लॉर्ड मेघनाद देसाई ने गांधी के दर्शन पर उंगली उठाई

लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स के प्रोफेसर एमेरिटस और मशहूर अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत पर सवाल उठाए हैं। लॉर्ड देसाई ने गांधी द्वारा भगवद् गीता का अनुमोदन किए जाने पर उनके अहिंसा के दर्शन पर उंगली उठाई है।

देसाई ने कहा कि वे इस बात से परेशान रहते थे कि अहिंसा की मूर्ति महात्मा गांधी ने भगवद् गीता और हिटलर की प्रशंसा करके हिंसा को स्वीकृति क्यों दी? 'हिंसा पर गांधीजी के विचार' विषय पर आयोजित एक लेक्चर में लॉर्ड मेघनाद देसाई ने यह राय दी है।

उन्होंने कहा, 'मैंने यह विषय इसलिए चुना क्योंकि मैं हिंसा पर गांधी जी के विचार पर कुछ सवाल खड़े करना चाहता था। मैं दो मुद्दे उठाऊंगा। पहला, भगवद् गीता को मिली गांधी जी की स्वीकृति, जिसमें अंत में यही सार निकलता है कि हर किसी को दूसरे को मार देना चाहिए।

दूसरा मुद्दा, गांधी जी का हिटलर के प्रति रवैया जो विश्वास से परे था। यह एक ऐसे शख्स के विचार थे जो अहिंसा में आस्था रखता था। गांधी जी ने मांसाहारी हिटलर की तारीफ करते हुए उनकी बौद्धिकता, शुद्ध चरित्र की तारीफ की।

यह कैसे हो सकता है कि गांधी जी की बौद्धिक स्तर का कोई शख्स हिटलर को लेकर इतनी बड़ी भूल कर सकता है? यह कैसे हो सकता है कि किसी के खाने या पीने की आदतें उसके गुण माने जा सकते हैं?'

भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि के मामले में शीला दीक्षित पर तीन हजार का जुर्माना

दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का है, अदालत ने इस मामले में जवाब तलब किया था। लेकिन तीन तारीखों के बाद भी मुख्यमंत्री की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दो साल पहले बिजली मुद्दे पर हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप मुख्यमंत्री पर लगाया था। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट में विजेंद्र गुप्ता पर मानहानि का मुकदमा किया था। गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि वे देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हैं और तथ्यों के साथ उन्होंने यह आरोप लगाया था।

लिहाजा मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले में दायर मानहानि का मुकदमा उन पर नहीं बनता है। जिसके बाद कोर्ट ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। लेकिन तीन तारीखों के बाद भी शीला दीक्षित ने जवाब दाखिल नहीं किया। जिस पर सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने शीला दीक्षित पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया।

मानहानि के मुकदमे के मामले में बार-बार कहने पर भी अपना जवाब दाखिल न करने के कारण हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री पर जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए बस एक आखिरी मौका दिया है। हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री को 15 मार्च को अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

हिंदू हित की बात करने से नहीं हिचकेंगे - प्रवीण भाई तोगड़िया

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने चुनाव आयोग के निर्देश पर जनसभाओं की रिकार्डिग कराये जाने के मुद्दे पर कहा कि वह इससे नहीं डरते। जिन्हें रिकार्डिग कराना हो करायें वह हिंदू हित की बात करने से नहीं हिचकेंगे। वह राजनीतिक नहीं बल्कि धार्मिक नेता हैं।

अगर उन्हें आचार संहिता में बांधने की कोशिश की गयी तो अदालत में जायेंगे। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने उन पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया है।तोगड़िया ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछड़ों और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के आरक्षण से साढ़े चार फीसदी हिस्सेदारी अल्पसंख्यकों को देना कहां का न्याय है।

केंद्र सरकार हिंदुओं के हक पर डाका डाल रही है और इससे पिछड़ों की नौकरियां अल्पसंख्यकों के पास जायेंगी।उन्होंने कहा कि विहिप सात मांगों को लेकर इसका गांव स्तर समितियां गठित कर विरोध करेगी। पूरे देश में हिंदू रोटी एवं शिक्षा बचाओ आंदोलन किया जायेगा।

