माननीय सदस्यगण,
1. मुझे 16वीं लोक सभा के चुनावों के बाद, संसद के दोनों सदनों के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए प्रसन्नता हो रही है। सबसे पहले, मैं अपने साथी नागरिकों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं जिन्होंने हाल में हुए लोक सभा चुनावों में बड़ी संख्या में भाग लिया। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम उन्हीं की वजह से यहां हैं। उनकी सेवा करना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं इस नई लोक सभा के सदस्यों का भी अभिनंदन करता हूं। आप इन चुनावों में जनादेश प्राप्त करने में सफल हुए हैं और अब आप उनकी आशाओं, आकांक्षाओं और उनके सपनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैं आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं और आशा करता हूं कि प्रचुर विधायी कार्य भरे आने वाले सत्र सार्थक और उपयोगी होंगे।
2. यह बड़े संतोष का विषय है कि हाल के आम चुनाव सुचारु रूप से एवं काफी हद तक शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। मैं भारत के निर्वाचन आयोग और उससे जुड़े सरकारी तंत्र को सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए बधाई देता हूं। इन चुनावों में हमारे नागरिकों द्वारा दर्शाई गई अभूतपूर्व रुचि हमारे जीवंत लोकतंत्र की गहराती जड़ों का द्योतक है। दूसरी विषय-वस्तुओं पर चर्चा करने से पहले मैं सशस्त्र बलों के उन सदस्यों के परिवारों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करता हूं जिन्होंने चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपने प्राणों का बलिदान दिया।
3. मैं, लोक सभा के नए अध्यक्ष को इस गरिमापूर्ण पद पर सर्वसम्मति से चुने जाने के लिए बधाई देता हूं। लोक सभा ने अध्यक्ष पद के लिए लगातार दोबारा किसी महिला को चुनकर भारतीय समाज में महिलाओं के महत्त्व की सदियों पुरानी मान्यता को पुन: पुष्ट किया है।
माननीय सदस्यगण,
4. यह उम्मीदों का चुनाव रहा है। यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के विकास में महत्त्वपूर्ण पड़ाव है। चुनावों में 66.4 प्रतिशत मतदाताओं की रिकॉर्ड भागीदारी और लगभग 30 वर्षों पश्चात् किसी एक ही पार्टी को मिला स्पष्ट जनादेश लोगों की बढ़ी हुई आकांक्षाओं और उनके इस विश्वास को दर्शाता है कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही पूरा किया जा सकता है। मतदाताओं ने जाति-पंथ, क्षेत्र और धर्म की सीमाओं को तोड़ा है और उन्होंने सुशासन द्वारा विकास के पक्ष में एकजुट होकर निर्णायक मत दिया है।
5. देश को ऐसी मज़बूत और स्थिर सरकार की आवश्यकता है जो प्रभावी नेतृत्व प्रदान करे। इस वर्ष के प्रारंभ में गणतंत्र दिवस के अपने भाषण में मैंने आशा व्यक्त की थी कि वर्ष 2014, विगत वर्षों की विभंजनकारी और टकराव की राजनीति से राहत देने वाला वर्ष होगा। आज यहां मैं अपने साथी नागरिकों के विवेक की सराहना करता हूं जिन्होंने ऐसे उदीयमान भारत में स्थिरता, ईमानदारी और विकास के लिए मत दिया जिसमें भ्रष्टाचार का कोई स्थान न हो। उन्होंने संगठित, सुदृढ़ और आधुनिक भारत—‘‘एक भारत—श्रेष्ठ भारत’’ के लिए मत दिया है। मेरी सरकार इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस महान देश की 125 करोड़ जनता के साथ मिलकर काम करेगी।
6. मेरी सरकार इस जनादेश को पूरा करने के लिए सही वातावरण तैयार करने हेतु प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकार ‘सब का साथ, सब का विकास’ सिद्धांत को अपनाएगी जो आपकी सक्रिय भागीदारी से ही पूरा किया जा सकता है। हम लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को पुन: कायम करने के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगे। मेरी सरकार ‘‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम सुशासन’’ के मंत्र पर कार्य करेगी। अपने सभी कार्यों में हम अपनी महान सभ्यता के मूलभूत मूल्यों से मार्गदर्शन लेंगे।
माननीय सदस्यगण,
7. मेरी सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है। गरीबी का कोई धर्म नहीं होता है, भूख का कोई पंथ नहीं होता है और निराशा का कोई भूगोल नहीं होता। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत में गरीबी के अभिशाप को समाप्त करना है। मेरी सरकार केवल ‘‘निर्धनता उपशमन’’ से संतुष्ट नहीं होगी बल्कि यह ‘‘गरीबी का पूर्ण निवारण’’ करने के लक्ष्य के प्रति वचनबद्ध है। सरकार इस दृढ़ मत के साथ कि विकास पर पहला हक गरीब का है, अपना ध्यान उन पर केन्द्रित करेगी जिन्हें जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की तुरंत आवश्यकता है। सरकार सहानुभूति, सहायता और सशक्तीकरण द्वारा, सभी नागरिकों को हर तरह की सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक उपाय करेगी।
