चैतन्य महाप्रभु के आगमन की 500 वीं जंयती पर स्मारक और प्रचलन सिक्के जारी


संस्कृति मंत्रालय ने वृंदावन में श्री चैतन्य महाप्रभु के आगमन की 500 वीं जंयती पर स्मारक और प्रचलन सिक्के जारी किए 

संस्कृति सचिव श्री नरेन्द्र कुमार सिन्हा ने “वृंदावन में श्री चैतन्य महाप्रभु के आगमन की 500 वीं जंयती” पर वर्ष भर चलने वाले समारोहों के मद्देनजर 500 रुपये के स्मारक गैर-प्रचलन सिक्के और 10 रुपये के प्रचलन सिक्के जारी किए।

भारत के प्रसिद्ध संत और समाज सुधारक श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु ने भक्ति योग के वैष्णव संप्रदाय की स्थापना की थी। उन्होंने जो भक्ति आंदोलन शुरू किया था, उसका उद्देश्य मध्य युगीन भारत में व्याप्त जातिवाद की बुराइयों और सामंती प्रणाली का उन्मूलन करना था। श्री चैतन्य महाप्रभु ने भगवान श्री कृष्ण की उपासना का प्रचार किया और “हरे कृष्ण मंत्र” के जाप को लोकप्रिय बनाया। यह जाप बिना किसी भेदभाव के कोई भी कर सकता है।

वर्ष 1515 में श्री चैतन्य महाप्रभु वृंदावन में पधारे थे और उनका उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण से जुड़े सभी पवित्र स्थानों को खोजना था। माना जाता है कि अपनी आध्यात्मिक शक्ति से श्री चैतन्य महाप्रभु ने भगवान श्री कृष्ण से जुड़े सभी स्थानों को खोज निकाला और धार्मिक परंपरा की प्राचीन पवित्रता को दोबारा स्थापित किया।

भारत सरकार वृंदावन में श्री चैतन्य महाप्रभु के आगमन की 500 वीं जंयती मना रही है। जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों तथा वृंदावन अनुसंधान संस्थान तथा इस्कॉन के सहयोग से श्री चैतन्य महाप्रभु के जीवन एवं शिक्षाओं पर प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह 25 नवम्बर, 2015 को वृंदावन में आयोजित किया गया। यह आयोजन वृंदावन अनुसंधान संस्थान ने किया था। 

एक दूसरा कार्यक्रम वृंदावन अनुसंधान संस्थान ने 5 – 7 नवम्बर, 2016 को श्री चैतन्य महाप्रभु के जन्म स्थान मायापुर, नादिया में किया था। “श्री चैतन्य प्रेम रथ” नामक चलित प्रदर्शनी 8 फरवरी, 2016 को वृंदावन से रवाना हुई थी, जो उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए 9 मार्च, 2016 को दिल्ली पहुंची थी। दिल्ली के इस्कॉन ने इस अवसर पर यहां 28 मई, 2016 को एक अलग समारोह का आयोजन किया था। सभी उपरोक्त कार्यक्रमों को संस्कृति मंत्रालय ने प्रायोजित किया था।

किसानों द्वारा डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किये ये उपाय


केन्‍द्र सरकार ने चालू रबी सीजन में किसानों के हितों के साथ-साथ अर्थव्‍यवस्‍था में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्‍न निर्णय लिये 

500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के चलन को निरस्‍त करने के बाद केन्‍द्र सरकार ने समाज के विभिन्‍न तबकों की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए अनेक उपायों की घोषणा की है। एपीएमसी बाजार/मंडियों में किसानों और पंजीकृत व्‍यापारियों के लिए अपेक्षाकृत ज्‍यादा नकदी की निकासी सीमा, फसल बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए समय सीमा बढ़ाना, चुनिंदा सरकारी केन्‍द्रों इ‍त्‍यादि से 500 रुपये के पुराने बैंक नोटों से बीजों की खरीद की अनुमति जैसे विशेष उपायों की घोषणा पहले ही किसानों के हित में की जा चुकी है। बैंकों की ग्रामीण शाखाओं और 1.55 लाख डाकघरों में नकदी की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपेक्षाकृत ज्‍यादा नकदी सीमा के साथ बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट के नेटवर्क को सक्रिय कर दिया गया है।

इस मामले में आगे समीक्षा करने के बाद सरकार ने चालू रबी सीजन में किसानों के हितों के साथ-साथ अर्थव्‍यवस्‍था में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कुछ विशेष निर्णय लिये हैं। ये निर्णय परिचालनगत उपायों के रूप में हैं, जिनका उल्‍लेख नीचे किया गया है :

