीएम को निर्देश देने की मांग की गई थी। स्वामी ने कहा कि मैं इस मसले पर पूरा रेकॉर्ड पेश कर सकता हूं। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल (सरकारी वकील) से कहा कि इस मसले का ब्यौरा हलफनामे में दें, ताकि आप कल यह न कह सकें कि हमें रेकॉर्ड पेश करने का मौका नहीं दिया गया। स्वामी अपना एफिडेविट सोमवार तक दाखिल कर सकते हैं। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी।

सॉलिसिटर जनरल की बातों पर कोर्ट ने कहा कि ये सारी बातें मौखिक हैं। अगर हमने पाया कि कुछ बात कोर्ट से छुपाई गई है तो यह काफी सीरियस मसला होगा। सो एफिडेविट दाखिल करना उचित होगा। कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पीएम या पीएमओ के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है। उसने सवाल पूछे हैं और हम इनका जवाब देंगे।

बाबा रामदेव की जान को खतरा, जेड प्लस सुरक्षा की मांग

सुप्रसिद्ध योग गुरू बाबा रामदेव ने उत्तराखंड सरकार से अपने लिये जेड प्लस सुरक्षा की मांग की है।

बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने कहा है कि बाबा रामदेव अपने उन विरोधियों के निशाने पर हैं, जिनकी वह खुलेआम आलोचना करते हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव स्वास्थ्य और शीतल पेय के क्षेत्र में कार्यरत बहुराष्ट्रीय कंपनियों की खुलेआम आलोचना करते हैं और इसके साथ वह भारतीय परंपरा और संस्कृति को स्थापित करने के लिये भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने अपने अभियान को एक सफलता की सीढी तक ले जाने के लिये भारत स्वाभिमान संस्था की स्थापना की है और उन्होंने घोषणा की है कि वह अगले आम चुनावों में अपने उम्मीदवार भी खडे करेंगे। ऐसे में उनके विरोधी उन्हें नुकसान कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में बाबा रामदेव को वाई स्तर की सुरक्षा मिली हुई है, लेकिन वह चाहते हैं कि बाबा को जेड प्लस की सुरक्षा मिले। इसके लिये उन्होंने हाल ही में उत्तराखंड सरकार को एक पत्र भी लिखा है।

हज यात्रियों को अब देने होगे 12 की बजाय 16 हजार रूपये

सरकार ने इस वर्ष हज यात्रियों के विमान किराये में वृद्धि कर दी है और अब उन्हें 12 हजार रूपये की बजाय 16 हजार रूपये का भुगतान करना होगा।

नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने लोकसभा में आज बताया कि हज यात्रियों के आने जाने के लिए वसूला जाने वाला विमान किराया 1996 में तय किए गए 12 हजार रूपये की बजाय अब 16 हजार रूपये होगा।

उन्होंने विक्रमभाई अर्जनभाई मादम के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2010 के लिए लगभग 171000 तीर्थ यात्री जा रहे हैं।

पटेल ने बताया कि पिछले वर्ष सरकार द्वारा बलोटी तीर्थयात्रियों के विमान किराये पर सब्सिडी के रूप में 690 करोड़ रूपये : अंतिम : सब्सिडी का वहन किया गया।

जया बच्चन ने देवर के बजाए मुलायम को चुना - अमर सिंह

जया बच्चन का साथ छोड़ने का मलाल जाहिर करते हुए सपा के निष्कासित नेता अमर सिंह ने आज कहा कि बच्चन परिवार हमेशा से उनका परिवार था, है और रहेगा।

सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘जया जी ने देवर :अमर: के बजाय राजनीति और मुलायम को चुना। मुझे इसका अफसोस है।’’ उन्होंने कहा ‘‘मगर बच्चन परिवार हमेशा से मेरा था, है और रहेगा।’’ सिंह ने कहा कि सपा ने न तो जया को राज्यसभा की सदस्यता दी और न ही उनकी हिमायत की।

दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी की और राबर्ट वाडरा की संपत्ति सार्वजनिक करो - भाजपा

भाजपा ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है और मांग की है कि उनकी, राहुल गांधी की और राबर्ट वाडरा की संपत्ति सार्वजनिक कराई जाएं।

भाजपा के सचिव किरीट सोमैया ने गडकरी के खिलाफ बयानों पर दिग्विजय को नोटिस भेजा। दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि गडकरी ने थोड़े ही समय में काफी संपत्ति अर्जित कर ली है।

