हिमाचल चुनाव : कांग्रेस में फिर सिर्फ वंशवाद की जय


प्रदेश कांग्रेस के टिकट आबंटन में वंशवाद फिर हावी रहा है। नतीजतन दूसरी पंक्ति के उन युवा तुर्कों को फिर फजीहत का सामना करना पड़ा है, जो अबकी बार भावी विधायक बनने के सपने संजोए बैठे थे। इनमें से कई दावेदार अभी भी दिल्ली की गलियों में खुद की लॉबिंग करने में व्यस्त है। खास बात यह भी है कि राहुल गांधी ने कुल्लू दौरे के दौरान ब्लॉक कांग्रेस समितियों की सिफारिश के मद्देनजर नए चेहरों को भी आगे लाने का आश्वासन दिया था, लेकिन राहुल फार्मूला अब लीक से हटता दिख रहा है। पार्टी में परिवारवाद के नाम पर फिर से नेताओं के पुत्र अगली कतार में रखे गए हैं। 

हालांकि इनमें से कई मौजूदा विधायक भी हैं, मगर अभी भी दिल्ली में जो जंग चली है, उसमें भी वंशवाद को ही हवा मिल रही है। जाहिर है इससे पार्टी की प्रदेश में जो दूसरी पंक्ति टिकट की चाहत पाले बैठी थी, वह न केवल निराश होगी, बल्कि उसे प्रचार की मुख्य धारा में जुटाना भी मुश्किल भरा हो सकता है। किन्नौर से लेकर ऊना तक ऐसा कोई भी निर्वाचन क्षेत्र नहीं है, जहां से दूसरी पंक्ति के नेता टिकट की कतार में लगे थे, मगर ऐसे विरले ही दावेदारों को मौका दिया जा सका है। यही नहीं उन नेताओं को भी निराशा ही हाथ लगी है, जो टिकट की लालसा में बड़े नेताओं का झोला व झंडा उठाकर गुणगान करते आ रहे थे। वफादारी का भी उन्हें सिला नहीं मिल सका है। पार्टी में अग्रिम संगठनों के उन चाह्वानों को भी निराशा ही हाथ लगी है, जो अपने से संबंधित चुनाव क्षेत्रों में अपने पोस्टर तक लगवा चुके थे। ऐसे नेता अभी भी दिल्ली में डटे हुए हैं।

वंशवाद की नाव में बैठकर सफर पर निकले नेताओं में फिर से शामिल हैं, नीरज भारती, अजय महाजन, यादवेंद्र गोमा, भुवनेश्वर गौड, रोहित ठाकुर,  विनोद सुल्तानपुरी, अनिल शर्मा। सुधीर शर्मा व चंद्रेश कुमारी के पुत्र ऐश्वर्य पर फैसला बाकी है।

हमीरपुर जिला के बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल सेवादल प्रमुख हैं। कुटलैहड़ से डा. विजय डोगरा सेवादल पदाधिकारी हैं। पांवटा से अजय बहादुर, मनाली से धर्मवीर धामी, शिमला से हरीश जनार्था, अरुण शर्मा, आदर्श सूद, कुसुम्पटी से कुलदीप राठौर, ठियोग-कुमारसैन से केहर सिंह खाची, रामपुर से सिंघीराम, चौपाल से रजनीश किमटा, सरकाघाट से एनएसयूआई के अध्यक्ष यदुपति ठाकुर उल्लेखनीय हैं।

गुजरात में इस बार भी कांग्रेस को मुंह की खानी पडेगी - मोदी


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजकोट भाषण को ‘‘ फीका ’’ बताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पलटवार की आशंका से राज्य में संभलकर पांव रख रही है.

मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ सोनियाजी के भाषण में कुछ नहीं था. इसमें कोई तथ्य नहीं था और जब मीडिया को भाषण में कुछ भी दिलचस्प बात नहीं मिली तो उन्होंने उनकी बडी बडी तस्वीरें प्रकाशित कर दीं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ वे (कांग्रेस) भयभीत हैं और सावधानी के साथ बोल रहे हैं. उन्हें भय है कि अगर वे कुछ गलत बोलेंगे तो राज्य के लोग उनके खिलाफ हो सकते हैं जिससे पार्टी का राज्य में सफाया हो सकता है.’’

सोनिया गांधी ने कल राजकोट में एक विशाल रैली को संबोधित कर राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. रैली में उन्होंने मोदी सरकार के प्रदर्शन को लेकर जमकर सवाल खडे किए लेकिन उन्होंने अपनी विदेश यात्रा पर हुए व्यय को लेकर लगे आरोपों का कोई जिक्र नहीं किया. मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2009 के चुनावों के पहले आम लोगों से जो वायदे किए थे, उसे पूरा नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस गुजरात के बारे में गलत सूचना देकर राज्य की छवि खराब कर रही है.

मोदी ने सभा में मौजूद लोगों से सवाल किया, ‘‘ कांग्रेस ने 2009 के चुनावों के पहले वायदा किया था कि सत्ता में आने के 100 दिनों के अंदर महंगाई पर काबू पा लिया जाएगा. क्या वे ऐसा कर पाए?’’ इस पर जवाब मिला, ‘‘ नहीं.’’ मोदी ने फिर सवाल किया कि क्या यह धोखाधडी नहीं है. इस पर एक बार फिर भीड ने जवाब दिया, ‘‘ हां.’’

