राहुल गाँधी हिंदू कार्ड खेल रहे हैं : बुखारी

इंदौर में राहुल गांधी द्वारा दिए गए मुजफ्फरनगर दंगों पर भाषण को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सय्यद अहमद बुखारी ने कहा, "एक तरफ गृह मंत्री जेल में ठूंसे गए मुस्लिम दंगा पीड़ितों को रिहा करने के लिए राज्यों को पत्र लिख रहे हैं और ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "दूसरी तरफ पार्टी उपाध्यक्ष (राहुल गांधी) मुस्लिमों को लेकर संदेह जताते हुए आईबी अधिकारी की बात कर रहे हैं।

ऐसा लगता है जैसे वह हिंदू कार्ड खेल रहे हैं।" बुखारी ने कहा, "कांग्रेस को यह विश्वास हो गया है कि मुस्लिम अब किसी पर भरोसा नहीं करते, खास तौर से उत्तर प्रदेश में जहां उनके पास विकल्प मौजूद है, ऐसे में राहुल ने अब अपनी निगाह हिंदू वोट पर टिका दी है।" 

राहुल के बयान की आलोचना करते हुए ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के अगुवा इमाम उमैर इलियासी ने कहा, "यह साफ है कि उन्होंने यह बयान हिंदुओं को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने के लिए दिया है। ऐसी मजहबी सियासत अब काम नहीं आएगी, क्योंकि लोग समझदार हैं। विकास की राजनीति से काम बनेगा। जो उन्होंने कहा और जिस तरह कहा, वह केवल मुस्लिम नहीं, बल्कि देश भर के लिए शर्म और दुख की बात है।"

गृह मंत्रालय ने राहुल गाँधी के बयान को झूठा करार दिया

मुजफ्फरनगर में दंगा प्रभावित युवकों से आइएसआइ के संपर्क के राहुल गांधी के बयान से गृह मंत्रालय के अधिकारी हैरान हैं। उनके अनुसार खुफिया ब्यूरो ने कभी इस तरह की कोई रिपोर्ट दी ही नहीं थी। अलबत्ता दंगों के तत्काल बाद मंत्रालय ने राज्य सरकार को एडवाइजरी भेजी थी, जिसमें आइएसआइ समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा दंगा पीड़ित युवाओं को प्रंभावित करने की आशंका के मद्देनजर सतर्कता बरतने को कहा गया था। वैसे इस बयान से कन्नी काटते हुए खुद गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने खुफिया विभाग के किसी अधिकारी द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ब्रीफ किए जाने की संभावना से इन्कार कर दिया है। उनके अनुसार, जब आइबी का ऐसा कोई इनपुट है ही नहीं, तो कोई ब्रीफ कैसे कर सकता है। गौरतलब है कि गुरुवार को इंदौर में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मुजफ्फरनगर दंगों से प्रभावित युवाओं के साथ आइएसआइ के संपर्क का दावा किया था। राहुल के अनुसार यह जानकारी उन्हें आइबी के एक अधिकारी ने दी थी।

ऐसी किसी रिपोर्ट का खंडन करते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद उत्तरप्रदेश सरकार को एडवाइजरी जरूर भेजी गई थी। इसमें राज्य सरकार को आगाह किया गया था कि दंगा पीड़ितों के बीच आइएसआइ समर्थित आतंकी संगठनों द्वारा घुसपैठ बनाने की कोशिश की जा सकती है। उनके अनुसार लगभग सभी बड़े दंगों के बाद संबंधित राज्य सरकार को भेजी जाने वाली यह सामान्य एडवाइजरी थी। इसमें कहीं भी यह नहीं कहा गया था कि ये आतंकी संगठन मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के बीच पहुंच गए हैं।

वैसे गृह मंत्रालय के अधिकारी राहुल गांधी के बयान पर खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। यहां तक कि इस संबंध में पूछे जाने पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।

खुफिया विभाग के पूर्व अधिकारी आंतरिक सुरक्षा के संवेदनशील मुद्दे पर कोई भी जानकारी राहुल गांधी को देने को एजेंसी की गरिमा के लिए खतरनाक मान रहे हैं। आइबी के पूर्व निदेशक अरुण भगत के अनुसार सरकार से बाहर किसी राजनेता को इस तरह से ब्रीफ करना गलत है और मामले की जांच कर इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इसी तरह आइबी के पूर्व प्रमुख एके डोभाल ने खुफिया एजेंसी का दुरुपयोग बताते हुए इसे एक गलत परंपरा की शुरुआत बताया है।

'मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ित परिवारों के नौजवानों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने संपर्क साध लिया है। उन्हें यह जानकारी इंटेलीजेंस के एक अफसर ने दी है।'