बंटे हिंदू समाज को एकजुट होना होगा। दिग्विजय सिंह के अन्ना हजारे के साथ चित्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि दिग्विजय तो उनके साथ कोलकाता में एक कार्यक्रम में थे। बाबू सिंह कुशवाहा पर कुछ बोलने से मना करते हुए तोगड़िया ने कहा कि भाजपा की बात भाजपा जाने।

इससे पूर्व उन्होंने छात्र गोष्ठी में कहा कि छात्र मजहबी आरक्षण का विरोध करें और इसकी मांग करने वालों का चुनाव में कड़ा विरोध करें। इस मौके पर विहिप कोषाध्यक्ष रामनाथ महेंद्र, प्रांत मंत्री अवध बिहारी मिश्र भी थे।भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमाविश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडि़या पर बिना अनुमति सभा करने, लाल बत्ती लगाकर घूमने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है।

बजरंग दल अध्यक्ष भी नामजद हैं। पुलिस ने भाषण की सीडी कब्जे में ले ली है।दरअसल विश्व हिंदू परिषद के 'हिंदू, रोटी व शिक्षा बचाओ' आंदोलन के तहत शुक्रवार को सभा थी। इसमें तोगड़िया ने सभा में धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला भाषण दिया।

डीआईजी राजेश राय के निर्देश पर काकादेव थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह राठी को सभा स्थल पर छापा मारकर पोस्टर-बैनर कब्जे में लिये और श्रीतोगड़िया के भाषण की सीडी जुटा ली है। श्री तोगड़िया लालबत्ती लगी एम्बेसडर से आये थे। इस पर तोगड़िया और आयोजक बजरंग दल अध्यक्ष शैलेंद्र भदौरिया के खिलाफ धारा 153 ए, 153 बी और 298 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

इस 14 साल की मुस्लिम लड़की की दास्ताँ सुन रो पड़ेंगे आप..

जिस्मफरोशी से इनकार करने पर 14 साल की सहर गुल के साथ अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ वो महज एक बानगी है अफगान औरतों की दुर्दशा की।

दुगनी उम्र के पुरुष के साथ जबरन ब्याह दी गई सहर अब जिंदा लाश है। उसे ससुराल का हुक्म न मानने की ऐसी सजा मिली जिसे देखकर बेहरम भी रो पड़े।

लेकिन सहर अकेली नहीं है जिसने ससुरालियों के जुर्म सहे। अफगानिस्तान में तालिबान के जाने के बाद भी औरतों की नियति में कोई खास फर्क नहीं आया है।

अफगानिस्तान में औरतें अब भी महज सामान के मानिंद इस्तेमाल की जाती है। यहां महिला अधिकार नाम की चीज नहीं है। अफगान औरतों के पहरुआ बने अफानिस्तान के पुरुष समाज में सजा के नाम पर औरतों के साथ वहशीपन करने की खुली छूट है।

बाबा रामदेव को निर्वाचन कार्यालय ने नोटिस दिया

पतंजलि योगपीठ में चल रहे बाबा रामदेव के युवा प्रशिक्षण शिविर पर जिला निर्वाचन कार्यालय की नजर टेढ़ी हो गई है। निर्वाचन कार्यालय ने नोटिस जारी कर आरोप लगाया है कि रामदेव शिविर के जरिए चुनावी माहौल को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं।

पतंजलि योगपीठ में तीन जनवरी से युवाओं का प्रशिक्षण शुरू हुआ। इसमें चुनाव वाले राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मणिपुर समेत मध्य प्रदेश के करीब 2000 युवा भाग ले रहे हैं।जिला निर्वाचन अधिकारी डीएस पांडियन ने बताया कि शिविर में व्यवस्था परिवर्तन सहित, काले धन, भ्रष्टाचार सहित चुनाव संबंधित तमाम बातों की शिकायत मिली है।

पतंजलि पिरान कलियर विधानसभा क्षेत्र में है। डीएम ने बताया कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

दिग्विजय में लादेन की अत्मा का वास - नकवी

बीजेपी नेता मुख़्तार अब्बास नक़वी ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि दिग्विजय सिंह और कांग्रेस दोनो को ही आरएसएस फ़ोबिया हो गया है।