8. खाद्य पदार्थों की कीमतों को बढ़ने से रोकना मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। विभिन्न कृषि एवं कृषि आधारित उत्पादों के आपूर्ति पक्ष को सुधारने पर बल दिया जाएगा। मेरी सरकार जमाखोरी और काला-बाजारी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी। सरकार राज्यों की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को अपनाते हुए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करेगी। मेरी सरकार इस वर्ष सामान्य से कम मानसून की संभावना के प्रति सतर्क है और इसके लिए उपयुक्त योजनाएं तैयार की जा रही हैं।
9. हमारी दो तिहाई से अधिक जनता के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने के बावजूद भी हम इसे पर्याप्त सार्वजनिक सुविधाएं और जीविका के अवसर उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। मेरी सरकार सशक्त पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से गांवों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। निवेश के एक बड़े भाग का उपयोग सामुदायिक परिसंपत्तियों के सृजन और आधारभूत ढांचों जैसे सड़क, आश्रय, बिजली व पेय जल को सुधारने के लिए किया जाएगा। मेरी सरकार ग्राम-शहर की संकल्पना अपनाकर, गांव की मूल प्रकृति को बरकरार रखते हुए, ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराकर ग्रामीण-शहरी असमानता को दूर करने का प्रयास करेगी।
10. कृषि हमारी अधिकांश जनता की आजीविका का स्रोत है। पिछले कुछ समय से हमारे किसान बहुत ही विषम परिस्थिति में हैं और हताशा के कारण कुछ तो आत्महत्या के लिए भी मज़बूर हो गए। मेरी सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण हालात को पूरी तरह बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। वह कृषि में, विशेषकर कृषि-बुनियादी ढांचे में सरकारी व निजी दोनों ही तरह के निवेश को बढ़ाएगी। वैज्ञानिक तरीके और कृषि प्रौद्योगिकी अपनाकर खेती को लाभकारी उद्यम में बदलने के लिए उपाय किए जाएंगे। मेरी सरकार कृषि उपज की कीमत निर्धारण व खरीद, कृषि बीमा तथा उपज पश्चात प्रबंधन से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगी। पशु-पालन की उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी। मेरी सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहन देगी। सहकारी क्षेत्र के मौज़ूदा कानूनों की समीक्षा की जाएगी ताकि विसंगतियां और कमियां दूर की जा सकें। मेरी सरकार ऐसी राष्ट्रीय भूमि उपयोग नीति अपनाएगी जो कृषि अनुपयुक्त भूमि की वैज्ञानिक तरीके से पहचान करने और उसका कारगर विकास करने में सहायता करेगी।
11. पानी की बूंद-बूंद कीमती है। मेरी सरकार जल सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। सरकार काफी समय से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेगी और ‘‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’’ लागू करेगी जिसका उद्देश्य होगा ‘‘हर खेत को पानी’’ हमारे जल संसाधनों के इष्टम् उपयोग द्वारा बाढ़ एवं सूखे की पुनरावृत्तियों को रोकने के लिए नदियों को जोड़ने समेत अन्य सभी विकल्पों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। हम वर्षा जल का ‘जल संचय’ और ‘जल सिंचन’ द्वारा संचयन कर जल संरक्षण करेंगे और भूजल स्तर को बढ़ाएंगे। ‘प्रति बूंद—अधिक फसल’ सुनिश्चित करने के लिए, माइक्रो सिंचाई को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
माननीय सदस्यगण,
12. भारत विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। आज यह विश्व का ऐसा देश भी है जिसमें युवाओं की जनसंख्या सर्वाधिक है। हमें ‘‘आबादी के लाभांश’’ का फायदा उठा सकने के लिए अपने युवाओं को सही शिक्षा, कौशल और अवसरों से सुसज्जित करना होगा। मेरी सरकार केवल ‘युवा विकास’ की संकल्पना की बजाए ‘युवा संचालित’ विकास व्यवस्था प्रदान करेगी। सरकार मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सिस और वर्च्युअल कक्षाएं तैयार करेगी। हमारी शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता, अनुसंधान और नवीन-प्रक्रिया में कमियों से उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार, एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी। हम प्रत्येक राज्य में आईआईटी और आईआईएम स्थापित करेंगे। स्कूली अध्यापकों और छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी। मेरी सरकार ‘‘हर हाथ को हुनर’’ के उद्देश्य से औपचारिक शिक्षा और कौशल विकास के बीच की बाधाओं को दूर करने का प्रयास करेगी और ऐसी व्यवस्था बनाएगी जिसमें व्यावसायिक योग्यताओं को अकादमिक समानता दी जाएगी। मेरी सरकार ‘हुनरमंद भारत’ के लक्ष्य से ‘‘नेशनल मल्टी स्किल मिशन’’ भी शुरू करेगी।