वक्तव्य के अनुसार, ‘‘किरीट सोमैया के वकील ने मानहानि के मामले में कानूनी नोटिस भेजकर दिग्विजय सिंह से माफी मांगने को कहा है। भाजपा नेता ने सात दिन के अंदर सिंह से माफी मांगने को कहा है।’’ दिग्विजय सिंह ने यह आरोप भी लगाया था कि सोमैया स्टाक मार्केट घोटाले में आरोपी हैं।

इस बीच भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दिग्विजय सिंह ने गडकरी के खिलाफ आरोप लगाये हैं लेकिन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और उनके बहनोई राबर्ट बाडरा की चल और अचल संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए।

सोमैया के वकील के अनुसार उन्होंने स्टाक मार्केट घोटाले का पर्दाफाश किया था और वह घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य थे।

उनके वकील ने कहा, ‘‘सोमैया पर स्टाक मार्केट घोटाले समेत किसी भी घोटाले में कभी कोई आरोप नहीं लगाया गया है।’’ भाजपा नेता ने खुद भी कहा कि यह भ्रष्टाचार के निराधार आरोपों के साथ भाजपा नेताओं पर हमले की कांग्रेस की चाल दिखाई देती है।

जेपीसी के लिए संघर्ष करना होगा - आडवाणी

भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने मंगलवार को कहा कि हमें इस बात पर निराश नहीं होना चाहिए कि 2जी स्पेक्ट्रम, आदर्श आवासीय सोसायटी और राष्ट्रमंडल खेलों में कथित भ्रष्टाचार की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की विपक्ष की मांग को सरकार नहीं मान रही है, बल्कि इसके लिए संघर्ष को तेज करना चाहिए।

भाजपा संसदीय दल की मंगलवार को हुई बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के उप नेता एसएस अहलूवालिया ने बताया कि आडवाणी ने कहा कि निराश होने के बजाय हमें जेपीसी की अपनी मांग को आगे बढ़ाना चाहिए जिससे संसद के पिछले सत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू की गई लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जा सके।

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बैठक में पार्टी के सांसदों से कहा कि पहले भी जेपीसी की मांग को सरकार ने आसानी से नहीं माना है और इसके लिए संघर्ष करना पड़ा है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पार्टी सांसदों से कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [सीएजी] की रिपोर्ट लोकलेखा समितियों के पास भेजी जाती हैं, जो इसके प्रत्येक पैराग्राफ का विश्लेषण करती है, लेकिन सीएजी की रिपोर्ट चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों में कभी नहीं लाई जातीं।

इसे देखते हुए 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले के सभी पहलुओं की जांच के लिए जेपीसी की जरूरत है। जेटली ने कहा कि सीबीआई पर हमारा भरोसा नहीं है। केंद्रीय सतर्कता आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल हैं। इसलिए इस पर भी हमारा विश्वास नहीं है।

राजा के खिलाफ अभियोग में देरी क्यों कर रहें हैं मनमोहन सिंह - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति देने की मांग करने वाले आवेदन पर फैसला करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ से विलंब को लेकर मंगलवार को कुछ परेशान करने वाले सवाल पूछे।

न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने जनता पार्टी अध्यक्ष और पूर्व कानून मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या अनुमति देने वाला प्राधिकार [इस मामले में प्रधानमंत्री] शिकायत को दबा सकता है। पीठ ने सरकार की तरफ से पेश हुए सालीसीटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम से कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति देने के लिए निर्धारित की गई तीन महीने की समयसीमा निष्पक्ष और सुशासन के लिए है। पीठ ने कहा कि हम पाते हैं कि अब 16 महीने से अधिक का समय बीत चुका है। अनुमति देने वाला प्राधिकार कह सकता है कि मैं अनुमति देने को तैयार नहीं हूं लेकिन हम इस कथित निष्क्रियता और चुप्पी को परेशान करने वाला पाते हैं।

उन्होंने कहा कि अनुमति देने वाला प्राधिकार हां या ना कह सकता है। पीठ इस बात को लेकर स्पष्ट थी कि मामले में सक्षम प्राधिकार [प्रधानमंत्री] को हवाला मामले से संबंधित विनीत नारायण मामले में सुनाए गए फैसले में निर्धारित किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार स्वामी की ओर से शिकायत मिलने के तीन महीने के भीतर कार्रवाई करनी चाहिए थी। पीठ ने कहा कि विनीत नारायण मामले में सुनाए गए फैसले में सक्षम प्राधिकार के लिए अनुमति देने की समयसीमा तीन महीने निर्धारित की गई थी।