मुजफ्फरनगर के कुछ युवकों के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संपर्क में होने के राहुल गांधी के बयान पर सीधी टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए उत्तर प्रदेश के गृह सचिव कमल सक्सेना ने कहा कि इंटेलीजेंस ब्यूरो ने सरकार कोई इनपुट (सूचना) नहीं दी है। न ही कोई जानकारी मिली है।

पाकिस्तान में सरेआम एक हिन्दू लड़की को निवस्त्र किया

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दिवाली मनाने मायके आई एक हिंदू महिला को पीटने और उसके कपड़े फाड़ने का मामला सामने आया है। मंगलवार रात गिरफ्तार किए गए आरोपी को बुधवार को अदालत ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घटना उमरकोट जिले के न्यू छोर टाउन की है। तीस वर्षीय हिंदू महिला सेन्होइ गांव की रहने वाली है। वह दीपावली मनाने कुछ दिन पहले ही अपनी मां के घर यहां आई थी। घटना वाले दिन वह मां के साथ गहने खरीदने गई तभी आरोपी उसके पीछे लग गया। उसने महिला के बाल पकड़कर गिरा दिया और पीटने लगा। इसी दौरान महिला के कपड़े फटकर शरीर से अलग हो गए।

पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक वहां मौजूद कुछ लोगों ने महिला को बचाया और तन ढकने के लिए कपड़े दिए। आरोपी व्यक्ति धमकी देता हुआ भाग गया लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, अल्पसंख्यक सांसद लाल माल्ही सहित कई सांसदों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

उमरकोट के एसएसपी अब्दुल कयूम और मामले के जांच अधिकारी अल्ताफ शाह ने कहा, स्थानीय लोगों का कहना है कि एक जमीन के प्लॉट को लेकर विवाद की वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया, लेकिन पीड़ित परिवार ने इससे स्पष्ट तौर पर इन्कार किया है।

भाजपा ने चुनाव आयोग से कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की

भाजपा ने राहुल गांधी के खेड़ली और चूरू में दिए हिंदू-मुस्लिमों के झगड़े कराने संबंधी आरोपों के भाषण को आपत्तिजनक और भावनाएं भड़काने वाला बताया है। पार्टी ने चुनाव आयोग से कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की है।

भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी ने जिस तरह की भाषा का उपयोग किया है वो आचार संहिता का उल्लंघन होने के साथ ही अपराध भी है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में बुधवार को पत्रकार वार्ता कर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत, चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक योगेंद्र सिंह तंवर और प्रदेश प्रवक्ता कैलाश नाथ भट्ट ने राहुल गांधी के भाषण पर गहरी आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने वोटों की खातिर भाजपा पर हिंदू- मुसलमानों बीच झगड़े कराने के झूठे आरोप लगाए हैं। लखावत ने कहा कि भाजपा पूछना चाहती है कि किस आयोग ने भाजपा को गुजरात, मुजफ्फर नगर और कश्मीर में दंगे भड़काने का आरोपी माना है ? यह कांग्रेस स्पष्ट करें।क्या उत्तर प्रदेश की सरकार या केंद्र सरकार के पास यह तथ्य है कि मुजफ्फर नगर के लोग पाकिस्तान जाना चाहते हैं? भाजपा ने कहा कि राहुल सांप्रदायिक आरोप लगाकर वोट लेने के लिए जनता की भावनाएं भड़का रहे हैं।

लखावत ने कहा कि राहुल का भाषण झूठ पर आधारित है। इसके खिलाफ भाजपा चुनाव आयोग को शिकायत कर राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग करेगी। भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि एसपीजी सुरक्षा होने के बावजूद जो राहुल गांधी खुद की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त नहीं हों, उनकी पार्टी देश की 120 करोड़ जनता को क्या सुरक्षा देगी?

लखावत ने कहा कि राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार सहित कांग्रेस के 60 वर्ष के शासन की उपलब्धियों पर बात नहीं की। इसकी बजाय वोटों के लिए बड़े नेताओं की हत्याओं को भुनाने की कोशिश की है, जो कभी सफल नहीं होगी। 

सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के विरोध पर द हिंदू के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन को हटाया

सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने सिद्धार्थ वरदराजन की विदेशी नागरिकता पर मुकदमा किया और इसी बहाने ''दि हिंदू'' ने उन्‍हें संपादकीय मूल्‍यों से खिलवाड़ करने वाला करार देकर खानदानी कारोबार में अचानक गिरी मक्‍खी की तरह निकाल बाहर किया। ये इस्‍तीफा नहीं है, भले इसे इस्‍तीफा बताया जा रहा हो।