13. देश के बच्चों और युवाओं को मनोरंजन के लिए ऐसे अवसरों की आवश्यकता है जो उनका रचनात्मक विकास करे और उन्हें चुस्त रख सके। मेरी सरकार ‘राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज कार्यक्रम’ की शुरुआत करेगी। सरकार भारतीय खेलों के विकास और संवर्धन को सुसाध्य बनाएगी जिसमें ग्रामीण खेलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। खेलों की स्कूली-पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बनाकर तथा शैक्षिक प्रोत्साहन प्रदान करके खेलों को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
14. देश को एक ऐसी संपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो सर्वसुलभ, किफायती और प्रभावी हो। इस उद्देश्य के लिए, मेरी सरकार नई स्वास्थ्य नीति तैयार करेगी और ‘‘नेशनल हैल्थ एश्योरेंस मिशन’’ शुरू करेगी। योग (YOGA) और आयुष (AYUSH) को प्रोत्साहन देगी। हैल्थ केयर प्रोफेशनलों की कमी दूर करने के लिए, स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण में बदलाव किया जाएगा। प्रत्येक राज्य में क्रमबद्ध रीति से एम्स जैसे संस्थान स्थापित किए जाएंगे।
15. हम ऐसी अपमानजनक स्थिति को सहन नहीं करेंगे जिसमें घरों में शौचालय न हों और सार्वजनिक स्थान गंदगी से भरे हों। देश भर में स्वास्थ्यकर परिस्थितियां (हाइजिन), कचरा प्रबंधन और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ‘‘स्वच्छ भारत मिशन’’ चलाया जाएगा। ऐसा करना महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर हमारी श्रद्धांजलि होगी जो वर्ष 2019 में मनाई जाएगी।
16. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं हमारे समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, मेरी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका के समान अवसरों के लिए उपयुक्त इको-सिस्टम तैयार करने के लिए कदम उठाएगी। मेरी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लोग उभरते अवसरों का लाभ उठा सकें। मेरी सरकार अनुसूचित जातियों के लिए ‘वन बंधु कल्याण योजना’ शुरू करेगी। जनजातीय बस्तियों का विद्युतीकरण एवं उन्हें पक्की सड़कों से जोड़ने को प्राथमिकता दी जाएगी।
17. यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि स्वतंत्रता के इतने दशकों बाद भी अल्पसंख्यक समुदाय गरीबी से पीड़ित है और सरकारी स्कीमों के लाभ अल्पसंख्यकों तक नहीं पहुंचते हैं। मेरी सरकार, भारत की प्रगति में सभी अल्पसंख्यकों को बराबर का भागीदार बनाने के लिए कृतसंकल्प है। सरकार अल्पसंख्यक समुदायों में आधुनिक और तकनीकी शिक्षा का प्रसार करने के उपायों को विशेष तौर पर कारगर बनाएगी और राष्ट्रीय मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम शुरू करेगी।
18. भिन्न रूप से सक्षम लोगों का कल्याण और पुनर्वास मेरी सरकार की संवेदनशील समाज की संकल्पना का अभिन्न भाग है। सरकार जीवन के सभी क्षेत्रों में भिन्न रूप से सक्षम लोगों की भागीदारी को सुकर बनाकर, उनके जीवन को गरिमा प्रदान करने के लिए कदम उठाएगी। उनकी विशेष आवश्यकताओं की पहचान करने और उनके लिए संस्थागत देखभाल उपलब्ध कराने के लिए उपाय किए जाएंगे।
19. मेरी सरकार समाज के विकास और राष्ट्र की समृद्धि में, महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करती है। वह संसद और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। ‘‘बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ’’ की प्रतिबद्धता के साथ, मेरी सरकार बालिका को बचाने और उसकी शिक्षा के लिए व्यापक जन-अभियान आरंभ करेगी। इसके लिए ऐसी व्यापक स्कीम तैयारी की जाएगी, जिसमें इस संबंध में राज्यों के सर्वोत्तम कार्यों को शामिल किया जाएगा। हाल ही में, देश में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की कुछ जघन्य घटनाएं हुई हैं। सरकार, महिलाओं के विरुद्ध, हिंसा को बिल्कुल सहन न करने (जीरो टॉलरैंस) की नीति अपनाएगी और उसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दांडिक न्याय प्रणाली को समुचित रूप से मजबूत किया जाएगा।
माननीय सदस्यगण,