  1. नाबार्ड ने रबी सीजन में कृषि संबंधी कार्यकलापों के लिए राज्‍य सहकारी बैंकों के जरिये जिला केन्‍द्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को 21,000 करोड़ रुपये की सीमा उपलब्‍ध कराई है। इससे डीसीसीबी को प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटी (पीएसीएस) के नेटवर्क के जरिये किसानों के लिए फसल ऋणों को मंजूरी देने एवं इनका वितरण करने में सहूलियत होगी। इससे 40 फीसदी से भी ज्‍यादा ऐसे छोटे एवं सीमांत किसान लाभान्वित होंगे, जो संस्‍थागत कर्ज/फसल ऋण लेते रहे हैं। यही नहीं, आवश्‍यकता के मुताबिक नाबार्ड द्वारा अतिरिक्‍त सीमाएं सुलभ कराई जाएंगी।
  2. आरबीआई और बैंकों को डीसीसीबी में आवश्‍यक नकदी उपलब्‍ध कराने की सलाह दी गई है। इससे चालू रबी सीजन के दौरान विशेषकर बुवाई एवं अन्‍य कृषि कार्यों के लिए किसानों को ऋणों का त्‍वरित एवं निर्बाध प्रवाह के साथ-साथ आवश्‍यक नकदी भी सुनिश्चित होगी।
  3. छोटे कर्जदारों (अर्थात् एक करोड़ रुपये तक के कर्ज लेने वाले लोग) को राहत देने के उद्देश्‍य से भारतीय रिजर्व बैंक बकाया रकम के पुनर्भुगतान के लिए 60 दिनों का अतिरिक्‍त समय देने का निर्णय पहले ही ले चुका है। यह फैसला आवास एवं कृषि ऋणों  सहित उन सभी पर्सनल एवं फसल ऋणों पर लागू होगा, जो बैंकों, एनबीएफसी, डीसीसीबी, पीएसी अथवा एनबीएफसी-एमएफआई से लिये गये हैं।
  4. कुल मिलाकर 30 करोड़ रुपे डेबिट कार्ड जारी किये गये हैं, जिनमें जन धन खाता धारकों को जारी किये गये रुपे डेबिट कार्ड भी शामिल हैं। पिछले 12 दिनों में रुपे डेबिट कार्डों के इस्‍तेमाल में लगभग 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस डेबिट कार्ड के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए बैंकों ने 31 दिसम्‍बर, 2016 तक ट्रांजैक्‍शन शुल्‍क (एमडीआर) न लेने का निर्णय लिया है। भारतीय राष्‍ट्रीय भुगतान परिषद (एनपीसीआई) ने रुपे कार्डों के लिए स्विचिंग चार्ज को पहले ही माफ कर दिया है। इन सभी कदमों से विभिन्‍न प्रतिष्‍ठानों ने डेबिट कार्डों की स्‍वीकार्यता बढ़ेगी।
  5. डेबिट कार्डों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ कुछ निजी बैंकों ने भी 31 दिसम्‍बर, 2016 तक एमडीआर शुल्‍क को माफ करने का निर्णय लिया है। निजी क्षेत्र के अन्‍य बैंकों द्वारा भी इस आशय का निर्णय लिये जाने की आशा है। इस तरह स्विचिंग सेवाओं पर लगने वाले शुल्‍कों सहित ट्रांजैक्‍शन शुल्‍क को 31 दिसम्‍बर, 2016 तक माफ कर दिया गया है।
  6. ई-वॉलेट के जरिये भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से आरबीआई ने आम लोगों के लिए मासिक ट्रांजैक्‍शन सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने का निर्णय लिया है। आरबीआई ने कारोबारियों के लिए भी इस सीमा में इतनी ही बढ़ोतरी की है।
  7. यात्रियों की सुविधा के लिए भारतीय रेलवे ने आरक्षित ई-टिकट लेते समय द्वितीय श्रेणी पर 20 रुपये का सर्विस चार्ज और इससे ऊपर की श्रेणी के टिकटों पर 40 रुपये का सर्विस चार्ज 31 दिसम्‍बर, 2016 तक न लेने का निर्णय लिया है। इससे नकदी के जरिये रेलवे के काउंटरों पर टिकट खरीदने के बजाय ई-टिकटों को खरीदने के लिए यात्रीगण प्रोत्‍साहित होंगे।
  8. टिकटों की कुल खरीद में ऑनलाइन ई-टिकट खरीदने वाले यात्रियों की दैनिक औसत संख्‍या 58 प्रतिशत और नकदी के जरिये काउंटरों पर टिकट खरीदने वाले यात्रियों की दैनिक औसत संख्‍या 42 प्रतिशत है। अब ई-टिकट की खरीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। उम्‍मीद की जा रही है कि इस कदम से लोग नकदी रहित लेन-देन करने के लिए प्रोत्‍साहित होंगे। 
  9. टीआरएआई ने बैंकिंग से संबंधित लेन-देन और भुगतान के लिए यूएसएसडी चार्ज को मौजूदा 1.50 रुपये प्रति सत्र से घटाकर 0.50 रुपये प्रति सत्र करने का निर्णय लिया है। इसने संबंधित चरणों की संख्‍या को भी मौजूदा पांच से बढ़ाकर आठ चरण कर दिया है। टेलीकॉम कंपनियां भी प्रति सत्र 50 पैसे के उपर्युक्‍त यूएसएसडी चार्ज को 31 दिसम्‍बर, 2016 तक माफ करने पर सहमत हो गई हैं। इसके परिणामस्‍वरूप यूएसएसडी चार्ज 31 दिसम्‍बर, 2016 तक शून्‍य रहेगा। इससे विशेषकर फीचर फोन वाले गरीब लोगों (इनकी संख्‍या फिलहाल देश में कुल फोनों का 65 फीसदी है) को डिजिटल वित्‍तीय लेन-देन की अत्‍यंत किफायती सुविधा सुलभ हो जाएगी। 
  10. वाहन चालकों को अपना काफी समय चेक पोस्‍ट और टोल प्‍लाजा पर गुजारना पड़ता है।  जहां एक ओर जीएसटी की बदौलत चेक पोस्‍ट पर यह समस्‍या दूर हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर अवस्थित टोल प्‍लाजा पर भुगतान में सहूलियत के लिए कुछ विशेष उपाय अत्‍यंत आवश्‍यक हैं। इस तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय वाहन निर्माताओं को अपने सभी नये वाहनों में ईटीसी के अनुरूप 'आरएफआईडी' सुलभ कराने की सलाह दे रहा है।
  11. सभी सरकारी संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और अन्‍य सरकारी प्राधिकरणों को सलाह दी गई है कि वे सभी हितधारकों और कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए केवल डिजिटल भुगतान वाली प्रणालियों जैसे कि इंटरनेट बैंकिंग, एकीकृत भुगतान इंटरफेस, कार्डों, 'आधार' के अनुरूप भुगतान प्रणाली इत्‍यादि का ही उपयोग करें। भुगतान करने के समय प्राधिकरणों के लिए यह आवश्‍यक होगा कि वे कार्डों, इंटरनेट बैंकिंग, एकीकृत भुगतान इंटरफेस, 'आधार' के अनुरूप भुगतान प्रणाली इत्‍यादि के जरिये भुगतान का विकल्‍प मुहैया करायें।