खबर में इस बात पर ध्‍यान दीजिएगा जब एन.राम कहते हैं कि तमिलनाडु में नरेंद्र मोदी की दो बार रैली हुई लेकिन उसे पहले पन्‍ने पर नहीं लिया गया क्‍योंकि सिद्धार्थ ने समाचार डेस्‍क को निर्देश दिए थे कि मोदी की कोई खबर पहले पन्‍ने पर नहीं लेनी है। यही बात अखबार के संपादकीय मूल्‍यों के खिलाफ चली गई। एन. राम के मुताबिक, ''समाचार और विचार में कोई फर्क नहीं बरता जा रहा था।''

यह बहाना नया नहीं है। यह बरसों पुराना आज़माया फॉर्मूला हमेशा ऐसे वक्‍त में काम आता है जब किसी को नौकरी से निकालना होता है। बस, इस पर नज़र रखिए कि इस मोदीमय फि़ज़ा में किन्‍हें नौकरियां मिल रही हैं और किनकी नौकरियां जा रही हैं। अपने आप खेल समझ में आ जाएगा।

द हिंदू के संपादक पद से सिद्धार्थ वरदराजन के इस्तीफे के एक दिन बाद इस अखबार के कार्यकारी संपादक एम के वेणु ने भी इस्तीफा दे दिया। कस्तूरी ऐंड संकेएसएल के चेयरमैन का पदभार संभालने वाले एन राम ने मंगलवार को वेणु के इस्तीफे की पुष्टि की है। बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों पर एम के वेणु ने कहा, मैंने कार्यकारी संपादक के पद से इस्तीफा दे दिया है और जल्द ही दूसरे विकल्पों की तलाश करूंगा। यहां इस बात का उल्लेख किया जा सकता है कि वरदराजन ने कहा था कि हिंदू के मालिकों ने इसे पारिवारिक कारोबार की तरह चलाने का फैसला किया है, लिहाजा मैं द हिंदू से इस्तीफा दे रहा हूं। व्यवस्था में परिवर्तन के चलते दोनों ने इस्तीफे दिए हैं।

भाजपा किसान मोर्चा ने की शिमला में किसानों की आवाज बुलंद

किसानों एवं बागवानों की आवाज को बुलंद करने के लिए हिमाचल प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा ने सोलन से शिमला तक किसान अधिकार यात्रा निकालने के बाद सोमवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सहित अन्य नेता मौजूद रहे। किसानों एवं बागवानों के अधिकारों को लेकर प्रदेश सरकार एवं महामहिम राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट किया कि किसानों को जंगली जानवरों और बंदरों से निजात दिलाने के लिए स्पष्ट निर्णय लें।

हाईकोर्ट ने दिल्ली में सेब पर कमीशन समाप्त कर दी है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सरकार प्रदेश के बागवानों से आठ फीसद कमीशन ले रही है, इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। प्रदेश के सेब उत्पादक का लागत मूल्य दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक है। पूर्व की एनडीए भाजपा सरकार ने वाजपेयी के नेतृत्व में सेब पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया था। 

किसान मोर्चा निरन्तर इस आयात शुल्क को बढ़ाने की माग करता आया है। काग्रेस ने विधानसभा चुनाव में आयात शुल्क 150 प्रतिशत करने का वादा किया था परंतु इसके विपरीत 50 प्रतिशत आयात शुल्क को भी समाप्त कर दिया गया है। किसान मोर्चा यह मानता है कि 150 प्रतिशत आयात शुल्क हिमाचल के बागवान का अधिकार है व उसे मिलना ही चाहिए। सब्जी मंडियों का विस्तार किया जाए तथा अन्य स्थानों पर नई सब्जी मंडिया भी खोली जाएं। किसानों एवं बागवानों को उन्नत किस्म के बीज एवं उर्वरक उपलब्ध करवाएं। प्रदेश की समस्त कृषि भूमि को सिंचित किया जाए। 

पूरे भारतवर्ष में ट्रैक्टर ट्रॉली को बैल गाड़ी की संज्ञा दी गई है लेकिन हिमाचल प्रदेश एक मात्र ऐसा राच्य है जहा आज भी ट्रैक्टर ट्राली को कमर्शियल व्हीकल्स की संज्ञा दी गई है व किसान को मजबूरन पंजीकरण कराना पड़ता है। भाजपा किसान मोर्चा इसका तत्काल समाधान चाहता है।

तिरुपति में इस्लामिक विश्वविद्यालय का हिन्दू संगठनों द्वारा कड़ा विरोध

हिंदू जनजागृति समिति की श्रीमती उमा रविचंद्रन ने यह भय व्यक्त किया है कि तिरुपति में निर्माण किए जाने वाले इस्लामिक विश्वविद्यालय के पीछे हिंदू संस्कृति, मंदिर तथा तीर्थक्षेत्र नष्ट करनेका षडयंत्र है । बाबर ने अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मस्जिद निर्माण की, औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ तथा मथुरा के श्रीकृष्ण मंदिर के पास मस्जिद निर्माण की । 

