"अनुसंधान एवं विकास" "राष्‍ट्र के विकास" के लिए ‘अनुसंधान’ है : मोदी


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने मणिपुर विश्‍विद्यालय में 105वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्धघाटन किया। उन्‍होंने अपने भाषण की शुरूआत तीन विशिष्‍ट महान भारतीय वैज्ञानिकों- पद्म विभूषण प्रो. यशपाल, पद्म विभूषण डॉ. यू. आर. राव तथा पद्मश्री डॉ. बलदेव राज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की,जिन्‍हें हमने हाल में खो दिया है। इन सभी वैज्ञा‍निकों ने भारतीय विज्ञान और शिक्षा में असाधारण योगदान किया।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आइए हम सब अपने समय के महानतम भौतिक शास्‍त्री स्‍टीफन हॉकिंग के निधन से विश्‍व शोक में शामिल हों। वे आधुनिक अंतरिक्ष के सर्वाधिक प्रकाशवान सितारा थे। वह भारत के मित्र थे और उन्‍होंने हमारे देश की दो बार यात्रा की थी। आम व्‍यक्ति हॉकिंग का नाम जानता है इसलिए नहीं कि उन्‍होंने ब्‍लैक होल पर काम किया बल्कि इसलिए कि उन्‍होंने असामान्‍य रूप से उच्‍च संकल्‍प व्‍यक्‍त किया और सभी बाधाओं के बावजूद दृढ़ भावना के साथ काम किया। वे विश्‍व के सर्वकालिक महानतम प्रेरक के रूप में याद किए जाएंगे।

श्री मोदी ने कहा कि उन्‍हें आज भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 105वें अधिवेशन के अवसर पर इम्‍फाल आकर हर्ष का अनुभव हो रहा है और वे वैज्ञानिकों के बीच आकर प्रफुल्लित है, जिनका काम बेहतर कल का मार्ग प्रशस्‍त करने का रहा है। विश्‍वविद्यालय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में उच्‍च शिक्षा के महत्‍वपूर्ण केन्‍द्र के रूप में उभर रहा है। सदी में यह दूसरा अवसर है, जब भारतीय विज्ञान कांग्रेस का सम्‍मेलन पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में हो रहा है। यह पूर्वोत्‍तर क्षेत्र की आगे बढ़ती भावना का साक्ष्‍य है।

प्रधनमंत्री ने कहा कि यह भविष्‍य के लिए शुभ संकेत है। विज्ञान अनगिनत समय से प्रगति और समृद्धि का पर्याय रहा है। अपने देश के श्रेष्‍ठ वैज्ञानिक मस्तिष्‍क के रूप में यहां एकत्र आप सभी ज्ञान, नवाचार और उद्यम के भंडार हैं और इस परिवर्तन के वाहक के रूप में समुचित रूप से लैस हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि‘आरएंडडी’ को फिर से परिभाषित करने का उचित समय आ गया है। समय आ गया है कि  ‘अनुसंधान एवं विकास’ को राष्‍ट्र के ‘विकास’ के लिए ‘अनुसंधान’ के रूप में पुन: परिभाषित किया जाए। यही इसका वास्‍तविक अर्थ भी है। आखिरकार विज्ञान अधिक महान उद्देश्‍य को पूरा करने का साधन है-दूसरों की जिंदगी में बदलाव करना, मानव प्रगति और कल्‍याण को आगे बढ़ाना। शक्ति तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की क्षमता के जरिए 125 करोड़ भारतीयों के जीवन को  सहज बनाने के लिए भी संकल्‍प व्‍यक्‍त करने का सही समय आ गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां वेमणिपुर की वीर भूमि पर हैं, जहां अप्रैल 1944 में नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की आईएनए ने स्‍वतंत्रता का आह्वान किया था। जब आप मणिपुर से जाएंगे तो मुझे विश्‍वासहै कि आप अपने साथ देश के लिए कुछ करने की समर्पण भावना के साथ यहां से जाएंगे।

श्री मोदी ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बड़ी समस्‍याओं के कारगर समाधान के लिए भी विविध धाराओं के वैज्ञानिकों के बीच सहयोगऔर समन्‍वय की आवश्‍यकता होती है। केन्‍द्र सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के लिए अनेक नए कार्यक्रमों की शुरूआत की है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत कृषि मौसम सेवाएं दी जा रही हैं।हैं। इससे पांच लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। हम अब इस नेटवर्क को पूर्वोत्‍तर के सभी जिलों तक बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। अनेक केन्‍द्र पूर्वोत्‍तर के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रासंगिक बना रहे हैं। मणिपुर में एक ‘इथनो मेडिसनल रिसर्च सेंटर’ स्‍थापित किया गया है। यह केन्‍द्र पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में उपलब्‍ध उन जड़ी बूटियों पर शोध करेगा, जिनके औषधीय और सुगंध-चिकित्‍सकीय गुण अनूठे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस की समृद्ध विरासत रही है। आचार्य जे.सी. बोस, सी.वी रमण, मेघनाथ साहातथा एस.एन. बोस जैसे भारत के दिग्‍गज वैज्ञानिकों द्वारा इसका नेतृत्‍व किया गया है। इन महान वैज्ञानिकों द्वारा तय किए गए उत्‍कृष्‍टता के मानकों से नए भारत को प्रेरणा लेनी चाहिए। विभिन्‍न अवसरों पर वैज्ञानिकों के साथ बातचीत में मैंने वैज्ञानिकों को अपनी सामाजिक, आर्थिक समस्‍याओं का समाधान ढूंढ़ने का आह्वान किया है।इस संदर्भ में इस वर्ष की भारतीय विज्ञान कांग्रेस का विषय ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से अगम्‍य तक पहुंचना’है। यह विषय मेरे हृदय के बहुत निकट है।

