जरुर पढ़िए: कैसे देश के कोयला क्षेत्र के इतिहास को मोदी सरकार ने स्वर्णाक्षरों में लिख दिया


कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2015 पारित; कोयला खदान नीलामी के लिए सुदृढ़ और पारदर्शी प्रणाली स्थापित 

केंद्र ने 31 कोयला खदानों की नीलामी की; अन्य 42 कोयला खदान राज्य कंपनियों को आबंटित

कोयला उत्‍पादक राज्‍यों के लिए खान के जीवनकाल के दौरान अनुमानित 3.44 लाख करोड़ रुपये से अधिक का संभावित राजस्‍व

वित्त वर्ष 16 के पहले 8 महीनों में सीआईएल का कोयला उत्पादन और उठाव क्रमशः 8.8 प्रतिशत तथा 9.8 प्रतिशत बढ़ा; 2020 तक एक बिलियन टन उत्पादन की तैयारी

कोयला धारक राज्यों को 1395 करोड़ रुपये से अधिक अंतरित

डब्ल्यूसीएल ने 10 खदान खोले, अगले 26 महीनों में 26 खदान खोले जाएंगे

वर्ष 2015 कोयला खदानों की कुशल और पारदर्शी नीलामी किए जाने के कारण देश के कोयला क्षेत्र के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।  नई सरकार द्वारा कोयला खदानों की सफल नीलामी ने यह साबित किया है कि सरकार के निष्पक्ष और पारदर्शी नीलामी कराने के निर्णय से बड़े पैमाने पर देश को लाभ हुआ है क्योंकि नीलामी से भारत ने वास्तव में स्वर्ण खदान पर प्रहार किया है।

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सुदृढ़ और पारदर्शी प्रणाली बनाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया ताकि अदालत द्वारा निरस्त किए गए 204 कोयला खदानों को फिर से आबंटित करने का कानूनी अधिकार सरकार को मिले और यह सुनिश्चित हो कि नीलामी और सरकारी कंपनियों को आबंटन के जरिए चुने गए नए आबंटियों को भूमि तथा अन्य संबद्ध खदान अवसंरचनाओं के साथ स्वाधिकार प्राप्त हो। संसद ने 20 मार्च, 2015 को कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2015 पारित किया। इस विधेयक ने अध्यादेश का स्थान लिया। कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2015  के अंतर्गत  केंद्र सरकार ने अब तक तीन भागों में 31 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की और 42 खदानों/ब्लाकों का आबंटन केंद्र या राज्य सरकार की कंपनियों को किया। नीलामी की सफलता की हर तरफ प्रशंसा हुई है, इससे न केवल यह सुनिश्चित हुआ है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में अर्थव्यवस्था में कोई व्यवधान नहीं आया है बल्कि इससे कुशलता और पारदर्शिता के नए मानक तय हुए हैं। अनुमान है कि राज्यों को नीलामी के केवल तीन दौर से ही 30 साल के स्तर का 3.44 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। चौथे दौर में अनियंत्रित क्षेत्र के लिए 8 कोयला खदानों(अनुसूची III) की नीलामी की घोषणा भी कर दी गई है।

नीलाम/आबंटित किए गए 34 कोयला खदानों में से 9 खदानों में उत्पादन शुरु हो गया है और 5 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है। शेष खदानों में 2/3 महीनों में उत्पदान शुरु हो जाएगा।

अप्रैल-नवंबर में कोल इंडिया लिमिटेड(सीआईएल)  का उत्पादन 8.8 प्रतिशत बढ़ कर 321.38 मीट्रिक टन हुआ और उठाव में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई

सीआईएल ने उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने, कोयले की गुणवत्ता में सुधार करने, कुशलता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए 1 अप्रैल, 2016 से उपभोक्ताओं को दलन किया हुआ कोयले की सप्लाई करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सीआईएल ने अक्टूबर 2017 से कोयला ग्रेड 10 और इससे ऊपर के ग्रेड का स्वच्छ कोयला सप्लाई करने के लिए 15 कोयला धुलाई मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है।

अभी तक 19 ताप कोयला संयंत्रों के लिए लिंकेज को विवेकसंगत बनाया है और इससे ढुलाई लागत में 1423 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

कोयला मंत्रालय के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और उपलब्धियों का विवरण

कोयला खदान नीलीमी और आबंटनः

कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2015 के प्रावधानों के अंतर्गत केंद्र सरकार ने अब तक सफलतापूर्वक 31 कोयला खदानों की नीलामी की है और 42 कोयला खदानों /ब्लाकों का आबंटन केंद्र या राज्य सरकार की कंपनियों को किया है। 73 कोयला खदानों ( नीलामी के जरिए 31 कोयला ब्लाकों तथा आबंटन के जरिए 42 कोयला ब्लाकों) की नीलामी से 3.44 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि मिली है जो पूरी तरह कोयला उत्पादक राज्यों को दिए जाएंगे।

कोयला उत्पादक राज्यों को प्राप्त होने वाले राजस्व में टेंडर दस्तावेज में दिया गया अग्रिम भुगतान, नीलामी से प्राप्तियां और कोयला उत्पादन के प्रति टन पर रॉयल्टी शामिल है। कोयला उत्पादक राज्यों को 31 कोयला खदानों की नीलामी की तिथि से खदान जीवन /लीज के दौरान प्राप्त होने वाला अनुमानित राजस्व 1,96,698 करोड़ रुपये का होगा। इसके अतिरिक्त केंद्र और राज्य सरकार की कंपनियों को 42 कोयला ब्लाकों के आबंटन से कोयला उत्पादक राज्यों को 1,48,275 करोड़ रुपये मिलेंगे। उपभोक्ताओं के लिए बिजली शुल्क में होने वाली कमी लगभग 69,310.97 करोड़ रुपये की होगी।  

