रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिंहा ने जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्रालय ने नवम्बर, 2014 में घरेलू/ विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के संबंध में निर्माण, परिचालन और अनुरक्षण के निम्नलिखित निर्धारित क्षेत्रों में खंडीय दिशा-निर्देश जारी किए है: 
1) सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिए उननगरीय गलियारे; 
2) उच्च रफ्तार गाड़ी परियोजनाएं; 
3) समर्पित माल यातायात लाइनें; 
4) गाड़ी सेट एवं रेल इंजन/सवारी डिब्बा विनिर्माण सहित चल स्टॉक और अनुरक्षण सुविधाए; 
5) रेल विद्युतीकरण; 
6) सिगनल प्रणाली; 
7) फ्रेट टर्मिनल; 
8) यात्री टर्मिनल; 
9) जांच सुविधाएं और प्रयोगशालाएं; 
10) ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोत; 
11) रेल तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान; 
12) विशिष्ट यात्री गलियारों (शाखा लाइनों, पर्वतीय रेल आदि) को रियायती बनाना; 
13) मशीनीकृत लॉड्री; 
14) चल स्टॉक खरीद; 
15) जैव शौचालय; 
16) चौकीदार वाले और बिना चौकीदार वाले समपारों का प्रौद्योगिकीय समाधान; 
17) संरक्षा बढ़ाने और दुर्घटनाओं में कमी करने के लिए प्रौद्योगिकीय समाधान। 
इन दिशा-निर्देशों से 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के अंतर्गत विदेशी निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। विदेशी निवेशकों को निवेश हेतु प्रोत्साहित करने के लिए 5 दिसम्बर, 2014 को एक निवेशक बैठक भी आयोजित की गई थी। 
Labels:
भारतीय रेल
                                    ,
                                  
मेक इन इंडिया
                                    ,
                                  
मोदी सरकार