अनुमति देने वाले प्राधिकार को आवेदन को अटार्नी जनरल के पास भेजने या सलाह-मशविरा करने की स्वतंत्रता है। न्यायालय ने राजा के खिलाफ अभियोग चलाने की अनुमति मांगने से जुड़े पत्र के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर भी असंतोष जताया। न्यायालय को सूचित किया गया कि स्वामी की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र पर पहला जवाब 19 मार्च 2010 को मिला जिसमें यह कहा गया कि उनके द्वारा दी गई अर्जी जल्दबाजी में है क्योंकि सीबीआई अभी जांच कर रही है।

पीठ ने कहा कि जब इस तरह का पत्र सर्वोच्च प्राधिकार की तरफ से आता है तो सर्वोच्च प्राधिकार की टिप्पणी में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा का इस्तेमाल बेहद सावधानीपूर्वक होना चाहिए। कांग्रेस ने साधी चुप्पी उधर, इस मामले में कांग्रेस ने आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार से स्पष्टीकरण मांगे जाने पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार किया। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने यहां संवाददाताओं द्वारा ए राजा मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मुझे पता नहीं है कोर्ट ने क्या कहा है, क्या यह टिप्पणी है, निर्देश है या आदेश है, जब तक डिटेल नहीं देख लेते उस पर कुछ कहना उचित नहीं होगा।

..और भी दागी है यूपीए सरकार में राजा के सिवा...

कई दिनों तक चले सियासी गहमागहमी के दौर के बाद आखिरकार दूरसंचार मंत्री . राजा की कैबिनेट से विदाई हो गई। करोड़ों रुपये के स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपी और डीएमके कोटे से मंत्री बने राजा केंद्र की सत्तारूढ़ यूपीए सरकार के दूसरे शासनकाल के दूसरेशिकारहुए हैं।

इससे पहले आईपीएल विवाद में नाम आने के बाद तत्‍कालीन विदेश राज्‍यमंत्री शशि थरूर को मंत्री पद से हटाया गया था। हालांकि यूपीए सरकार में अब भी कई ऐसे मंत्री हैं जिन पर 'दाग' लगा है। अपनी टिप्‍पणियों को लेकर अक्‍सर विवादों में रहे शशि थरूर दिन प्रतिदिन कांग्रेस के लिए मुसीबत बनते जा रहे थे। मंत्री बनने के बाद सरकारी बंगले के बजाय पांचसितारा होटल को अपना आशियाना बनाने वाले शशि थरूर काफी हो हल्‍ला के बाद होटल से हटे। लेकिन आईपीएल की कोच्चि टीम में अपनी मित्र (अब पत्‍नी) सुनंदा पुष्‍कर की हिस्‍सेदारी को लेकर उठे बवाल के बाद केंद्र उन्‍हें बाहर का रास्‍ता दिखाने पर मजबूर हो गई।

राजा की कैबिनेट से विदाई के बाद जिन बड़े नेताओं का संचार मंत्री के पद के लिए आ रहा है, उनमें डीएमके टी आर बालू भी प्रमुख हैं। हालांकि बालू पर भी विवादों का साया मंडराता रहा है। केंद्र की राजग और यूपीए सरकारों में मंत्री रह चुके बालू को विवादों के चलते ही करीब डेढ़ साल पहले यूपीए के दोबारा सत्‍ता में आने के बाद मंत्री का ओहदा नहीं दिया गया था। बालू पर पर्यावरण की सुरक्षा को ताक पर रखकर अपनी डिस्‍टिलरी यूनिट स्‍थापित करने और पर्यावरण मंत्री रहते हुए इसकी मंजूरी के लिए अपने ओहदे का दुरुपयोग करने का आरोप है।

वहीं कांग्रेस के ‘वफादारों’ में से एक नटवर सिंह को भी उनका बड़बोलापन महंगा पड़ा था। यूपीए के पहले शासनकाल में विदेश मंत्री रहे नटवर और उनके बेटे का नाम इराक के लिए ‘फूड फॉर आयल’ घोटाला में आने के बाद कैबिनेट से तो हटना ही पड़ा, पार्टी ने भी उनसे किनारा कर लिया है।

