बिहार की नई आबकारी नीति पर पेट्रोलियम मंत्रालय की पहल


 1. बिहार सरकार ने अभी हाल में अपनी नई आबकारी नीति की घोषणा की है जिसमें बिहार में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है। बिहार सरकार ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय से यह पता लगाने का अनुरोध किया था कि कि क्या तेल कंपनियां बिहार में डिस्टिलरियों द्वारा उत्पादित पूरे इथेनाल को उठाने में सक्षम होंगी।

2. केंद्र सरकार बिहार राज्य में, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के लिए, विकास कार्यों को शुरू करने की इच्छुक है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के साथ विचार-विमर्श करके बिहार सरकार के प्रस्ताव पर गौर किया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन ओएमसी ने यह सूचित किया है कि शीरे से बिहार में लगभग 6 करोड़ लीटर इथेनाल का उत्पादन किया जा सकता है। बिहार सरकार की मदद के लिए तेल विपणन कंपनियां ईबीपी के लिए इस इथेनाल का उपयोग करने का प्रयास करेंगी। इस पहल से चीनी मिलों और डिस्टिलरियों के माध्यम से राज्य के किसानों को लगभग 300 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। इससे राज्य में शीरे का उचित उपयोग भी सुनिश्चित होगा।

3. यह सरकार बायो-इथेनाल और बायोडीजल जैसे ऊर्जा के वैकल्पिक नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण संबंधी मुद्दों से निबटने और किसानों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इस दिशा में एक कदम के रूप में केंद्र सरकार पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनाल ब्लेंडिंग के तात्कालिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 21 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में इथेनाल ब्लेंडिड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम चला रही है। घरेलू उद्योग की मदद करने के लिए सरकार ने घरेलू स्रोतों से ही इथेनाल प्राप्त करने का निर्णय भी लिया है।

4. विगत में, केवल 30 प्रतिशत ब्लेंडिंग की जरूरत को पूरा करने के लिए इथेनाल की पर्याप्त आपूर्ति थी। चीनी वर्ष 2013-14 के दौरान ईबीपी कार्यक्रम के लिए केवल 38 करोड़ लीटर इथेनाल की ही आपूर्ति की जा सकी। इस कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने दिसंबर 2014 में इथेनाल के खरीद मूल्य बढ़ाए और इथेनाल उत्पादन के लिए लिग्नोसैल्यूलोज विधि सहित वैकल्पिक मार्ग खोले। तेल विपणन कंपनियों ने आपूर्तिकर्ताओं के लाभ के लिए खरीद प्रक्रिया में ढील दी।

5. इन सभी प्रयासों से चीनी वर्ष 2015 के दौरान इथेनाल की आपूर्ति बढ़कर दोगुनी हो गई तथा पेट्रोल में मिश्रण के लिए 67.42 करोड़ लीटर इथेनाल की आपूर्ति की गई। इस वर्ष ओएमसी ने 10 प्रतिशत ब्लेंडिंग लक्ष्य को पूरा करने के लिए 266 करोड़ लीटर इथेनाल की खरीदारी के लिए निविदा निकाली हैं। चीनी उद्योग से प्राप्त प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है और उद्योग में चालू चीनी वर्ष के लिए 135 करोड़ लीटर से भी अधिक का प्रस्ताव किया है।

6. विशेष रूप से बिहार राज्य के लिए अन्य योजनाओं में आईओसीएल बरौनी रिफाइनरी की क्षमता 6 एमएमटीपीए बढ़ाकर 9 एमएमटीपीए करना, बीएस-6 गुणवत्ता उत्पादों के उत्पादन के लिए इस रिफाइनरी का उन्नयन करना, अन्य मूल्य संवर्धित विकल्पों/ विशेष उत्पादनों का उत्पादन करने के लिए इस रिफाइनरी का एकीकरण तथा बेगूसराय बिहार में पेट्रोकैमिकल परिसर की स्थापना करना शामिल हैं।

कांग्रेस, वामदलों ने दिया था रोहित वेमुला आंदोलन के लिए पैसा : #HCU छात्र नेता


दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की मौत को लेकर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (एचसीयू) में हुए आंदोलन का खर्च राजनैतिक दलों ने उठाया था, और आंदोलन 'मौकापरस्त' हो गया। यह दावा है यूनिवर्सिटी की वामपंथी छात्र यूनियन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता राजकुमार साहू का, जिन्होंने इसी कारण इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफा देने वाले राजकुमार ने कहा कि चार महीनों तक जारी रहे विरोध प्रदर्शन भी रोहित वेमुला को न्याय नहीं दिला पाए। राजकुमार साहू ने यह आरोप भी लगाया कि "आंदोलन का खर्च कांग्रेस, वामपंथी दलों और अवसरवादी ताकतों ने उठाया था..."

इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता एम. वेंकैया नायडू ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट पर लिखा, "एचसीयू स्टूडेंट्स यूनियन सचिव ने इस्तीफा दे दिया है, और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं... रोहित वेमुला से जुड़े मामले में कांग्रेस और वामपंथियों की भूमिका की पोल खुल गई है..."

इसी साल जनवरी में 26-वर्षीय रोहित वेमुला यूनिवर्सिटी स्थित होस्टल के अपने कमरे में लटका हुआ पाया गया था। होस्टल के कमरे में मिले एक सुसाइड नोट में उसने लिखा था कि वह खुदकुशी करने के अपने फैसले के लिए किसी को ज़िम्मेदार नहीं मानता, लेकिन उससे एक महीना पहले उसने यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर अप्पा राव को निराशा-भरा एक खत लिखा था, जिसमें उसने जाति के आधार पर भेदभाव की बात करते हुए कहा था कि दलित छात्रों को "खुद को लटका लेने के लिए एक रस्सी दी जानी चाहिए..."

रोहित की मौत के बाद से ही यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन जारी हैं, जिनके दौरान वाइस-चांसलर अप्पा राव की बर्खास्तगी तथा केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी व बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाती रही। छात्रों का इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने ही एबीवीपी के छात्र नेताओं की एक शिकायत के आधार पर रोहित और उसके मित्रों को परेशान किया।

केंद्र सरकार ने इस आरोप से इंकार किया कि रोहित और उसके साथियों को परेशान किया गया।

अब अपने इस्तीफे में राजकुमार साहू ने कहा है, "एसएफआई तथा एचसीयू में मौजूदा माहौल गंदा हो चुका है..." राजकुमार ने यह भी कहा, "एसएफआई की राजनीति मौकापरस्त हो गई है, और सिद्धांतों पर आधारित नहीं है..."

उधर, एसएफआई ने राजकुमार साहू के आरोपों को खारिज करते हुए आरोप लगाया है, "राजकुमार तोते की तरह वही रट रहे हैं, जो एबीवीपी कहती रही है..."

केंद्र ने टैक्सी ऑपरेटरों के लिए नीति तैयार करने हेतु किया समिति का गठन

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टैक्सी ऑपरेटरों के लिए नीति तैयार करने हेतु एक समिति का गठन किया
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टैक्सी और अन्‍य परिवहन ऑपरेटरों के लिए नीति तैयार करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव इस समिति के अध्यक्ष तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव तथा दिल्‍ली परिवहन आयुक्‍त सदस्‍य होंगे।

टैक्‍सी और अन्‍य परिवहन ऑपरेटरों के एक समूह ने सड़क परिवहन, राजमार्ग और नौवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मिलकर उन्‍हें एनसीआर में डीजल की टैक्सियों पर रोक लगाने के संबंध में उच्‍चतम न्‍यायालय के दिनांक 15 दिसम्‍बर 2015 के आदेश तथा ईपीसीए के 29 अप्रैल 2016 के निर्देशों के कारण उत्‍पन्‍न स्थिति तथा इस प्रतिबंध के कारण उनके सामने आ रही विभिन्‍न दिक्‍कतों से अवगत कराया था। मंत्रालय ने इन मुद्दों के बारे में विचार-विमर्श करने और समयबद्ध तरीके से इन दिक्‍कतों को दूर करने के लिए उचित नीति की सिफारिशें करने हेतु इस तीन सदस्यीय समिति के गठन का निर्णय लिया है।