 बजट सत्र के पहले भाग में संसद के दोनों सदनों ने कोयला खदान(विशेष प्रावधान) विधेयक 2015 पारित किया और इस तरह अध्यादेश ने विधेयक का स्थान लिया।

कोयला खदान (विशेष प्रावधान) विधेयक 2015 के प्रमुख आकर्षण:

  • नए अधिनियम में पारदर्शी बोली प्रक्रिया यानी ई-नीलामी  के माध्यम से कोयला खदानों के आबंटन का प्रावधान है।
  • कोयला खदानों की ई-नीलामी से कोयला खदान संचालनों में निरंतरता सुनिश्चित होगी और कोयला संसाधनों के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • नए अधिनियम में निजी कंपनियों के सीमित उपयोग के लिए कोयला ब्लाकों की ई-नीलामी का तथा राज्य तथा केंद्र के सावर्जनिक प्रतिष्ठानों को सीधे तौर पर खदान आबंटित करने का प्रावधान है ।
  • इसमें विस्थापित लोगों के लिए पुनर्वास और मुआवजे का प्रावधान है।
  • यह छोटे, मझोले तथा काटेज उद्योंगों के लिए विशेष रूप से कोयला बेचने में सहायक है ताकि इस क्षेत्र में रोजगार और आय बढ़े ।

      
कोयला क्षेत्र में भारतीय कंपनियां और विदेशी कंपनियों की भारतीय सहायक कंपनियां  वाणिज्यिक खदान की पात्र होंगी। इस प्रावधान से वैश्विक खदान कंपनियां आकर्षित होंगी और यह क्षेत्र स्पर्धी और लागत कुशल होगा।

    

*one coal mine is regionally explored and accordingly no estimates have been made.

स्पर्धी बोली नियम, 2012 के अंतर्गत 10 क्षेत्रीय स्तर पर खोजे गए कोयला ब्लाक केंद्र/राज्य सरकार की कंपनियों को दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय रूप में खोजे गए 10 लिग्नाइट ब्लाकों को गुजरात सरकार की कंपनियों को आबंटित किया गया है।

कोयला प्रदान करने वाले संबंधित राज्‍यों को (31 अक्‍टूबर, 2015 तक) पहले ही और मासिक भुगतान के तहत 1395,69,77046.25 करोड़ रुपये प्राप्‍त हो चुके हैं।   



अनुसूची II के 34 नीलाम किए गए( 17 नीलाम और 17 आबंटित ) खदानों में से 09 खदानों में उत्पादन शुरु हो गया है।  इन 09 खदानों में सितंबर, 2015 तक 4.823 मिलियन टन (अस्थाई) उत्पादन हुआ। शेष खदान मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं।



  
 चौथे चरण की नीलामी  जनवरी 2016 में शुरु होगी और इसमें अनियंत्रित क्षेत्र यानी लौह एवं इस्पात, सीमेंट, कैप्टीव पावर प्लांट आदि के लिए अनुसूची II के नौ खदान नीलाम होंगे।

 कोयला उत्पादनः
 वर्ष 205-16 की पहली छमाही(अप्रैल-सितंबर) के दौरान कच्चे कोयले का उत्पादन 275.29 एमटी हुआ। पिछले वर्ष इसी अवधि में 264.54 एमटी कच्चे कोयले का उत्पादन हुआ था। इस तरह अप्रैल-सितंबर, 2015 के दौरान कोयला उत्पादन में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

 सीआईएल ने ( अप्रैल-नवंबर 2015 में ) कोयला उत्पादन और उठाव में रिकार्ड वृद्धि दर्ज की
 कोल इंडिया लिमिटेड(सीआईएल) ने अप्रैल-नवंबर 2015 के दौरान कोयला उत्पादन और उठाव में क्रमशः 8.8 प्रतिशत और 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।  सीआईएल ने अप्रैल-नवंबर 2015 के दौरान 26 मिलियन टन अधिक कोयला उत्पादन किया । उठाव पर भी जोर दिया गया और इस तरह इस अवधि में उठाव 30.44 मिलियन टन अधिक हुआ।

सीआईएल ने अप्रैल-नवंबर 2015 में कुल 321.38 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया। पिछले वर्ष इसी अवधि में 295.40 मिलियन टन का उत्पादन किया था। इस तरह कोयला उत्पादन में सीआईएल ने 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।  सीआईएलकी लगभग सभी सहायक कोयला उत्पादक कंपनियों ने उत्पादन में सकारात्मकता दिखाई। कोयले का उठाव अप्रैल- नवंबर 2005 में 341.13 मिलियन टन कोयले का उठाव किया गया जबकि यह उठाव पिछले साल की इसी अवधि में 310.70 मिलियन टन था। इस प्रकार उठाव में 9.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
   


अप्रैल-नवंबर 2015 में कोयले का उठाव पिछले वर्ष की इसी अवधि के उठाव की तुलना में ढाई गुना अधिक है।

कोयला आयात में कमीः

कोयले का अधिक उत्पादन का परिणाम यह हुआ है कि कोयले के आयात में कमी आई है। पिछले वर्ष से कोयले के आयात में 4.56 प्रतिशत की कमी आई है।


