योग गुरु बाबा रामदेव की संपत्ति को काला धन बताने के कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बयान पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल ने कहा है कि देश में संत-महात्माओं के खिलाफ कांग्रेस नेता की इस बयानबाजी के पीछे जरूर किसी राष्ट्र विरोधी ताकत की शह है।
उन्होंने इस रहस्य पर से पर्दा उठाए जाने के लिए जांच कराने की मांग की। अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में सिंहल ने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस पार्टी को बचाने और मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए दिग्विजय हिंदू संगठनों और साधु-संतों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। ऐसी राजनीति कांग्रेस को अतीत की पार्टी बना देगी। इससे पहले दिग्विजय दिल्ली में बटला हाउस मुठभेड़ के मामले में सरकारी तंत्र पर उंगली उठाने के साथ ही आजमगढ़ के संजरपुर में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के घर जाकर उन्हें प्रोत्साहित करने और मुंबई हमले में हेमंत करकरे पर विवादास्पद बयान दे चुके हैं।
ये उनके ऐसे कृत्य हैं, जो स्पष्ट करते हैं कि वह पाकिस्तान या अन्य विदेशी एजेंसियों के इशारे पर समाज को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, इसरो घोटाला और कॉमनवेल्थ खेल में भ्रष्टाचार आज गांव-गांव में चर्चा का विषय है। स्विस बैंक में काला धन जमा करने वालों का नाम बताने के लिए सरकार तैयार नहीं है, इसके उलट दिग्विजय सिंह समाज की सेवा के फलस्वरूप संपदा प्राप्त करने वाले बाबा रामदेव पर काले धन को आरोप लगा रहे हैं।
सिंहल ने कहा कि उनकी इस तरह की बयानबाजी कांग्रेस की गिरती प्रतिष्ठा को न तो बचा पाएगी और न उसे दोषमुक्त सिद्ध कर सकेगी। सिंहल ने गोधरा कांड में मुख्य आरोपियों को बरी किए जाने पर भी सवाल खड़े किए। कहा, इन्हें इसलिए बरी किया गया, क्योंकि यह दोनों कांग्रेस के नेता थे।
गोधरा कांड के फैसले में यह सिद्ध हो चुका है कि यह घटना कारसेवकों की हत्या की साजिश थी, फिर भी मामले में मुख्य आरोपी कैसे छूट गए, आज पूरा देश यह पूछ रहा है। गोधरा के फैसले के बाद कांग्रेस की बोलती बंद है।
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