बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए 92,087.93 करोड रुपये का बजट पेश किया जिसमें राजस्व प्राप्ति बढाने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर करों में भारी वृद्धि की गयी है. मोदी राज्य के उपमुख्यमंत्री के साथ साथ वित्त मंत्री भी हैं. उन्होंने लगातार नौवीं बार राज्य का बजट पेश किया है. मोदी ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिये राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश करते हुये कहा कि 92087.93 करोड रुपये की राशि खर्च की जाएगी जबकि कुल प्राप्तियां 91899.16 करोड रुपये रहने का अनुमान है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के तहत आने वाले समय में यदि केंद्र की ओर से विभिन्न एजेंसियों को 10 हजार करोड रुपये का स्थानांतरण को जोड दिया जाए तो बिहार का बजट एक लाख करोड रुपये के आंकडे को पार कर जायेगा. राज्य सरकार ने राजस्व अर्जित करने के लिए और तंबाकू उत्पाद को हतोत्साहित करने के लिए सिगरेट और तंबाकू से बने उत्पाद पर कर में भारी बढोतरी की है. सिगरेट पर अब 20 प्रतिशत के बजाय 30 प्रतिशत कर यानी वैट लगेगा जबकि बीडी पर अब 13.5 प्रतिशत की दर से वैट लगेगा.
मोदी ने कहा कि ट्रांसमिशन टावर, ट्रांसफारमर और यूपीएस पर इसे पांच प्रतिशत से बढाकर 13.5 कर दिया गया है जबकि फर्नीचर, लिफ्ट, बैटरी और बैटरी चार्जर पर प्रवेश कर लगेगा. हस्तनिर्मित साबुन, नॉन.स्टिक कुकवेयर, मच्छर प्रतिरोधक लिक्विड और क्वायल, दीवार क्लीनर आदि वस्तुओं को एक स्थिर कर स्लैब के तहत लाया गया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में 91,899.16 करोड रुपये की कुल प्राप्तियों का लक्ष्य है जिसमें से राजस्व प्राप्तियां 80,066.47 करोड रुपये की होगी जबकि इसमें राज्य सरकार के अपने स्नेत से राजस्व संग्रह 20,962.70 करोड रुपये का होगा. वित्तीय वर्ष 2013-14 में विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 11,819 करोड रुपये का ऋण लेने का लक्ष्य है. हालांकि, बजट में 6808.85 करोड रुपये का राजस्व अधिशेष है.
मोदी ने कहा कि बजट प्रस्तावों में 8,769 करोड रुपये का राजकोषीय घाटा है. इस स्तर पर यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद :जीएसडीपी: के 2.79 प्रतिशत पर होगा. वित्तीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन अधिनियम :एफआरबीएम: के तहत रखे गये लक्ष्यों के भीतर है. इस कानून में राज्यों को उनका राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का तीन प्रतिशत के दायरे में रखने को कहा गया है. राज्य की देनदारियों के रुप में 65,837.99 करोड रुपये का सार्वजनिक कर्ज है जो जीएसडीपी का 20.96 प्रतिशत है. यह इस बात का संकेत है कि राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक है. बिहार के अगले वित्तीय वर्ष के बजट में सबसे अधिक व्यय का प्रावधान शिक्षा, स्वास्थ्य और सडक क्षेत्र के लिये रखा गया है. शिक्षा पर 18,280.78 करोड रुपये, स्वास्थ्य पर 3356.84 करोड रुपये जबकि सडक पर 7208.42 करोड रुपये खर्च का प्रस्ताव है. बीते वर्ष के बजट की तुलना में इन क्षेत्रों में खर्च में बढोतरी की गयी है.
बिहार के अगले वित्तीय वर्ष के बजट में सबसे अधिक व्यय का प्रावधान शिक्षा, स्वास्थ्य और सडक क्षेत्र के लिये किया गया है. शिक्षा पर 18,280.78 करोड रुपये, स्वास्थ्य पर 3356.84 करोड रुपये जबकि सडक पर 7208.42 करोड रुपये व्यय का प्रस्ताव है. बीते वर्ष के बजट की तुलना में इन क्षेत्रों में खर्च में अच्छी बढोतरी की गयी है. राज्य सरकार ने कुल बजट का 16 प्रतिशत हिस्सा अनुसूचित जातियों के कल्याण पर खर्च करने का निर्णय किया है जबकि न्याय के साथ विकास के एजेंडा के तहत बजट की एक प्रतिशत राशि अनुसूचित जनजाति के कल्याण कार्य पर खर्च होगी. बजट प्रावधान में अच्छा खासा हिस्सा जेंडर बजट के तहत महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए खर्च किया जाएगा.
उपभोक्ताओं को मामूली राहत देते हुए अगबत्तियों, नारियल, कुर्थी दाल, मटर और राजमा पर लगने वाले करों में राहत दी है. शराब और अन्य प्रकार के मद्य उत्पादों पर अतिरिक्त अधिभार लगाकर उन्हें और महंगा करने का प्रावधान है. जीविका के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढावा और सशक्तिकरण के उद्देश्य से राज्य सरकार ने परिवहन क्षेत्र में महिलाओं को उनके नाम पर व्यावसायिक वाहनों पर रोड टैक्स पर 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान किया है. महिलाओं द्वारा तिपहिया, टैक्सी, मैक्सी, मोटर कैब आदि खरीदने पर रोड टैक्स में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी लेकिन ऐसे वाहनों में महिला चालक होना अनिवार्य होगा. इसका उल्लंघन करने पर दोगुना रोड टैक्स वसूला जाएगा.
मोदी ने कहा कि नि:शक्त लोगों के लिए प्रयोग में आने वाले ट्राइसाइकिल और अन्य उपकरणों पर लगने वाले 17.50 रुपये के वार्षिक कर को मुक्त कर दिया गया है. तीस दिनों के अस्थायी परिवहन परमिट के लिए दूसरे राज्यों के व्यावसायिक वाहनों पर लगने वाली राशि को दोगुना करने का निर्णय किया गया है. विभिन्न वर्ग के वाहनों पर 14 से 27 प्रतिशत कर लगाने का निर्णय किया गया है. उपमुख्यमंत्री ने बजट में कृषि, सिंचाई और शिक्षा के क्षेत्र में अन्य कई प्रकार की विकास योजनाओं को शुरु करने की भी घोषणा की है.
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