#H5N8 वायरस की रोकधाम हेतु सरकार ने ठोस कदम उठाये


वायरस के नए उपप्रकार एच5एन8की पुष्टि विभाग ने इस संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए राज्य सरकार और चिड़ियाघर प्राधिकरण को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए

1. 17 अक्टूबर 2016 को (देर शाम) भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान ने सूचित किया कि नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में मरे जंगली पक्षियों के जो नमूने उन्होंने प्राप्त किए थे, जांच के बाद उनमें एच5 एवियन इनफ्लूएंजा वायरस पाया गया है। इससे पहले जालंधर की उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला में इन्हीं नमूनों में इन्फ्लुएंजा ए वायरस पाया गया था। इसके तत्काल बाद दिल्ली प्रशासन, पशुपालन के निदेशक और राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के निदेशक को परामर्श सूचना जारी की गई और अनुरोध किया गया था कि वे रिपोर्ट विभाग को भेजें।

2. राष्ट्रीय प्राणी उद्यान ने 18 अक्टूबर 2016 को बताया कि मृत्यु दर बंदी पक्षियों में नहीं बल्कि जंगली पक्षियों में थी। इनकी मृत्यु 14 अक्टूबर को शुरू हुई थी। 14 से 17 अक्टूबर के बीच नौ पक्षी मारे गए जिनमें 5 रोजी पेलिकन, 3 बतख और एक पेंटेड स्टोर्क था।

3. पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग ने भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान और जालंधर की प्रयोगशाला से अनुरोध किया है कि संक्रमण का स्त्रोत निर्धारित करने के लिए फैलाव की अच्छी तरह से जांच करें ताकि देश भर के चिड़ियाघर अधिकारी बंदी पक्षियों तक इस रोग का प्रवेश रोकने के लिए उपयुक्त रणनीति लागू कर सकें। इस पर कार्य किया जा रहा है।

4. दिल्ली पशुपालन के निदेशक ने 18 अक्टूबर 2016 को चिड़ियाघर का दौरा किया और चिड़ियाघर में कार्रवाई / निगरानी का काम करने के लिए अपनी टीम को नियुक्त किया।

5. 19 अक्टूबर 2016 को पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के संयुक्त आयुक्त और सहायक आयुक्त ने राष्ट्रीय प्राणी उद्यान का दौरा किया और वहां के निदेशक के साथ चर्चा की और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, एनसीडीसी के अधिकारियों व अन्य के साथ बैठक में भाग लिया। विभाग ने इस संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए राज्य सरकार और चिड़ियाघर के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी निवेदन किया गया है कि देश में सभी वन्य जीवन/पक्षी अभयारण्यों को अलर्ट पर रहने और इस रोग की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह वे जारी करें।

6. एनआईएचएसएडी ने 19 अक्‍टूबर, 2016 को वायरस सबटाइप एच5एन8 का संक्रमण वन पक्षियों में पाए जाने की पुष्टि की। यह एक नए प्रकार का सबटाइप है, जो देश में पहली बार पाया गया है। वर्ष 2015 के दौरान 11 देशों में और 2016 के दौरान चार देशों (भारत सहित) में एच5एन8 पाए जाने की रिपोर्ट मिली है।

7. एनआईएचएसएडी ने 21 अक्‍टूबर, 2016 को सूचित किया कि गांधी वन्‍य प्राणी उद्यान, ग्‍वालियर से प्राप्‍त नमूनों में भी एच5एन8 एआईवी पॉजीटिव पाया गया है। राज्‍य पशु पालन निदेशक को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी समस्‍त वन्‍य जीव/पक्षी अभयारण्‍यों को परामर्श जारी करने का अनुरोध किया गया है।

8. ओआईई के अनुसार वन पक्षी/प्रवासी पक्षियों एवियन इंफ्लूएंजा रोग देश की स्थिति (स्‍टेटॅस) को प्रभावित नहीं करता, इसलिए व्‍यापार संबंधी निहितार्थ नहीं होंगे।