नोटबंदी से रबी की फसल की बुआई पर कोई असर नहीं : कृषि मंत्री


500 और 1000 के पुराने नोट पर रोक लगाने के फैसले से रबी की फसल की बुआई पर असर नहीं :  राधा मोहन सिंह 

कृषि की आमदनी से जमा 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने पर किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं है

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश में 500 और 1000 के पुराने नोट पर रोक लगाने का फैसला आतंकवाद, भ्रष्टाचार और काला धन के ताबूत में अंतिम कील ठोकने के लिए  लिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि इसका सीधा लाभ देश के किसानों और गरीबों को मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का यह कहकर विरोध हो  रहे हैं कि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है और इसका असर रबी की बुआई पर पड़ेगा, लेकिन सचाई यह है कि देश हित में किये गये इस निर्णय का विऱोध वे अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि देश के अंदर  1.25 लाख बैंक,  2 लाख एटीम और लाखों डाकघर हैं और इन तक नोट पहुंचाना निश्चित रुप से एक कठिन काम था जिसके कारण देश के नागरिकों को परेशानी जरूर हुई या हो रही है, किन्तु ध्यान रहे कि देश के गांव, गरीब और किसान की खुशहाली के लिए प्रधानमंत्री जी का आजादी के बाद का सबसे बड़़ा साहसी और लोकप्रिय निर्णय है। देशवासी थोड़ा कष्ट उठाकर भी इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश में 24.46 करोड़ जन धन खाते हैं, 7 करोड़ से ज्‍यादा किसान क्रेडिट कार्ड हैं, मंडियों में किसान के लिए खाता खोलने की भी नियमित प्रक्रिया जारी है। 25 हजार रुपया तक निकालने तक की छूट का प्रावधान है। शादी ब्याह के लिए 2.5 लाख रुपया निकालने का फैसला भी देश में लागू हो गया है। बीज खरीदने के लिए भारतीय बीज निगम, भा.कृ.अ.प. (ICAR) के संस्थानों, विश्वविद्यालयों, राज्य बीज निगम एवं उससे संबंधित बीज बिक्री केन्द्रों पर 500 के पुराने नोट की भी अनुमति दे दी गयी है। कृषि की आमदनी से जमा 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करने पर किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं है।

कुछ लोग रबी की बुआई पर असर पड़ने की बात कर किसानों को  ढाल बनाकर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि विमु्द्रीकरण के बाद भी रबी की मुख्य फसलों की बुआई जैसे गेंहू की बुआई 18 नबंवर 2016 तक 79.40 लाख हैक्टेयर में किया गया है जो कि पिछले साल 2015 में इसी समय तक 78.83 लाख हैक्टेयर से अधिक है। इसी प्रकार दलहन की बुआई में 18 नबंबर 2016 तक 74.55 लाख हैक्टेयर, जो कि साल 2015 में इसी समय तक 69.98 लाख हैक्टेयर से अधिक है और तिलहन में भी 56.16 लाख हैक्टर बुआई 18 नबंबर 2016 तक की गयी है, जो कि साल 2015 में इसी समय तक 48.74 लाख हैक्टेयर से अधिक है। गेंहू, दलहन और तिलहन रबी की मुख्य फसले हैं।

कृषि मंत्री ने इस संबंध में कुछ उदाहरण भी दिए।

बंगाल में कुल रबी बुआई की रकबा 18 नबंबर 2016 तक 2.39 लाख हैक्टेयर है जो कि साल 2015 में इसी समय तक मात्र 2.25 लाख हैक्टेयर से अधिक है।

बंगाल में 18 नवंबर 2015 एवं 18 नवंबर 2016 तक मुख्य रबी फसलवार ब्यौरा इस प्रकार है-