इसके पूर्व उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगीकी मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन  ने कहा कि सरकार का लक्ष्‍य विज्ञान और प्रौद्योगीकी के लाभ समाज के अंतिम व्‍यक्ति तक पहुँचाना है। डॉं हर्षवर्द्धन ने कहा क‍ि वैज्ञानिक भावना प्राचीन भारतीय धरोहर का हस्सिा है और प्रत्‍येक उपलब्‍ध‍ि भारत की प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों का विकास है। उन्‍होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्वोगीकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय आपस में मिलकर काम कर रहे हैं।

मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने विज्ञान कांग्रेस के आयोजकों को बधाई दी। मणिपुर की राज्‍यपाल डॉं. नजमा हेपतुल्‍ला, पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री डॉं जितेन्‍द्र सिंह मणिपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. आद्या प्रसाद पांडेय उद्घाटन समारोह में मंच पर उपस्थित थे। 

आईएससीए के अध्‍यक्ष प्रो. अच्‍युता सामंत ने प्रमुख संबोधन दिया। इनके अलावा देश-विदेश के वैज्ञानिक तथा केंद्र  और राज्‍य के आला अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। यह पांच दिवसीय आयोजन इस माह की 20 तारीख को पूरा होगा।

एशियाई विकास बैंक रेलवे को बुनियादी सुविधाओं के लिए 120 मिलियन डॉलर का ऋण देगा


भारत और एडीबी ने रेलवे की बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए 

भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारतीय रेलवे की परिचालन क्षमता बेहतर करने के लिए ज्‍यादा भीड़-भाड़ वाले गलियारों (कॉरिडोर) से सटे रेल‍वे की पटरियों को दोहरी लाइन में तब्‍दील करने के साथ-साथ वि़द्युतीकरण से संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए आज 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

ऋण की यह तीसरी किस्‍त वर्ष 2011 में एडीबी के बोर्ड द्वारा स्‍वीकृत किये गये रेल क्षेत्र निवेश कार्यक्रम से जुड़ी 500 मिलियन डॉलर की बहु-किस्‍त वित्‍त पोषण सुविधा का एक हिस्‍सा है। इस ऋण राशि का उपयोग पूर्ववर्ती किस्‍तों के तहत शुरू किये गये कार्यों को पूरा करने में किया जाएगा।

वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्‍त सचिव (बहुपक्षीय संस्‍थान) श्री समीर कुमार खरे ने भारत सरकार की तरफ से और एडीबी के इंडिया रेजीडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्‍टर श्री केनिची योकोयामा  ने एडीबी की तरफ से इस ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किये।

इस समझौते पर हस्‍ताक्षर करने के बाद श्री खरे ने कहा, ‘इस परियोजना का उद्देश्‍य देश भर में महत्‍वपूर्ण मार्गों पर रेल लाइनों के दोहरीकरण, विद्युतीकरण और आधुनिक सिग्‍नलिंग प्रणाली को स्‍थापित कर रेलवे की बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की क्षमता को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम से कम ऊर्जा खपत, सुरक्षित और विश्‍वसनीय रेल प्रणाली विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे परियोजना के तहत आने वाले रेल रूटों पर सफर की अवधि घटाने में मदद मिलेगी और बेहतर परिचालनगत एवं वित्‍तीय दक्षता सुनिश्चित होगी।’ 

श्री योकोयामा ने कहा कि ऋण की तीसरी किस्‍त के जरिये होने वाले वित्‍त पोषण से लगभग 840 किलोमीटर लंबे रेलमार्गों के दोहरीकरण और अधिक भीड-भाड़ वाले गलियारों से सटे 640 किलोमीटर लंबी पटरियों के विद्युतीकरण से जुड़े कार्यक्रम के लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी।

इस निवेश कार्यक्रम के तहत छत्‍तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्‍ट्र, कर्नाटक और आन्‍ध्र प्रदेश के व्‍यस्‍त माल एवं यात्री ढुलाई वाले रूटों को लक्षित किया जा रहा है, जिसमें ‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ गलियारा भी शामिल है, जो चेन्‍नई, कोलकाता, मुम्‍बई और नई दिल्‍ली को आपस में जोड़ता हैं। रेल खंडों का दोहरीकरण दौंड-टिटलागढ़ खंड, संबलपुर-टिटलागढ़ खंड, रायपुर-टिटलागढ़ खंड और हॉस्पेट-टिनाइघाट खंड पर किया जा रहा है, जबकि विद्युतीकरण का कार्य 641 किलोमीटर लंबे पुणे-वाडी गुंटाकल खंड पर किया जा रहा है।

पढ़िए Rising India Summit में नरेंद्र मोदी जी के भाषण का पूरा भाषण


नेटवर्क 18 के ग्रुप एडिटर – इन - चीफ राहुल जोशी जी, देश-विदेश से आए अतिथिगण, यहां उपस्थित मीडिया के बंधु, देवियों और सज्जनों,

सबसे पहले आप सभी का बहुत-बहुत आभार कि आपने मुझे Rising India समिट में सम्मिलित होने का अवसर दिया।

साथियों, जब हम Rising कहते हैं तो पहला भाव अंधेरे से उजाले की ओर जाने का आता है। हम जहां थे, जिस स्थिति में थे, उससे आगे बढ़ने, बेहतर भविष्य की ओर जाने का भाव आता है।

ये Rise करना, उदय होना, जब हम देश के संदर्भ में बोलते हैं, तो उसका विस्तार बहुत व्यापक हो जाता है। सवाल ये कि फिर Rising India क्या है?सिर्फ अर्थव्यवस्था की मजबूती Rising India है,सेंसेक्स का रिकॉर्ड स्तर पर होना Rising India है, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर होना Rising India है या फिर रिकॉर्ड विदेशी निवेश आना Rising India है?

