गुजरात सरकार ने गोधरा कांड के आरोपियों के लिए फांसी मांगी

गुजरात सरकार ने गोधरा मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर करके 20 आरोपियों को मुत्यु दंड देने की मांग की है। इन सभी लोगों को वर्ष 2002 में हुए गोधरा कांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

इस
मामले में सरकारी वकील जे. एम. पांचाल ने शनिवार को कहा कि हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 20 आरोपियों को मुत्यु दंड दिए जाने की मांग की है, इन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। इसके अलावा हमने निचली अदालत द्वारा रिहा किए गए आरोपियों को भी अधिकतम सजा देने की मांग की है।

निचली
अदालत ने मामले में इस साल 22 फरवरी को 11 लोगों को मौत की सजा भी सुनाई थी और अन्य लोगों को रिहा कर दिया था। पंचाल ने दावा किया कि रिहा किए गए लोगों के खिलाफ सरकार के पास पर्याप्त सबूत हैं।27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमति एक्सप्रेस रेलगाड़ी के दो कोचों में लगी आग से 59 लोगों की मौत हुई थी।

हिन्दू हितों पर कुठाराघात कर रही केंद्र सरकार - तोगडिय़ा

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ। प्रवीण भाई तोगडिय़ा ने कहा कि केंद्र सरकार प्रिवेंशन ऑफ कम्युनल रॉयट्स नामक विधेयक लाकर देश के बहुसंख्यक समुदाय के हितों पर कुठाराघात करने जा रही है।इस विधेयक के माध्यम से एक ओर तो हिंदुओं की स्वतंत्रता पर सरकारी शिकंजा कसने की तैयारी है, वहीं दूसरी ओर समुदाय विशेष को दंगा करने का लाइसेंस दे रही है। इस विवादास्पद विधेयक को किसी भी स्थिति में लागू नहीं होने दिया जाएगा और संत समाज के साथ मिलकर इसके विरोध में जनजागरण किया जाएगा।

तोगडिय़ा ने कहा कि इस बिल का विरोध करने के लिए विहिप कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के सांसदों से संपर्क कर इससे होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताएगी। उन्होने आरोप लगाया कि यह दुनिया का पहला कानून है कि जिसमें दंगों के लिए बहुसंख्यक समुदाय के उस व्यक्ति को दोषी ठहराया जाएगा, जो दंगों से प्रभावित होगा। दंगों से प्रभावित बहुसंख्यक समुदाय के लोगों पर ही इस बात की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने आपकों निर्दोष सिद्ध करें।

तोगडिय़ा ने कहा कि एक सप्ताह बाद देश भर के साधु संतों की दिल्ली में बैठक बुलाई गई है जिसमें इस विषय पर चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त 2 जुलाई को प्रयाग में अखिल भारतीय स्तर पर बैठक आयोजित की जा रही है, जिसमें सभी हिंदु संगठन मिलकर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी करेंगे।

डॉ। तोगडिय़ा ने हिंदू हेल्प लाइन के शुरुआत की घोषणा के अवसर आरोप लगाया कि यह दुनिया का पहला कानून है जो सिर्फ हिंदुओं पर ही लगेगा। उन्होंने अजमेर विस्फोट कांड में पकड़े गए स्वामी असीमानंद को फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि असीमानंद ने डांग क्षेत्र में 30 प्रतिशत हिंदुओं को इसाई बनाए जाने का विरोध किया और 20 प्रतिशत को फिर से हिंदू बना भी दिया। उनके धर्मातरण विरोधी आंदोलन के कारण ही उन्हें यह दंड दिया जा रहा है।

हिंदु हैल्प लाइन के संबंध में तोगडिय़ा ने बताया कि यात्रा पर जाने वाले, धार्मिक यात्रा पर जाने वालों और अन्य लोगों को घर से दूर सहायता उपलब्ध कराने के लिए हिंदू हेल्प लाइन शुरू की है। इससे सहायता के लिए कोई भी आदमी देश में कहीं से भी फोन नं. 02066803300 और 07588682181 पर कॉल करके अपनी समस्या बता सकता है। उन्होंने बताया कि इस हेल्प लाइन पर पांच विषयों मेडिकल एड की जरूरत, प्रवास में होटल या धर्मशाला, प्रशासनिक, कानूनी और धार्मिक कार्यों के संबंध में सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