20. भारत संघीय व्यवस्था वाला देश है। परन्तु काफी वर्षों से, इसकी संघीय भावना को कमज़ोर किया गया है। राज्यों और केंद्र को सामंजस्यपूर्ण टीम इंडिया के रूप में काम करना चाहिए। राष्ट्रीय मुद्दों पर राज्यों के साथ सक्रियता से कार्य करने के लिए मेरी सरकार, राष्ट्रीय विकास परिषद, अंतर्राज्यीय परिषद् जैसे मंचों को पुन: सशक्त बनाएगी। केंद्र, सहकारी-संघवाद के ज़रिए राज्यों की त्वरित प्रगति में सहायक बनेगा। तटीय, पर्वतीय और रेगिस्तानी राज्यों की विशेष आवश्यकताओं और अलग तरह की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्दिष्ट विकास प्रारूप विकसित किए जाएंगे। देश के पूर्वी भागों को भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढाँचे के संदर्भ में पश्चिमी भागों के बराबर लाने को उच्चतम् प्राथमिकता दी जाएगी। मेरी सरकार, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के विकास संबंधी मुद्दों का समाधान करेगी। सरकार उत्तर पूर्व क्षेत्र और जम्मू एवं कश्मीर में इन्ट्रा-रीजन कनेक्टिविटी और सीमावर्ती बुनियादी ढाँचे को सुधारने पर विशेष जोर देगी। उत्तर-पूर्व क्षेत्र में घुसपैठ और गैर-कानूनी प्रवासियों के मुद्दे को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा तथा उत्तर-पूर्व सीमा पर बाड़ लगाने के रुके संपूर्ण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे कि कश्मीरी पंडित अपने पूर्वजों की भूमि पर पूर्ण गरिमा, सुरक्षा और सुनिश्चित जीविका के साथ लौटें।
21. मेरी सरकार वांछित परिणाम दे पाने पर केंद्रित एक साफ-सुथरा और कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। लोकपाल, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए महत्त्वपूर्ण संस्था है और मेरी सरकार अधिनियम के अनुरूप नियम बनाने का प्रयास करेगी। मेरी सरकार नौकरशाहों का विश्वास और मनोबल कायम करने के लिए कदम उठाएगी और साथ ही उन्हें कार्य करने की स्वतंत्रता देते हुए उनके नए विचारों का भी स्वागत करेगी। सरकार पारदर्शी प्रणाली कायम करने और सरकारी सेवाएं समय पर मुहैया कराने पर बल देगी। सरकारी तंत्र और प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाएगी ताकि इन्हें नागरिक अनुकूल, भ्रष्टाचार मुक्त तथा जवाबदेह बनाया जा सके। अप्रचलित कानूनों, विनियमों, प्रशासनिक ढांचों तथा पद्धतियों को समाप्त करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। लक्षित कार्य-परिणाम प्राप्त करने के लिए मंत्रालयों, विभागों तथा सरकार के अन्य संगठनों को युक्तिसंगत बनाया जाएगा और उनमें तालमेल स्थापित किया जाएगा। सरकारी रिकार्ड का डिजीटलीकरण किया जाएगा ताकि वे सुलभता से उपलब्ध हो सकें।
22. ई-शासन से समर्थता, साम्यता और दक्षता आती है। इसमें लोगों के जीवन में बदलाव लाने की क्षमता है। मेरी सरकार के काम करने के नए तरीकों का मूलाधार डिजीटल इंडिया होगा। सरकारी प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाएगा ताकि सेवा प्रदान करने में तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन में सुधार किया जा सके। अगले पाँच वर्षों में हम महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों में वाई-फाई क्षेत्र बनाने के लिए कार्य करेंगे। मेरी सरकार ब्रॉडबैंड-हाइवे कायम करेगी जिसे सभी गांवों तक पहुंचाया जाएगा और सभी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से ई-सक्षम बनाया जाएगा। ज्ञानजीवी समाज के लिए अपने बच्चों को तैयार करने हेतु प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाएगा। विभिन्न प्रकार की नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ई-शासन योजना का विस्तार करके केन्द्र से लेकर पंचायतों तक सभी सरकारी कार्यालयों को इसके तहत लाया जाएगा। सहभागितापूर्ण शासन के साधन के तौर पर सोशल मीडिया जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा जिससे नीति निर्माण और प्रशासन में लोगों को सीधे ही जोड़ा जा सके।
23. मेरी सरकार देश को भ्रष्टाचार और काले धन जैसी बुराई से छुटकारा दिलाने के लिए कृत-संकल्प है। इस दिशा में पहले कदम के रूप में विदेशों में जमा काले धन का पता लगाने के लिए सरकार ने विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया है। विदेशी-सरकारों के साथ सक्रिय रूप से कार्य करते हुए इस पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
24. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि न्याय में विलंब का अर्थ है न्याय न मिलना, मेरी सरकार न्यायिक प्रणाली में बड़ी संख्या में लंबित मामलों की समस्या को दूर करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाएगी। सरकार न्यायालयों की कार्यक्षमता सुधारने के लिए उनका क्रमिक रूप से आधुनिकीकरण करेगी और दांडिक न्याय प्रणाली में सुधार करना प्रारंभ करेगी ताकि न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल, द्रुत व अधिक प्रभावी बनाया जा सके। यह न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने के लिए और अधीनस्थ न्यायपालिका में कोर्ट एवं न्यायाधीशों की संख्या को चरणबद्ध तरीके से दोगुनी करने के लिए मिशन रूप में परियोजना की शुरुआत करेगी। सरकार वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्रों के विकास पर विशेष बल देगी।