बुआई की रकबा लाख हैक्टेयर में
फसलें
सामान्य रबी क्षेत्र
(डी.ई.एस.)
2016-17
2015-16
2016-17 और 2015-16का अंतर
गेंहू
3.29
0.12
0.11
0.01
दलहन
1.63
0.32
0.23
0.09
तिलहन
7.16
1.81
1.80
0.01
     
उत्तर प्रदेश राज्य में कुल रबी बुआई की रकबा 18 नबंबर 2016 तक 33.79 लाख हैक्टेयर है जो कि साल 2015 में इसी समय तक मात्र 25.91 लाख हैक्टेयर था।
उत्तर प्रदेश में 18 नवंबर 2015 एवं 18 नवंबर 2016 तक मुख्य रबी फसलवार ब्यौरा इस प्रकार है-
बुआई की रकबा लाख हैक्टेयर में
फसलें
सामान्य रबी क्षेत्र
(डी.ई.एस.)
2016-17
2015-16
2016-17 और 2015-16का अंतर
गेंहू
97.59
14.82
14.38
0.44
दलहन
15.14
8.52
2.68
5.84
तिलहन
6.77
10.08
8.63
1.45

संस्कृति मंत्रालय ने नैमिष्‍य पुरस्‍कार के लिए RSS को मंजूरी देने का खंडन किया


नैमिष्‍य सम्‍मान पुरस्‍कार की मंजूरी देने के संबंध में मीडिया के एक वर्ग में तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत सूचना प्रकाशित होने के बारे में संस्कृति मंत्रालय का स्‍पष्‍टीकरण 

मीडिया के एक वर्ग में ऐसी रिपोर्ट प्रकाशि‍त हुई है कि संस्‍कृति मंत्रालय ने नैमिष्‍य पुरस्‍कार स्‍थापित करने के लिए आरएसएस की सांस्कृतिक इकाई को अपनी मंजूरी दे दी है और इन पुरस्‍कारों के पहले संस्‍करण को शुरू करने के लिए अगले महीने राष्‍ट्रीय संस्कृति महोत्‍सव के रूप में एक भव्‍य आयोजन वाराणसी में आयोजित किया जायेगा। यह समाचार पूरी तरह से गलत और असत्‍य है। 

मीडिया के एक वर्ग ने यह समाचार संस्कृति मंत्रालय के अधिकृत सूत्रों से पुष्टि किये बिना ही प्रकाशित किया है। इससे संस्कृति मंत्रालय के हितधारकों और आम जनता के मन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

इस संदर्भ में संस्‍कृति मंत्रालय यह स्‍पष्‍ट करना चाहता है कि शान्ति, मानव अधिकार, साहित्‍य, अभिनय कला, विज्ञान और शिक्षा के संबंध में नैमिष्‍य सम्‍मान शुरू करने के बारे में कहीं से भी कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इस मंत्रालय ने नैमिष्‍य सम्‍मान स्‍थापित करने के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया है।

संस्कृति मंत्रालय यह भी स्‍पष्‍ट करना चाहता है कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्‍सव की अवधारणा इस मंत्रालय को 2015 में प्राप्‍त हुई थी इसका उद्देश्‍य कला और शिल्‍प, व्‍यंजन, संगीत और नृत्य आदि सहित भारतीय संस्‍कृति के सभी पहलुओं का प्रदर्शन करना है। नवंबर 2015 में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की भव्य सफलता के बाद मंत्रालय ने इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के सभी विभिन्‍न आयामों का प्रदर्शन करने के उद्देश्‍य से अक्‍टूबर 2016 में एक बार फिर इसका आयोजन किया गया है। 

चालू वित्त वर्ष में राष्‍ट्रीय संस्‍कृति महोत्‍सव का वाराणसी में 10 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट से तथा जम्‍मू-कश्‍मीर, अरुणाचल प्रदेश और कनार्टक में 5-5 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट से आयोजन किया जायेगा। यह भी उल्‍लेखनीय है कि नैमिष्‍य सम्‍मान राष्‍ट्रीय संस्‍कृति महोत्‍सव का हिस्‍सा नहीं है।

#JNNURM : केंद्र ने शहरी गरीबों के लिए 13 लाख आवास निर्माण को दी मंजूरी


केंद्र ने शहरी गरीबों के लिए जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत 10 वर्षों में सबसे अधिक आवास निर्माण को मंजूरी दी 

जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत 12.40 लाख मकानों के लक्ष्‍य की तुलना में 12.84 लाख किफायती मकान बनाने की स्‍वीकृति

विमुद्रीकरण से रियल स्‍टेट क्षेत्र पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा : वेकैया नायडू

                                               
केंद्र सरकार ने आज घोषणा की कि उसने शहरी गरीबों के लिए देश के 2329 शहरों में 12,83,616 रियायती मकानों को बनाने की मंजूरी दी है। यह जवाहरलाल नेहरु शहरी नवीकरण मिशन के 10 वर्षों के 1240968 मकानों के लक्ष्‍य की तुलना में अधिक हैं।

संवाददाता सम्‍मेलन में घोषणा करते हुए आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्री श्री वेंकैया नायडू ने बताया कि उनके मंत्रालय ने आज 7 राज्‍यों में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गोंके लिए 1,97,402 मकान निर्माण को स्‍वीकृति दी। इससे बहुत कम अवधि में जेएनएनयूआरएम के लक्ष्‍य को पार करने में सफलता मिली है। 