इतना ही नहीं, मुख़्तार अब्बास नक़वी ने दिग्गी राजा को झाड़-फूंक कराने की सलाह देते हुए कहा है कि उनके शरीर में ओसामा बिन लादेन की अत्मा का वास हो चुका है।

यही वजह है कि उन्हें राष्ट्रवाद का मतलब तक समझ में नहीं आ रहा।

अपने गिरेबां में झांकें दिग्विजय सिंह

चर्चा सत्र बल्देव भाई शर्मा अपने गिरेबां में झांकें दिग्विजय सिंह! दस जनपथ के कारिंदे और सोनिया कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह का प्रलाप 5 राज्यों, विशेषकर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नजदीक आने पर और ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने दस जनपथ के इशारे पर मुस्लिम तुष्टीकरण की कांग्रेसी मुहिम को परवान चढ़ाने के लिए संघ किंवा हिन्दुत्वविरोधी "वही राग बेढंगा" अब ज्यादा तेज कर दिया है।

कांग्रेस का यह चरित्र रहा है कि जब-जब उसके कुशासन व भ्रष्ट सत्ता के विरुद्ध जनता ने हुंकार भरी और उसे अपना सिंहासन डोलता नजर आया, तब-तब वह संघ पर ज्यादा हमलावर हो जाती है और उसे अपनी अनैतिक व अलोकतांत्रिक सत्ता के विरुद्ध खड़ा हर व्यक्ति "संघ का एजेंट" नजर आने लगता है।

पूर्व में वह इस "खिताब" से बाबू जयप्रकाश नारायण, चंद्रशेखर व विश्वनाथ प्रताप सिंह तक को नवाज चुकी है और अब जब बाबा रामदेव व अण्णा हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार व कालेधन को लेकर कांग्रेसनीत मनमोहन सरकार के खिलाफ पूरे देश में जबर्दस्त जनांदोलन चल रहा है तो इस जनाक्रोश को बेअसर करने के लिए वह इन दोनों को "संघ का एजेंट" बता रही है।

इस मुहिम की कमान सोनिया गांधी ने अपने चहेते दिग्विजय सिंह को सौंप रखी है जो ढूंढ-ढूंढकर ऐसे नुक्ते तलाश रहे हैं जिससे बाबा रामदेव व अण्णा हजारे की संघ से निकटता दिखाकर उन्हें "कटघरे" में खड़ा कर सकें ताकि उनका आंदोलन विवादास्पद बनाया जा सके। लेकिन हो इसके विपरीत रहा है।

देश में भष्टाचार व कालेधन के विरुद्ध चल रहे आंदोलन को और ज्यादा गति व ऊर्जा मिल रही है तथा भ्रष्ट संप्रग सरकार के कुशासन को लेकर देशभर में कांग्रेस की थू-थू हो रही है। कांग्रेस अपनी सत्ता के विरुद्ध पनप रहे इस व्यापक जनाक्रोश का सामना करने से तो कतरा ही रही है, उसके इशारे पर जनता का ध्यान भ्रष्टाचार व कालेधन के विरुद्ध चल रही मुहिम से हटाने के लिए दिग्विजय सिंह नए-नए शिगूफे छोड़ रहे हैं।

नया शिगूफा दिग्विजय सिंह ने अब प्रख्यात समाजसेवी नानाजी देशमुख के साथ अण्णा हजारे का फोटो दिखाकर एक नया शिगूफा उछाला है कि अण्णा हजारे व नानाजी देशमुख की निकटता दर्शाती है कि अण्णा के संघ से संबंध रहे हैं। वह भूल जाते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज सेवा, देशभक्ति व चरित्र निर्माण का एक सांस्कृतिक अधिष्ठान है जहां राष्ट्रवादी संस्कार भावनाओं का सम्मिलन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।