9. अब तक दुनिया में कहीं भी कोई इंसान एच5एन8 के साथ संक्रमित नहीं पाया गया है। हालांकि नियंत्रण संबंधी प्रचालनों के दौरान बीमार/मृत पक्षियों और दूषित सामग्री के सम्‍पर्क में आते समय आवश्‍यक ऐहतियाती उपाय किए जाने चाहिए।

उड़े देश का आम नागरिक : उड्डयन मंत्रालय ने “उड़ान” योजना लॉन्च की


नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने छोटे शहरों के साधारण जन की हवाई यात्रा का सपना पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नागरिक उडड्यन मंत्री श्री पी.अशोक गजपति राजू ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय की बहुप्रतीक्षित क्षेत्रीय कनेक्टविटी योजना “उड़ान” लॉन्च की। उड़ान क्षेत्रीय उड्डयन बाजार विकसित करने के लिए एक नवाचारी योजना है। यह बाजार आधारित व्यवस्था है जिसमें एयरलाइन्स सीटों की सब्सिडी के लिए बोली लगाएंगी। यह विश्व की अपने किस्म की पहली योजना है जो क्षेत्रीय हवाई मार्गों पर किफायती और आर्थिक रूप से व्यावहारिक उड़ाने प्रस्तुत करेंगी और इससे छोटे शहरों के साधारण व्यक्ति को किफायती दर पर हवाई सेवा की सुविधा मिलेगी।

इस अवसर पर श्री राजू ने आशा व्यक्त की कि योजना के अंतर्गत अगले वर्ष जनवरी में पहली उड़ान भरी जाएगी। उन्होंने बताया कि हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद योजना तैयार की गयी है। उन्होंने इस योजना को सफल बनाने की अपील की।

इस अवसर पर नागरिक उडड्यन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य “उड़े देश का आम नागरिक” है। उन्होंने कहा कि यह योजना रियायत, कनेक्टविटी और विकास सुनिश्चित करती है। इसमें सभी हितधारकों का लाभ होगा। नागरिकों को रियायत, कनेक्टविटी और अधिक रोजगार मिलेंगे। केंद्र क्षेत्रीय वायु संपर्क और बाजार का विस्तार करने में सक्षम होगा। राज्य सरकारें दूर-दराज के क्षेत्रों का लाभ उठाएंगी। व्यापार बढेगा और वाणिज्य तथा पर्यटन का विकास होगा। सेवा प्रदान कर रही एयरलाइंसों के लिए नए मार्ग और अधिक यात्री मिलेंगे। यह योजना स्टार्ट-अप एयरलाइंस को नए कारोबार का अवसर प्रदान करेगी।

उड़ान योजना में सेवा रहित और क्षमता से कम सेवा वाले देश के हवाई अड्डों को वर्तमान हवाई पट्टियों तथा हवाई अड्डों का पुनर्रोद्धार कर कनेक्टविटी प्रदान करना है। यह योजना 10 वर्षों के लिए होगी।

उड़ान क्षेत्रीय कनेक्टविटी विकसित करने के लिए अनूठा बाजार आधारित मॉडल है। रूचि रखने वाली एयरलाइंस तथा हेलीकॉप्टर ऑपरेटर योजना लागू करने वाली एजेंसी को प्रस्ताव प्रस्तुत करके अभी तक संपर्क से नहीं जुड़े मार्गों पर संचालन शुरू कर सकते हैं। ऑपरेटर विभिन्न रियायतें प्राप्त करने के अतिरिक्त संभाव्यता अंतर राशि पूर्ति चाहेंगे। ऐसे सभी मार्ग प्रस्तावों को उल्टी बोली व्यवस्था के माध्यम से स्पर्धी बोली लगाने की पेशकश की जाएगी और मार्ग अधिकार उस ऑपरेटर को मिलेगा जिसकी बोली प्रति सीट न्यूनतम वीजीएफ की होगी। मूल प्रस्ताव प्रस्तुत करने वाले ऑपरेटर हो यदि उसकी मौलिक बोली सबसे कम बोली के 10 प्रतिशत के अंदर है तो उसे सबसे कम बोली को बराबर करने में इंकार का पहला अधिकार मिलेगा। सफल बोली लगाने वाले को तीन वर्ष की अवधि के लिए मार्ग संचालन का विशेष अधिकार प्राप्त होगा। तीन साल की अवधि के बाद यह समर्थन वापस ले लिया जाएगा क्योंकि तब तक मार्ग स्वयं में सक्षम हो जाएगा।

