यूपीए सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरोध में जंतर-मंतर पर सोमवार को आयोजित रैली में ममता बनर्जी ने खूब जहर उगला है।
उन्होंने कहा कि वह आम आदमी के लिए राजनीति कर रही है और यूपीए को आम आदमी विरोधी बतलाया। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता ने केन्द्र सरकार द्वारा डीजल मूल्यों की गई वृद्धि, एलपीजी की राशनिंग और रिटेल क्षेत्र में एफडीआई के विरोध में कांग्रेस को आडे़ हाथो लिया और नीतियों को जन विरोधी बतलाया।
मालूम हो, टीएमसी सुप्रीमो औऱ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एफडीआई, डीजल मूल्यों में वृद्धि, और एलपीजी राशनिंग के विरोध में यूपीए-2 सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था और केन्द्र से अपने सभी 6 मंत्रियों से इस्तीफा दिलवाया दिया था।
जंतर-मंतर पर लोगों को संबोधित करती हुईं ममता ने कहा कि वॉलमार्ट के लिए सरकार ने यह गलत कदम उठाया, जिसके विरोध की घोषणा उन्होंने अपने घोषणा पत्र में भी की थी।
बकौल ममता, यहां तक की अमेरिका ने भी वॉलमार्ट पर तमाम शर्तें लगा रखी हैं जबकि इसके उलट यूपीए सरकार ने वालमार्ट के लिए तमाम बंदिशें समाप्त कर दी हैं। केंद्र पर देश को बेचने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अब देश में ऐसी सरकार की जरूरत नहीं है। ममता ने कहा, हमने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ही कह दिया था, हम रिटेल में एफडीआई का समर्थन नहीं करेंगे।
ममता ने आह्वान किया कि आगामी 19 नवंबर को उनकी पार्टी दिल्ली में फिर रैली करेंगे जबकि नंवबर महीने में ही एफडीआई समेत भी जन विरोधी नीतियो के खिलाफ लखनऊ, पटना और हरियाणा में भी रैली करेंगी और जनता को यूपीए सरकार के खिलाफ आगाह करेंगी।
ममता बनर्जी के मुताबिक दिल्ली में प्रदर्शन करने का मकसद साफ है कि कोई यह न समझे कि दिल्ली में हमें समर्थन नहीं है। यहां सिर्फ दिल्ली की जनता का समर्थन हासिल किया है।
केंद्र सरकार को ललकारते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यदि यूपीए आर्थिक सुधार के प्रति वाकई ईमानदार है, तो काले धन को देश में वापस लाने के लिए जतन क्यों नहीं कर रही। ममता ने कहा, अगर यूपीए सरकार देश को बेचेंगे, तो जनता सरकार को बाहर निकाल फेंक देगी, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। ममता ने कहा कि मुझे सरकार की ज़रूरत नहीं, मुझे देश की जनता को अपने साथ रखना है।
ममता बनर्जी ने कहा कि एफडीआई से नौकरियां खत्म होंगी, हमारे छोटे उद्योग प्रभावित होंगे और किसी सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह आम आदमी के जीवनयापन के साधन छीन ले। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास करती है, लेकिन केंद्र सरकार उसका दुरुपयोग कर रही है।
ममता का कहना है कि उन्होंने सरकार के साथ काम करने की कोशिश की, लेकिन वह सरकार की जनविरोधी नीतियों का समर्थन नहीं कर सकती थीं, क्योंकि मैंने राजनीति में प्रवेश देश सेवा के लिए लिया था, कुछ हासिल करने के लिए नहीं। सिलेंडरों पर केंद्र की राशनिंग की बात पर ममता ने कहा कि लगता है कि इन नेताओं के घर में खाना नहीं बनता है। सब बाहर से आता है। उनका कहना है कि सालभर में छह सिलेंडर से एक परिवार का काम नहीं चलता।
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