दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की शिकायत लोकायुक्त ने राष्ट्रपति से की है. सरकारी फार्म में मुख्यमंत्री द्वारा अपनी फोटो लगाने को लेकर लोकायुक्त ने आपत्ति जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से कार्रवाई की सिफारिश की है.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एक बार विवादों में घिरी हैं. दिल्ली स्वरोजगार योजना के तहत छपवाए गए आवेदन पत्रों में शीला दीक्षित का भी फोटो छपा है. मामला यहीं से शुरू होता है, दिल्ली के लोकायुक्त जस्टिस सरीन ने राष्ट्रपति को जानकारी देते हुए कहा है कि इस तरह फार्म में फोटो लगाना सही नहीं है. इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री को एडवाइजरी जारी कर दिशा-निर्देश दिए जाएं. यही नहीं दिल्ली सरकार के एक मंत्री राजकुमार चौहान की भी लोकायुक्त ने राष्ट्रपति से शिकायत की है. जस्टिस सरीन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का राष्ट्रपति से आग्रह किया है.
इससे पहले विपक्ष ने शीला दीक्षित सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जस्टिस सरीन ने इस मामले पर सख्ती दिखाई है और अपनी सिफारिश में शीला दीक्षित और राजकुमार चौहान के फार्म पर फोटो न लगाने के संबंध में राष्ट्रपति से आग्रह किया है.
Labels:
नई दिल्ली
,
शीला दीक्षित