साथियों, Rising India का मेरे लिए मतलब है देशके सवा सौ करोड़ लोगों के स्वाभिमान का Rise होना, देश के आत्मगौरव का Rise होना। जब इन्हीं सवा सौ करोड़ लोगों की इच्छाशक्ति एकजुट हो जाती है, उनके संकल्प एक हो जाते हैं, तो असाध्य भी साध्य हो जाता हो जाता है, असंभव भी संभव बन जाता है।

एकजुट हुई यही इच्छाशक्ति आज न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा कर रही है।

भाइयों और बहनों, बहुत से देशों में ये अवधारणा रही है कि सरकार विकास को, परिवर्तन को Lead करे और नागरिक उसे follow करें। पिछले चार वर्षों में भारत में हमने ये स्थिति बदल दी है। अब देश का नागरिक Lead करता है और सरकार उसे follow करती है।

आपने खुद देखा है कि कैसे इतने कम समय में स्वच्छ भारत मिशन एक जनआंदोलन बन गया है। मीडिया ने भी इसमें एक पार्टनर की तरह भूमिका निभाई है।

कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में देश के नागरिकों ने digital payment को अपना एक मजबूत हथियार बना रखा है। भारत आज digital payment करने वाले fastest growing market में से एक है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की हर कार्रवाई को जिस तरह से लोगों का समर्थन मिलता है, वो भी इस बात का गवाह है कि देश को उसकी आंतरिक बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए किस तरह लोगों ने कमर कस रखी है।

हमारे राजनीतिक विरोधी चाहे जो बोलें, लेकिन देश के लोगों की इसी प्रेरणा की वजह से सरकार बड़े फैसले ले सकी और उन्हें लागू करके दिखाया। जिन फैसलों की सिफारिश दशकों पहले की गई थी, लेकिन उन्हें फाइलों में दबाकर रखा गया, जो कानून दशकों पहले पास हुए लेकिन भ्रष्टतंत्र के दबाव में लागू नहीं किए गए, उन्हें भी इस सरकार ने लागू किया और अब इन्हीं कानूनों के आधार पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हो रही है।

साथियों, भारत में जो transformational shift आ रहा है, वो अपने नागरिकों की वजह से आ रहा है, उनकी इच्छाशक्ति की वजह से आ रहा है। यही इच्छाशक्ति देश के लोगों में, देश के क्षेत्रों में असंतुलन का भाव कम कर रही है।

भाइयों और बहनों, चाहे देश का उदय हो या फिर किसी समाज और व्यक्ति का, अगर बराबरी का भाव नहीं होगा, तो न संकल्प सिद्ध होंगे और न ही समाज। इसलिए अगर एक विजन के तौर पर देखें तो हमारी सरकार राष्ट्रीय स्तर पर असंतुलन के इस भाव को खत्म करने का निरंतर प्रयास कर रही है। इसका परिणाम क्या आता है, ये मैं,नेटवर्क 18 के दर्शकों को एक वीडियो के माध्यम से अनुभव कराना चाहता हूं।

साथियों, उज्जवला सिर्फ रसोई ही नहीं, बल्कि करोड़ों परिवारों की तस्वीर बदल रही है। ये हमारी सामाजिक व्यवस्था में एक बड़ा असंतुलन खत्म कर रही है।

साथियों,आपके यहां आने से पहले मैं आज दिन भर मणिपुर में था। साइंस कांग्रेस का उद्घाटन, फिर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का शिलान्यास, उत्तर पूर्व के लिए महत्वपूर्व अनेक योजनाएं आज शुरू हुई हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर ये मेरा उत्तर पूर्व का अठ्ठाइसवां या उन्तीसवां दौरा था।

आप सोचिए, आखिर ऐसा क्यों?क्यों हमारी सरकार का जोर पूर्वी भारत पर, उत्तर पूर्व पर इतना ज्यादा है। जो लोग सोचते हैं कि हम वोट के लिए ऐसा कर रहे हैं, वो देश की जमीन से ही नहीं, लोगों के दिलों से भी कट चुके हैं।

साथियों, पूर्वी भारत का Emotional Integration और Demographic Dividend को ध्यान पर रखा जाना बहुत जरूरी है।

इसलिए हमारी सरकार ‘Act East And Act Fast For India’s East’के मंत्र पर चल रही है। और जब मैं‘Act East’ कहता हूं तो उसका विस्तार सिर्फ उत्तर पूर्व के राज्यों तक सीमित नहीं है। बल्कि ये पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, भी शामिल हैं।