मुंबई की आदर्श सोसाइटी घोटाला में नाम आने के बाद अशोक चव्‍हाण से महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री का पद छीनने के साथ ही कांग्रेस ने भ्रष्‍टाचार को लेकर ‘सफाई’ अभियान चलाया है। लेकिन कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में मौजूदा मंत्रियों अब भी कुछ मंत्री ऐसे हैं जिन पर ‘दाग’ लगे हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स और नेशनल इलेक्‍शन वॉच नाम के दो एनजीओ ने इस बारे में एक अध्‍ययन कर जानकारी जुटाई है। इनके मुताबिक केंद्र सरकार में नौ मंत्री ऐसे भी हैं जिन पर आपराधिक मुकदमे लंबित हैं। यही नहीं, एक मंत्री के ऊपर तो चोरी के गंभीर आरोप भी लगे हैं। इन एनजीओ ने चुनाव के वक्‍त नेताओं की ओर से दाखिल हफलनामा का हवाला देते हुए कहा है कि कुल नौ मंत्रियों में से 7 कांग्रेस से जबकि एक-एक डीएमके और तृणमूल कांग्रेस से हैं।

कांग्रेस के मंत्रियों में सुबोध कांत सहाय, मुकुल वासनिक, अजय माकन, हरीश रावत, अरुण यादव, प्रतीक प्रकाशबापू पाटिल और प्रदीप जैन शामिल हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के शिशिर अधिकारी और डीएमके के गांधीसेल्‍वन का नाम है। अधिकारी ने अपने हलफनामा में कबूल किया है कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 379 के तहत चोरी का मुकदमा दर्ज है।

अन्‍य मंत्रियों के खिलाफ मानहानि और कुछ अन्‍य के मामले हैं। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्‍करण राज्‍यमंत्री सुबोध कांत सहाय पर अपने ओहदे का दुरुपयोग करते हुए एक रिश्‍तेदार को दहेज हत्‍या और क्रूरता जैसे अपराधों के तहत जेल में बंद करवाने और उसे परेशान करने का आरोप है।

संघ की तुलना आतंकी संघठनों से करने पर राहुल और दिग्विजय पर मुकदमा

आतंकी गतिविधियों में शामिल संगठनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना पर भड़के आरएसएस के एक स्वयंसेवक ने कांग्रेस महासचिवों दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी के खिलाफ आज एक स्थानीय अदालत में मुकदमा दायर किया।

संघ के स्वयंसेवक मुकेश पेड़वा ने राहुल और दिग्विजय के खिलाफ प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट डीके सिंह की अदालत में भारतीय दंड विधान की धारा 500 :मानहानि: और धारा 153 :भड़काउ बयानबाजी: के तहत यह मुकदमा दायर किया।

पेड़वा के वकील मीनेश पांडेय ने संघ के शहर कार्यालय में संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने उनके मुवक्किल के दायर मुकदमे पर प्रारंभिक रूप से दलीलें सुनीं।

उन्होंने बताया कि मुकदमे पर अगली सुनवाई के लिये 22 नवंबर की तारीख तय की गयी है। इस दिन पेड़वा के बयान होने हैं।

पांडेय ने अपने मुवक्किल के दायर मुकदमे की इबारत के हवाले से बताया, ‘दिग्विजय ने गत 12 नवंबर को अपने एक बयान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से की थी। इससे पहले, राहुल मीडिया से बातचीत के दौरान संघ की तुलना प्रतिबंधित संगठन सिमी से कर चुके हैं।’

उन्होंने कहा, ‘मेरे मुवक्किल ने अपने मुकदमे में दोनों कांग्रेस महासचिवों की टिप्पणियों को संघ की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला बताया है। इन बयानों से राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंच सकता है।’ पांडेय ने कहा कि पेड़वा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं।

संघ के खिलाफ दिग्विजय और राहुल के बयानों के बाद स्थानीय स्तर पर उनके मुवक्किल की निजी प्रतिष्ठा को भी कथित रूप से ठेस पहुंची। नतीजतन, पेड़वा ने दोनों कांग्रेस महासचिवों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की गुहार करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।

भाजपा ने माँगा रतन टाटा से स्पष्टीकरण

भाजपा ने कहा है कि टाटा समूह के मुखिया और देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का बयान अस्पष्ट है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका समूह अपनी विमानन कंपनी इसलिए शुरू नहीं कर पाया क्योंकि उसने एक मंत्री को 15 करोड़ रुपये की रिश्वत देने से इंकार कर दिया था