राष्ट्र के नवनिर्माण में जुटे अनेक लोग, जिनका संघ से प्रत्यक्ष कभी कोई संबंध नहीं रहा, समय-समय पर संघ के निकट आकर उसके कार्य को देखते व सराहते रहे हैं, इनमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस व महात्मा गांधी तक शामिल हैं। दिग्विजय सिंह व सोनिया कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को शायद यह भी याद नहीं कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों द्वारा जान की बाजी लगाकर युद्ध के मोर्चे पर सेना का सहयोग किए जाने से उनके पूर्वज दिग्गज कांग्रेसी नेता व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 26 जनवरी, 1963 को राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में संघ स्वयंसेवकों के पूर्ण गणवेश में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की और स्वयंसेवक उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उस गौरवपूर्ण इतिहास का हिस्सा बन गए।

यह वही नेहरू थे जिन्होंने गांधी हत्या के झूठे आरोप में संघ को कुचल देने का संकल्प जताया था। संघ के स्वयंसेवकों की त्याग-तपस्या और देशभक्ति से अभिभूत होकर संघ के प्रति उनकी धारणा बदली और उन्होंने संघ को इतना सम्मान दिया, तो क्या दिग्विजय सिंह नेहरू को "संघ का एजेंट" कहने की हिम्मत करेंगे? सरदार बल्लभ भाई पटेल और लालबहादुर शास्त्री जैसे मूर्धन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी संघ के प्रति जो उदात्त भाव प्रकट किए, शायद दिग्विजय सिंह उसके बारे में नहीं जानते, अथवा उन्हें भी "संघ का एजेंट" बताने से नहीं चूकते। राष्ट्र के मोर्चे पर सन्नद्ध रा.स्व.संघ बिहार के अकाल में स्वयंसेवकों की सेवाभावना व ईमानदारी देखकर कभी घोर संघ विरोधी रहे बाबू जयप्रकाश नारायण इतने अभिभूत हो गए कि कालांतर में उनके संपूर्ण क्रांति आंदोलन की जिम्मेदारी संघ संस्कार से प्रेरित युवाओं-छात्रों और समाजशक्ति ने ही संभाली।

राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न हो या देश के किसी भी कोने में आई भीषण प्राकृतिक आपदा, संघ की देशभक्ति और सेवा भावना से अनुप्राणित स्वयंसेवक सबसे पहले वहां पहुंचकर जुट जाते हैं। अनेक बार प्रशासन और मीडिया ने न केवल इसकी तस्दीक की है, बल्कि उसे सराहा भी है। देश में वंचितों, पिछड़े वर्गों व जनजातियों के उत्कर्ष के लिए संघ की प्रेरणा से डेढ़ लाख से ज्यादा सेवा कार्य संचालित हैं जिनमें लाखों कार्यकर्ता अहर्निश जुटे हैं। हिन्दुत्व किंवा राष्ट्रवाद के जागरण व समाज सेवा में निरंतर सन्नद्ध संघ के अनेक प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित लोकजागरण व सेवा के प्रकल्पों में संघ की विचारधारा से मतैक्य न रखने वाले भी कई लोग सहर्ष उपस्थित होते हैं, इसके क्या वे "संघ के एजेंट" हो गए? यह बेहद संकीर्ण और कलुषित सोच है।

पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम, प्रमुख कांग्रेसी नेता बलराम जाखड़, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह सदृश अनेक लोग नानाजी देशमुख के ग्राम विकास प्रकल्प के अद्भुत प्रयोगों से हजारों गांवों की खुशहाली व आत्मनिर्भरता से प्रभावित होकर समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों में मंच पर नानाजी के साथ बैठे तो क्या वे "संघ के एजेंट" हो गए? देश में सात्विक व राष्ट्रभक्त शक्ति के उदय से घबराई क्षुद्र स्वार्थों में संलग्न कांग्रेसी सत्ता की यह बौखलाहट है, जिसकी दुष्प्रेरणा से सोनिया गांधी के एक और सिपहसालार व उनकी अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद, जो समानांतर सत्ता-केन्द्र है, के प्रमुख स्तंभ हर्षमंदर को भारतमाता का चित्र भी इसलिए त्याज्य लगता है क्योंकि उसकी छवि संघ द्वारा स्थापित भारत माता की छवि जैसी है।

