हैदराबाद स्थित उस्मानिया विश्वविधालय में कुछ दलित छात्रों द्वारा मनाए गए "बीफ फेस्टिवल" का जम कर विरोध हुआ। और इस विरोध को करने वाला कोई और नहीं बल्कि एक मुस्लिम संगठन है। आपको बताते चलें की छत्तीसगढ़ के बुधापारा में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा गोमांस और गोहत्या के विरोध एक धरने का आयोजन किया गया।धरने में मौजूद लोगों ने अपना तर्क देते हुए कहा की इस तरह के आयोजनों से गोहत्या को बढ़ावा मिल रहा है जो की समाज के हित में बिलकुल भी ठीक नहीं है।
धरने के दौरान मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अफजल ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि , ऐसे पर्व हमारी सभ्यता और संस्कृति के साथ खिलवाड़ हैं। ऐसे पर्व महज गोहत्या को प्रोत्साहित करने का माध्यम बनते जा रहे हैं। जिसकी इजाजत हमारी संस्कृति बिलकुल भी नहीं देती है। अफजल ने गोहत्या के विषय पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को तुरंत कि इसके खिलाफ मुहीम चलानी चाहिए और अगर फिर भी कोई व्यक्ति या संस्था गोहत्या में संलिप्त पाई जाती है तो उस पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही हो ।
अफजल ने मांग करते हुए कहा कि ऐसे पर्व हिन्दू मुस्लिम एकता के बीच एक दीवार का काम कर रहे हैं और अगर इन्हें नहीं रोका गया तो इससे दोनों संस्कृतियों के बीच एक बहुत बड़ी दरार पैदा हो सकती है।
छत्तीसगढ़ यूनिट के अध्यक्ष डाक्टर शाहिद राज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ऐसे पर्व एक विश्वविधालय के अन्दर शोभा नहीं देते ऐसे पर्व कौमी एकता के मुद्दे पर संकट के बदल लाते हैं साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि विश्वविधालय प्रशासन को इसकी आयोजन समिति पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करनी चाहिए।
धरने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने उत्तर प्रदेश के आगरा से आये शहजाद अली ने चिंता प्रकट करते हुए ऐसे पर्वों को आसामाजिक तत्वों द्वारा कि गयी पहल का हिस्सा बताते हुए कहा कि बड़े अफ़सोस की बात है की हमारी सरकार ऐसे आयोजनों के लिए इजाजत दे देती है।
आगे बोलते हुए शहजाद ने कहा की ऐसे कृत समाज में एक दूसरे के लिए नफरत को बढ़ावा देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने सरकार के साथ साथ उस्मानिया विश्वविधालय प्रशासन से मांग करते हुए कहा की वो तत्काल इस पर्व "बीफ फेस्टिवल" पर रोक लगाये। धरने के दौरान मौजूद लोगों ने ये भी कहा की अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो एक बड़े स्तर में, सम्पूर्ण भारत भर में इस बीफ फेस्टिवल के खिलाफ विरोध किया जायगा ।