अन्ना हजारे की टीम ने लोकपाल पर आडवाणी से मुलाकात की

लोकपाल विधेयक पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की टीम के सदस्यों ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की.उन्होंने कहा कि वे जल्द ही सामाजिक संगठनों की ओर से तैयार प्रस्तावित लोकपाल विधेयक का मसौदा पार्टी को सौपेंगे.

डिया अगेंस्ट करप्शन के प्रवक्ता ने बताया कि लोकपाल विधेयक पर सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया ने आडवाणी से मुलाकात की.प्रवक्ता ने बताया कि आडवाणी के साथ हमारी छोटी सी मुलाकात हुई. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के शहर से बाहर होने की वजह से हमने विधेयक का प्रारूप बाद में सौंपने का फैसला किया.

उल्लेखनीय है कि लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए सरकारी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की कई बैठक हुई. लेकिन उनके बीच सहमति नहीं बन पाई. सरकार का कहना है कि वह एक अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में विधेयक पेश करेगी.

वहीं, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सख्त लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर 16 अगस्त से एक बार फिर आमरण अनशन की चेतावनी दी है.

टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम होने पर भी भरना पड सकता है रिटर्न

अगर आप नौकरी करते हैं और टैक्सेबल इनकम पांच लाख रुपये से कम है तो असेसमेंट ईयर 2011-12 यानी इस साल रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। सीबीडीटी की ओर से गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, ऐसे व्यक्ति जिनकी वित्त वर्ष 2010-11 में हर तरह के डिडक्शन के बाद वेतन के जरिए कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें इस साल टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है।

किन्हें नहीं मिलेगी छूट :

1.अगर आप दो जगह काम करते हैं तो आपकी इनकम कितनी भी क्यों न हो, आपको रिटर्न भरना होगा।

2. भले ही किसी व्यक्ति की वेतन से टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम हो, लेकिन अगर उसने साल 2010-11 में ही किसी समय अपनी नौकरी बदली हो तो उसे टैक्स रिटर्न भरना होगा

3. सेविंग अकाउंट से मिलने वाली ब्याज की राशि 10 हजार रुपये से ज्यादा है तो आपको रिटर्न भरना होगा।

4. ऐसे लोग, जो वेतन के अलावा किसी अन्य सोर्स से कमाई करते हैं या जिन्होंने रिफंड क्लेम किया है, वे भी इस स्कीम के दायरे से बाहर रहेंगे। यानी फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर या म्युचुअल फंड में निवेश के जरिये आमदनी होने पर रिटर्न दाखिल करना ही होगा।

5.अगर आपको इनकम टैक्स विभाग सेक्शन 142 (1) या 148 के तहत रिटर्न भरने के लिए नोटिस भेजता है या फिर सेक्शन 153 ए और 153 सी के तहत रिव्यू के लिए आपसे रिटर्न भरने को कहा जाता है तो ऐसा करना होगा। विभाग ऐसा तब करने को कहता है, जब उसे पुराने भरे गए रिटर्न में आमदनी, इनवेस्टमेंट और अन्य आंकड़ों को लेकर संदेह पैदा हो।

रिटर्न न भरने के लिए भी आपको कुछ कदम उठाने होंगे। अपनी स्थायी खाता संख्या (पैन) और बैंक ब्याज से होने वाली पूरी कमाई की जानकारी अपने नियोक्ता को देनी होगी। टैक्स रिटर्न दाखिल करने से राहत पाने के लिए सेविंग अकाउंट के ब्याज से होने वाली आय (10,000 रुपये से ज्यादा न हो) पर कंपनी के जरि टैक्स अदा करना होगा। इसके बाद फॉर्म 16 में टैक्स डिडक्शन का सर्टिफिकेट लेना होगा, जो आपके लिए रिटर्न का काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने जनता के साथ विश्वासघात किया - सुषमा स्वराज

मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि जब तक पाकिस्तान मुंबई हमलों के संबंध में ठोस और पर्याप्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं होगी.लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री पर विदेश सचिव स्तरीय वार्ता आगे बढ़ाकर देश की जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया.