भाजपा ने रतन टाटा से इस बयान को स्पष्ट करने के लिए कहा ।

देहरादून में आज एक व्याख्यान के दौरान ने रतन टाटा ने कहा कि समूह की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने 1995, 1997 और 2001 में विमानन सेवा में प्रवेश करने की कोशिश की थी।

अंतिम बार 2001 में तत्कालीन भाजपा सरकार के शासन में टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस ने एयर इंडिया के लिये संयुक्त रूप से एकमात्र बोलीदाता के रूप में अपनी बोली वापस ले ली थी। दोनों ने बिक्री के लिये राजनीतिक विरोध का हवाला देते हुए इसे वापस लिया था ।

भाजपा के प्रवक्ता और सांसद राजीव प्रताप रूडी ने रतन टाटा की उक्त टिप्पणी को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रतन टाटा द्वारा कही गयी बातों को संजीदगी के साथ लिया जाना जरूरी है लेकिन उनकी बातें पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं.

रूडी राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2003 में नागरिक उड्डयन मंत्री थे । उन्होंने कहा कि उन्हें उस समय रतन टाटा द्वारा कही गयी बातों का जवाब देने में अधिक खुशी होगी जब वह अपनी बातों को विस्तारपूर्वक रखें।

हाई कोर्ट का दिल्ली सरकार को अरुंधती और गिलानी के बयानों पर नोटिस

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि भारत के खिलाफ भाषण देने के लिए क्यों कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, लेखिका अरुंधती राय और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रफेसर एस. . आर गिलानी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

न्यायमूर्ति हीमा कोहली ने एक याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब देने को कहा है। इस याचिका में अरुंधती और बाकी के खिलाफ देशद्रोह और कई अपराधों के आरोप में आपराधिक मुकदमा चलाए जाने की मांग की गई है।

याचिकाकर्ता के वकील सुग्रीव दुबे ने कहा कि सरकार को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

सुग्रीव ने 25 अक्टूबर को अरुंधती और बाकी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि स्वतंत्रता में कभी भी राष्ट्र हित के खिलाफ विचारों के प्रसार की आजादी शामिल नहीं रही और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निर्दोष लोगों को भड़काने के उद्देश्य से भाषण की इजाजत नहीं दी जाए। वकील के मुताबिक राय ने अपने भाषण में कहा था कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है और उन्होंने राज्य के युवकों से कश्मीर के लिए बलिदान करने का आह्वान किया था।

सुग्रीव की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 जनवरी तय की और दिल्ली सरकार से 27 जनवरी तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा।

भारत विरोधी भाषण देने के लिए हुर्रियत नेता और अरुंधती के खिलाफ निचली अदालत में पहले से ही दो शिकायतें दर्ज हैं।

हाँ, हमने ही बनाया लादेन को आतंकवादी - हिलेरी क्लिंटन

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि पाकिस्तान ने भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ आतंकी संगठनों को ढाल बनाया। साथ ही उन्होंने माना कि अमेरिका ने रूस के खिलाफ मुजाहिदीन के साथ ओसामा बिन लादेन को भी तैयार किया। क्लिंटन ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ये विचार जताए।

उन्होंने कहा,‘पाकिस्तान ने पहले भारत तथा अफगानिस्तान में अपनी विरोधी सरकार के खिलाफ आतंकी समूहों का समर्थन किया। ताकि पाकिस्तान के ये दोनों पड़ोसी देश उसे कमजोर नहीं कर सकें।’ इस इंटरव्यू की ट्रांसस्क्रिप्ट विदेश विभाग ने जारी की है। क्लिंटन ने कहा कि अब हालात बदल रहे हैं। फिर भी वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकतीं कि क्या पाकिस्तान ने भारत व अफगानिस्तान के खिलाफ आतंकियों का इस्तेमाल करना रोक दिया है।

विदेश मंत्री ने माना, ‘हम फिलहाल जिसके खिलाफ लड़ रहे हैं उसका एक हिस्सा अमेरिका ने ही तैयार किया है। हमने सोवियत संघ के खिलाफ मुजाहिदीन को तैयार किया। हमने उन्हें ट्रेनिंग दी, हथियार दिए, धनराशि दी। उसमें वह व्यक्ति भी शामिल है जिसका नाम ओसामा बिन लादेन है।’