विमान सेवा में चयनित एयरलाइन ऑपरेटर को न्यूनतम 9 और अधिकतम 40 उडान सीटें सब्सिडी दरों पर देनी होंगी और हैलीकॉप्टर के लिए न्यूनतम 5 और अधिकतम 13 सीटें सब्सिडी दर पर देनी होंगी। ऐसे प्रत्येक मार्ग पर विमान सेवा की गति प्रतिसप्ताह न्यूनतम 3 और अधिकतम 7 प्रस्थान सेवा होगी। आर्थिक और विमान की उपयोग क्षमता को हासिल करने के लिए योजना के तहत मार्ग नेटवर्कों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

विमान से 500 किलोमीटर की एक घंटे की यात्रा तथा हैलीकॉप्टर से 30 मिनट की यात्रा के लिए किराये की सीमा 2,500 रूपये होगी।

इसे हासिल करने का जरिया होगा (1) केंद्र व राज्य सरकारों और एयरपोर्ट ऑपरेटरों से मिली रियायतों के रूप में एक वित्तीय प्रोत्साहन, और (2) ऐसे हवाई हड्‌डों से संचालन शुरू करने में दिलचस्पी रखने वाली विमान सेवाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर राशि ताकि यात्री किरायों को सस्ता रखा जा सके।
• घटे हुए उत्पाद शुल्क, सेवा कर, नॉन-आरसीएस (उड़ान) सीटों के बदले एएसकेएम के लेने-देने की अनुमति और आरसीएस (उड़ान) हवाई अड्‌डों पर कोड साझा करने के लचीलेपन के रूप में केंद्र सरकार छूट प्रदान करेगी।

• राज्य सरकारों को एटीएफ पर मूल्य वर्धित कर यानी वैट 1 प्रतिशत या उससे भी करना होगा। इसके साथ ही उन्हें सुरक्षा और अग्निशमन सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध करवानी होंगी। उन्हें बिजली, पानी और अन्य सुविधाएं काफी रियायती दरों पर प्रदान करनी होंगी।

• रूट नैविगेशन के सुविधा शुल्क पर छूट के साथ हवाई अड्डा संचालक, लैंडिंग और पार्किंग प्रभार और टर्मिनल नैविगेशन लैंडिग प्रभार नहीं लागू करेंगे। इस योजना के अंतर्गत व्यवहार्यता अंतर राशि की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक क्षेत्रीय संपर्क कोष बनाया जाएगा। कुछ घरेलू उड़ानों पर प्रति प्रस्थान आरसीएफ कर लागू किया जाएगा।

भागीदार राज्य सरकारें (इनमें पूर्वोत्तर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल नहीं हैं जिनका योगदान 10 प्रतिशत होगा) इस कोष के लिए 20 प्रतिशत हिस्से का योगदान देंगी। संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए इस योजना के तहत आवंटन देश के पांच भौगोलिक क्षेत्रों में समान रूप किया जाएगा। वेक्षेत्रहैं- उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, पूर्व और उत्तर-पूर्व।