भाजपा की वरिष्ठ नेता ने चेन्नई में संवाददाताओं से कहा कि इस देश के मतदाताओं से प्रधानमंत्री ने वादा किया था. चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि जब तक पाकिस्तान इस मुद्दे पर ठोस और पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर लेता तब तक हम बातचीत नहीं करेंगे. लेकिन उन्होंने बातचीत कर जनता के साथ विश्वासघात किया है.

उन्होंने
कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री से बेहद सीधे शब्दों में कहा था कि जब तक सीमा पार आतंकवाद नहीं रूकता, तब तक बातचीत करने का कोई अर्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि लेकिन वे फिर भी बातचीत कर रहे हैं.भारत और पाकिस्तान के बीच दो दिवसीय विदेश सचिव स्तरीय वार्ता गुरुवार से इस्लामाबाद में शुरू हो गयी.

लड़के-लड़कियों को एक साथ नहीं पढाया जाना चाहिए - गिलानी

स्कूलों और कॉलेजों में सह शिक्षा की आलोचना करते हुए हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के नेता और भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले सैयद अली शाह गिलानी ने गुरुवार को कहा कि लड़के-लड़कियों को एक साथ पढ़ाकर जम्मू कश्मीर सरकारअनैतिक गतिविधियोंको बढ़ावा दे रही है.

गिलानी
में अपने आवास पर कहा कि सह शिक्षा प्रणाली में युवा लड़के और लड़कियां साथ रहते हैं. आप आग और सूखी घास को एक साथ रख रहे हैं तब घास को जलने से कोई नहीं बचा सकता.उसने कहा कि स्कूलों में युवा लड़के-लड़कियों को नैतिक और धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा रही, इस तरह सरकार ‘अनैतिक गतिविधियों’ को बढ़ावा दे रही है.

गिलानी
ने कहा कि मात-पिता और बड़े लोगों को युवा लड़के-लड़कियों पर नजर रखनी चाहिए.

अजीत जोगी के पुत्र को चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय लोगो ने पीटा

छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी के साथ गुरुवार देर रात दमोह जिले के तेंदूखेडा में अज्ञात लोगों ने मार पीट की.

जबेरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में प्रचार के लिए आये अमित जोगी और उनके दो-तीन सहयोगियों के साथ रात लागभग 12 बजे उस समय मारपीट की गई जब वे एक कार्यकार्ता के निवास पर बैठे हुये थे. जोगी को इलाज के लिए रात्रि में ही जबलपुर ले जाया गया.

अमित जोगी की ओर से पुलिस में दर्ज कराई शिकायत के अनुसार बडी संख्या में पहुंचे लोगों ने उन पर हमला किया. उनका आरोप है कि हमला करने वाले भाजपा के कार्यकर्ता हैं. वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेताओं ने इस आरोप से इन्कार किया है कि उनके कार्यकर्ताओ ने जोगी और उनके सहयोगी के साथ मारपीट की है.

जबेरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिये कल शाम पांच बजे प्रचार की समय सीमा समाप्त हो गई है. अमित जोगी रात्रि में जबेरा क्षेत्र के तेंदूखेडा में पार्टी कार्यकर्ता रामकुमार साहू के साथ बैठे हुए थे, तभी यह घटना घटी.

अमित जोगी कांग्रेस प्रत्याशी तन्या सालोमन के प्रचार के लिए यहां आये हुए थे. सुश्री सालोमन अमित जोगी की रिश्तेदार भी हैं. उनके प्रचार के लिए अजीत जोगी ने भी यहां डेरा डाला हुआ था.

इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव ने कहा है कि शिकायत की जांच पडताल की जा रही है. जांच में आने वाले तथ्यों के अनुरूप वैधानिक कार्रवाई की जायेगी.