देश का ये वो हिस्सा रहा है, जो विकास की दौड़ में पीछे रह गया था। इसकी एक बड़ी वजह थी इस क्षेत्र के विकास को लेकर उदासीनता। इस क्षेत्र में सैकड़ों प्रोजेक्ट या तो शुरू ही नहीं हुए, या फिर दशकों से बीच में ही अटके रहे। हमारी सरकार ने इस असंतुलन को खत्म करने और अधूरी परियोजनाओं को, अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने का काम शुरू किया।
  • आप ये जानकर हैरान होंगे कि असम में महत्वपूर्ण Gas cracker project 31 सालों से लंबित था। हमने सरकार में आने के बाद इस परियोजना पर फिर काम शुरू किया।
  • आज बहुत तेजी के साथ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बिहार के बरौनी और झारखंड के सिंदरी में बरसों से बंद पड़े फर्टिलाइजर प्लांट्स को खोलने का काम किया जा रहा है।
  • इन Plants को गैस, जगदीशपुर से हल्दिया तक बिछाई जा रही गैस पाइपलाइन से मिलेगी। यही पाइपलाइन पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में गैस पाइपलाइन पर आधारित उद्योगों का पूरा इको-सिस्टम भी विकसित करेगी।
  • ये हमारी ही सरकार का प्रयास था कि ओड़िशा में Paradip Oil Refinery के काम में तेजी आई और अब Paradip विकास का द्वीप बनने की ओर अग्रसर है। ये भी हमारी ही सरकार का प्रयास था कि असम और अरुणाचल को जोड़ने वाले औऱ रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण ढोला-सादिया पुल का काम तेज गति से पूरा हुआ।
  • चाहे वो Road sector हो या Rail sector हर तरफ से पूर्वी भारत में Infrastructure को निरंतर बल दिया जा रहा है। सरकार Waterways को बढ़ावा देने का काम कर रही है।वाराणसी और हल्दिया के बीच Waterway का विकास, यहां के ओद्योगिक ट्रांसपोर्ट को बदलने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
  • Connectivity को बढ़ावा देने के लिए उड़ान योजना के तहत पूर्वी भारत में 12 नए Airports का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 6 Airport नॉर्थ ईस्ट में बन रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले आपने देखा होगा कि सिक्किम में पहली बार commercial flight land हुई है।
  • जब नए All India Institute of Medical Sciences की बात आई, जब नए Indian Agricultural Research Institute कि बात आई, तो हमारी सरकार ने पूर्वी भारत को प्राथमिकता दी।
  • महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण – मोतीहारी में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना भी इस सरकार ने की है।
साथियों, सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं से इन इलाकों में रोजगार के लाखों नए अवसर बन रहे हैं।

‘दिल्ली दूरअस्त’ की अवधारणा से अलग हमने दिल्ली, पूर्वी भारत के दरवाजे पर ले जाकर खड़ी कर दी है।हम सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ देश के हर भू-भाग को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर रहे हैं।

साथियों, मैं आपको एक Map दिखाना चाहूंगा। ये Map इस बात का गवाह है कि पिछले चार वर्षों में किस तरह से पूरे देश में एक बड़ा असंतुलन खत्म हुआ है और पूर्वी भारत के गाव रोशन हुए हैं।
मैं अकसर जिक्र करता हूं कि स्वतंत्रता के बाद देश में 18 हजार गांव ऐसे थे, जहां तक बिजली नहीं पहुंची थी। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इनमें से लगभग 13 हजार गांव पूर्वी भारत के थे। इन 13 हजार गांवों में से भी 5 हजार गांव नॉर्थ ईस्ट के थे। इन गावों तक बिजली पहुंचाने का कार्य पूर्णता पर है।

बल्कि अब तो हर घर को बिजली कनेक्शन से जोड़ने के लिए हमारी सरकार ने सौभाग्य योजना भी शुरू की है। इस पर सरकार 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है।

पूर्वी भारत के लोगों की जिंदगी में आई ये रोशनी, Isolation to Integrationका ये रास्ताही Rising India की चमक को और प्रखर करेगा।

साथियों, कॉरपोरेट जगत में एक कहावत प्रचलित है कि You can't Manage what You can't Measure.  हमने भी न सिर्फ इस मंत्र को अपनी कार्यपद्धति में अपनाया है, बल्कि इसे हम और भी आगे लेकर गए हैं – Measure to Manage and Manage to Create Mass Movement.
जब Mass Movement बनता है, जब व्यापक स्तर पर सरकार और जनता की भागीदारी होती है तो उसके results भी बेहतरीन होते हैं, दूरगामी होते हैं।मैं आपको देश के Health Sector का उदाहरण दूंगा।

हम Health Sector को Multi Sectoral तरीके से आगे बढ़ाते हुए इसमें चार Pillars पर ध्यान दे रहे हैं। 
  • Preventive Health,
  • Affordable Healthcare,
  • Supplyside interventions
  • Mission mode intervention
हमने इन चारों विषयों पर एक साथ Focus किया है।  देश में health care के लिए सिर्फ Health Ministry हो और वो अकेली ही काम करती रहे तो इससे सिर्फ silos बनते हैं, solutions नहीं निकलते। हमारा प्रयास रहा है – No Silos, Only Solutions. 

जनता-जनार्दन से जुड़े इस अभियान में Health Ministry के साथ-साथ इन विषयों से जुड़े अन्य मंत्रालयों को, स्वच्छता मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, Ministry of Chemicals and Fertilizers, उपभोक्ता मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कोभी साथ-साथ रखा। इस तरह से हमने सबको साथ मिलाकर निर्धारित Goal की ओर आगे बढ़ने का प्रयास किया है।

अगर मैं पहले Pillar यानि Preventive Health की बात करूं तो ये सबसे सस्ता भी है और सबसे आसान भी।

हम सब जानते हैं कि स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता सबसे पहली आवश्यकता है और इसी पर बल देते हुए हमने पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय को activate किया। इसका परिणाम देखिए कि 2014 तक पूरे भारत में 6.5 करोड़ घरों में शौचालय थे लेकिन अब 13 करोड़ घरों में शौचालय हैं यानि दोगुनी बढ़ोतरी।

आज देश में सैनिटेशन कवरेज 38 प्रतिशत से बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो चुकी है। यह बढ़ोतरी भी दोगुने से ज्यादा है। स्वच्छता अभियान के साथ ये संदेश भी घर-घर पहुंचा है कि कि गंदगी अपने साथ बीमारियां लेकर आती हैं, जबकि स्वच्छता रोगों को दूर भगाती है।