  
टीटीपीएस में कोयले का स्टॉकः

कोयले से चलने वाले विद्युत उत्पादन संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक है। नवंबर 2015 के अंत तक  कोई भी विद्युत उत्पादन संयंत्र सुपर क्रिटिकल नहीं है। केवल एक संयंत्र संकट की स्थिति यानी क्रिटिकल है । ताप विद्युत संयंत्रों में 27 मिलियन टन कोयला है जो 21 दिनों का स्टॉक है।  नवंबर 2014 की इसी अवधि में विद्युत संयंत्रों में कोयले का स्टॉक 10.85 मिलियन टन था जो केवल 7 दिनों का स्टॉक था। 50 बिजली संयंत्र क्रिटिकल थे जिसमें से 30 सुपर क्रिटिकल थे।

कोयला गुणवत्ताः

गुणवत्ता संपन्न कोयला उत्पादन के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।  कोयला कंपनियों और बिजली संयंत्रों के बीच के विवाद को सुलझाने तथा कोयले की गुणव्ता सुधारने के लिए थर्ड पार्टी सैंपलिंग के लिए नए नियम जारी किए गए हैं। नई नियमों के अनुसार  बिजली संयंत्र और कोयला कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि संयुक्त रूप से सीआईएमएफआर द्वारा नियुक्त थर्ड पार्टी एजेंसी के बीआईएस मानकों के अनुसार एकत्रित नमूनों को देखेंगे। नमूना एकत्रित करने के 18 कार्य दिवसों के अंदर  एजेंसी विश्लेषण रिपोर्ट देगी।  सरकार ने निर्णय लिया है कि 1 जनवरी 2016 से कोयला आवश्यक स्तर तक दलन के बाद भेजा जाएगा।

 कोयला सफाईः

सरकार ने निर्णय लिया है कि 1 अक्टूबर, 2017 से  साफ-सफाई के बाद ही जी10 स्तर का कोयला भेजा जाएगा।  यह निर्णय कोयले की गुणवत्ता की समस्या को सुझाने के लिए लिया गया है। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सीआईएल कुल 112.6 एमटीवाई क्षमता की 15 नई सफाई मशीनें  स्थापित कर रही है।  इनमें से 6 कोकिंग कोल सफाई की मशीनें हैं जिनकी कुल क्षमता 18.6 एमटीवाई है। 9 गैर-कुकिंग कोयले की सफाई मशीनों की कुल क्षमता 94.0 एमटीवाई है। इन सफाई मशीनों के अतिरिक्त 11.6 एमटीवाई की 3 मशीनें निर्माणाधीन हैं।

कोल लिंकेज को विवेकसंगत बनानाः

लिंकेजेज को विवेकसंगत बनाने के लिए जून 2014 में अंतर मंत्रालय कार्य बल(आईएमटीएफ) गठित किया गया । आईएमटीएफ की सिफारिशों के आधार पर पहले चरण के अंतर्गत 15 बिजली संयंत्रों के लिए  कोयला स्रोत को विवेकसंगत बना लिया गया है। 19 एमटी कोयले की आवाजाही को विवेकसंगत बनाए जाने से परिवहन लागत में 877 करोड़ रुपये की वार्षिक पुनरावर्ती बचत हुई है। चरण 2 के प्रस्तावों के अंतर्गत 4 ताप विद्युत संयंत्रों के लिए 2.4 एमटी कोयले की ढुलाई को विवेकसंगत बनाया गया है। इससे  प्रति वर्ष 563 करोड़ रुपये की पुनरावर्ती बचत होगी।

सीआईएल द्वारा ईंधन सप्लाई ठेकेः  

चयन प्रक्रिया के रूप में स्पर्धी बोली के माध्यम से कोल लिंकेजेज / एलओए की नीलामी सहित विभिन्न माडलों पर विचार करने तथा सभी हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिकतम संरचना की सिफारिश करने के लिए जनवरी 2015 में एक अंतर-मंत्रालय समिति(आईएमसी) बनाई गई है।

विद्युत और गैर-विद्युत  क्षेत्रों के लिए पृथक ई-नीलामी खिड़कीः

दीर्घ और मध्यम अवधि के पीपीए धारकों के लिए 5एमटी की ई-नीलामी खिड़की खोली गई है। इसका आधार मूल्य सीआईएल का अधिसूचित मूल्य प्लस 20 प्रतिशत प्रीमियम है। लघु अवधि के पीपीए या ‘नो पीपीए ‘ धारकों के लिए 5 एमटी की एक ई-नीलामी खिड़की खोली गई है जिसका आधार मूल्य सीआईएल का अधिसूचित मूल्य प्लस 40 प्रतिशत प्रीमियम है।

 इसी प्रकार,  सीआईएल द्वारा गैर-विद्युत क्षेत्र के लिए 4 एमटी की अलग ई-नीलामी खिड़की खोली जा रही है जिसमें वर्तमान एमओयू गैर-विद्युत उपभोक्ता अन्य गैर-विद्युत उपभोक्ताओं के साथ शामिल हो सकते हैं। यह खिड़की केवल गैर-विद्युत क्षेत्र के एंड यूजरों के लिए उपलब्ध होगी और इसमें व्यवसायी शामिल नहीं हो सकते।

एक बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य के लिए सीआईएल की तैयारीः