माननीय सदस्यगण,
25. आर्थिक मोर्चे पर हम अत्यधिक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लगातार दो वर्षों से हमारा जीडीपी विकास 5 प्रतिशत से कम रहा है। कर उगाही कम हुई है। मुद्रास्फीति अवांछित स्तर पर बनी हुई है। अत: भारतीय अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाना मेरी सरकार के लिए बड़ा काम है। हम अपनी अर्थव्यवस्था को सतत् उच्च विकास पथ पर ले जाने के लिए मिल-जुलकर कार्य करेंगे, महंगाई नियंत्रित करेंगे, निवेश चक्र में तेजी लाएंगे, रोज़गार सृजन को त्वरान्वित करेंगे और अपनी अर्थव्यवस्था के प्रति घरेलू व अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास बहाल करेंगे।
26. मेरी सरकार एक ऐसा नीतिगत वातावरण तैयार करेगी जिसमें स्थायित्व हो और जो पारदर्शी तथा निष्पक्ष हो। यह कर व्यवस्था को युक्तिसंगत तथा सरल बनाएगी जो निवेश, उद्यम और विकास के विरुद्ध नहीं होगी वरन् उसे बढ़ाने में सहायक होगी। सरकार राज्यों की चिंताओं का निराकरण करते हुए जीएसटी लागू करने का हर संभव प्रयास करेगी। व्यवसाय करने को आसान बनाने के लिए सुधार किए जाएंगे। मेरी सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने की नीति अपनाएगी जिसमें ऐसा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) भी शामिल है जिसकी अनुमति उन क्षेत्रों में होगी जिनसे रोजगार तथा परिसंपत्ति सृजन में सहायता मिले।
27. विनिर्माण क्षेत्र में रोज़गार के तेज सृजन के लिए सरकार श्रम-आधारित विनिर्माण को युक्तिसंगत तरीके से बढ़ावा देगी। पर्यटन और कृषि आधारित उद्योगों से भी रोज़गार के अवसरों का विस्तार किया जाएगा। मेरी सरकार रोज़गार केंद्रों को कैरिअर केंद्रों में रूपांतरित करेगी—जहां युवाओं को प्रौद्योगिकी के साथ परामर्श व प्रशिक्षण के द्वारा पारदर्शी और कारगर तरीके से रोज़गार के अवसरों से जोड़ा जाएगा। सरकार सभी वर्ग के श्रमिकों के लिए पेंशन और स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ करेगी और उन्हें आधुनिक वित्तीय सेवाएं सुलभ कराएगी।
28. अपने देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विनिर्माण केंद्र के रूप में परिवर्तित करने की ज़रूरत है जिसकी मुख्य विशेषताएं दक्षता, मात्रा और गति होंगी। इस संबंध में, सरकार विशेष रूप से देश भर में, डेडिकेटेड फ्रेट गलियारों एवं औद्योगिक गलियारों के साथ विश्व स्तरीय निवेश एवं औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना करेगी। मेरी सरकार नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देगी। सरकार हब एवं स्पोक मॉडल के माध्यम से केंद्र एवं राज्य दोनों स्तरों पर मंजूरी के लिए सिंगल विंडो प्रणाली लागू करने का प्रयास करेगी।
29. वैश्विक व्यापार में अपनी भागीदारी को बढ़ाने के लिए कार्य पद्धतियों को सरल बनाया जाएगा और व्यापार ढाँचा मज़बूत किया जाएगा ताकि कारोबार संचालन समय तथा लागत में कमी लाई जा सके। उन्नत प्रौद्योगिकी, विपणन व निवेश सहायता उपलब्ध करवाकर, छोटे उद्योग क्षेत्र और हस्तशिल्प क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस क्षेत्र की निर्यात संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। मेरी सरकार विशेष रूप से हमारे बुनकरों की कार्य दशाओं में सुधार के लिए हर संभव प्रयास करेगी। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम सेक्टर की समीक्षा करने और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए भी सरकार एक कार्यबल का गठन करेगी।
माननीय सदस्यगण,
30. मजबूत बुनियादी ढांचे की कमी भारत की मुख्य बाधाओं में से एक है। सरकार एक महत्वाकांक्षी आधारभूत ढाँचा विकास कार्यक्रम तैयार करेगी जो अगले 10 वर्षों में लागू किया जाएगा। सरकारी तथा निजी भागीदारी से संचालित एक ऐसा तंत्र स्थापित किया जाएगा जो फास्ट-ट्रैक, निवेश-अनुकूल और स्थायित्व प्रदान करने वाला हो। आधारभूत ढांचा सुधार एजेंडे में रेलवे के आधुनिकीकरण और नवीकरण का कार्य सबसे ऊपर है। मेरी सरकार हाई स्पीड ट्रेनों की हीरक चतुर्भुज परियोजना शुरू करेगी। जल्दी ़खराब हो जाने वाले कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए देश में विशेष कृषि-रेल नैटवर्क वाले फ्रेट-गलियारे होंगे। नई वित्तीय पद्धतियों के प्रयोग द्वारा रेलों में निवेश में वृद्धि लाई जाएगी। पर्वतीय राज्यों तथा उत्तर-पूर्व क्षेत्र में रेल-मार्ग के विस्तार तथा रेल संरक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