मंत्रालय द्वारा जिन राज्‍यों में किफायती मकानों को मंजूरी दी गइ्र उनमें 

तमिलनाडू 3,714 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 1,13, 327 मकान, 
कर्नाटक 31,880 (1,186 करोड़ रुपये), 
गुजरात 18,248 (1,096 करोड़ रुपये ), 
मध्‍य प्रदेश 16448 (813 करोड़ रुपये), 
पंजाब 16,187 (447 करोड़ रुपये), 
राजस्‍थान 1,280 (50 करोड़ रुपये) तथा 
मेघालय 32 (1.00 करोड़ रुपये) 

शामिल हैं।

उच्‍च मूल के करेंसी नोटों को सरकार द्वारा समाप्‍त करने की घोषण पर श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि इस कदम से रियल स्‍टेट क्षेत्र पर सकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि इससे कीमतों में स्थिरता आएगी और इस क्षेत्र में नई समान्‍य स्थिति बनेगी। उन्‍होंने कहा कि निर्धारित आय वाले और वेतनभोगी लोग किफायती मकान खरीदते हैं। इससे आवास क्षेत्र को मदद मिलेगी। श्रीनायडू ने कहा कि इस विषय में रियल सेक्‍टर के प्रतिनिधियों की राय जानने के लिए वे जल्‍द बैठक करेंगे।

भारत और स्विटजरलैंड के बीच बैंक खातों की जानकारी के लिए #AEOI हुआ


भारत और स्विटजरलैंड के बीच सूचना के स्‍वत:आदान-प्रदान(एईओआई) के क्रियान्‍वयन संबंधी 
‘संयुक्‍त घोषणा’ पर हस्‍ताक्षर हुए

विदेशी खातों में जमा काले धन की बुराई को समाप्‍त करना वर्तमान सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। इस लक्ष्‍य को आगे बढ़ाने के लिए भारत की ओर से प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी) के अध्‍यक्ष श्री सुशील चंद्रा और स्विटजरलैंड की ओर से भारत में स्विस दूतावास के डेप्‍यूटी चीफ ऑफ मिशन श्री गिल्‍स रोड्यूट ने सूचना के स्‍वत:आदान-प्रदान(एईओआई) के क्रियान्‍वयन संबंधी ‘संयुक्‍त घोषणा’ पर हस्‍ताक्षर किए।

इसके परिणामस्‍वरूप अब स्विटजरलैंड में 2018 से खोले गए भारतीय नागरिकों के खातों की वित्‍तीय लेन-देन की सूचना सितंबर, 2019 और इसके बाद भारत को स्‍वत: ही मिलना संभव हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के सम्बन्ध में लिए फैसले पर लोगों से राय माँगी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपये के नोट के सम्बन्ध में लिए फैसले पर लोगों से विचार आमंत्रित किये हैं| 

नरेन्द्र मोदी ऐप पर उपलब्ध 10 सवालों वाले एक सर्वेक्षण के माध्यम से लोग अपने विचार पहुंचा सकते हैं| ट्विटर के माध्यम से सर्वेक्षण का लिंक साझा करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस फैसले पर लोगों से पहली प्रतिक्रिया चाहते हैं| 

सर्वेक्षण के 10 प्रश्न निम्नलिखित हैं : 

1. क्या आपको लगता है कि भारत में काला धन है?   
a) हाँ        b)    नहीं 

2. क्या आपको लगता है कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ़ लड़ाई लड़ने और इस समस्या को दूर करने की ज़रूरत है?      
a)  हाँ       b) नहीं 

3. आप काले धन की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदमों के बारे में क्या सोचते हैं? 

4. आप भ्रष्टाचार के खिलाफ़ मोदी सरकार द्वारा अब तक किये गए प्रयासों के बारे में क्या सोचते हैं? 1 से 5 के स्केल पर – 

बेहतरीन, बहुत अच्छा, अच्छा, ठीक, बेकार 

5. आप 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने के मोदी सरकार के निर्णय के बारे में क्या सोचते हैं?

 a) सही दिशा में उठाया गया बहुत अच्छा कदम है   b) अच्छा कदम है     c) कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा 

6. क्या आपको लगता है कि डिमोनेटाईजेशन से काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को रोकने में मदद मिलेगी?         
a) इसका तुरंत प्रभाव पड़ेगा b) इसका प्रभाव पड़ने में समय लगेगा 
c)कम प्रभाव पड़ेगा      d) पता नहीं, कह नहीं सकते 

7. डिमोनेटाईजेशन से रियल स्टेट, उच्च शिक्षा, हेल्थकेयर तक आम आदमी की पहुँच बनेगी? 

a) पूर्ण रूप से सहमत हैं b) थोड़ा सहमत हैं c) कह नहीं सकते 

8. भ्रष्टाचार, काला धन, आतंकवाद और नकली नोटों पर अंकुश लगाने की लड़ाई में हुई असुविधा को आपने कितना महसूस किया? 

a) बिल्कुल महसूस नहीं किया b) थोड़ा बहुत किया लेकिन यह जरुरी था c) हाँ महसूस किया 

9. क्या आप मानते हैं कि भ्रष्ट्राचार का विरोध करते रहे कई आंदोलनकारी और नेता अब वास्तव में काले धन , भ्रष्टाचार और आतंकवाद के समर्थन में लड़ रहे है ?

 a) हाँ     b) नहीं 

10. क्या आपके पास कोई सुझाव या विचार है जो आप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शेयर करना चाहते हैं? 