Preventive Health Care के रूप में योग ने नए सिरे से अपनी पहचान को स्थापित किया है। आयुष मंत्रालय के activate होने की वजह से योग आज दुनिया भर में एक Mass Movement बन रहा है।

इस बजट में हम Wellness Centre लेकर आए हैं। सरकार का प्रयास देश की हर बड़ी पंचायत में हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाने का है।

इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम पर हमने विशेष जोर दिया है। हमारी सरकार आने से पहले देश में टीकाकरण की वृद्धि दर सिर्फ 1 प्रतिशत थी, जो आज बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो चुकी है।

साथियों, Preventive Health Care के साथ ही Healthcare का Affordable होना भी जरूरी है।हेल्थ केयर Accessible हो और Affordable भी हो, जन सामान्य के लिए सस्ता और सुलभ हो, इसके लिए भी हमने कई कदम उठाए हैं।

हमनेMinistry of Chemicals and Fertilizersको activate कियाजोइस दिशा में काम कर रही है। देश भर में 3000 से अधिक जन-औषधि केंद्र खोले गए हैं जहां 800 से ज्यादा दवाइयां कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।

हृदय रोगियों को स्टेंट कम कीमत पर मिले, इसके लिए हमने उपभोक्ता मंत्रालय को active किया और उसने इस पर विशेष पहल की जिसका परिणाम है कि आज हार्ट स्टेंट की कीमत 85 प्रतिशत तक कम हो गई है।इसके साथ ही Knee implantsकी कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है, जिससे इसके दाम में 50 से 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है

इस बजट में हमने एक और बड़ी योजना का ऐलान किया है, और वो है आयुष्मान भारत। आयुष्मान भारत योजना से देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है। लगभग 10 करोड़ परिवार यानी करीब 45 से 50 करोड़ नागरिक इलाज की चिंता से मुक्त हो जाएंगे। अगर उनके परिवार में कोई बीमार पड़ा तो एक साल में 5 लाख रुपये का खर्च भारत सरकार और इंश्योरेंस कंपनी मिलकर देगी।

साथियों, Health Sector का तीसरा बड़ा Piller है, Supplyside interventions. स्वास्थ्य के साथ जो आवश्यक सुविधाएं जुड़ी हैं, उसे भी सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

देश में और खासतौर पर गांवों में डॉक्टर्स की कमी महसूस की जाती है। इससे निपटने के लिए हमारी सरकार ने मेडिकल सीटें बढ़ाई हैं।

साथियों, 2014 में जब हमारी सरकार बनी थी तो मेडिकल में 52 हजार अंडरग्रेजुएट और 30 हजार पोस्ट ग्रेजुएट  सीटें थीं। अब देश में 85 हजार से ज्यादा अंडरग्रेजुएट और 46 हजार से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट सीटें हैं।

इसके अलावा देशभर में नए एम्स और आयुर्वेद विज्ञान संस्थान की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा हर तीन संसदीय सीटों के बीच में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण की भी योजना है।

इन प्रयासों का सीधा लाभ हमारे युवाओं के साथ ही देश की गरीब जनता को भी मिलेगा। नर्सिंग और पैरामेडिकल के क्षेत्र में भी Human Resource को बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। मेडिकल प्रोफेशनल्स बढ़ेंगे तो affordability और access भी बढ़ेगा।

भाइयों और बहनों, Health Sector का चौथा और बहुत महत्वपूर्ण Pillar है- Mission mode intervention.

कुछ challenges ऐसे होते हैं जिनके लिए मिशन मोड में काम करने की जरूरत होती है और तभी उन challenges से निपटने में मदद मिलती है और उनके परिणाम देखने को मिलते हैं।

देश में माताओं और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो, वे बीमारियों से मुक्त रहें, स्वस्थ और सशक्त रहें इसके लिए हमने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को activate किया। इसके तहत आज कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियानऔर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत मां और शिशु का उचित पोषण सुनिश्चित किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरुआत भी की गई है। देश को स्वस्थ बनाने की दिशा में ये सबसे नया और बड़ा कदम है। जब बच्चों और माताओं को सही पोषण मिलेगा तो उनका बेहतर स्वास्थ्य भी सुनिश्चित होगा।

मैं मानता हूं- One size does not fit for all. इसलिए हमारी सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि हर क्षेत्र, हर सेक्टर का Unique Development Model विकसित हो।
साथियों, मैं आपको एक वीडियो के माध्यम से, देशभर की खुशियों में भागीदार बनाना चाहता हूं।

आपने जो लोगों के चेहरे पर खुशी देखी है, वो मेरे लिए Rising India है।
आखिर ये बदलाव कैसे आया?