हम रेलवे-प्रणालियों के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्य तथा उच्च स्तरीय स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देंगे। विगत कुछ वर्षों के गतिरोध को समाप्त करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए त्वरित, समयबद्ध और पूर्ण निगरानी रखते हुए कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। छोटे नगरों में हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए कम लागत वाले हवाई अड्डे बनाए जाएंगे। सरकार, पत्तन-आधारित विकास का एक मॉडल विकसित करेगी। हमारी लंबी तटरेखा भारत की समृद्धि का प्रवेश द्वार होगी। मेरी सरकार एक ओर जहां मौज़ूदा पत्तनों का आधुनिकीकरण करेगी वहीं दूसरी ओर नए विश्वस्तरीय पत्तनों का विकास करेगी। इन पत्तनों की सागर माला को एक साथ पिरोते हुए हम इन्हें सड़क एवं रेल द्वारा भीतरी प्रदेशों से जोड़ेंगे। अंतर्देशीय और तटीय जलमार्गों का विकास परिवहन के मुख्य मार्गों के रूप में किया जाएगा।
31. मेरी सरकार, एक वृहत् राष्ट्रीय ऊर्जा नीति तैयार करेगी और ऊर्जा संबंधी अवसंरचना, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान देगी। सरकार का लक्ष्य पारंपरिक और अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के उचित मिश्रण से विद्युत उत्पादन क्षमता को पर्याप्त मात्रा तक बढ़ाना है। यह राष्ट्रीय सौर मिशन का विस्तार करेगी तथा घरों और उद्योगों को गैस-ग्रिड से जोड़ेगी। पारदर्शी तरीके से निजी निवेश आकर्षित करने के लिए कोयला क्षेत्र में तत्काल सुधार किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय गैर-सामरिक न्यूक्लियर करार लागू किए जाएंगे और गैर-सामरिक प्रयोजनों के लिए न्यूक्लियर ऊर्जा परियोजनाएं तैयार की जाएंगी।
32. मेरी सरकार इस तथ्य से अवगत है कि हमारी शहरी अवसंरचना अत्यधिक दबाव में है। जल्द ही, हमारी जनसंख्या का 50 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में रह रहा होगा। शहरीकरण को चुनौती मानने के बजाय अवसर के रूप में लेते हुए सरकार विशिष्ट विषयों पर केंद्रित और विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस 100 शहर बनाएगी। स्वच्छता और साफ-सफाई पर ध्यान देने के लिए आदर्श नगरों में, एकीकृत अवसंरचना तैयार की जाएगी। जब देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा तब तक प्रत्येक परिवार का अपना पक्का घर होगा जिसमें पानी का कनेक्शन, शौचालय सुविधाएं और चौबीसों घंटे (24×7) विद्युत आपूर्ति और आवागमन की सुविधाएं होंगी।
माननीय सदस्यगण,
33. देश को उच्च विकास की ओर ले जाते हुए, मेरी सरकार, अक्षुण्णता को अपनी योजना प्रक्रिया के केंद्र में रखेगी। मेरी सरकार का दृढ़ विश्वास है कि पर्यावरण संरक्षण एवं विकास साथ-साथ हो सकते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए, पर्यावरण एवं वन मंज़ूरी तंत्र को ज्यादा विश्वसनीय, पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाया जाएगा। इसके साथ-साथ, मूल्यांकन की ठोस प्रक्रिया और मंजूरी शर्तों का पूर्ण पालन कराने के लिए एक प्रभावी तंत्र विकसित किया जाएगा जो खास तौर पर विस्थापित समुदायों के पुनर्वास तथा पुनर्वनीकरण से संबंधित मुद्दों को देखेगा। शहरों में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए और इसे कम करने के लिए तत्परता से कार्य करेगी और इस संबंध में विश्व समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी। हिमालय की पारिस्थितिकी का संरक्षण, मेरी सरकार की प्राथमिकता होगी। एक राष्ट्रीय हिमालय मिशन शुरू किया जाएगा।
34. निकट अतीत में, हमारे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों के आबंटन में विवेकाधिकार शक्तियों के प्रयोग के संबंध में गंभीर चिंताएं व्यक्त की गईं। सरकार महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयला, खनिज व स्पेक्ट्रम के आबंटन के लिए स्पष्ट और पारदर्शी नीतियां बनाएगी।
35. गंगा नदी जो लाखों लोगों के लिए आस्था का प्रतीक और जीवन-रेखा है, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है; लेकिन गंगाजी प्रदूषित बनी हुई है और उसके कई भाग क्षीण मौसम (लीन सीज़न) में सूख जाते हैं। मेरी सरकार गंगा को उसके प्राचीन स्वरूप की तरह बारहमासी, स्वच्छ व पावन बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित करेगी।
36. हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हमारे राष्ट्र की अनेकता में एकता की भावना का मूल आधार है। भारतीय भाषाएं हमारे समृद्ध साहित्य, इतिहास, संस्कृति, कला और अन्य उपलब्धियों का भंडार हैं। मेरी सरकार एक ‘‘ई-भाषा’’ नामक राष्ट्रीय मिशन चलाएगी जो विभिन्न भाषाओं में डिजीटल सामग्री तैयार करेगी तथा हमारे क्लासिक साहित्य का विभिन्न भाषाओं में प्रचार-प्रसार करेगी। मेरी सरकार राष्ट्रीय महत्त्व के स्थलों के रखरखाव और जीर्णोद्धार के लिए भी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी।