 कोल इंडिया लिमिटेड(सीआईएल) ने 2019-20 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रोड मैप बनाया है जिसमें अपनाई जाने वाली रणनीतियां हैं।  2019-20 तक देश में 7 प्रतिशत वृद्धि की दर से कोयले की अनुमानित मांग 1,200 मिलियन टन होगी। सीआईएल  का उत्पादन लक्ष्य 1 बिलियन टन का है ,जिसमें से 908 मिलियन टन का उत्पादन चिन्हित परियोजनाओं से होगा।  शेष मात्रा को साझा करने, 1 बिलियन टन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए परियोजनाओं को चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है।  सीआईएल की दो सहायक कंपनियां – संबलपुर की महानदी कोल फील्ड्स लिमिटेड और बिलासपुर की साउथ ईस्टर्न  कोल फील्ड्स लिमिटेड- क्रमशः 250एमटी और 240 एमटी के योगदान के साथ सीआईएल की लक्ष्य प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। खनिक की निर्भरता महत्वपूर्ण रेल लाइनों के समय पर पूरा होने , समय से भूमि अधिग्रहण और हरित मंजूरी पर है।

 सीआईएल ने 2014-15 के 494.80एमटी कोला उत्पादन स्तर को बढ़ाकर 908.1एमटी करने के लिए अगले पांच वर्षों  में 57,000 करोड़ रुपये निवेश करने का निश्चय किया है। यह 2019-20 तक 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य के लिए रोड मैप का हिस्सा है।

डब्ल्यूसीएल 36 महीनों में 36 खदान खोलेगी;2020 तक 100एमटी उत्पादन लक्ष्यः

2020 तक सीआईएल के 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य में मदद देने के लिए वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) अपने उत्पादन में 150 प्रतिशत की वृद्धि करने की योजना बना रही है।  कंपनी ने पिछले 10 महीनों में 10 खदान खोले हैं और अगले 26 महीनों में 26 खदान खोलेगी। इस नियोजित विस्तार के कारण वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने 2020 तक अपना उत्पादन 150 प्रतिशत बढ़ा कर 60एमटी से 100एमटी करने का निश्चय किया है।

एनसीएल प्रगति की राह परः

नेवेली लिग्नाइट कारपोरेशन(एनसीएल) ने अपनी लिग्नाइट खनन क्षमता 31.10.2015 को 30.60एमटीपीए कर ली। कंपनी ने अपनी विद्युत् उत्पादन क्षमता 2740 मेगावाट(मार्च 2015 में) से बढ़ा कर 4263.50 मेगावाट कर ली है। इसमें 10 मेगा वाट सौर तथा 13.5 मेगा वाट पवन विद्युत है। एनसीएल ने 2025 तक अपने लिग्नाइट तथा कोयला खदानों से प्राप्त ईंधन सुरक्षा के साथ 19,000 मेगावाट की विद्युत कंपनी बनने का निश्चय किया है।

रेलवे तथा राज्य सरकारों के साथ सहमति ज्ञापनः

 कोयला उत्पादन की नियोजित वृद्धि तथा खोज को बनाए रखने के उद्देश्य से संयुक्त उद्य बनाकर रेल अवसंरचना विकसित करने के लिए रेल मंत्रालय , ओडिशा , झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार के साथ सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

कोयला परियोजना मॉनिटरिंग पोर्टल(ई-सीपीएमपी):

मंत्रालय में परियोजनाओं की शीघ्र मंजूरी तथा राज्य सरकार और केंद्र सरकार की कोयला परियोजनाओं जुड़े लंबित मामले निपटाने के लिए मंत्रालय ने परियोजना मॉनिटरिंग पोर्टल (ई-सीपीएमपी) स्थापित किया है।

स्वच्छ भारत अभियान में योगदानः

कोयला मंत्रालय  विद्युत तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ मिलकर एक वर्ष के अंदर सरकारी स्कूलों में कुल एक लाख शौचालय बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। सावर्जनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान एनटीपीसी, आरईस, पीजीसीआईएल, पीएफसी, एनएचपीसी, एसजेवीएनएल, टीएचडीसी, एनईईपीसीओ, सीआईएल,एनएलसी तथा आआरईडीए स्वच्छ भारत अभियान में शामिल हुए। तीन मंत्रालयों ने सामूहिक रूप से एक वर्ष की छोटी अवधि में सरकारी स्कूलों में 1.28 लाख शौचालयों  का निर्माण किया जो 1 लाख शौचालय के संकल्प से अधिक है।  इनमें से 55,286 शौचालय सीआईएल तथा उसकी सहायक कंपनियों की ओर से बनाए गए। 

युवा मामले विभाग की 2015 के दौरान अभूतपूर्व उपलब्धियां


1.    राष्ट्रीय युवा नेता कार्यक्रम (एनवाईएलपी):

1.1    2014-15 की बजट योजना के अनुरूप दिसंबर, 2014 में राष्ट्रीय युवा नेता कार्यक्रम (एनवाईएलपी) नाम की एक नई योजना युवा में नेतृत्व के गुण विकसित करने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के निम्नलिखित पांच संघटक थे, जो इस प्रकार हैं-

ए)    पड़ोस युवा संसद (एनवाईपी): नेहरू युवा केन्द्र संगठन (एनवाईकेएस) के यूथ क्लबों का विकास वर्तमान सामाजिक-आर्थिक विकास मुद्दों के बारे में युवाओं को शिक्षित करने तथा ऐसे मुद्दों पर उन्हें बहसों/परिचर्चाओं में सम्मिलित करने के लिए गतिशील ‘पड़ोस युवा संसद’ के आकार में किया जाएगा।