सरकार द्वारा कालेधन पर रोक लगाने हेतु अभूतपूर्व कदम उठाये गए


सरकार द्वारा भारत और विदेशों में कालेधन की समस्‍या पर रोक लगाने के लिए विभिन्‍न कदम उठाये गये हैं। इस संबंध में प्रमुख निर्णय और कार्यवाही निम्‍नलिखित हैं:

1     कालेधन पर रोक लगाने के लिए उठाये गये प्रमुख कदम:

(1)    कड़े दंड वाले प्रावधानों के साथ एक नया काला धन अधिनियम लागू किया गया।
(2)    29 मई, 2014 को जारी अधिसूचना के तहत उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍यायाधीश एम. बी. शाह की अध्‍यक्षता में विशेष जांच दल का गठन किया गया। विशेष जांच दल के कई सिफारिशों पर कार्यवाही की गई ।
(3)    घरेलू कालेधन के लिए एक नई आय घोषणा योजना की शुरूआत की गई।
(4)    कठोर कार्यवाही करने के परिणामस्‍वरूप लगभग 50,000 करोड़ रूपये के अप्रत्‍यक्ष कर चोरी को पकड़ा गया। इसके साथ ही 21,000 करोड़ रूपये की अघोषित आय का भी पता चला। गत दो वर्षों में तस्‍करी गतिविधियों में जब्‍त किये गये सामान की राशि बढ़कर 3963 करोड़ रूपये पहुंच गई। यह गत दो वर्षों के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक है।
(5)    गत दो वर्षों के 1169 मामलों के मुकाबले 1466 मामलों में कानूनी कार्रवाई की शुरूआत की गई। इसमें 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 

2     वित्‍त अधिनियम-2015 के द्वारा काला धन शोधन अधिनियम-2002 में संशोधन:
·         कालाधन शोधन अधिनियम के अंतर्गत अपराध से आय की परिभाषा में संशोधन किया गया जिससे देश के बाहर स्थित संपत्ति जिसे जब्‍त करना संभव न हो के लिए भारत में समान संपत्ति की कुर्की या अधिकरण को संभव किया जा सके।
·         कालाधन शोधन अधिनियम में धारा (8) को जोड़ा गया ताकि विशेष न्‍यायालय के निर्देश पर कालाधन शोधन के अपराध के परिणामस्‍वरूप हानि उठाने वाले दावेदार को जब्‍त संपत्ति फिर से लौटाई जा सके।
·         सीमा शुल्‍क अधिनियम की धारा 132 जिसमें सीमा शुल्‍क से जुड़े झूठे घोषणाओं या दस्‍तावेजों से जुड़े अपराधों को विधेयक अपराध बनाया गया। व्‍यापार पर आधारित कालेधन शोधन पर रोक लगाई जा सके।
·         कालाधन (अघोषित विदेश आय और संपत्ति) और अधिरोपण कर अधिनियम 2015 की धारा 51 के अंतर्गत किसी कर दंड या ब्‍याज से इच्‍छानुसार बचने के अपराध को पीएमएलए के अंतर्गत अधिसूचीबद्ध अपराध बनाया गया। 

3  पीएमएलए के अंतर्गत हाल ही में की गई अधिसूचनाएं:

    डीएनएफबी सेक्‍टर में जोखिम राहत के लिए राजस्‍व विभाग द्वारा उठाये गये कदम निम्‍नलिखित हैं- 
  
·         पीएमएलए की उपधारा 2 (1) (एसए) (6) के अंतर्गत निर्धारित व्‍यापार या व्‍यवसाय करने वाले को 15.4.2015 को बीमा आढ़ती अधिसूचित किया गया।
·         पीएमएलए की उपधारा 2 (1) (एसए) (2) के अंतर्गत निर्धारित व्‍यापार या व्‍यवसाय करने वाले को 17.4.2015 को पंजीयक या उपपंजीयक अधिसूचित किया गया। 

4  विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 में वित्‍त अधिनियम 2015 के द्वारा संशोधन किये गये संशोधनों के अंतर्गत फेमा की धारा-4 के उल्‍लंघन के परिणामस्‍वरूप किसी व्‍यक्ति के विदेशी मुद्रा विदेशी प्रतिभूति या अचल संपत्ति अर्जित करने की स्थिति में भारत में समान राशि को जब्‍त करने और अधिग्रहण करने के संशोधन किया गया हैं।