भारत माता तो प्रत्येक देशवासी की आराध्य होनी चाहिए, लेकिन उसे भी संघ से जोड़कर देखना उनकी मातृभूमि के प्रति भक्ति पर ही सवाल खड़े करता है। संघ से जुड़ा होने के कारण क्या कोई राष्ट्रीय प्रतीक या अभियान त्याज्य हो जाएगा? ऐसे दुष्प्रचार के द्वारा हर्षमंदर और दिग्विजय जैसे लोग देश की जनता को भ्रमित करके कांग्रेस के घृणित सत्ता-स्वार्थों को साधने के हस्तक मात्र बनकर रह गए हैं।

राष्ट्रभक्ति, समाजसेवा और सामाजिक समरसता का अलख जगाते हुए राष्ट्र निर्माण में जुटा संघ तो भारतवासियों के लिए गौरव का विषय है, उससे दूरी तो सिर्फ वही लोग बनाएंगे जो इस देश के राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों से कटे रहकर सिर्फ सत्ता स्वार्थों के लिए जी रहे हैं। इन्हें देशभक्त नहीं, आतंकवादी प्रिय दिग्विजय सिंह खुद अपने गिरेबां में झांककर देखें कि वह जब जिहादी आतंकवादियों के परिजनों की चौखट पर संजरपुर में जाकर माथा रगड़ते हैं और शोक संवेदना जताते हैं, उन्हें न्याय दिलाने की दिलासा देते हैं, तब क्या वह "जिहादी आतंकवादियों के एजेंट" होने जैसा व्यवहार नहीं करते? उलटे वह इन राष्ट्रद्रोहियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले मोहनचंद शर्मा जैसे देशभक्त जांबाजों पर उंगली उठाते हैं।

पूरे विश्व को जिहादी आतंकवाद की आग में झोंकने वाले अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर उसे "ओसामा जी" कहकर महिमामंडित करने वाले दिग्विजय सिंह यह क्यों भूल जाते हैं कि नानाजी देशमुख के साथ तो एक अवसर पर उनका भी फोटो है और संघ को पानी पी-पी कर कोसने वाले दिग्विजय सिंह म.प्र. के मुख्यमंत्री रहते हुए 21 अक्तूबर 1997 को हरिद्वार में आयोजित विराट हिन्दू सम्मेलन में उपस्थित होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया व विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल के साथ मंच साझा कर चुके हैं तो क्या वह स्वयं भी "संघ के एजेंट" हो गए? यह केवल मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति का कांग्रेसी एजेंडा है जिसे उ.प्र. में सत्ता के लिए छटपटाती कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव आते-आते और तेज कर दिया है।

इसीलिए मुस्लिमों को खुश करने के लिए दस जनपथ की शह पर चिदम्बरम के "हिन्दू आतंकवाद" से आगे जाकर दिग्विजय सिंह "संघी आतंकवाद" का जुमला गढ़ते हैं और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के हर्षमंदर जैसे सिपहसालार "साम्प्रदायिक व लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक" जैसा देश विभाजनकारी षड्यंत्र रचते हैं।

इसी की आगे की कड़ी है मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गयी अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में मुस्लिम आरक्षण की सेंध। सत्ता के लिए ऐसे कुत्सित प्रयत्न बेहद शर्मनाक हैं, देश की जनता इसका संज्ञान ले रही है और इसकी सजा भी देगी।

स्रोत: Panchjanya

अन्ना दो कौड़ी का आदमी है - कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरिप्रसाद

कांग्रेस ने एक बार फिर अन्ना हजारे पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने अन्ना को "दो कौड़ी का आदमी" बताते हुए कहा कि उनका नसीब अच्छा है। यदि उनके जमाने की यूथ कांग्रेस होती तो वे रालेगण सिद्धि में घुसकर जवाब देते। उन्होंने कहा कि अन्ना और उनकी टीम लोकपाल के नाम पर "राक्षस" को ऊपर बिठाना चाहते हैं.