इस योजना के अंतर्गत राज्यों की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। उड़ान योजना का संचालन जिन हवाई अड्डों से शुरू किया जाएगा उनका चयन राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श करके और उनकी रियायतों की पुष्टि के बाद ही किया जाएगा। यह याद किया जाए कि अधिकांश राज्यों की यह मांग लंबे समय से रही है कि बेकार हवाई अड्डों का पुनरुद्धार हो और गैर-सेवावालेहवाई अड्डों पर संचालन शुरू किया जाए और उड़ान योजना के जरिए मोटे तौर पर इसे संबोधित किया जाएगा।

देश के भीतरी प्रदेशों में पर्यटन और रोजगार निर्माण को प्रमुख गति देने का काम उड़ान करेगी। हैलीकॉप्टरों और छोटे विमानों को लाने के माध्यम से ऐसा लग रहा है कि काफी दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों, द्वीपों और देश के अन्य क्षेत्रों में यात्रा में लगने वाला समय काफी घट जाएगा।

शिकायतें दर्ज कराने के लिए उपभोक्ता मेले में पहुंचे 2000 से ज्यादा लोग


उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा कल नई दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में आयोजित उपभोक्ता मेले में उपभोक्ताओं में पर्याप्त उत्साह देखा गया और अपनी शिकायतें दर्ज करवाने व परामर्श के लिए मेले में 2000 से ज्यादा लोग पहुंचे। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन स्टाल ने 200 से ज्यादा लोग पंजीकृत किए। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के काउंटर पर विभिन्न तरह के सवालों व सुझावों को लेकर 100 से ज्यादा लोग पहुंचे। वहीं गुमराह करने वाले विज्ञापनों संबंधी शिकायतों को लेकर एएससीआई काउंटर पर 60 लोग पहुंचे। एफएसएसएआई के स्टाल पर 250 और ट्राय के स्टाल पर 200 लोग पहुंचे। 

यह मेला उद्योग मंडलों फिक्की, एसोचैम, सीआईआई, पीएचडी चैंबर और डीआईसीसीआई और साथ ही क्षेत्र के नियामकों जैसे ट्राय, एफएसएसएआई, बीआईएस आदि के सहयोग से आयोजित किया गया था। मेले का उद्घाटन केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने किया। इस कार्यक्रम के दौरान न्यायमूर्ति श्री डी.के. जैन, अध्यक्ष एनसीडीआरसी, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव श्री हेम पांडे, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न औद्योगिक निकायों के वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद थे। 

यह मेला आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को आमने-सामने लाना था ताकि जहां तक संभव हो, वहां तक उपभोक्ताओं की समस्याओं का निपटारा हो सके। यह उपभोक्ताओं के लिए मौके पर ही अपनी शिकायतें दर्ज करवाने का एक अच्छा अवसर भी था। 

उद्घाटन के दौरान मंत्री महोदय ने सप्ताह भर तक चलने वाला उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम का शुभांरभ भी किया जो पूरे देश में 20 अक्टूबर से 27 अक्टूबर, 2016 तक मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष 15 मार्च से उपभोक्ता जागरूकता सप्ताह मनाया जाएगा। 15 मार्च का दिन विश्व भर में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयोग से विभाग 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2016 के बीच स्वच्छता पखवाड़ा भी मना रहा है। मेले के दौरान लोगों को बताया गया कि अपने आस-पास को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी उपभोक्ताओं की ही है। 

मेले में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन, बीआईएस, एफएसएसएआई, एनटीएच, एनसीडीआरसी, वजन एवं माप, प्रतिष्ठित निजी कंपनियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। सभी को मिलाकर प्रतियोगियों ने कुल 50 स्टालें लगाई थीं। 

मेले में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव श्री हेम पांडे ने सभी राज्य सरकारों से आह्वान किया कि वह भी अपने-अपने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए इस तरह के मेलों का आयोजन करें। 