अपने विचार शेयर करने के लिए धन्यवाद। अब अपने परिवार एवं दोस्तों को भी अपने विचार शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करें। 

यह सर्वेक्षण प्रधानमंत्री के सहभागी शासन और प्रमुख नीतियों और मुद्दों पर देश की जनता से राय लेने की परिकल्पना को साकार करता है | 

500 और 1000 रूपये के नोट के लीगल टेंडर पर प्रतिबन्ध के मामले पर प्रधानमंत्री ने लोगों से बबाल राय माँगी है और कई पहलुओं पर विचार आमंत्रित किये हैं| उन्होंने लोगों से इस विषय पर भी फीडबैक माँगा है कि कैसे इस फैसले को लागू किये जाने की प्रक्रिया को और मजबूत बनाया जाए | 

प्रधानमंत्री का जनता से सीधे संवाद का सिद्धांत में विश्वास इस सर्वेक्षण में परिलक्षित होता है | 

Take part in the survey on NM App. http://nm4.in/dnldapp

भारतीय खाद्य निगम बिक्री के लिए दोगुना गेंहू पेश करेगा


दिल्‍ली में हाल में गेंहू के थोक और खुदरा मूल्‍यों में वृद्धि देखने को मिली है। लेकिन अब गेंहू का भाव दिल्‍ली में कम होने लगा है। 21 नवम्‍बर, 2016 को थोक मूल्‍य 22.75 रूपये प्रति किलोग्राम और खुदरा मूल्‍य 24 रूपये प्रति किलोग्राम रहा।

आशा की जाती है कि आयात शुल्‍क 25 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत होने से आयतित गेंहू का प्रवाह बढ़ेगा और यातायात व्‍यवस्‍था में सुधार से बाजार तथा निजी क्षेत्र की जरूरतें पूरी होगी।

इसके अतिरिक्‍त भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने नवम्‍बर के पहले सप्‍ताह में दिल्‍ली और आसपास के क्षेत्रों में खुले बाजार में बिक्री की योजना (ओएमएसएस) के माध्‍यम से 29 हजार मीट्रिक टन गेंहू दिया। निगम 24 नवम्‍बर, 2016 को बिक्री के लिए 45,500 मीट्रिक टन गेंहू दे रहा है। दिल्‍ली के लिए एफसीआई 24 नवम्‍बर, 2016 को ओएमएसएस नीलामी के लिए गेंहू की पेशकश 7 हजार मीट्रिक टन से बढ़ाकर 14 हजार मीट्रिक टन करेगा।

संस्‍कृत का अध्‍ययन करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि : हामिद अंसारी


संस्‍कृत का अध्‍ययन करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है और इसका औचित्‍य साबित करने के लिए उच्‍चतर आध्‍यात्मिक प्रोत्‍साहनों के आह्वान की कोई आवश्‍यकता नहीं है : उपराष्‍ट्रपति 

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने आईसीसीआर विश्‍व संस्‍कृत पुरस्‍कार 2015-16 प्रदान किये 

उपराष्‍ट्रपति श्री एम.हामिद अंसारी ने कहा है कि संस्‍कृत का अध्‍ययन करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है और इसका औचित्‍य साबित करने के लिए उच्‍चतर आध्‍यात्मिक प्रोत्‍साहनों के आह्वान की कोई आवश्‍यकता नहीं है। वह भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा विश्‍व संस्‍कृत पुरस्‍कार 2015-16 प्रदान करने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्‍ट्रपति महोदय ने थाईलैंड की राजकुमारी महा चक्री सीरिन धोर्न और एक अमेरिकी भाषाविद् तथा इंडोलॉजिस्‍ट प्रोफेसर जॉर्ज कॉरडोना को आईसीसीआर के विश्‍व संस्‍कृत पुरस्‍कार के पहले प्राप्‍तकर्ता होने पर बधाई दी। इस अवसर पर विदेश राज्‍य मंत्री श्री एम.जे. अकबर और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी उपस्थित थे।

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि संस्‍कृत महत्‍वपूर्ण है और इस भाषा में सृजित वैज्ञानिक, दार्शनिक, धार्मिक एवं काव्‍य ग्रन्‍थों का संग्रह निश्चित रूप से विश्‍व में सबसे समृद्ध है और हमेशा से वैश्विक शाब्दिक संस्‍कृति में योगदान देता आ रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रतिभा को आकार देने में संस्‍कृत का बहुत बड़ा महत्‍व है, जो न केवल आध्‍यात्मिकता और धर्म के क्षेत्रों में है, बल्कि कला, कविता एवं साहित्‍य क्षेत्रों में भी है और साथ ही विज्ञान, नीति शास्‍त्र और दर्शन तथा ज्ञान की प्रणालियों में भी है। उपराष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि संस्‍कृ‍त में किसी भाषा के सबसे बड़े साहित्‍यों में एक सन्निहित है और यह विश्‍व के तीन बड़े धर्मों के पवित्र साहित्‍य को समावेशित करता है।