हरिप्रसाद ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा में लोकपाल बिल के साथ जो किया है, उसका बदला प्रदेश में लिया जाएगा। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा में जबर्दस्त आंदोलन किया जाएगा।

उन्होंने कांग्र्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा कि अन्ना खुलेआम चुनौती देते हैं कि वे सोनिया के बंगले के बाहर धरना देंगे। इसके बावजूद हम चुप रहते हैैं। उन्होंने अन्ना को कहा कि ये "बूढ़ा आदमी" हमारी खामोशी का यह मतलब नहीं निकाले कि कांग्र्रेस को जवाब देना नहीं आता।

सिविल सोसाइटी के सदस्यों किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल को भी हरिप्रसाद ने आड़े हाथों लिया। केजरीवाल को उन्होंने आयकर विभाग को टोपी पहनाने वाला और बेदी को बिल में धांधली करने वाली महिला बताया।

कानपुर के लोग यदि रात में सोये तो पत्थर का बनकर मर जायेंगे

कानपुर और उसके आसपास के इलाको में रात दो बजे के बाद अजीब सी अफवाहों का बाजार गर्म रहा और लोग रात दो बजे के बाद सुबह तक अपने-अपने घरों के बाहर खड़े रहे। अफवाह यह थी कि जो आज रात को सोया वह पत्थर बन जाएगा।

कहीं यह अफवाह भी थी कि सुबह भूकंप आने वाला है और कहीं यह अफवाह थी कि कई गांवों में जमीन में धंस गई है। जिला प्रशासन भी इन अफवाहों को लेकर काफी परेशान रहा।

कानपुर पुलिस के डीआईजी राजेश राय ने बताया कि रात दो बजे के बाद अचानक लोगों के मोबाइल पर यह संदेश आने लगे कि अगर आज रात को सोये तो पत्थर बन जाओगे। इसके बाद डर की वजह से लोग आने अपने घरों से निकल कर सड़कों पर आ गए और एक-दूसरे से पूछताछ करने लगे।

जैसे ही यह खबर पुलिस के आला अधिकारियों के पास पहुंची उन्होंने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सड़कों पर गश्त तेज करा दी। रात तीन बजे के बाद तो सड़कों और चौराहों पर लोगों का भारी हुजूम जमा हो गया था और लोग एक-दूसरे से इस अफवाह के बारे में पूछताछ कर रहे थे।

डीआईजी ने कहा उन्होंने इस बारे में जानकारी ली तो कुछ लोगो ने उन्हें बताया कि उनके पास सोने पर पत्थर हो जाने की अफवाह के फोन उन्नाव और हरदोई जिलों से आए लेकिन सही-सही इस बात का पता न चल सका कि आखिर यह अफवाह उड़ी कैसे।

लोगों का कहना है कि कानपुर के पास किसी गाँव में एक बच्ची का जन्म हुआ और जन्म के तुरंत बाद उस बच्ची ने ही यह बात कही कि आज की रात जो सोयेगा वो पत्थर का बन जाएगा और मर जाएगा, यह खबर जहाँ तक जायेगी, वहां तक के लोग सोये नहीं ..

अफवाहों का आलम यह था कि महिलाएं अपने घरों में पूजा पाठ करने लगीं और मुस्लिम समाज के लोंगों ने मस्जिदों का रूख कर लिया और वहां बैठ कर दुआएं मांगने लगे।

शहर के चमनगंज, पी रोड, नवाबगंज, ग्वालटोली, बेकनगंज, किदवईनगर, गोविंद नगर जैसे दर्जनों मोहल्लों में सुबह तक लोगों की भारी भीड़ सड़कों पर जमा रही। डीआईजी राय ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने और बहकावे में न आने की अपील की है।

उधर पड़ोसी जिले उन्नाव के संवाददाता के अनुसार वहां भी सोने पर पत्थर का इंसान होने की अफवाहों के कारण रात दो बजे के आसपास लोग सड़कों पर निकल आए। वहां कुछ जगह पर यह भी अफवाह थी कि सुबह बहुत विनाशकारी भूकंप आने वाला है इस डर से भी सुबह तक लोग अपने अपने घरों के बाहर जमे रहे और किसी गंभीर घटना के डर से सहमे रहे।

उन्नाव और उसके आसपास शुक्लागंज पुरवा में महिलाओं ने इस अफवाह के डर से अपने घरों में पूजा पाठ शुरू कर दिया। यहां भी लोगों का यही कहना था कि उनके पास किसी रिश्तेदार का फोन आया था जिसमें ऐसी बातें कही गई थीं।

इसी तरह कानपुर के ग्रामीण इलाकों में भी अफवाह फैली थी कि इलाके के कुछ गांव जमीन में धंस गए है जिसको लेकर काफी दहशत बनी रही और लोग एक-दूसरे को फोन कर इस खबर की पुष्टि करते रहे।