उन्होंने यह भी कहा, ‘आखिरकार हमने देखा कि सोवियत सेना अफगानिस्तान छोड़कर जा रही है। हमने राहत की सांस ली और कहा कि हां, यह तो हमने हासिल कर ही लिया। लेकिन यह हमारे लिए भी अच्छा नहीं रहा।’

पाकिस्तान के वकीलों का आतंकियों के खिलाफ मुकदमा लड़ने से इनकार

तालिबान की धमकी के बाद पाकिस्तान के वकीलों ने सरकार की तरफ से आतंकियों के खिलाफ मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया है। दो वकीलों ने शनिवार को कोर्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्हें तथा उनके परिवारों को जान के खतरे के मद्देनजर वे ऐसा कर रहे हैं।

ये वकील सिंध प्रांत की सरकार की ओर से मुकदमा लड़ रहे थे। उन्होंने कोर्ट को यह जानकारी सिंध की राजधानी कराची में हुए बम विस्फोट के दो दिन बाद शनिवार को दी। इस विस्फोट में 18 लोग मारे गए थे तथा 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। गुरुवार को सीआईडी के दफ्तर पर 10 आतंकियों ने हमला किया था। दोनों वकीलों मुहम्मद खान बारो तथा मुबशिर मिर्जा ने बहस के दौरान आतंक-रोधी कोर्ट के जज को बताया कि अब वे इस मामले में सरकार की ओर से मुकदमा नहीं लड़ सकते। उन्हें तथा उनके परिवार को जान का खतरा है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने सरकार से सुरक्षा मांगी थी, जिसे देने से सरकार ने मना कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में अब गृह सचिव तथा राज्य के प्रोसीक्यूटर जनरल को अगली सुनवाई पर तलब किया है। कराची सीआईडी दफ्तर पर हमले के लिए केंद्रीय गृहमंत्री रहमान मलिक ने तालिबान से जुड़े लश्करे झांगवी को जिम्मेदार बताया है।

सीआईडी ने आतंकियों और प्रतिबंधित उग्रवादी गुटों के खिलाफ अभियान चला रखा है। उसने लश्करे झांगवी के 6 आतंकियों को गिरफ्तार भी कर रखा है। तालिबान के लड़ाके कई महीनों से अपने साथियों को छुड़वाने के लिए देशभर में सुरक्षाबल के जवानों को निशाना बना रहे हैं।

अरुंधति राय के पचमढ़ी के जंगलों में अवैध मकान पर होगी कारवाही

देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त अरुंधति राय का पचमढ़ी में बना खूबसूरत आशियाना उनके लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। प्रदेश के इस एकमात्र हिल स्टेशन पर करीब 17 साल पहले राय के पति प्रदीप किशन ने घर बनाया था।

घर को लेकर विवाद इस बात पर शुरू हुआ कि इसका निर्माण कार्य संरक्षित वन भूमि पर हुआ है। अब इसी मामले में राज्य सरकार कार्रवाई करने जा रही है। पिछले करीब पांच साल से यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित था। हाल ही में न्यायालय ने इस प्रकरण में निर्देश दिए हैं कि प्रदीप किशन के मामले सहित इसी प्रकृति के दो दर्जन अन्य मामलों में संबंधित एसडीएम निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। यानी अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है और वह एक्शन ले सकती है।

अरुंधति के फिल्म निर्माता पति प्रदीप किशन ने पचमढ़ी से सात किमी दूर बरीआम गांव में एक खूबसूरत घर बनवाया है। रॉय का घर पचमढ़ी फॉल्स के लिए जाने वाले रास्ते में पड़ता है और पचमढ़ी स्पेशल एरिया डेव्लेपमेंट अथॉरिटी (साडा) की सीमा में आता है।

यह क्षेत्र पचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य का भी हिस्सा है और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसे पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत इको-संवेदी क्षेत्र घोषित कर रखा है। प्रदीप किशन ने यहां 1992 में जमीन खरीदी थी और 1993 में यह घर बनकर तैयार हो गया था। इस मामले में साडा ने घर के निर्माण को स्टेट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट-1973 का उल्लंघन मानते हुए निर्माण रोकने का आदेश दिया था।

