
येदियुरप्पा और बीजेपी के लिए सदन में दूसरी बार विश्वास मत हासिल करना मुश्किल नहीं रहा क्योंकि 224 सदस्यीय विधानसभा में 16 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद से प्रभावी सदस्य संख्या घटकर 208 ही रह गई थी।
इससे पहले कर्नाटक विधानसभा सत्र स्थगित करने की विपक्षी दल कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया गया। कांग्रेस के नेता एस. सिद्धारमैया ने मांग की थी कि प्रस्ताव को हाई कोर्ट का फैसला आने तक टाल दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट को अयोग्य ठहराए गए 16 विधायकों की याचिका पर फैसला सुनाना है। स्पीकर के. जी. बोपैया ने कहा कि, यह सत्र राज्यपाल के निर्देश पर विश्वासमत के लिए विशेष तौर पर बुलाया गया है और इसे स्थगित नहीं किया जा सकता।
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