उपचुनाव के लिए शनिवार सुबह आठ बजे मतदान प्रारंभ होगा और यहां पर सुरक्षा के सख्त प्रबंध किये गये हैं. सालोमन और भाजपा प्रत्याशी दशरथ सिंह लोधी के बीच कांटें की टक्कर देखने को मिल रही है.भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा प्रचार करके गुरुवार शाम ही यहां से जा चुके हैं.

मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट से राहुल गाँधी के आरोप झूठे साबित हुए

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के भट्टा पारसौल में महिलाओं से बलात्कार की घटनाओं से इनकार किया है। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में किसी महिला से बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि रिपोर्ट में पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भट्टा पारसौल में कई महिलाओं से रेप हुआ है।

मानवाधिकार आयोग ने 800 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है। सोमवार को सौंपी गई रिपोर्ट में दिग्विजय सिंह के उस दावे को भी खारिज किया गया है कि भट्टा पारसौल में पुलिस कार्रवाई के दौरान कई किसानों की जान गई है। वहीं एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि लखीमपुर खीरी में जिस नाबालिग लड़की से बलात्कार की बात कही जा रही थी वह सही नहीं है। मानवाधिकार अगले सप्ताह तक अंतिम रिपोर्ट तैयार कर लेगा। इसके बाद रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी जाएगी।

अन्ना ने फिर किया अनशन तो रामदेव जैसा हाल करेंगे - दिग्गी

कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर हमले का सिलसिला बरकरार रखा है। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में यह कहकर सबको चौंका दिया कि अगर हजारे १६ अगस्त से अनशन करते हैं तो उनका हश्र बाबा रामदेव जैसा होगा।

उसने कहा कि इस देश में संवैधानिक व्यवस्था सर्वोपरि है और वह इस देश के लोगों के लिए जिम्मेदार है। लेकिन अन्ना हजारे की टीम में शामिल चार लोग इस देश के लोगों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

रामलीला मैदान में चार जून की रात बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर हुए लाठीचार्ज की तरफ इशारा करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अन्ना साहब कहते हैं कि वह फिर अनशन करेंगे। अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें भी वही झेलना पड़ेगा जो हाल ही में किसी अन्य ने झेला था।’

वहीं, दूसरी ओर अन्ना हजारे और सरकार के बीच लोकपाल बिल के मसौदे को लेकर जंग जारी है। बुधवार को केंद्र के खिलाफ अपने हमले तेज करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और लोकपाल विधेयक की ड्राफ्टिंग कमिटी के सदस्य अन्ना हजारे ने सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाए जाने की मांग की।

अन्ना
ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए गंभीर नहीं है। अन्ना ने कहा कि सरकार की तरफ से पेश लोकपाल बिल के मसौदे में आम आदमी के हितों को नजरअंदाज किया गया है। उन्‍होंने कहा कि 16 अगस्‍त से अनशन का उनका कार्यक्रम अटल है।

अप्रैल में अनशन करके सरकार को ड्राफ्टिंग कमिटी में सिविल सोसाइटी को शामिल करने पर मजबूर करने वाले वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने कहा कि देश में मौजूद भ्रष्टाचार पाकिस्तान से ज़्यादा बड़ा दुश्मन है। हजारे ने बुधवार को कहा कि सरकार लोगों को गुमराह कर रही है।

अन्ना ने केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के उस आरोप का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि वे एक समानांतर सरकार चलाना चाहते हैं। अन्ना ने कहा कि हम एक मजबूत लोकपाल चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोकपाल सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग की तरह स्वायत्त हो।

गौरतलब है कि अन्ना हजारे पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वे १६ अगस्त से अनशन करेंगे। इससे पहले ३० जुलाई से राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे। वे कह चुके हैं कि एक मजबूत लोकपाल के बनने तक वह चैन से नहीं बैठेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता और लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमिटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल और पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार ने अब आम आदमी के हितों पर ध्यान देना बंद कर दिया है। बेदी ने कहा कि सरकारी मसौदे में गरीब आदमी के लिए कुछ भी नहीं है।