साडा का कहना है कि प्रदीप किशन ने इस जमीन का लैण्ड यूज (भू-उपयोग) गलत तरीके से बदलवाया था। इस बीच वन विभाग ने भी घर को अभयारण्य क्षेत्र में होने के कारण अवैध करार दे दिया। इस संबंध में जारी हुए तमाम नोटिसों के जवाब में राय और उनके पति का तर्क यही रहा कि बरीआम गांव किसी संरक्षित वन क्षेत्र में नहीं आता और और उनका घर राजस्व भूमि पर ही बना है।

पूर्व राज्यपाल एस.के. सिंह के पुत्र कनिष्क सिंह भी कॉमनवेल्थ गेम्स के घोटालेबाज

भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और राजस्थान प्रभारी किरीट सोमैया ने कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए घोटालों में राजस्थान में राज्यपाल रहे एस.के. सिंह के पुत्र कनिष्क सिंह के शामिल होने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि कनिष्क सिंह कांग्रेस के एक हाई प्रोफाइल महासचिव के स्टाफ में शामिल हैं और उनकी शह पर सरकार ने खेलों के लिए निर्माण करने वाली कंपनी एमार एमजीएफ को 2100 करोड़ रुपए बिना किसी कारण के अग्रिम दे दिए। उन्होंने इस संबंध में सरकार और कंपनी के बीच हुए एग्रीमेंट भी दिखाए और आरोप लगाया कि 70,000 करोड़ रुपए के घोटाले में कांग्रेस के मंत्री और पदाधिकारी शामिल हैं। उन्होंने मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की है। सोमैया ने पूछा कि कनिष्क कांग्रेस सचिवालय में किस हैसियत से हैं और किसके लिए काम करते हैं? उनका एमार एमजीएफ परिवार से क्या संबंध है?

2100 करोड़ का गणित: सोमैया ने बताया कि खेलों में आवासीय व्यवस्था के लिए 20,91,525 वर्ग फुट निर्माण कराना था। इसके लिए डीडीए ने जमीन दी। इसके बाद कंपनी ने पैसा नहीं होने की बाद कहकर सरकार से सहयोग मांगा।

केंद्र सरकार और डीडीए ने एक ऑर्डर एग्रीमेंट से 767 करोड़ रुपए नकद और 697 वर्ग फुट रेडीमेड कंस्ट्रक्शन एरिया एमार एमजीएफ को दे दिए। इस निर्मित क्षेत्र की कीमत 25,000 रुपए वर्ग फुट के हिसाब से 1750 करोड़ रुपए होती। इसमें से 400 करोड़ वास्तविक लागत घटाने पर 1350 करोड़ रुपए बचते हैं। इसमें नकद दी राशि 767 करोड़ जोड़ने पर कुल राशि 2117 करोड़ रुपए होती है। उन्होंने कहा कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए।


रेड्डी और शीला क्यों नहीं: सोमैया ने कहा कि कांग्रेस के आलाकमान ने घोटाले उजागर होने के बाद कलमाड़ी को तो हटा दिया, लेकिन शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

बंद हुआ राजा का स्पेक्ट्रम, देना ही पड़ा इस्तीफ़ा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने आज एक बार फिर दोहराया कि . राजा ने स्पेक्ट्रम आवंटन में वर्ष 1999 से अपनायी गई नीति का ही पालन किया और द्रमुक ने उन्हें केंद्रीय दूरसंचार मंत्री पद से केवल इसलिए त्यागपत्र देने के लिए कहा ताकि संसद की कार्यवाही में कोई बाधा उत्पन्न हो।

राजा द्वारा राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपना त्यागपत्र सौंपने के कुछ ही देर बाद करुणानिधि ने कहा, ‘‘हमने राजा से इस्तीफा केवल इसलिए देने को कहा ताकि संसद की कार्यवाही में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो क्योंकि हम संसद को लोकतंत्र की जननी मानते हैं।’’ उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही में पिछले एक वर्ष से बाधा उत्पन्न करना राजा को पद से हटाने की पहले से बनाई गई योजना का हिस्सा था।

राजा एक ऐसे दलित नेता हैं जिन्होंने डा. बी. आर. अंबेडकर जैसे नेताओं के आदशरें के प्रति स्वयं को समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘राजा मेरे स्नेही भाई हैं।’’

इससे पहले द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम :द्रमुक : ने लगातार ठोस समर्थन देते रहने के बाद आखिरकार आज रात अपनी पार्टी के केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री से इस्तीफा देने को कहा ताकि संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलनी सुनश्चित हो और जन महत्व के मुद्दे उठाये जा सकें ।

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