बी)   युवा विकास कार्यक्रम (वीईडी): देश भर में बड़े पैमाने पर श्रमदान (स्वैच्छिक श्रम) में शामिल करने के जरिए युवाओं की शक्ति का प्रवाह राष्ट्र निर्माण की दिशा में करना।

सी)   राष्ट्रीय युवा नेता पुरस्कार (एनवाईएलए): युवाओं द्वारा किए गए असाधारण कार्यों को मान्यता देने एवं पुरस्कृत करने के जरिए उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए काम करने को प्रेरित करना।

डी)    राष्ट्रीय युवा सलाहकार परिषद (एनवाईएसई): युवा संबंधित मामलों पर निर्णय निर्माण प्रक्रिया में युवा नेताओं एवं अन्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के लिए प्रयास करना।

ई)    राष्ट्रीय युवा विकास कोष (एनवाईडीएफ): सीएसआर कोषों जैसे गैर-सरकारी संसाधनों से युवा विकास के लिए कोष जुटाना।

अभी तक हुई प्रगतिः 

योजना के दो संघटकों (ए) पड़ोस युवा संसद एवं युवा विकास कार्यक्रम के क्रियान्‍वयन के लिए चालू वर्ष के दौरान एनवाईकेएस को 35.68 करोड रूपये की कुल राशि जारी की गई है। चालू वर्ष के दौरान एनवाईकेएस ने प्रखंड स्तर पर 4929 युवा संसद कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिसमें एनवाईके से संबद्ध युवा क्लबों के 3.96 लाख सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम के युवा विकास संघटकों (आईईसी-मीडिया एवं प्रचार) का भारत के 552 जिलों में क्रियान्वयन किया गया है। राष्ट्रीय युवा विकास कोष (एनवाईडीएफ) के गठन एवं संचालन के लिए दिशा निर्देशों को अधिसूचित कर दिया गया है और कोष के संचालन के लिए अन्य कदमों की शुरूआत कर दी गई है। एनवाईएलए संघटक के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों से नामांकन आमंत्रित किए गए हैं। एऩवाईएसी के लिए परिषद की संरचना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

2.    नेहरू युवा केन्द्र संगठन (एनवाईकेएस):
      2.98 लाख युवा क्लबों के जरिए लगभग 8.43 मिलियन युवाओं की नामावली के साथ एनवाईकेएस पूरे देश में युवाओं के व्यक्तित्व को विकसित करने एवं उन्हें राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में शामिल करने के लिए काम कर रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान एनवाईकेएस की कुछ उल्लेखनीय पहलें/उपलब्धियां इस प्रकार हैं-
  • पुनर्जागरण – युवाओं को राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में शामिल करने के लिए उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए साल भर चलने वाला यह अभियान 02.10.2014 को प्रारंभ किया गया था। प्रत्यक्ष रूप से 100 जिलों में चलने वाले इस अभियान का समापन लगभग दस हजार युवाओं के एक युवा सम्मेलन के साथ श्री दीनदयाल उपाध्याय की जन-शताब्दी पर 25.09.2015 को मथुरा में किया गया। कार्यक्रम के दौरान अन्य बातों के अलावा जन धन योजना, बीमा/पेंशन योजनाओं, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान आदि जैसे सरकार के प्रमुख कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गतिशीलता एवं जागरूकता पैदा की गई और स्वयंसेवकवाद के संवर्धन के लिए प्रयास किए गए।
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – एनवाईकेएस ने सभी स्तरों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह में सक्रियतापूर्वक भाग लिया। 68,568 एनवाईकेएस संबद्ध युवा क्लबों में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 22.42 लाख युवा क्लब सदस्यों ने भाग लिया। एनवाईकेएस ने लखनऊ, कोलकाता और गुवाहाटी में तीन मेगा कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 31,770 युवाओं ने भाग लिया। राजपथ पर हुए कार्यक्रम में एनवाईकेएस द्वारा तैयार किए गए 1000 युवाओं ने भाग लिया।
  • एनवाईकेएस के स्वयंसेवकों ने देश भर में स्वच्छ भारत अभियान में सक्रियतापूर्वक भाग लिया है।
  • एनवाईकेएस के स्वयंसेवकों द्वारा 68.88 लाख पौधे रोपे गए।
  • एनवाईकेएस के स्वयंसेवकों द्वारा 1,09,069 यूनिट रक्त दान किया गया।
  • 7,949 कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 1,59,916 युवाओं ने भाग लिया।
  • युवा नेतृत्व एवं सामुदायिक विकास पर 3157 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 1,49,188 युवाओं ने भाग लिया।
  • 6922 विषय वस्तु आधारित जागरूकता एवं शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 5,95,622 युवाओं ने भाग लिया।
  • 2249 युवा क्लब विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें 1,82,285 युवाओं ने भाग लिया
  • 43,146 युवा क्लबों को क्रीड़ा सामग्रियां मुहैया कराई गईं। 2574 खेल बैठकों का आयोजन किया गया है, जिसमें 4,11,640 युवाओं ने भाग लिया।
  • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के दिवसों को मनाने के लिए 14,256 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 20,61,798 युवाओं ने भाग लिया।
  • लोक कला एवं संस्कृति के संवर्धन के लिए 598 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें 1,21,240 युवाओं ने भाग लिया।
  • 1135 जिला युवा सम्मेलनों एवं युवा कीर्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 5,16,584 युवाओं ने भाग लिया।
  • 182 साहसिक क्रीड़ा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 4550 युवाओं ने भाग लिया।
  • 101 राष्ट्रीय समेकन शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 18,550 युवाओं ने भाग लिया।
  • 312 जीवन कौशल शिक्षा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 12,480 युवाओं ने भाग लिया।
  • 12 युवा नेतृत्व एवं विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 360 युवाओं ने भाग लिया।
  • लगभग 2000 युवाओं की भागीदारी के साथ ही 10 स्थानों पर 8वें जनजातीय युवा विनिमय कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
  • किशोर स्वास्थ्य एवं विकास योजनाओं के तहत 52,236 सदस्यों के साथ 1860 टीन क्लबों का गठन किया गया और 7440 समान शिक्षकों की मदद से गतिविधियां जारी हैं।
  • मादक द्रव्य एवं शराबखोरी से बचाव पर जागरूकता एवं शिक्षा पर परियोजनाएं पंजाब के 5614 गांवों में शुरू की गई हैं। वर्तमान में गतिविधियां जारी है।
  • जोरहट के माजुली में प्रशिक्षण केन्द्रः एनवाईकेएस असम के जोरहट जिले के माजुली में युवाओं के लिए एक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना कर रहा है।
  • एनवाईकेएस ने गंगा नदी को स्वच्छ रखने के लिए गंगा नदी के तटों के आसपास के 1649 ग्राम पंचायतों में जागरूकता पैदा करने के लिए ‘गंगा संरक्षण अभियान में युवा साझेदारी’ नामक एक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है।
  • एनवाईकेएस को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के 125वें परिनिर्वाण दिवस पर 105 जिलों में रैलियां/दौड़, जिला युवा सम्मेलन एवं खेल गतिविधियों के आयोजन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अम्बेडकर फाउंडेशन से 1.71 करोड़ रुपए की मंजूरी प्राप्त हुई है।