उपराष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि मौखिक से लिखित रूप की तरफ रूपान्‍तरण से संस्‍कृत का पूरे दक्षिणी एवं पश्चिमी एशिया में बेहद तेज गति से विस्‍तार हुआ। उन्‍होंने यह भी कहा कि थाई एवं अन्‍य दक्षिण-पूर्व एशियाई भाषाओं की संस्‍कृत में मजबूत जड़ें हैं, जो संस्‍कृत के साथ उनके अतीत के संबंध की मजबूत जड़ों को परिलक्षित करता है। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि यूरोप और अमरीका में भी संस्‍कृत में छात्रवृत्ति प्रदान करने की एक लंबी और मूल्‍यवान परम्‍परा रही है।

पंजाब में कांग्रेस का हो रहा ‘अकालीकरण’, सरक रहा हिन्दू वोट


पंजाब प्रदेश कांग्रेस इलैक्शन कमेटी की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन पर विचार-विमर्श करने हेतु बुलाई गई बैठक में आज कई पार्टी नेताओं ने कांग्रेस के ‘अकालीकरण’ के खिलाफ आवाज बुलंद की।

कांग्रेस के 2 पूर्व अध्यक्षों प्रताप सिंह बाजवा व शमशेर सिंह दूलो (दोनों एम.पी.) ने कहा कि ए.आई.सी.सी. ने अपने जयपुर सैशन में एक प्रस्ताव पारित कर यह निर्धारित कर रखा है कि जो कोई भी कांग्रेस पार्टी में शामिल होगा उसे 3 वर्ष के लिए कोई ओहदा नहीं दिया जाएगा लेकिन हाल ही में कई लोग अकाली दल से कांग्रेस में शामिल हुए हैं और उन्हें कोई न कोई ओहदा या टिकट देने का प्रयास किया गया है। 

इस सिलसिले में हंसराज हंस, इंद्रबीर सिंह बुलारिया तथा सरवन सिंह फिल्लौर का जिक्र किया गया। उनका कहना था कि कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ताओं को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा यह भी देखने में आया है कि अन्य पाॢटयों से आने वाले नेता कांग्रेस में ज्यादा देर टिकते नहीं। इस संदर्भ में जोङ्क्षगद्र पाल जैन, अरविंद खन्ना तथा जीत महेंद्र सिंह सिद्धू की मिसाल दी गई।

चौधरी संतोख सिंह एम.पी. ने कहा कि उनके संसदीय हलके से एक व्यक्ति को कांग्रेस में उन्हें विश्वास में लिए बिना ही शामिल कर लिया गया है। कांग्रेस के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष मोहिन्द्र सिंह के.पी. ने भी अपनी आपत्ति दर्ज करवाई। ब्रह्म महिंद्रा, अश्विनी सेखड़ी तथा मनीष तिवाड़ी ने कहा कि पार्टी को हिंदू वोटों को कंसोलिडेट करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हिंदू समुदाय कांग्रेस पार्टी से टूट रहा है और उसका झुकाव भाजपा की ओर बढ़ रहा है। 

प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में "सभी के लिए आवास" का शुभारंभ किया


दिनांक 20 नवंबर, 2016 को माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी द्वारा प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण का शुभारंभ आगरा से किया गया। जिसके अन्‍तर्गत सभी ग्रामीण परिवारों को वर्ष 2022 तक पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित व पक्‍के घर उपलब्‍ध कराने का प्रावधान है। 

नवीन योजना में तालमेल के माध्‍यम से लाभार्थी को प्रति इकाई लगभग 1.50-1.60 लाख रु. उपलब्‍ध होंगे। लाभार्थी की इच्‍छा पर रु. 70,000 की राशि के ऋण का भी प्रावधान है। प्रधान मंत्री जी ने मंच के पास प्रदर्शित कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्‍न क्षेत्रों की आवश्‍यकतानुसार तैयार किए गए 200 से अधिक भवन डिजाइन में से लगभग 40 डिजाइनों का अवलोकन किया तथा ग्रामीण राजमिस्‍त्री प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले उम्‍मीदवारों से मुलाकात की। प्रधान मंत्री जी द्वारा आगरा जिले के लाभान्‍वितों को प्रधान मंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत स्‍वीकृति पत्र भी दिए गए।

मार्च, 2019 तक एक करोड़ घर निर्मित किए जाएंगे। लाभान्‍वितों का चयन सामाजिक-आर्थिक जनगणना, 2011 के आधार पर तथा ग्राम सभा के अनुमोदन से किया गया है। भवनहीन तथा एक या दो कमरे के कच्‍ची छत कच्‍ची दीवार के मकान में रहने वाले गरीब परिवारों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। स्‍थानीय निर्माण सामग्री के अधिकतम उपयोग के साथ रसोई, बिजली कनेक्‍शन, एलपीजी, स्‍नानघर व शौचालय के प्रावधानों से युक्‍त कर आवास को एक पूर्ण रूप दिया गया है। 

लाभान्‍वितों को भुगतान पूरी तरह आईटी/डीबीटी के माध्‍यम से किया जाएगा तथा आईसीटी व स्‍पेस टेक्‍नॉलोजी (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी) के उपयोग से कार्य की प्रगति का अनुश्रवण आवाससॉफ्ट एमआईएस पर किया जाएगा। 