पेरिस में जी-20 संगोष्‍ठी में भारत सरकार की सराहना


दो दिवसीय जी-20 भ्रष्‍टाचार रोधी कार्य समूह (एसीडब्‍ल्‍यूजी) बैठक से पहले पेरिस में आर्थिक सहयोग एवं विकास (ओईसीडी) संगठन में भ्रष्‍टाचार एवं वै‍श्विक अर्थव्‍यवस्‍था पर एक जी-20 संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया। भारत के शिष्‍टमंडल का नेतृत्‍व संयुक्‍त सचिव (अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग), डीओपीटी श्री देवेश चतुर्वेदी कर रहे हैं। 

संगोष्‍ठी में भाग लेने वाले पैनेलिस्‍ट में ओईसीडी, आईएमएफ एवं विश्‍व बैंक के विशेषज्ञ तथा अग्रणी विश्‍वविद्यालयों के अर्थशास्‍त्री एवं अनुसंधानकर्ता शामिल हैं। कई पैनेलिस्‍टों ने जेएएम (जनधन, आधार एवं मोबाइल) के जरिये भारत में प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण (डीबीटी) को व्‍यावहारिक क्रियान्‍वयन उपकरण के एक उदाहरण के रूप में रेखांकित किया जिसका परिणाम भ्रष्‍टाचार स्‍तरों को कम करने के साथ-साथ राजस्‍व नुकसान एवं देरी में कमी के रूप में भी सामने आया। 

अल्‍पसंख्‍यक मंत्रालय भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में लगाएगा ‘हुनर हाट’


शिल्‍पकार 25 अक्‍टूबर ,2016 तक राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक विकास एवं वित्‍त कारपोरेशन में आवेदन कर सकते हैं 

अल्‍पसंख्‍यक मामलों के राज्‍य मंत्री(स्‍वतंत्र प्रभार), संसदीय कार्य मंत्री श्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने आज यहां बताया कि अल्‍पसंख्‍यक मामलों का मंत्रालय भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में अल्‍पसंख्‍यक शिल्‍पकारों द्वारा बनाए गए हस्‍तशिल्‍प, एम्‍ब्रायडरी आदि की प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। उन्‍होंने बताया कि इस ‘हुनर हाट’ (कौशल हाट) के दौरान देश भर के विभिन्‍न कोनों से भारी संख्‍या में शिल्‍पकार शामिल होंगे। पहली बार देश भर के दूर दराज के इन मेधावी शिल्‍पकारों को राष्‍ट्रीय एवं अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर की प्रदर्शनी में एक ही छत के नीचे अपने हुनर के प्रदर्शन का अवसर मिलेगा। भारत अंतराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले का आयोजन राजधानी के प्रगति मैदान में 14 नवंबर ,2016 से हेागा।

उन्‍होंने बताया कि इस अनुपम ‘हुनर हाट की एक विशेषता यह होगी कि मंत्रालय कलाकारों /शिल्‍पकारों को नि:शुल्‍क स्‍टॉल उपलब्‍ध कराएगा और साथ ही आने- जाने तथा दैनिक खर्च की भी व्‍यवस्‍था करेगा ताकि विशेषज्ञ शिल्‍पी दिल्‍ली पहुंच कर भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले(आईआईटीएफ) जैसे अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर अपना कौशल और कला का प्रदर्शन कर सकें। श्री नकवी ने बताया कि इस प्रदर्शनी में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में बेने बांस की कलाकृतियां,कपड़ों पर एम्‍ब्रायडर का काम (चिकन) पीतल की कलाकृतियां, उत्‍तर प्रदेश की कपड़ों पर जरदोई का काम, दक्षिणी राज्‍यों के पॉटरी का काम, चंदन एवं अन्‍य काष्‍ठ कलाकृतियां, बिहार एवं झारखंड के हस्‍तशिल्‍प तथा बंगाल एवं ओडिशा से घरों में प्रयोग होने वाली वस्‍तुओं तथा अलुवेरा, नीम तथा तुलसी से तैयार जड़ी-बूटियों के उत्‍पाद शामिल होंगे। इसके साथ ही ‘हुनर हाट’ में राजस्‍थान से संगमरमर की कलाकृतियां,गुजरात से सुंदर हस्‍तशिल्‍प ,जम्‍मू एवं कश्‍मीर से पशमीना तथा पीतल के कार्यों का भी प्रदर्शन होगा। सदियों पुराने आयुर्वेद, यूनानी स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल, कांच की कलाकृतियां, भारतीय रेशम – सूती वस्‍त्र के काम भी इस प्रदर्शनी के अंग होंगे। व्‍यापार मेले में शिल्‍पी अपने कौशल का प्रदर्शन भी लोगों के सामने उत्‍पादों को बनाकर करेंगे।

