शहरी विकास मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान के 89 नगरों के लिए 2,786 करोड़ रुपये के बराबर की अमृत परियोजनाओं के पहले समूह को मंजूरी दी
पर्याप्त जल आपूर्ति एवं सीवरेज नेटवर्क सुनिश्चित करने पर फोकस
केन्द्र सरकार 1,356 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी
सीवरेज परियोजनाओं के लिए 1,471 करोड़ रुपये तथा जल आपूर्ति योजनाओं के लिए 1,225 करोड़ रुपये
मंत्रालय ने राज्यों से सभी उपभोक्ताओं को पानी का मीटर सुनिश्चित करने को कहा
शहरी विकास मंत्रालय ने पुनरोद्धार एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन (अमृत) के तहत राज्य स्तरीय कार्य योजनाओं के पहले समूह को मंजूरी दे दी है। इनका उद्देश्य नियमों के अनुसार जल आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा सभी शहरी परिवारों को जलापूर्ति एवं सीवरेज कनेक्शन मुहैया कराना है। शहरी विकास सचिव श्री मधुसूदन प्रसाद की अध्यक्षता में अमृत की एक अंतः मंत्रीस्तरीय शीर्ष समिति ने कल आंध्र प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान राज्यों के 89 नगरों के लिए 2,786 करोड़ रुपये के बराबर की परियोजना को मंजूरी दी।
ऐसा पहली बार हुआ है कि शहरी विकास मंत्रालय ने राज्य स्तरीय योजनाओँ को मंजूरी दी है। इससे पहले अभी तक एकल परियोजनाओं का मूल्यांकन करने तथा उन्हें मंजूरी देने का प्रचलन था।
मंजूरी प्राप्त कार्य योजनाओं की इन तीन राज्यों के 89 अमृत नगरों में कुल 143 परियोजनाएं हैं। इनमें 47 योजनाएं जलापूर्ति कनेक्शन सुनिश्चित करने और जल की आपूर्ति बढ़ाने से संबंधित हैं जबकि 31 परियोजनाएं चिन्हित नगरों एवं शहरों में सीवरेज नेटवर्क सेवाओं के विस्तार से संबंधित हैं। शेष परियोजनाएं आंधी जल निकासी, शहरी, परिवहन तथा हरित स्थलों एवं उद्यानों से संबंधित हैं।
सीवरेज परियोजनाओँ को सबसे अधिक 1471.07 करोड़ रूपये प्राप्त हुए जबकि जल आपूर्ति संबंधित योजनाओं के लिए 1225 करोड़ रूपये की मंजूरी दी गयी।
अमृत की शीर्ष समिति ने तीन राज्यों के लिए वित्त वर्ष 2015-16 के लिए राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं (एसएएपी) को मंजूरी दी। गुजरात द्वारा प्रस्तावित एसएएपी में 1204.42 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता थी जबकि राजस्थान के लिए 909 करोड़ रुपये तथा आंध्र प्रदेश के लिए 662.86 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा गया।
मंजूरी प्राप्त एसएएपी के तहत गुजरात 916 करोड़ रुपये की लागत से 25 अमृत नगरों में सीवरेज परियोजनाएं शुरू करेगा तथा 233.65 करोड़ रुपये की लागत से 11 शहरों में जलापूर्ति योजनाएं प्रारंभ करेगा।
राजस्थान 555 करोड़ रुपये की लागत से 6 नगरों में सीवरेज योजनाएं शुरू करेगा तथा 344 करोड़ रुपये की लागत से 10 नगरों में जलापूर्ति परियोजनाएं प्रारंभ करेगा।
आंध्र प्रदेश 646.29 करोड़ रुपये की लागत से 26 नगरों में जलापूर्ति परियोजनाएं प्रारंभ करेगा तथा 16.57 करोड़ रुपये की लागत से 30 नगरों में हरित स्थलों एवं उद्यानों का प्रावधान करेगा।
अमृत के तहत केन्द्र सरकार 10 लाख प्रत्येक की आबादी वाले नगरों के लिए परियोजनाओं की लागत के 50 फीसदी की सहायता देगी और 10 लाख प्रत्येक से अधिक की आबादी वाले नगरों के लिए परियोजना लागत की एक तिहाई का व्यय वहन करेगी। परियोजना लागत की शेष राशि का भाग राज्यों एवं शहरी स्थानीय निकायों द्वारा वहन की जाएगी। इन नियमों के अनुसार तीन राज्यों में मंजूरी प्राप्त परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता 1,356.23 करोड़ रुपये के बराबर की होगी।
शीर्ष समिति ने तीन घंटे तक चले विचार-विमर्शों एवं राज्यों द्वारा प्रस्तावित योजनाओँ की जांच करने के बाद इन तीनों राज्यों के एसएएपी को मंजूरी दी। प्रत्येक राज्य का एसएएपी संबंधित राज्यों में सभी अटल मिशन नगरों की सभी नगर स्तरीय सेवा स्तर बेहतरी योजनाओं (एसएलआईपी) का समेकन है।
नगर स्तरीय एसएलआईपी का निर्माण जलापूर्ति, सीवरेज नेटवर्क सेवाओं, तूफान जल निकासी, शहरी परिवहन आदि से संबंधित बुनियादी ढांचे की उपलब्धता में अंतरालों के विस्तृत आकलन के आधार पर किया जाता है।
शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 135 लीटर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना तथा सभी शहरी परिवारों को जलापूर्ति एवं सीवरेज कनेक्शन मुहैया कराना राष्ट्रीय प्राथमिकता है जिसे हासिल करना अटल मिशन का ध्येय है।
शहरी विकास सचिव श्री मधुसूदन प्रसाद ने सभी राज्यों से बिना शुल्क लिए (गैर-राजस्व जल) जल आपूर्ति के बेहतर प्रबंधन तथा जल आपूर्ति में कमी के लिए शहरी क्षेत्रों में सभी उपभोक्ताओँ के लिए पानी का मीटर सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। राज्यों से कहा गया है कि वे अगले वर्ष के बाद से इस पर ध्यान केन्द्रित करें।
अटल मिशन के तहत गुजरात के लिए 118.03 करोड़ रुपये, राजस्थान के लिए 91.90 करोड़ रुपये तथा आंध्र प्रदेश के लिए 66.29 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता की पहली किस्त जल्दी ही जारी कर दी जाएगी।
राज्यों ने इनके लिए समयसीमा सहित 11 सुधारों के एक समूह के क्रियान्वयन पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण पेश किया। आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान 22.23 करोड़ रुपये की लागत से शहरी स्थानीय निकायों के क्षमता निर्माण का काम भी शुरू करेंगे।
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