आपको याद होगा 6 साल पहले जुलाई में ग्रिड फेल होने से देश अंधेरे में डूब गया था। जो हुआ वो एक system का, शासनतंत्र का breakdown था।

Silos की ये स्थिति थी कि एक समय ऊर्जा मंत्रालय को नहीं पता होता था कि कोयला मंत्रालय का रोडमैप क्या है। New and Renewable Energy मंत्रालय का Power Ministry के साथ कोई समन्वय नहीं था।

Silos तोड़कर Solution निकालने का ये कार्य देश के Power Sector में भी बहुत व्यापक तरीके से हो रहा है।

आज भारत की ऊर्जा सुरक्षा के best solutions के लिए Power Ministry, Renewable EnergyMinistry और Coal Ministry एक unit के रूप में काम कर रहे हैं।

कोयले से हमें energy security मिलती है, तो renewableenergy हमारी आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हमें sustainable energy दे सकती है। यही कारण है कि हम Power Shortage से Power Surplus की तरफ, Network Failure से Net Exporter की तरफ बढ़ रहे हैं। सरकार के प्रयासों से One Nation-One Grid का सपना भी साकार हुआ है।

साथियों, हार-हताशा-निराशा का वातावरण कभी किसी देश को आगे नहीं ले जा सकता। आपने भी देखा है कि पिछले चार वर्षों में देश के लोगों में, देश को चलाने वाली व्यवस्थाओं में किस तरह एक हौसला पैदा हुआ है, एक भरोसा आया है। जो परिवर्तन लोग अपने सामने देख रहे हैं, अपने जीवन में देख रहे हैं, उससे हर भारतीय में ये विश्वास आया है कि 21वीं सदी का भारत अपनी कमजोरियों को छोड़कर, अपने बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ सकता है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत के सपने को सच कर सकता है। लोगों का ये प्रबल विश्वास ही Rising India का आधार है।

भाइयों और बहनों, यही वजह है कि आज पूरा विश्व, भारत के इस उदय को, Rising India को मान दे रहा है, सम्मान दे रहा है। पहले की सरकार के दस वर्षों में जितने राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्रप्रमुख भारत आए, और जितने पिछले चार वर्षों में भारत आए, उसकी तुलना ही अपने आप में काफी कुछ कह जाती है। पहले की सरकार में औसतन एक साल में विश्व के जितने बड़े नेता आते थे, अब उसके तकरीबन दोगुने राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्रप्रमुख प्रतिवर्ष भारत आ रहे हैं।

ये Rising India की एक ऐसी तस्वीर है, जिस पर आप सभी को गर्व होगा।

साथियों, भारत ने सिर्फ अपने ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के विकास को एक नई दिशा दी है। भारत आज पूरे विश्व में सोलर क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। आपने देखा है कि किस तरह पाँच दिन पहले International Solar Alliance का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।इस सम्मेलन में लॉन्च किए गए Delhi Solar Agenda को लागू करने के लिए 60 से ज्यादा देशों ने अपनी सहमति जताई है। Climate Chage जैसे विषय में भारत का ये प्रयास 21वीं सदी में संपूर्ण मानवता की सबसे बड़ी सेवाओं में से एक है।

साथियों, बीते चार वर्षों में जिस तरह अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का प्रभाव बढ़ा है, उसके लिए एक समझी-बूझी रणनीति के तहत निरंतर कार्य किया गया है। भारत ने दुनिया को संदेश दिया है शांति का, विकास का, sustainable development का।

भारत ने बड़े-बड़े समूहों चाहे संयुक्त राष्ट्र हो या G-20, ऐसे विषय उठाए हैं जो पूरे विश्व को प्रभावित करते हैं। आतंकवाद सिर्फ एक देश या एक क्षेत्र की समस्या नहीं, बल्कि दुनिया के हर देश के लिए एक चुनौती है, इस बात को भारत ने ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्थापित किया है।

अलग-अलग देशों में कालेधन का प्रवाह और भ्रष्टाचार किस तरह विश्व के विकास में बाधक है, Effective Financial Governance के लिए चुनौती बना हुआ है, ये विषय भी भारत ने ही सबसे पुरजोर तरीके से उठाया है।

साथियों, ये भारत का ही आत्मविश्वास है कि जहां पूरा विश्व 2030 तक TB को खत्म करने के लिए कार्य कर रहा है, हमने उससे भी 5 वर्ष पहले, यानि 2025 तक इस बीमारी से मुक्ति पाने की ठान ली है। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत 2025 में पूरी दुनिया को ये लक्ष्य हासिल करके दिखा देगा।

भाइयों और बहनों, दुनिया के लिए आज India Rising सिर्फ दो शब्द नहीं हैं। ये दो शब्द सवा सौ करोड़ भारतीयों की उस ताकत का प्रतीक हैं, जिसे आज पूरी दुनिया नमन कर रही है। यही वजह है कि जिन संस्थाओं की सदस्यता के लिए भारत बरसों से प्रयास कर रहा था, वो उसे अब हासिल होने लगी है।

Missile Technology Control Regime में शामिल होने के बाद भारत ‘वासेनार अरेंजमेंट’ और ‘ऑस्ट्रेलिया ग्रुप’ में भी शामिल हो चुका है। International Tribunal for the Law of the Sea के चुनाव में, International Maritime Organization के चुनाव में, United Nations Economic and Social Council के चुनाव में भारत को विजय प्राप्त हुई है। International Court of Justice में जिस तरह भारत को जीत मिली, उसकी तो दुनिया भर में चर्चा हुई है।

साथियों, ये भारत के बढ़ते प्रभाव का ही असर है कि जब यमन में संकट आता है, भारत अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाल रहा होता है, तो अन्य देश भी भारत से मदद के लिए अपील करते हैं। आपको गर्व होगा सुनकर कि उस संकट के दौरान भारत ने 48 देशों के लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था।

डिप्लोमेसी में मानवीय मूल्यों को सबसे ज्यादा महत्व देने वाली हमारी नीति ने दुनिया को ये ऐहसास कराया है कि भारत सिर्फ अपने हित के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक हित के लिए काम कर रहा है। सबका साथ-सबका विकास का हमारा मंत्र देश की सीमाओं के दायरे में बंधा हुआ नहीं है।
आज हम आयुष्मान भारत के लिए ही नहीं, बल्कि आयुष्मान विश्व के लिए भी कार्य कर रहे हैं। योग और आयुर्वेद को लेकर दुनिया भर में जो जागरूकता आ रही है, वो भी Rising India का ही एक प्रतिबिंब है।