श्री नकवी ने कहा कि उन्‍होंने सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि अपने सभी विभागों को निर्देश दें कि वे सभी मेधावी शिल्पियों को इस प्रदर्शनी के बारे में जागरूक करें और 25 अक्‍टूबर, 2016 तक इस प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए अपना आवेदन राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक विकास वित्‍त कारपोरेशन (एनएमडीएफसी) को भेजने के लिए प्रोत्‍साहित करें। 

एनएमडीएफसी, अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय की ओर से भारत अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में उस्‍ताद (विकास के लिए कलाशिल्‍पों में प्रशिक्षण एवं कला का उन्‍नयन) स्‍कीम के बैनर तले भाग लेगा।

वाइस एडमिरल एस.वी. भोकारे ने भारतीय नौसेना के कमांडेंट का पदभार संभाला


वाइस एडमिरल एसवी भोकारे, वाईएसएम, एनएम ने 20 अक्‍टूबर, 2016 को भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) के कमांडेंट का पदभार संभाल लिया। इस अवसर पर उन्‍हें शानदार गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्‍तुत किया गया। 

इससे पहले, वाइस एडमिरल एस.वी. भोकारे, वाईएसएम, एनएम ने कमान संभालने से पहले राष्‍ट्रीय नौसेना अकादमी में युद्ध स्‍मारक ‘प्रेरणा स्‍थल’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

वाइस एडमिरल एस.वी. भोकारे, वाईएसएम, एनएम नौवहन और दिशा विशेषज्ञ हैं। वाइस ए‍डमिरल भोकारे राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी खड़गवासला और डिफेंस सर्विसेज स्‍टॉफ कॉलेज वेलिंग्‍टन, तमिलनाडु के स्‍नातक हैं। वह आर्मी वार कॉलेज महोव में हाइयर कमान कोर्स कर चुके हैं। वाइस एडमिरल एस.वी. भोकारे ने ऑस्‍ट्रेलियन डिफेंस कॉलेज, कैनबरा से रक्षा और रणनीतिक अध्‍ययन में मास्‍टर डिग्री हासिल की है। 

वाइस एडमिरल भोकारे भारतीय नौसेना की पनडुब्‍बी शाखा के अधिकारी हैं। वह अपने 32 वर्षों के शानदार कैरियर में तीन अग्रणी पनडुब्बियों-आईएनएस सिंधुघोष, सिंधुध्‍वज तथा सिंधुशस्‍त्र की कमान संभाल चुके हैं और पक्षेपास्‍त्र आईएनएस व्‍यास और सबमेरिन बेस, बज्रबाहू का निर्देशन कर चुके हैं। वाइस एडमिरल एस.वी. भोकारे, विभिन्‍न प्रतिष्ठित स्‍टाफ और संचालन पदों पर रहे है। इनमें कॉमोडोर, कमांडिंग सबमेरिन (पश्चिम) तथा पूर्वी नौसेना कमान में चीफ स्‍टाफ ऑफिसर (संचालन) शामिल है। उन्‍हें रियर एडमिरल के रैंक में पदोन्‍नत कर सितम्‍बर, 2012 से तीन वर्षों के लिए फ्लैग ऑफिसर सबमेरिन और 2015 से फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्‍टर्न फ्लीट (एफओसीईएफ) नियुक्‍त किया गया। 