3    राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस):
      देश भर में 351 विश्वविद्यालयों, 16,056 महाविद्यालयों/तकनीकी संस्थानों एवं 12,004 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के जरिए नामांकित लगभग 3.64 मिलियन छात्र युवाओं के साथ एनएसएस शैक्षिक समुदाय सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व एवं चरित्र के विकास के लिए काम कर रही है। चालू वर्ष के दौरान एनएसएस की कुछ महत्वपूर्ण पहलें/उपलब्धियां इस प्रकार हैं-
  • एनएसएस के स्वयंसेवक देश भर में स्वच्छ भारत अभियान गतिविधियों में सक्रियतापूर्वक भाग ले रहे हैं।
  • एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा 9.06 लाख पौधा रोपण किया गया।
  • एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा 0.09 लाख यूनिट रक्तदान किया गया।
  • एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा 0.31 लाख बच्चों को पल्स पोलियो की खुराकें पिलाई गई।
  • 2479 स्वास्थ्य/नेत्र/ प्रतिरक्षण शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें डेढ़ लाख स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
  • समुदाय से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर 7530 जागरूकता कार्यक्रमों/रैलियों/अभियानों का आयोजन किया गया, जिनमें 5.95 स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
  • वर्ष के दौरान एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा श्रमदान के 33.80 लाख स्वयंसेवा-घंटों की शुरूआत की गई।
  • 1377 एनएसएस स्वयंसेवकों ने रोमांचक गतिविधियों में भागीदारी की है।
  • 0.13 लाख एनएसएस स्वयंसेवकों को स्व-रक्षा प्रशिक्षण दिया गया।
  • विभाग की पहल पर यूजीसी ने एनएसएस को एक ऋण आधारित वैकल्पिक विषय के रूप में सभी विश्वविद्यालयों में लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है।

4.    राजीव गांधी युवा विकास संस्थान (आरजीएनआईवाईडी):

      श्रीपेरिम्बदूर (तमिलनाडु) में स्थित आरजीएनआईवाईडी युवा मामलों पर प्रशिक्षण, अनुसंधान, विस्तार एवं पहुंच पहलों पर एक प्रमुख संस्थान है। आरजीएनआईवाईडी को आरजीएनआईवाईडी अधिनियम, 2012 को लागू करने के जरिए “राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान” घोषित किया गया है। चालू वर्ष के दौरान आरजीएनआईवाईडी की कुछ उल्लेखनीय पहलें / उपलब्धियां इस प्रकार हैं-
  • विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर 43 प्रशिक्षण/क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें 6409 लोगों ने भाग लिया। (इनमें 1508 प्रशिक्षक शामिल थे।)
  • विभिन्न विषयों पर 25 अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
  • स्नातकोत्तर कार्यक्रमों का पुनर्गठन किया गया। एम.एससी, काउंसेलिंग साइक्लोजी एवं एम.ए, सोशल इनोवेशन एवं इंटरप्रेन्योरशिप नामक स्नातकोत्तर के दो नये पाठ्यक्रमों की 2015-16 से शुरूआत हुई।
  • भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अपैरल ट्रेनिंग एवं डिजाइनिंग सेंटर (एटीडीसी) के सहयोग से बी. वोक पाठ्यक्रम शुरू हुआ। 12 एटीडीसी केन्द्रों में 156 छात्रों ने नाम लिखाया।
  • सितंबर, 2015 में दूसरे सार्क युवा नेतृत्व सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, बंगलादेश और श्रीलंका के शिष्टमंडलों ने भाग लिया।
  • आरजीएनआईवाईडी ने सीएसआर में एक सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू करने के लिए कंपनी मामले मंत्रालय के इंडियन इस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।
  • पूर्वोत्तर विकास संगठन, आरजीएनआईवाईडी एवं अन्य साझेदारों के साथ संयुक्त रूप से अगस्त, 2015 में पूर्वोत्तर सामाजिक प्रभाव पुरस्कार सम्मेलन का आयोजन किया गया।