37. भारत में पर्यटन की व्यापक एवं अपार संभावनाएं हैं जो हमारी सामाजिक-आर्थिक प्रगति में विशेष भूमिका अदा कर सकती हैं। सरकार ऐसे 50 टूरिस्ट सर्किट बनाने के लिए मिशन के रूप में परियोजना शुरू करेगी जो विशिष्ट विषयवस्तु पर आधारित होंगे। तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मों के तीर्थ-स्थलों के सौंदर्यीकरण और वहां जनसुविधाओं एवं अवसंरचना के सुधार के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा।
38. मेरी सरकार जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका को स्वीकार करती है। सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तथा नवाचार को बढ़ाने वाले उच्च अनुसंधानों में, घरेलू एवं विदेशी दोनों, निजी निवेश को बढ़ावा देगी एवं प्रोत्साहित करेगी। सरकार नेनो टेक्नोलोजी, मटीरियल-साइंस, थोरियम टेक्नोलॉजी, ब्रेन रिसर्च, स्टेम सेल्स आदि के क्षेत्र में विश्व स्तर के अनुसंधान केंद्र बनाएगी। सरकार ग्रामीण विकास के लिए प्रौद्योगिकी संस्थान और हिमालयी अध्ययन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय भी स्थापित करेगी।
माननीय सदस्यगण,
39. सरकार आंतरिक सुरक्षा के मामले में, अत्यधिक सतर्कता बरतेगी। आतंकवाद, चरमपंथ, दंगा और अपराध को बिल्कुल भी न सहने की नीति अपनाई जाएगी। नार्को आतंकवाद एवं साइबर खतरों सहित आतंकवाद के नए तरीकों से निपटने के लिए राज्यों की पुलिस को, उनके ढाँचे और उपस्करों के आधुनिकीकरण के लिए सहायता दी जाएगी। राज्य सरकारों से परामर्श करके राष्ट्रीय योजना तैयार की जाएगी ताकि वामपंथी चरमपंथ से उत्पन्न चुनौतियों और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाया जा सके। मेरी सरकार, सुरक्षा बलों को आधुनिकतम तकनीक से सुसज्जित करने और इनकी कार्य दशा सुधारने के लिए कदम उठाएगी।
40. मेरी सरकार रक्षा क्षेत्र में क्षमता व किफायत बढ़ाने के लिए रक्षा खरीददारी व्यवस्था में सुधार करेगी। यह रक्षा उपकरणों के डिज़ाइन तथा उत्पादन में अधिक हिस्सेदारी के लिए निजी क्षेत्र सहित घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी। हम रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को सुदृढ़ बनाने के लिए, उदारीकृत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सहित, नई नीतियां बनाएंगे। सुलभता से उपलब्ध कुशल मानव संसाधन के माध्यम से भारत सॉफ्टवेयर सहित रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में एक विश्वव्यापी प्लेटफॉर्म के रूप में उभर सकता है, जिससे हमारी रक्षा सुदृढ़ होगी और देश में औद्योगिक विकास और निर्यात में तेज़ी आएगी।
41. देश को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है, वे कौशल, समर्पण और पराक्रम से राष्ट्र की सेवा करते हैं, देश को सुरक्षित रखते हैं और आपदाओं एवं विपत्तियों के समय राहत व बचाव कार्यों में सहायता करते हैं। हम प्राथमिकता के आधार पर अपने सशस्त्र बलों का आधुनिकीकरण करके और मानव संसाधनों की कमी को दूर करके, सामरिक-दक्षता को सुदृढ़ बनाएंगे। तटीय सुरक्षा के महत्त्व को देखते हुए, मेरी सरकार राष्ट्रीय समुद्रतटीय प्राधिकरण स्थापित करेगी।
42. मेरी सरकार अपने वीर एवं नि:स्वार्थ सैनिकों के ऋण को चुकाने के लिए सब कुछ करेगी। हम उनकी शिकायतों के निवारण के लिए भूतपूर्व सैनिक आयोग का गठन करेंगे, ताकि उन्हें यह ज्ञात हो कि सक्रिय सेवा से सेवानिवृत्त होने के उपरांत भी हम उनकी कद्र करते हैं। सरकार अपने सैनिकों के पराक्रम का सम्मान करने के लिए राष्ट्रीय युद्ध-स्मारक बनाएगी। एक रैंक, एक पेंशन योजना लागू की जाएगी।
माननीय सदस्यगण,
43. भारत की विदेश नीति, अपनी सभ्यता के मूल तत्त्वों और विरासत के अनुसार, सभी देशों के साथ शांति और मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने के सिद्धांतों पर आधारित है। हम अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुविचारित राष्ट्रीय हित के आधार पर अग्रसर करेंगे जिसमें हम अपने मूल्यों की दृढ़ता को व्यवहारिकता तथा पारस्परिक हितकारी संबंध के सिद्धांत से जोड़ेंगे। मेरी सरकार एक सशक्त, आत्मनिर्भर तथा विश्वास से भरपूर भारत का निर्माण करने और देश को राष्ट्रों के समुदाय में उसका सही स्थान दिलाने के लिए वचनबद्ध है।