गौरतलब है कि मंगलवार को ड्राफ्टिंग कमिटी में शामिल सिविल सोसाइटी के सदस्यों और केंद्र सरकार के नुमाइंदों ने एक-दूसरे को अपना-अपना ड्राफ्ट सौंपा था। मंगलवार को ड्राफ्टिंग कमिटी की नौवीं और आखिरी बैठक के बावजूद दोनों पक्षों में कई अहम मसलों पर मतभेद कायम थे।

दिग्विजय सिंह सिर्फ राहुल गाँधी की स्टेपनी - उमा भारती

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वर्तमान महासचिव दिग्विजय सिंह को 2003 में सत्ता से उखाड़ फेंकने वाली बीजेपी उत्तर प्रदेश इकाई की प्रभारी उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को राहुल गांधी का स्टेपनी कहा।

इन
दिनों उमा भारती यूपी मिशन पर हैं और यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें सूबे में प्रचार-प्रसार का काम पार्टी ने सौंपा है।उमा ने आज माया सरकार को खरी खोटी तो सुनाई ही। साथ ही कांग्रेस को भी नहीं बख्शा। लखनऊ में उमा ने कहा कि दिग्विजय के बयान से कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उत्तर
प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं को सिरे से नकारते हुये भारती ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस प्रभारी के रूप में सिंह की भूमिका महज कांग्रेस के युवराज माने जाने वाले राहुल गांधी के स्टेपनी के रूप में है।

बीजेपी
में वापसी के बाद उमा भारती पहली बार आगामी शनिवार को लखीमपुर खीरी में उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार के खिलाफ धरना देकर मोर्चा खोलेंगी।

बीजेपी ने शीला दीक्षित पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी

प्रदेश बीजेपी ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर मुकदमा चलाने के लिए उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना से अनुमति मांगी है। मुख्यमंत्री उनकी सरकार के आला अफसरों पर पार्टी ने कॉमनवेल्थ गेम्स प्रॉजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। इसका इशारा शुंगलू कमिटी ने भी किया है।

प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, उन्होंने एलजी को मुख्यमंत्री के खिलाफ 7 पृष्ठ के आरोप पत्र में 16 सबूत दिए हैं कि किस प्रकार गेम्स के दौरान घोटाले किए गए। अध्यक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री व उनकी टीम ने खेल संबंधी दस्तावेजों में जालसाजी और हेराफेरी कर अपने चहेतों को करोड़ों रुपये का लाभ पहुंचाया है।

भाजपा के लिए मैं सबसे बड़ा खतरा - दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह की मानें तो वह भारतीय जनता पार्टी के लिये सबसे बड़ा खतरा हैं और इसलिये भाजपा नेता सबसे ज्यादा उन्हीं से घबराते हैं.जबेरा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डा. तान्या सालोमन के पक्ष में चुनाव प्रचार करने आया दिग्विजय ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा को सबसे ज्यादा खतरा उसी से है और यही कारण है कि वह जब भी प्रदेश के दौरे पर आता हैं तो भाजपा नेता घबरा जाते हैं.एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने दोहराया कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने का फैसला कांग्रेस पार्टी, मतदाताओं और स्वयं राहुल गांधी को करना है.

इससे
पहले सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार में भारी बढ़ोतरी हुई है और जो भाजपा नेता सात साल पहले साइकिल पर चलते थे अब वे सफारी में घूम रहे हैं.

सिंह
ने कहा कि वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जनता से वायदा किया था कि यदि कांग्रेस सरकार को हराया गया तो वे बिजली देने के साथ-साथ सड़क बनवायेंगे लेकिन पिछले सात साल के दौरान न तो सड़क बनवा पाये और न ही बिजली दे पाये.
उसने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2005 के पूर्व के काबिज लोगों को वन भूमि का पट्टा देने का निर्णय किया था लेकिन भाजपा के लोग कब्जाधारियों से पट्टा देने की नाम पर वसूली कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री को भी नहीं बक्शा जाएगा - डॉ. जोशी