प्रधान मंत्री जी ने ऐसे लाभान्‍वितों से भी बातचीत की जिनके घर का निर्माण नए डिजाइन के प्रयोग से प्रशिक्षण के क्रम में किया गया।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह का विमुद्रीकरण पर सन्देश


हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पांच सौ व एक हजार रूपए के नोटों को वैध मुद्रा के रूप में चलन समाप्त करने का जो निर्णय लिया गया है वह ऐतिहासिक, साहसिक और राष्ट्रहित में लिया गया निर्णय है। 

ऐसे फैसले वे ही लोग करते है जो राजनीति केवल सरकार बनाने के लिए नही करते बल्कि राजनीति समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए करते है। 

स्वाभाविक रूप से इस फैसले के परिणामस्वरूप भ्रष्टाचारियों और आतंकवादियों के आर्थिक स्रोतों पर लगाम लगेगी तथा राजनीति एवं प्रशासनिक काम-काज में शुचिता बढ़ेगी।

इस फैसले से थोड़े समय के लिए जो कुछ भी कठिनाई अनुभव हो रही है इस हेतु सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ हर स्तर से प्रयत्नशील है। अतः शीघ्र ही स्थितियां सहज और सामान्य हो जाएगी। 

परन्तु देश की जनता ने जिस तरीके से राष्ट्रहित में लिए गए इस फैसले का स्वागत किया है, सहयोग और संबल प्रदान किया है वह निश्चित रूप से अभिनंदनीय है।

महिला को अश्लील संदेश और चित्र भेजने के आरोप में अभिनेता एजाज खान गिरफ्तार


हमेशा से विवादों से जुड़े अभिनेता एजाज खान को मालवणी पुलिस ने देर रात उनके घर से गिरफ्तार किया है। एजाज खान पर एक महिला ने बदसलूकी और अश्लील फोटो भेजने का आरोप लगाया है।

मालवणी पुलिस ने एजाज खान पर १५ नंवबर को ही आईपीसी की धारा ३५४ के अलावा ६६ई आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है। रविवार को एजाज खान को बोरीवली हॉलिडे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

पहले भी एक मॉडल ने एजाज पर अश्लील संदेश और फोटो भेजने का मामला दर्ज कराया था। मॉडल ऐश्वर्या चौबे की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बताया कि एजाज खान ने उसे आपत्तिजनक फोटो भेजी थी, जिसे बाद में उसने डिलीट कर दिया। यही नहीं, मॉडल ने यह भी दावा किया कि खान ने उसे अश्लील संदेश भी भेजे हैं।

नौसेना ने पलवल के अमरपुर में स्वास्थ्य शिविर लगाया 

नौसेना सप्ताह समारोह के एक अंग के रूप में, भारतीय नौसेना हरियाणा के पलवल जिले के अमरपुर गांव में आम जनता के लिए 19 से 21 नवम्‍बर, 2016 को एक नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर रही है। अपने इस महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम के माध्यम से, भारतीय नौसेना आम जनता में नौसेना की भूमिका और कार्यों के बारे में जागरूकता लाने और युवाओं को नौसेना को एक कैरियर के रूप में चुनने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित भी करेगी।

एक भव्य समारोह के दौरान आज अमरपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लान्‍बा ने एक शिविर का उद्घाटन किया। सर्जन वाइस एडमिरल बिपिन पुरी, पीएचएस, महानिदेशक चिकित्सा सेवा (नौसेना) ने गणमान्य व्यक्तियों और सभा का स्वागत किया। इस अवसर पर पलवल जिले के आयुक्‍त श्री अशोक कुमार, पलवल की सहायक जिला आयुक्‍त सुश्री अंजू चौधरी और पलवल के डीएसपी श्री अभिमन्यु भी समारोह में उपस्थित थे। चिकित्सा सेवा के प्रधान निदेशक सर्जन कमोडोर एससी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

उद्घाटन समारोह के बाद, मुख्य अतिथि पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी एडमिरल सुनील लान्‍बा ने बाह्य रोगी विभागों का दौरा किया और चिकित्‍सकों, नर्सिंग अधिकारियों व चिकित्सा तकनीशियन से वार्तालाप किया।

मुंबई स्‍थित प्रमुख नौसेना अस्‍पताल आईएनएचएस अश्विनी के चिकित्सा विशेषज्ञों, अति-विशेषज्ञों और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों के एक दल ने इस शिविर के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चिकित्सा विशेषज्ञ बाह्य रोगियों से चिकित्‍सा, शल्य चिकित्सा, स्त्री रोग, बाल चिकित्सा, नेत्र, ईएनटी, त्वचा, हदय विज्ञान और अंत-स्रत्राविका जैसे रोगों के लिए परामर्श देंगे। शिविर में ग्रीवा कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर के लिए जांच की भी सुविधा है।

शिविर की शुरूआत के तौर पर, रक्त जांच हेतु बाहर ले जाने की सुविधा सहित एक मोबाइल प्रयोगशाला को चार गांवों बलाई, रामपुर खोर, झालहका और अमरपुर में स्थापित किया गया था। करीब 600 लोग इस मोबाइल प्रयोगशाला से लाभान्वित भी हो चुके हैं। 

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