5.    अंतर्राष्ट्रीय सहयोगः
      विभाग का लक्ष्य युवाओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विभिन्न देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय युवा विनिमय कार्यक्रमों का संचालन करना है। साथ ही युवा विकास पर विभिन्न अतंर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करना है। चालू वर्ष के दौरान कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां इस प्रकार हैं-

  • 50 सदस्यीय नेपाली युवा शिष्टमंडल ने अप्रैल, 2015 में भारत का दौरा किया।
  • 12 सदस्यीय भारतीय युवा शिष्टमंडल ने अप्रैल, 2015 में फेस्टिवल ऑफ इंडिया में भाग लेने के लिए कंबोडिया का दौरा किया।
  • 22 सदस्यीय भारतीय युवा शिष्टमंडल ने जून, 2015 में दक्षिण कोरिया का भ्रमण किया। इसके प्रत्युत्तर में दक्षिण कोरियाई युवा शिष्टमंडल ने अगस्त, 2015 में भारत का भ्रमण किया।
  • 55 सदस्यीय भारतीय शिष्टमंडल ने जुलाई, 2015 में ब्रिक्स युवा सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस का भ्रमण किया।
  • 12 सदस्यीय श्रीलंकाई युवा शिष्टमंडल ने अगस्त, 2015 में भारत का भ्रमण किया।
  • यूएनडीपी/यूएनवी के साथ संयुक्त रूप से विकसित ‘एनवाईकेएस एवं एनएसएस को मजबूत बनाने’ पर एक परियोजना को क्रियान्वयन के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी गई है। इस परियोजना को लगभग 14 करोड़ रुपए की कुल लागत से चार वर्ष की अवधि में क्रियान्वित किया जाना है। परियोजना का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है। परियोजना के लिए श्रम बल की नियुक्ति की जा चुकी है। उनका प्रशिक्षण दिसंबर, 2015 में शुरू हो रहा है।
  • जुलाई, 2015 के दौरान युवा मामले विभाग ने नई दिल्ली में एशिया क्षेत्र राष्ट्रकुल युवा मंत्री बैठक की मेजबानी की।
  • अगस्त, 2015 के दौरान 200 सदस्यीय भारतीय युवा शिष्टमंडल ने चीन की यात्रा की। इसके प्रत्युत्तर में 200 सदस्यीय चीनी शिष्टमंडल ने नवंबर, 2015 में भारत की यात्रा की।
  • अक्टूबर, 2015 में 100 सदस्यीय बंगलादेशी युवा शिष्टमंडल ने भारत की यात्रा की।
  • नवंबर, 2015 में 12 सदस्यीय भारतीय युवा शिष्टमंडल ने श्रीलंका की यात्रा की। इसके अतिरिक्त 10 सदस्यीय भारतीय युवा शिष्टमंडल ने मलेशिया की यात्रा की।

6.    राष्ट्रीय युवा एवं किशोर विकास कार्यक्रम (एनपीवाईएडी):

  • एनपीवाईएडी किशोरों एवं युवाओं के लिए गतिविधियों को शुरू करने के लिए सरकार/गैर-सरकारी संगठनों को सहायता देने के लिए एक समग्र योजना है। चालू वर्ष के दौरान विभिन्न संगठनों को 13.36 करोड़ रुपए की कुल सहायता दी गई है।
  • रायपुर (छत्तीसगढ़) में 20वें राष्ट्रीय युवा समारोह के आयोजन का फैसला किया गया है, जिसके लिए तैयारियां चल रही हैं।  इस समारोह के दौरान 2014-15 के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।
  • असम के जोरहट जिले के माजुली में 29-31 मई, 2015 के दौरान एक पूर्वोत्तर युवा समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में लगभग 2100 युवाओं ने भाग लिया।
  • भारत के राष्ट्रपति द्वारा 29.08.2015 को 2014 के लिए तेनजिंग नॉर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्रदान किए गए।

7.    युवा छात्रावासः

      मंत्रालय की युवा छात्रावास योजना के तहत देश के विभिन्न भागों में राज्यों के सहयोग से युवा भ्रमण एवं युवा विनिमय को बढ़ावा देने के लिए 83 युवा छात्रावासों का निर्माण किया गया है। रोइंग (अरूणाचल प्रदेश) में एक अन्य छात्रावास पूर्णतः के अग्रिम चरण में है। विभाग युवा छात्रावासों के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र (9001:2008) प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहा है। अभी तक डलहौजी, मैसूर, जोधपुर, पुद्दुचेरी, आगरा एवं पणजी नामक युवा छात्रावासों के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिए गए हैं।

15 स्‍मार्ट शहरों के लिए मिले प्रस्‍ताव,1.81 करोड़ नागरिकों ने लिया हिस्‍सा


7 राज्‍यों की ओर से 15 स्‍मार्ट सिटी प्रस्‍ताव शहरी विकास मंत्रालय को प्राप्‍त हुये, राजस्‍थान इस तरह का प्रस्‍ताव पेश करने वाला पहला राज्‍य 