कलराज मिश्र ने श्रीनगर में खादी कताई एवं बुनाई केन्‍द्र का उद्घाटन किया

  केन्‍द्रीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री कलराज मिश्र ने श्रीनगर में आयोजित एक समारोह में हरमुख खादी ग्रामोद्योग संस्‍थान का उद्घाटन किया, जो एक कताई एवं बुनाई केन्‍द्र तथा खादी वस्‍तुओं के लिए मार्केटिंग प्‍लाजा है।

मं‍त्री महोदय ने सौरा स्थित 90 फीट रोड पर श्रीनगर के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित इस समारोह के दौरान स्‍थानीय कारीगरों के बीच 25 नये प्रकार के चरखों का भी वितरण किया। इस अवसर पर श्री मिश्र ने कहा कि चरखा प्रतिरोध का एक प्रतीक है और यह आर्थिक स्‍वतंत्रता प्राप्‍त करने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों के अधिकतम संख्‍या में बेरोजगार युवकों एवं महिलाओं की सहायता कर सकता है।

मंत्री महोदय ने कहा कि केन्‍द्र सरकार क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए जम्‍मू एवं कश्‍मीर राज्‍य को सभी प्रकार की सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार है और उन्‍होंने राज्‍य सरकार से आगे आने तथा नई दिल्‍ली से अधिकतम सहायता मांगने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र सरकार, खासकर, यहां की अराजक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए जम्‍मू एवं कश्‍मीर की प्रगति के लिए विशेष रूप से इच्‍छुक है।

जम्‍मू एवं कश्‍मीर के उद्योग एवं वाणिज्‍य मंत्री श्री चन्‍दर परकाश गंगा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए उन्‍होंने केन्‍द्रीय मंत्री को सहायतापूर्ण बर्ताव एवं जम्‍मू एवं कश्‍मीर के प्रति मदद के दृष्टिकोण के लिए धन्‍यवाद दिया। साथ ही, उन्‍होंने केन्‍द्रीय मंत्रालय से राज्‍य के लिए लक्ष्‍य में भी वृद्धि करने का आग्रह किया, जिससे कि स्‍थानीय कारीगरों को लाभ पहुंच सके।

केन्‍द्रीय मंत्री के साथ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्‍यक्ष श्री विनय कुमार सक्‍सेना एवं एमएसएमई मंत्रालय में सचिव श्री के. के. जालान भी थे।

वित्‍त मंत्रालय ने विकास एवं रोजगार सृजन के लिए उठाए ये कदम


राजस्‍व विभाग ने विकास एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्‍न उपाय किए: छोटे करदाताओं एवं छोटे व्‍यवसाय एवं व्‍यावसायियों को राहत देने के लिए कदम उठाए
वित्‍त मंत्रालय के राजस्‍व विभाग ने विकास एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्‍न कदम उठाए हैं:

क. नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कंपनी कर दरों को घटाकर 25 प्रतिशत करना।

ख. निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आवास क्षेत्र के लिए कर लाभों को विस्‍तारित करना।

ग. तकनीकी सेवाओं के लिए रॉयल्‍टी एवं शुल्‍कों पर कर की दरों को 25 प्रतिशत से कम करके 10 प्रतिशत करना।

घ. स्‍टार्ट अप इंडिया के लिए कर रियायत।


ठीक इसी प्रकार, राजस्‍व विभाग ने छोटे करदाताओं एवं छोटे व्‍यवसाय एवं व्‍यावसायियों को राहत देने के लिए कदम उठाए हैं :

आयकर अधिनियम 1961 के सेक्‍शन 80 (सी) के तहत छूट की सीमा को सालाना एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये सालाना कर दिया गया है, जोकि एनपीएस को अतिरिक्‍त पचास हजार रुपये के योगदान का विषय होगा। इसके अतिरिक्‍त, छोटे व्‍यावसायों के लिए प्रकल्पित कराधान क्षेत्र के दायरे को बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक कर दिया गया है। प्रकल्पित कराधान लाभ अब व्‍यावसायों के लिए 50,00,000 रुपये के टर्नओवर तक उपलब्‍ध है।

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