साथियों, अगर अर्थव्यवस्था की बात करूं तो पिछले तीन-चार वर्षों में भारत ने अपने साथ ही पूरी दुनिया की economic growth को मजबूती दी है। जो देश World GDP का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा है, वो आज World economy की ग्रोथ में 7 गुना ज्यादा कंट्रीब्यूट कर रहा है।

जितने भी Macro-Economic पैरामीटर हैं- Inflation, CurrentAccount Deficit, Fiscal Deficit,GDP Growth,Interest rate,FDI Inflow, भारत सभी मेंअच्छा Perform कर रहा है।

आज विश्व में भारत के संदर्भ में जो बातें होती हैं, वो आशा और विश्वास के साथ होती हैं, पूरे भरोसे के साथ होती हैं। यही वजह है कि तमाम रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग में सुधार कर रही हैं।
  • आज दुनिया की Top three prospective host economies में भी भारत का नाम लिया जाता है।
  • FDI Confidence Index में भारत को Top two emerging market performers में से एकबताया जाता है।
  • अंकटाडकी World Investment Report में भी भारत को दुनिया के favourite FDI destinations में से एक बताया गया है।
  • World Bank की Ease of Doing Business की रैंकिंग में भी हमने सिर्फ तीन साल में 42 अंकों का सुधार किया है।
  • वर्ष 2017-18 के तीसरे क्वार्टर में भारत ने 7.2 प्रतिशत की विकासदर हासिल की है। अर्थव्यवस्था के जानकार कह रहे हैं कि ये रफ्तार अभी और बढ़ेगी।
साथियों, 2014 के पहले देश के Tax System की पहचान थी, inverstors के लिए Unfriendly, Unpredictable और Non-Transparent. अब इस स्थिति में परिवर्तन आ रहा है।GST ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े economic Markets में से एक के तौर पर स्थापित किया है।
साथियों, सरकार गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग की Aspirations को समझते हुए holistic approach के साथ काम कररही है।
  • इस बजट में हमने Revitalising Infrastructure and Systems in Education यानि RISE नाम से एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की है । इसके तहत हमारी सरकार अगले चार साल में देश के Education System को सुधारने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
  • सरकार देश में वर्ल्ड क्लास 20 Institute Of Eminence बनाने पर भी काम कर रही है। Higher Education से जुड़े प्राइवेट और पब्लिक Institutes के साथ हम मिलकर काम कर रहे हैं। इस मिशन के तहत Public Sector के चुने हुए 10 संस्थानों को 10 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी दी जाएगी।
  • इसी तरह देश के नौजवानों में Self Employment औऱ विशेषकर MSME सेक्टर में काम कर रहे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए हम स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया मिशन जैसे कार्यक्रम चला रहे हैं।
  • विशेषकर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना नौजवानों और महिलाओं के सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बन रही है। जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से लेकर अब तक 11 करोड़ से ज्यादा लोन हमारी सरकार ने स्वीकृत किए हैं। लोगों को बिना गारंटी 5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया है। इस वर्ष के बजट में भी हमने 3 लाख करोड़ रुपए का मुद्रा लोन देना तय किया है।
अगर इन सारे प्रयासों को एक बुके के तौर पर देखें, तो ये कार्य Middle Class और Urban Youth की Aspirations को पूरा करने वाले और रोजगार के नए अवसर बनाने वाले साबित हो रहे हैं।

मुझे उम्मीद है कि विकास की मुख्यधारा में पीछे छूट गया चाहे कोई व्यक्ति हो या क्षेत्र, जब वो तेज गति से आगे बढ़ेगा, उसकी शक्तियों, उसके संसाधनो के साथ न्याय होगा, तो Rising India की Story भी और सशक्त होगी।

आखिर में, मैं आपके मीडिया समूह को 2022 और संकल्प से सिद्धि की यात्रा के बारे में फिर याद दिलाना चाहता हूं। क्या आपके ग्रुप ने कोई संकल्प लिया? क्या कोई रोडमैप तैयार किया? क्या इस बारे में सोचा कि हम ऐसा क्या करें जो 2022 में न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने में मदद करेगा?
मुझे बहुत खुशी होगी अगर आपका ग्रुप कोई चैलेन्ज स्वीकारे, अपने संकल्प को अपने चैनलों पर प्रमोट करे, उसका follow-up भी दिखाए।

साथियों, सवा सौ करोड़ देशवासी, ईश्वर का ही रूप हैं। और देश की प्रत्येक संस्था को, प्रत्येक इकाई को राष्ट्र कल्याण के लिए, राष्ट्र निर्माण के लिए, विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प बद्ध होकर काम करने की आवश्यकता है।

आपके जो भी संकल्प हों, उसके लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं।

एक बार फिर आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

जानिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत खर्चे का पूरा ब्यौरा

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत सरकार 30 चयनित स्वास्थ्य स्थितियों के लिए विशिष्ट रोग सहित 4डी अर्थात कमी, विकार और विकास में विलंबहेतु स्कूली बच्चों सहित 0-18 वर्ष की आयु समूह के सभी बच्चों की जांच हेतु वर्ष 2013 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) चला रही है।

बाल स्वास्थ्य जांच सेवा प्रत्येक ब्लॉक में तैनात प्रतिबद्ध मोबाइल स्वास्थ्य टीम के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 1 से कक्षा 12 के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नामित बच्चों की वर्ष में एक बार जांच की जाती है। ये दल आंगनवाड़ी केन्द्रों में 0-6 वर्ष आयु के बच्चों की वर्ष दो बार जांच करते हैं।