एडमिरल एस.वी. भोकारे 20 अक्‍टूबर, 2016 को वाइस एडमिरल के रैंक में प्रोन्‍नत किये गये और भारतीय नौसेना अकादमी इझीमाला के सातवें कमांडेंट का पद संभाला। एडमिरल भोकारे को युद्ध सेवा मेडल (वाईएसएम) तथा देश की सेवा के लिए नौसेना मेडल प्रदान किया गया।

वाहन निर्माताओं को अब हर वाहन के उत्सर्जन व शोरगुल का विवरण देना होगा


1 अप्रैल, 2017 से सभी प्रकार के मोटर वाहन निर्माताओं के साथ-साथ ई-रिक्शा और ई-कार्ट निर्माताओं को अपने वाहन के उत्सर्जन का पूरा विवरण देना होगा। हाल में ही एक अधिसूचना के माध्यम से केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत फॉर्म 22 में संशोधन किया है जिसके तहत वाहन निर्माताओं को सभी वाहनों के लिए प्रदूषण मानकों के अनुपालन का प्रारंभिक प्रमाणपत्र, अवयव गुणवत्ता के सुरक्षा मानकों का प्रमाण पत्र और रोड - पात्रता प्रमाण पत्र प्रदान करना होता है।

1 अप्रैल, 2017 से सभी वाहन निर्माताओं को संशोधित फॉर्म 22 में अपने हर एक वाहन के उत्सर्जन की जानकारी भी प्रदान करनी पड़ेगी। इस फॉर्म में ब्रांड, चेसिस नंबर (बैटरी संचालित वाहनों के संदर्भ में मोटर नंबर) और उत्सर्जन नियम तथा हर प्रदूषक के स्तर की जानकारी जैसे-कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रो कार्बन आदि देनी होगी। पेट्रोल और डीजल वाहनों को हॉर्न के ध्वनि स्तर का भी विवरण देना होगा। 

प्रधानमंत्री मोदी 25 अक्‍टूबर को आदिवासी कार्निवाल का उद्घाटन करेंगे


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25 अक्‍टूबर, 2016 को राजधानी में प्रथम आदिवासी कार्निवाल का उद्घाटन करेंगे। इसकी घोषणा एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान आदिवासी मामलों के केन्‍द्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम ने की। उन्‍होंने बताया कि इस कार्निवाल का मुख्‍य उद्देश्‍य आदिवासियों के बीच समावेशी भावना को बढ़ावा देना है। मंत्री महोदय ने कहा ‘इसका अंतरनिहित विचार आदिवासी जनजीवन की संस्‍कृति, परंपरा, रीति- रिवाज और उनके कौशल से संबंधित विभिन्‍न पहलुओं को बढ़ावा देना है। इसे आम लोगों के बीच ले जाना है ताकि अनुसूचित जनजाति का संपूर्ण और समग्र विकास हो सके। इस चार दिनों के कार्यक्रम में आदिवासियों के सामाजिक- सांस्‍कृतिक दस्‍तावेजों, कला/शिल्‍पकृति, सांस्‍कृतिक कार्यक्रम तथा खेल पेंटिंग और पारंपरिक चिकित्‍सा कार्यों से संबंधित कौशल आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्र तक विस्‍तार) अधिनियम,1996 (पीईएसए), इसका क्रियान्‍वयन अनुसूचित जन जाति समुदाय का इसका लाभ एवं कमियों, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 और इसके निहितार्थ और राजनीति में आरक्षण और आवश्‍यकता जैसे मुद्दों पर कार्यशाला भी इस चार दिवसीय कार्निवाल का हिस्‍सा होगी।’ 