44. मेरी सरकार ने, 26 मई को नए मंत्रिपरिषद् के शपथ ग्रहण समारोह में स्वतंत्र भारत में पहली बार, सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित कर दक्षिण एशियाई क्षेत्र और विश्व को एक विशिष्ट और साहसी संकेत दिया है। इतने कम समय में इस निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए हम उनके आभारी हैं। उन सभी की तथा मॉरिशस के प्रधानमंत्री की उपस्थिति से न सिर्फ इस समारोह की रौनक में वृद्धि हुई बल्कि यह इस क्षेत्र में लोकतंत्र के उत्सव का और हमारी साझी उम्मीदों और आकांक्षाओं के मेल का भी प्रतीक बना। यह सरकार की अपने अड़ोस-पड़ोस के माहौल को शांतिपूर्ण व स्थिर रखने और आर्थिक रूप से जोड़ने की दिशा में प्रतिबद्धता और संकल्प को दर्शाती है, जो दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सामूहिक विकास और समृद्धि के लिए अनिवार्य है। हम दक्षिण एशियाई नेताओं के साथ मिलकर सार्क को क्षेत्रीय सहयोग के प्रभावी साधन बनाने और वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक आवाज बनने के लिए कार्य करेंगे।
45. साथ ही, हम द्विपक्षीय स्तर पर मुद्दों को उठाने में कभी भी संकोच नहीं करेंगे। हमारा यह मानना है कि इस क्षेत्र में साझी ह्यसमृद्धि का भविष्य, स्थिरता की नींव पर ही बनाया जा सकता है, जिसके लिए सुरक्षा समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता और पड़ोसी देशों में आतंक के निर्यात को समाप्त करने की आवश्यकता है।
46. मेरी सरकार, चीन सहित, इस क्षेत्र के अन्य पड़ोसी देशों के साथ सक्रिय संबंध स्थापित करेगी, जिनके साथ हम अपनी स्ट्रॅटेजिक एवं सहयोगपूर्ण साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे। हम जापान के सहयोग से, हमारे देश में, विशेष रूप से आधुनिक अवसंरचना निर्माण के क्षेत्र में चल रही विभिन्न गतिविधियों में प्रगति के लिए प्रयास करेंगे। रूस अभी भी हमारा खास और सामरिक साझीदार है और मेरी सरकार इस साझेदारी को और अधिक मज़बूत बनाएगी।
47. भारत और संयुक्त राज्य अमरीका ने विगत वर्षों के दौरान अपनी सामरिक साझेदारी को बढ़ाने में काफी प्रगति की है। मेरी सरकार इन संबंधों में नए उत्साह का संचार करेगी तथा व्यापार, निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में इन संबंधों को घनिष्ठ बनाएगी। भारत यूरोप के साथ अपने व्यापक सहयोग संबंधों को भी महत्त्वपूर्ण मानता है। सरकार यूरोपीय संघ तथा इसके अग्रणी सदस्यों के साथ मिलकर प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति के लिए भरसक प्रयास करेगी।
48. अपनी सॉफ्टपावर की क्षमता को पूर्ण रूप से चरितार्थ करने के लिए हमें विशेष तौर पर अपनी समृद्ध आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को बाहरी आदान-प्रदानों से जोड़ना पड़ेगा। सरकार हमारी परम्परा, कौशल प्रतिभा, पर्यटन, व्यापार और प्रौद्योगिकी (5-टी) (ट्रडिशन, टैलेंट, टूरिज्म, ट्रेड और टेक्नोलॉजी) से जुड़ी अपनी ताकत के बल पर फिर से ब्रांड-इंडिया को कायम करेगी।
49. पूरे विश्व में, जीवंत, प्रतिभाशालीऔर उद्यमशील भारतवंशी समुदाय है जो हमारे लिए अत्यंत गौरव का विषय है। उन्होंने वहां पर भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में अग्रगामी कार्य किए हैं, उच्च सरकारी पद धारण किए हैं और भारत में स्थित अपने परिवारों एवं स्थानीय क्षेत्रों की मदद के लिए कठिन परिश्रम किया है। जहां-जहां वे बसे हैं, वहां-वहां उन्होंने प्रचुर योगदान किया है, फिर भी उनके दिल में भारत की एक छोटी सी लौ बसती है, जो उन्हें हमारे देश में बदलाव लाने की ओर प्रेरित कर सकती है। सौ साल पहले, सन् 1915 में, भारत के महानतम प्रवासी भारतीय, महात्मा गांधी भारत लौटे थे और उन्होंने भारत की नियति को ही बदल डाला। जनवरी, 2015 का प्रवासी भारतीय दिवस इस दृष्टि से एक खास महत्त्व रखता है। अगले वर्ष हम गांधीजी के भारत लौटने की शतवार्षिकी मनाएंगे और साथ ही ऐसे कदम भी उठाएंगे जिनसे प्रत्येक प्रवासी भारतीय का भारत के साथ संबंध प्रगाढ़ हो और वे भारत के विकास में भागीदार बने।
माननीय सदस्यगण,
50. भारत की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है। वह एक जीवंत, गतिशील तथा समृद्ध भारत देखना चाहती है। वह एक ऐसा उदीयमान भारत देखना चाहती है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सराहना और सम्मान फिर से हासिल हो। आशाओं एवं अभिलाषाओं से भरे भारतवासियों को शीघ्र परिणाम की अपेक्षा है। भारत की ये अभिलाषाएं पूरी होना तय हैं चूंकि हमारे पास लोकतंत्र, आबादी और मांग तीनों मौजूद हैं। हमें इन बड़ी अभिलाषाओं को पूरा करने पर खरा उतरना होगा। अब से साठ महीनों बाद हम विश्वास और गर्व से यह कह सकने की स्थिति में हों, कि हमने यह कर दिखाया है।
जय हिंद!
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