2जी के पूरे मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही, कैबिनेट सचिवालय ने भी अपनी भूमिका सही तरीके से नहीं निभाई। दोनों ही कार्यालय तत्कालीन दूर संचार मंत्री . राजा पर लगाम लगाने में नाकाम रहे हैं। साथ ही, अटॉर्नी जनरल जी. . वाहनवती और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष डॉ. मुरलीमनोहर जोशी ने आज देश के सबसे बड़े घोटाले की परतें खोलते हुए यह खुलासा किया।

उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बारे में वित्त मंत्री एवं दूरसंचार मंत्री को संयुक्त राय से फैसला लेना था लेकिन मौजूदा सरकार के दूरसंचार मंत्री ने बिना वित्त मंत्रालय की राय के अपने शुभेच्छुओं वाली कम्पनी को रेवड़ी की तरह बांट दिया। इसके चलते सरकार और देश को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

डा. जोशी ने कहा कि गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा धन्ना सेठों, भ्रष्ट मंत्रियों एवं अधिकारियों की जेबों में जाए, हम ऐसा नहीं होने देंगे। भ्रष्ट मंत्री एवं अधिकारी किस रास्ते से पैसा खाते हैं इसका किसी को पता नहीं चलता। जनता के धन की लूट की जांच में जो भी आड़े आएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह देश के प्रधानमंत्री ही क्यों नहीं हो।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच रिपोर्ट और भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दे पर व्याख्यान देने जयपुर आए संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी का कहना है कि लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा लौटाई गई रिपोर्ट के भविष्य पर अब नवगठित पीएसी फैसला करेगी। रिपोर्ट को पीएसी सदस्यों के समक्ष रखा जाएगा। समिति ही अब यह फैसला करेगी कि रिपोर्ट का क्या किया जाना है।

जोशी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या इस विवादास्पद रिपोर्ट पर समिति की बैठक में फिर मतदान हो सकता है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन हो जाने के चलते क्या अब नवगठित पीएसी को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की जांच करनी चाहिए, इसे लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के साथ ही भाजपा, जदयू तथा अन्य दलों के बीच भी मतभेद हैं। रिपोर्ट लौटाए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह उनकी अपनी नहीं, बल्कि पीएसी की रिपोर्ट है।इस पर फैसला करना लोकसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है और उन्होंने इसे लौटा देने का फैसला किया है।

जोशी बहुत जल्द केजी बेसिन में गैस के दाम तय करने में एक कंपनी को अनावश्यक फायदा पहुंचाए जाने तथा सरकारी खजाने को भारी नुकसान की जांच का प्रस्ताव दे सकते हैं। अब यह पीएसी के सदस्यों को तय करना है कि इस गंभीर मामले की जांच की जाए अथवा नहीं। पीएसी की अगली बैठक इसी महीने होने की संभावना है।

केजी बेसिन में कथित घोटाले का मसला सीएजी की हाल ही में लीक हुई ड्राफ्ट रिपोर्ट से उजागर हुआ है। हालांकि जोशी ने यह भी जोड़ा कि पीएसी को इस मामले पर जांच शुरू करने के लिए सीएजी की रिपोर्ट आने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि टूजी मामले में भी पीएसी ने सीएजी की रिपोर्ट आने से महीनों पहले अपनी पड़ताल शुरू कर दी थी।

कांग्रेसी बाबा रामदेव के योग शिविर में न जाएँ - कांग्रेस

कांग्रेस ने बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है। कांग्रेस ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाबा रामदेव के योग शिविर में जाने की नसीहत दी है।

कांग्रेस
के कई नेता बाबा रामदेव के भक्त हैं। केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ व सुबोधकांत सहाय को बाबा का करीबी बताया जाता है।

जब
बाबा ने काले धन को लेकर सत्याग्रह शुरू करने की बात कही थी तब बाबा के योग शिविर में मौजूद कमलनाथ ने उनके आंदोलन में पूरा साथ देने का वादा किया था।

Open Letter of Sukhbir Singh Badal

Wahe Guruji Ka Khalsa, Wahe Guruji Ki Fateh !