इन अफवाहों से सबसे ज्यादा परेशान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा पत्रकार रहे जिनके पास इन अफवाहों की पुष्टि के लिये रात दो बजे से सुबह पांच बजे तक लगातार फोन आते रहे लेकिन दिन निकलने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल अफवाह थी।

पंजाब, हरियाणा और देश के दूसरे राज्यों में कानपुर के आसपास के गाँवों के काफी लोग रहते हैं जिसमे पति रिक्शा या धोबी का काम करता है और पत्नी लोगों के घरों में बर्तन और सफाई का काम करती है, उन लोगों को भी उनके गावों से इस प्रकार के सन्देश आते रहे और वे लोग भी रात भर जागते रहे ..

हलाल की जगह झटका मीट मिलने पर भड़के मुस्लिम सांसद

ब्रिटेन में संसद के रेस्त्रां में झटका मीट खिलाए जाने पर मुस्लिम सांसद भड़क उठे हैं। उन्हें जानकारी दिए बिना यह मीट खिलाया गया।

'मुस्लिम सांसदों को बताया गया कि सेस्त्रां में इस्लामी परंपरा के अनुसार मीट हलाल नहीं किया जा सकता क्योंकि उस खास तरीके पर गैर मुस्लिम सहकर्मियों को ऐतराज था।'

अखबार ने हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमंस के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया कि रेस्त्रां में झटका मीट परोसा गया। रॉथरहम के लॉर्ड अहमद ने कहा, 'मुझे महसूस हुआ कि मुझे गुमराह किया गया। मुझे लगता है कि हलाल गोश्त का विकल्प उपलब्ध कराया जाना चाहिए।'

हिंदू लड़की का जबरन धर्मांतरण कर मुस्लिम लड़के से शादी करवाई

पाकिस्तान के कराची शहर में हिंदू लड़की का जबरन धर्मांतरण कराया गया और उसके बाद उसका निकाह एक मुस्लिम लड़के से करा दिया गया। लड़की के परिवार वालों ने इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। लड़की का नाम भारती था, अब उसे बदलकर आयशा कर दिया गया है। गौरतलब है कि कराची के लयारी इलाके में जबरन धर्मांतरण और शादी की यह 18वीं घटना है।

भारती के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि उसको जबरन इस्लाम कुबूल करवाया गया और एक मुस्लिम लड़के से उसका निकाह करा दिया गया। परिवार वालों ने बगदादी पुलिस थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है और स्थानीय अदालत अब इस मामले की सुनवाई कर रही है। शनिवार को अदालत में पेशी के दौरान लड़की ने काले रंग का बुर्का पहन रखा था।

भारती के पिता नारायन दास ने कहा, 'उस पर यह कहने के लिए दबाव डाला गया है कि उसने अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन किया है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर हमें नुकसान पहुंचाया जाता।'

दास अपने साथ नैशनल डेटाबेस और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी के रेकॉर्ड की कॉपी लेकर आए थे जिसमें दर्ज है कि उनकी बेटी 15 साल की है। हालांकि, भारती के धर्मांतरण और शादी का प्रमाणपत्र दिखाता है कि वह 18 साल की है। दास ने कहा, 'शादी के दस्तावेजों में उसकी उम्र के साथ छेड़छाड़ की गई है। वह शादी के लायक नहीं है।' भारती के पति आबिद पर उसके परिवार वालों ने उसका अपहरण करने का आरोप लगाया है। लड़की के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि आबिद कुछ मामलों में 'वॉन्टेड' है।

गौरतलब है कि दास अपनी बेटी के इस्लाम कुबूल करने के खिलाफ नहीं हैं। उनके बेटे ने भी धर्मांतरण किया है और वे एक ही घर में रहते हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे ने इस्लाम कुबूल किया है और वह हमारे साथ रहता है। मेरा उससे कोई झगड़ा नहीं है। मेरा बेटी से भी कोई झगड़ा नहीं है। लेकिन मेरा मानना है कि उसका जबरन धर्मांतरण नहीं कराया जाना चाहिए था।'

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