इस अवसर पर श्री ओराम ने बताया कि इस कार्निवाल के दौरान संगीत एवं नृत्‍य, प्रदर्शनी, शिल्‍प का प्रदर्शन, फैशन शो, पैनल डिस्‍कशन और पुस्‍तक मेले का भी आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही इस कार्निवाल के दौरान भारतीय आदिवासी जनजीवन एवं संस्‍कृति, संगीत, पारंपरिक व्‍यंजन से संबंधित ज्ञान तथा अनुभव से भरपूर संगीत और नृत्‍य के कार्य प्रस्‍तुत किए जाएंगे। श्री ओराम ने कहा कि उन्‍होंने व्‍यक्तिगत तौर पर सभी आदिवासी सांसदों, केंद्र और आदिवासी कार्य मंत्रालयों के मंत्रियों एवं पूर्व मंत्रियों को इस कार्निवाल में आमंत्रित किया गया है। उन्‍होंने बताया कि इस कार्निवाल में देश भर से लगभग 1600 आदिवासी कलाकारों और 15000 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्‍मीद है। खेल,साहित्‍य कला एवं संस्‍कृति,शिक्षा तथा मेडिसिन के क्षेत्र के संबंधित प्रमुख हस्तियों को भी इस कार्निवाल में आमंत्रित किया गया है। 

भारत और चीन की सेनाओं ने लद्दाख में संयुक्त सामरिक अभ्यास #HADR किया


सीमा रक्षा सहयोग समझौता 2013 के तहत भारत और चीन के मध्य संपर्क और सहयोग बढ़ाने की पहल के एक हिस्से के रूप में भारत और चीन की सेनाओं ने दूसरे संयुक्त अभ्यास “चीन - भारत सहयोग 2016” में भाग लिया। यह मोल्डो गैरीसन के चीनी ट्रूप्स के साथ पूर्वी लद्दाख के चुशूल गैरीसन में सीमा कर्मियों की बैठक हट के क्षेत्र में 06 फरवरी, 2016 को आयोजित पहले संयुक्त अभ्यास का ही परिणाम है। 

मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के बारे में दिन भर चले अभ्यास के दौरान एक भारतीय सीमावर्ती गांव में भूकंप आने की स्थिति की कल्पना की गई। इसके बाद संयुक्त टीमों ने बचाव कार्य, निकासी और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के कार्य किए। 

संयुक्त अभ्यास के लिए भारतीय टीम का नेतृत्व ब्रिगेडियर आर. एस. रमन ने किया और चीनी टीम का नेतृत्व सीनियर कर्नल फैन जुन ने किया। यह अभ्यास बहुत सफल रहा। और इसने न केवल प्राकृतिक आपदा के मामले में सीमा पर रहने वाले लोगों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए कार्य को परिष्कृत किया बल्कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ दोनो देशों की सीमा की रखवाली करने वाले बलों के मध्य सहयोग और विश्वास के स्तर को भी बढ़ाया है। भारत और चीन के मध्य संयुक्त अभ्यास की इस श्रृंखला का उद्देश्य भारत और चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों देशों द्वारा सहयोग बढ़ाने, शांति और सौहार्द बनाए रखने का प्रयास करना है। 

कैंसर रोकथाम और अनुसंधान के लिए #NICPER और #AIIA में समझौता


स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम और अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर) और आयुष मंत्रालय के स्वायत्त संस्थान अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के बीच आज एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य एनआईसीपीआर- नोएडा में आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के संयुक्त उद्यम के रूप में इंटेग्रेटिव ऑनकालॉजी केंद्र स्थापित करना है ताकि कैंसर रोकथाम, अनुसंधान और सेवा के क्षेत्र में सहयोग किया जा सके।

सहमति ज्ञापन पर एआईआईए के प्रो. अभिमन्यु कुमार तथा एनआईसीपीआर के निदेशक प्रो. रवि मेहरोत्रा ने आयुष मंत्रालय के सचिव श्री अजीत एम शरण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की सचिव डॉ. सौम्या स्वामीनाथन तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। 

इस सहमति ज्ञापन से अमेरिका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के साथ द्वीपक्षीय वार्ता और सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा। 

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