In the last 4 years our SAD-BJP government has undertaken unprecedented development initiatives to develop and uplift Punjab in every sector like Education, Health, Power, Agriculture, Industry, Roads, Civil Aviation and Transportation. Our government has also taken several measures to uplift the underprivileged and marginalized sections of our Society like providing free Atta-Dal for 16 lac families, Shagun for the newly married needy girls and Pension for our elders. We have also undertaken comprehensive governance reforms which shall ensure speedy, transparent and hassle free delivery of essential services to all of you. The SAD-BJP coalition has completed large industrial projects like Bathinda Refinery which shall provide jobs to lacs of youth. We have also undertaken large recruitment in education, health and other sectors which shall not only provide thousands of government jobs for our youth but shall also ensure presence of teachers in our schools and doctors in our hospitals.

Due to the transparent and effective policies of our government there has been a manifold increase in the revenue collections of Punjab. However, the Congress Party which did not do anything for the welfare of the people of Punjab has been propagating lies to try and mislead all of you.

I had recently authored an article in the prestigious publication India Today to place the facts on the fiscal health of Punjab, development projects undertaken by us and increase in revenue collection achieved by our government. This article was a rebuttal to an earlier article written by Punjab Pradesh Congress Committee President Captain Amarinder Singh. This article has been reproduced below for you to read and judge for yourself the truth on our government’s performance in the last 4 years. Meanwhile I continue to look towards all of you for your love and support.

Yours Faithfully,

S. Sukhbir Singh Badal
President
Shiromani Akali Dal


Some people will never learn that lies do not make for good politics. Former Punjab chief minister Amarinder Singh is making a habit of resorting to wanton lies, even while writing in well-reputed publications ("Badal Fiddles as Punjab Sinks", India Today, May 2). But coming from him, this is understandable as he has no issues left to talk about against the state government.

Typically, he does not utter a word about a single step taken or achievement made during his five-year tenure. Instead, he talks about the huge fiscal deficit as a percentage of Gross State Domestic Product (gsdp) in this year's Punjab budget. This figure stood at 5.35 per cent during Amarinder's regime. We have brought it down to 3.14 per cent-better than the Government of India figure of 5.1 per cent for 2010-11. The revenue deficit during his tenure stood at 4.56 per cent, and we have reduced it to just 1.33 per cent in this year's budget-again better than the 2.3 per cent achieved by the Government of India.

He lies about the actual figure of debt, which is only Rs 69,000 crore. After exaggerating it to Rs. 1.6 lakh crore, he forgets to mention the ratio of debt to gsdp during his regime touched a peak of 46 per cent which we have brought down to just 30 per cent. This is far below the ratio of 51 per cent achieved by the Government of India, led by a world famous economist-prime minister. States such as Maharashtra, West Bengal, Gujarat and Uttar Pradesh face debt many times higher than Punjab's. The total revenue receipts of the state during the five years of the previous Congress regime were just Rs 36,806 crore. These are now set to double and reach Rs 70,890 crore this year. Similarly, the plan expenditure during Amarinder's five-year term stood at a mere Rs 14,840 crore. We have taken that to Rs 36,852 crore, an increase of over 250 per cent. Most importantly, the annual growth rate of the state now is 7.86 per cent, as against just 5.12 per cent during his tenure.

Nowhere is Amarinder's lying more blatant than when he talks about the power sector. The total generation capacity achieved by the state in the 60 years since Independence was 6,200 mw. In just four years, we have put in place projects to add 11,700 mw and make Punjab one of the few power-surplus states in the country. No initiative was taken during Amarinder's time to add even one unit of power.

His lies on infrastructure are pathetic. But since he spends virtually no time in the state, he would do well to read the india today report on Infrastructure in which Punjab is the number one state in the country. If Amarinder cares to drive down Punjab's roads, he would see how (Parkash Singh) Badal has transformed infrastructure, added a network of flyovers and overbridges and made it possible for the common man to travel in air-conditioned buses at almost normal fare.