यदि हम इस्लामिक विश्वविद्याल का विरोध नहीं करेंगे, तो तिरूपति के मंदिर भी एक दिन मस्जिद हो जायेगी । हिंदू जनजागृति समिति द्वारा २० अक्तूबर को अरणी में इस्लामिक विश्वविद्याल के विरोध में प्रदर्शन किया गया, उस समय श्रीमती उमा रविचंद्रन् ऐसा कह रही थीं । 

इस प्रदर्शनमें शिवसेना, हिंदू मुन्नानी (हिंदुओंके लिए अग्रेसर), भाजपा, रा.स्व. संघ, विहिंप इन संगठनोंके ७५ से अधिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे ।

श्री जनार्दन स्वामी के गाए श्री व्यंकटेश्वर के भक्ति गीत से इस प्रदशर्न का प्रारंभ हुआ । स्वामी उनके १० भक्तों के साथ प्रदर्शनमें सम्मिलित हुए थे ।


तामिलनाडु के सन न्यूज, तंती टीवी, कलाइंगर टीवी, जया टीवी, पॉलीमेर, मक्कल टीवी, जेमिनी न्यूज आदि समाचार प्रणाल द्वारा इस प्रदर्शन का समाचार संकलन किया गया । साथ ही दिनकरन्, दिनाथंसी, दिनामलर, तामिलमुरासू आदि समाचार पत्रों ने भी समाचार संकलन किया ।

हिंदू मुन्नानी संगठन के कार्यकर्ताओं ने समिति के कार्यकर्ताओं से इस्लामिक विश्वविद्यालय के छायाचित्र लिए । उन्होंने बताया कि तिरूवन्नामलाई में वे इसी प्रकार के प्रदर्शन का आयोजन करने वाले हैं ।

लड़कियां शादी से पहले संबंध न बनाने के लिए प्रतिबद्ध - अदालत

देश की राजधानी दिल्ली में एक एडिशनल सेशन जज ने एक रेप केस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि लड़कियां शादी से पहले संबंध न बनाने के लिए प्रतिबद्ध होती हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वी एन खरे ने इसे बेतुका बताया है।

खरे ने कहा, 'उन्होंने जो भी कहा वो बेतुका था।' खरे ने साथ ही कहा कि अब समय बदल चुका है. अब महिलाओं और पुरुषों को समान रूप से देखे जाने पर फोकस किया जाना चाहिए।

दिल्ली फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक रेप केस पर अपना फैसला सुनाते हुए वीरेंद्र भट्ट ने कहा था, 'लड़कियों पर नैतिक और सामाजिक रूप से प्रतिबद्धता होती है कि वे शादी से पहले यौन संबंध न बनाएं. वे अगर ऐसा करती हैं तो यह उनका खुद का उठाया जोखिम है। क्योंकि इसके बाद वो रो नहीं सकती हैं कि यह रेप था।' यह फैसला ७ अक्टूबर को सुनाया गया था।


वहीं कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि १८ साल से अधिक उम्र की महिलाएं सहमति से शारीरिक संबंध बना सकती हैं और उसके लिए कोर्ट की मंजूरी की जरूरत नहीं है। कांग्रेस की प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि सहमति से संबंध और रेप के बीच अंतर को लेकर संशय नहीं होना चाहिए। शुरू में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वह कोर्ट के किसी फैसले पर या न्यायाधीश ने जो कहा, उस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकतीं।

उन्होंने कहा, ‘हां कुछ सच हो सकता है। हां ऐसा होता है कि महिलाएं पहले सहमति से संबंध बनाती हैं और फिर सुविधा के अनुसार बदल जाती हैं। मुझे यह सही नहीं लगता। जज ने फैसले में जो कहा, मैं उस पर टिप्पणी नहीं कर सकती लेकिन उससे अलग हटते हुए यह कहना चाहूंगी कि यह हम सभी महिलाओं के सामने चुनौती है। पहली बात यह कि महिलाओं को सहमति से संबंध बनाने का हक है।’

उन्होंने कहा, ‘अगर आप १८ साल से बड़ी हैं तो किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। आपको सहमति से संबंध बनाने का अधिकार है। हमें इसके लिए कोर्ट के फैसले या मंजूरी की जरूरत नहीं है।’ रेणुका ने यह भी कहा कि रेप आपसी सहमति से बनाए गए संबंध नहीं होते। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि रेप और सहमति से संबंध के बीच संशय है।

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