अगले पांच वर्षों के दौरान राजस्‍थान की चार स्‍मार्ट सिटी पर 6457 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्‍ताव, कोटा के निकट ग्रीनफील्‍ड शहर विकसित किया जाएगा 

स्‍मार्ट सिटी से जुड़े प्रस्‍तावों की तैयारी में 1.81 करोड़ नागरिकों ने हिस्‍सा लिया 

शहरी विकास मंत्रालय को स्‍मार्ट सिटी से जुड़े प्रस्‍ताव पेश करने वाले प्रथम राज्‍य राजस्‍थान की सरकार ने स्‍मार्ट सिटी के रूप में अजमेर, जयपुर, कोटा और उदयपुर को विकसित करने के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान कुल मिलाकर 6,457 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्‍ताव रखा है। कुल निवेश में जयपुर के लिए 2,403 करोड़ रुपये, कोटा के लिए 1,493 करोड़ रुपये, अजमेर के लिए 1,300 करोड़ रुपये और उदयपुर के लिए 1,221 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। जहां एक ओर कोटा के निकट एक ग्रीनफील्ड शहर विकसित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर शेष तीन शहर रेट्रोफिटिंग क्षेत्र (कुछ नया जोड़ना) आधारित स्‍मार्ट सिटी विकास योजनायें क्रियान्वित करेंगे। ये सभी चारों शहर समस्‍त सिटी के लिए समाधान लागू करेंगे, जो प्रौद्योगिकी आधारित होंगे। 

जयपुर से जुड़ी स्‍मार्ट सिटी योजना के तहत 600 एकड़ क्षेत्र में रेट्रोफिटिंग का काम किया जाएगा, जिसमें सतत गतिशीलता वाला गलियारा, स्मार्ट नागरिक बुनियादी सुविधायें और विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल है, जिन पर 1583 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। 600 एकड़ के समूचे क्षेत्र में बड़ी चौपड़ एवं छोटी चौपड़ के बीच के पुराने शहर के साथ-साथ अल्‍बर्ट म्‍यूजियम भी शामिल है। 

अजमेर में, रेट्रोफिटिंग का काम अन्ना सागर झील के उत्तर और पश्चिम भागों में 1,334 एकड़ से भी ज्‍यादा के क्षेत्र में किया जाएगा। इसके तहत बुनियादी ढांचे को दुरुस्‍त किया जाएगा और हरित इमारतों का निर्माण किया जाएगा। इस पर 925 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। 

उदयपुर से जुड़े स्‍मार्ट सिटी प्रस्‍ताव के तहत 880 करोड़ रुपये का निवेश 828 एकड़ क्षेत्र की रेट्रोफिटिंग में किया जाएगा। इसके तहत सीवरेज एवं विद्युत आपूर्ति व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाया जाएगा। 

कोटा ने 1045 करोड़ रुपये की लागत से 395 एकड़ क्षेत्र में ग्रीनफील्‍ड के विस्‍तारीकरण का प्रस्‍ताव रखा है। इसके अलावा समस्‍त शहर के लिए बनाये गये प्रस्‍ताव के तहत कचरे का ठोस प्रबंधन करने के साथ-साथ स्‍मार्ट कॉरीडोर का निर्माण किया जाएगा, जिन पर कुल मिलाकर 438 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। 

छह राज्‍यों एवं पुडुचेरी की ओर से 15 शहरों के लिए स्‍मार्ट सिटी योजनायें शहरी विकास मंत्रालय को पेश की गई है। ये निम्‍नलिखित हैं :- 

1. राजस्‍थान : जयपुर, उदयपुर, अजमेर और कोटा

2. पंजाब : जालंधर

3. झारखंड : रांची

4. पश्चिम बंगाल: न्यू टाउन कोलकाता, बिधाननगर और दुर्गापुर

5. केरल : कोच्चि

6. कर्नाटक : दावणगेरे, टुमाकुरू, हुबली-धारवाड़ और शिवमोगा

7. पुडुचेरी – आउलगैरेट 

अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर सीबीआई ने मारा छापा, ऑफिस सील


दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर सीबीआई ने मंगलवार सुबह छापा मारा है।  जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीम आज सुबह दिल्‍ली सचिवालय पहुंची और तीसरी मंजिल पर छापा मारा। बताया जाता है कि इस मंजिल पर मुख्‍यमंत्री का कार्यालय है। वहीं, दिल्‍ली सरकार ने छापे की कार्रवाई का दावा किया है।

बताया जा रहा है कि छापे के बाद सीएम केजरीवाल का दफ्तर सील कर दिया गया। छापे की वजह अभी मालूम नहीं हो पाई है। इस दौरान किसी भी कर्मचारी को अंदर जाने से रोक दिया गया है। 

केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि सीबीआई ने उनके दफ्तर पर छापेमारी की है। सीबीआई की छापेमारी के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। पीएम मोदी मेरा राजनीतिक मुकाबल नहीं कर सके तो अब कायरता दिखा रहे हैं। केजरीवाल इस घटना के बाद घर से ऑफिस के लिए निकले हैं।

वहीं, सीबीआई डायरेक्‍टर अनिल सिन्‍हा ने कहा है कि केजरीवाल के दफ्तर पर छापा नहीं मारा गया है। सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर छापा मारा गया है।

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