In his bid to mislead people on the education sector, Amarinder conveniently forgets to mention that during his tenure, over 55,000 posts of teachers were lying vacant. In contrast, Badal has recruited over 50,000 teachers and the government is set to recruit 5,000 more. Punjab is now among the top three states in the National Index on Educational Development.

Similarly, the National Commission on Health has rated Punjab's performance in this sector as "excellent'. Punjab is the first state in the country to provide free emergency mobile medical services to its people.
Few know that Punjab has the highest percentage of Dalit population (30 per cent) in the country. Badal firmly believes that it is the duty of the state to uplift the status of the marginalised sections. The empowerment of women, uplift of the girl child and spread of female literacy are all a part of Badal's vision of holistic progress.

I do not want to stoop to the language used by Amarinder Singh for Badal. But it is ironical that a man who has no time from his pursuit of pleasure surfaces in the state on the eve of elections and has the cheek to be abusive about a person who, by his own admission, works day and night among the people.

Perhaps, Amarinder is left with no option but to follow Hitler's information minister, Goebbels, who famously said that a lie told a hundred times becomes a truth. But he is perhaps oblivious to the fact that you can fool some of the people all the time and all the people some of the time, but you cannot fool all the people all the time.

बोफोर्स दलाली का पैसा सीधे इटली की बैंक में जमा हुआ - मेनका गाँधी

उत्तर प्रदेश की आंवला लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी सांसद मेनका गांधी ने आरोप लगाया है कि स्विस बैंक में जमा आधे से ज्यादा धन कांग्रेस नेताओं का है यही वजह है कि विदेशी बैंक में संचालित बैंक खातों की जांच कराने से कांग्रेस कतरा रही है और इस काले धन को बचाने में कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा रखी है।

मेनका गांधी ने ये भी कहा कि बोफोर्स तोव घोटाले में दलाली का धन भी विदेशी बैंकों में जमा किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुत्रवधू एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की देवरानी मेनका गांधी का यह बयान राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर सकता है। मेनका ने कहा कि बोफोर्स दलाली का पैसा सीधे इटली की बैंक में जमा हुआ क्योंकि बोफोर्स की दलाली करने वाला मुखिया इन्हीं के गांव का था।

सांसद मेनका गांधी ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की भाषा और भाषण को सड़क छाप बताया और कहा कि देश में तो कोई यह भाषा पसंद नहीं करता है जाहिर है कि यह भाषा किसी विदेशी के इशारे पर इस्तेमाल हो रही है।

एक
सवाल के जवाब में कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी की लम्बी उम्र की कामना करते हुए मेनका ने कहा कि वे प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो बनें। इस देश में प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी योग्यता की जरूरत नहीं है, मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसका उदाहरण हैं।

भाजपा ने सोनिया से चार सवाल पूछे...

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम सोनिया गांधी से चार सवाल पूछना चाहते हैं। वह जनता को बताएं कि जब स्पेक्ट्रम घोटाले में जनता के एक लाख 76 हजार करोड़ रुपये की लूट हो रही थी, तो वह चुप क्यों थीं? इसी तरह कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में 70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले पर शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट आने के बाद भी सोनिया चुप क्यों हैं? आदर्श सोसायटी घोटाले की फाइलें एक-एक करके रक्षा मंत्रालय से गायब हो रही हैं, इस पर भी सोनिया क्यों खामोश हैं? राजकुमार चौहान को लोकायुक्त ने दोषी पाया था और हटाने के लिए कहा लेकिन उन्हें बचा लिया गया। इसके बावजूद सोनिया गांधी ने चुप्पी साधे रखी।'

रविशंकर ने कहा, 'करप्शन से घिर चुकी कांग्रेस बौखला गई है, इसीलिए बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ शर्मनाक और मर्यादाविहीन भाषा का प्रयोग कर रही है। यह बीजेपी में ही हो सकता है कि साधारण कार्यकर्ता भी अध्यक्ष बन जाए। कांग्रेस में तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद एक परिवार के लिए सुरक्षित है। गडकरी ने अगर यह कहा कि सोनिया का करप्शन के खिलाफ लड़ने का दावा खोखला है तो इसमें गलत क्या है?'

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