इन स्थितियों से ग्रस्त पहचाने गए बच्चों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सर्जरी सहित निःशुल्क उपचार प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिपोर्टों की तिमाही समीक्षा, क्षेत्रीय दौरे व राज्य नोडल अधिकारियों के साथ आवधिक बैठकों के माध्यम से इस कार्यक्रम की नियमित निगरानी की जाती है।


राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन वर्षों व वर्तमान वर्ष में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वित्तीय आवंटन और खर्च का विवरण निम्नानुसार  है-

राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार वित्तीय आवंटन और उपयोग, आरबीएसके

राज्यों / संघशासित प्रदेश
2014-15, मार्च 2015 तक
2015-16, मार्च 2016 तक
2016-17, मार्च, 2017 के अनुसार
2017-18, दिसंबर, 2017 के अनुसार
स्वीकृति (लाख रुपये में)
उपयोग
(लाख रुपएमें )
स्वीकृति (लाख रुपये में )
उपयोग
( लाखरुपये में)
स्वीकृति (लाख रुपये में )
उपयोग (लाख रुपये में)
स्वीकृति (लाख रुपये में)
उपयोग (लाख रुपये में)
बिहार
5850.13
9.92
8739.89
5,715.06
9337.41
7133.06
10,527.98
3,862.34
छत्तीसगढ़
3507.36
1641.46
3880.9
2,481.44
5229.10
3202.34
5,605.38
2,050.25
हिमाचल प्रदेश
927.2
543.86
1688.38
442.33
2435.57
1350.75
2,401.82
947.63
जम्मू और कश्मीर
4459.11
1411.83
4656.04
3,857.37
4272.28
3605.88
4,844.56
2,785.58
झारखंड
3500.73
0
2792.19
518.24
1755.88
600.38
3,835.75
471.27
मध्य प्रदेश
8518.67
3925.12
13354.13
8,200.59
14526.32
9042.58
12,764.38
7,977.52
ओडिशा
7248.75
3957.82
8307.39
6,302.50
7651.66
7022.39
8,128.63
4,850.20
राजस्थान
2427.77
9.6
6871.45
547.37
5839.08
3534.44
6,843.08
3,036.73
उत्तर प्रदेश
19793.59
14881.12
24709.61
18,602.70
27454.25
20518.50
26,285.86
12,439.31
उत्तराखंड
3523.09
2088.81
3390.78
2,933.50
3410.24
3022.17
3,188.94
912.58
अरुणाचल प्रदेश
709.5
112.94
750.75
600.03
738.69
395.66
1,037.36
324.88
असम
7764.47
1507.69
6944.39
3,949.67
8059.36
5036.46
7,869.22
3,094.80
मणिपुर
854.99
78.57
1745.97
374.06
1912.27
416.55
947.60
533.80
मेघालय
1092.03
87.53
1110.11
995.85
1168.88
744.78
1,407.82
667.03
मिजोरम
621.97
271.02
924.34
411.42
964.04
382.31
1,086.84
356.51
नगालैंड
458.82
115.34
439.73
119.99
512.63
205.04
583.54
20.45
सिक्किम
151.54
65.15
268.7
103.18
248.39
72.90
263.97
38.13
त्रिपुरा
324.77
55.73
604.66
213.78
660.06
290.54
558.87
363.33
आंध्र प्रदेश
5197.92
423.9
3789.36
810.60
7382.99
395.66
6,804.34
463.29
तेलंगाना
3189.78
0
4184.78
311.35
3356.00
2447.01
5,261.30
1,097.94
गोवा
293.76
116.12
312.69
163.20
272.97
144.87
265.90
126.05
गुजरात
7790.62
2863.75
9072.04
6,542.49
13229.55
12285.10
22,284.63
7,565.65
हरियाणा
3801.79
2028.18
3203.92
2,921.99
2932.25
2215.30
3,423.90
1,900.53
कर्नाटक
6460.84
3308.2
5991.94
4,513.89
6322.47
5306.68
7,982.87
5,321.68
केरल,
4195.54
751.79
4097.35
3,367.51
4031.09
4329.13
5,998.97
3,302.03
महाराष्ट्र
15145.68
7157.76
12799.26
9,712.71
16626.38
9406.18
15,902.98
11,317.84
पंजाब
3782.49
591.04
3749.24
3,194.15
3401.51
2786.25
3,426.59
1,599.63
तमिलनाडु
4715.59
0
4389.05
2,418.02
8772.83
8469.27
9,628.06
4,898.79
पश्चिम बंगाल
11346.21
4682.81
11799.49
8,682.96
10653.77
10833.53
10,090.08
6,132.04
अंडमान एवं निकोबार
154.05

208.29
45.66
189.84
90.13
172.57
39.05
चंडीगढ़
171.11
121.31
207.63
0.00
163.66
0.00
173.93
83.89
दादरा और नगर हवेली
205.84
0
201.55
120.08
222.03
105.31
155.59
77.83
दमन
102.26
91.3
114.09
39.26
102.83
51.14
117.31
29.08
दिल्ली
19.92
0

0.00
973.04
0.00
2,421.86
0.00
लक्षद्वीप
18.8
0.45
25.4
1.91
26.17
0.48
23.70
0.00
पुद्दुचेरी
81.58

86.18
55.04
121.06
75.37
109.51
40.76
1384.08करोड़
52 9 करोड़
1554.12करोड़
992.7crores
1749.57करोड़
1255.18करोड़
1924.26करोड़
887.28करोड़


 यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्‍य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल द्वारा लोकसभा में दी गई.

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