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि राज्य में पिछले चुनावों की तरह इस बार भी कांग्रेस को मुंह की खानी पडेगी. 2007 के विधानसभा चुनावों में सोनिया गांधी ने चुनाव अभियान की शुरुआत आदिवासी क्षेत्र छोटा उदेपुर से की थी. लेकिन कांग्रेस उस क्षेत्र में हार गयी थी. मोदी ने इस बार कांग्रेस ने राजकोट से चुनाव प्रचार शुरु किया है और 2007 की तरह इस बार भी वे वहां से हार जाएंगे.

'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' के नाम पर दंगा फैलाने के लिए बिल से बाहर निकले जेहादी


Within days after dates for Gujarat elections have been declared , terror elements in Gujarat started their terror agenda to incite riots once again in Gujarat.

A Rally to condemn so called Anti Islam movie produced by someone somewhere in the world was the reason for Hundreds of Jihadis to pour into the streets of Ahemedabad.

A City wide bandh was called on Wednesday by a woman Zarinakhan Pathan. The bandh call were rejected by Muslim leaders and organisations. Mufti Shabbir Ahmed of Jama Masjid, members of organizations like Jamat-e-Islami, Jamiet-e-Ulaima Hind and Muslim legislators and municipal councilors had appealed that the community not follow the call of bandh.     

At first Jihadi elements clashed with Jumma Masjid Imam’s followers and later they took into the streets of Ahmedabad. Jihadis torched a Police station. Jihadis locked women officers inside police station near Tran Darwaja and set the police station to fire. They also burnt the Khas bazar chowki. Many vehicles parked outside police post were also torched.

Senior cops - joint commissioner of police Ajay Tomar and deputy commissioner of police Himanshu Shukla along with assistant commissioner of police Nirlipt Rai with 1,000 police jawans rushed to the spot.Immediately afterwards the city cops started a combing operation to hunt down those responsible for the violence.When the police were busy in crowd control near Teen Darwaja, another group of violent protestors attacked a government vehicle near Relief Cinema and set it ablaze.

अहमदाबाद में सोनिया गाँधी पर कोयले से भरी थैली फैंकी


यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर गुजरात के लोगों में इतनी नाराजगी है कि यहां बुधवार को सोनिया गांधी के काफिले पर कोयले से भरी थैली फेंककर लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी बुधवार को जब राम कृष्ण मिशन के मंदिर से बहार निकली तो अचानक एक युवक उनकी कार के पास आकर उनकी कार की ओर कोयले और काले पाउडर से भरी थैली फेंकने की कोशिश की। सुरक्षा कर्मियों की नजर पड़ते ही उसने थैली को उठा लिया। 

पुलिस ने इस युवक को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वह मोरबी का रहने वाला है तथा उसका नाम हरी ओम विजय त्रिवेदी हैं। केंद्र सरकार के हाल में उजागर कोयला घोटाले से नाराज होकर उसने अपनी नाराजगी जताने के लिए हल्दी को जलाकर काला पाउडर तैयार किया था और वह इसे सोनिया गांधी की कार के ऊपर फेंककर नाराजगी जाताना चाहता था लेकिन सुरक्षा कर्मी कि मुस्तेदी से यह घटना टल गई।

हांलाकि पुलिस के आला अधिकारी इसे सोनिया कि सुरक्षा में सेंध मानते हुए सतर्क हो गए हैं।

कांग्रेस के घोषणापत्र में बाबरी मस्जिद पर घोर आपत्ति - गडकरी


भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद को लेकर कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में कही गयी बातें अदालत की अवमानना हैं और भाजपा इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेकर कार्यवाही करेगी.

गडकरी ने साक्षात्कार में कहा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ के आदेश से स्पष्ट है कि जिस जगह रामलला विराजमान हैं वह राम जन्मभूमि ही है... इसके बावजूद कांग्रेस उसे बाबरी मस्जिद बता रही है जो अदालत की अवमानना है. उन्होंने कहा कि अदालत ने राम जन्मभूमि के बारे में स्पष्ट मत रखा है और अब यह मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित है.

गडकरी ने कहा, राम जन्मभूमि परिसर को विवादित स्थल का नाम देकर और उसकी सुरक्षा की बात करके कांग्रेस ने न्यायालय का अपमान किया है और यह अदालत की मूल भावना के खिलाफ़ है. उन्होंने कहा, कांग्रेस की यह बात अदालत की अवमानना है और हम इस सिलसिले में कानूनी राय लेकर कार्रवाई करेंगे.

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, भगवान राम पूरे देश की अखंडता का प्रतीक हैं, यह किसी हिन्दू या मुस्लिम से जुड़ा मामला नहीं है. भाजपा की दृष्टि में अयोध्या में सभी वर्गो के सहयोग से भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिये. यह पूरे देश के लोगों की इच्छा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने कल जारी अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा, बाबरी मस्जिद विवाद के न्यायसंगत समाधान की पैरवी की जाएगी. सभी दलों को अदालत के फ़ैसले का पालन करना होगा. यदि बातचीत के जरिये समाधान किया जाता है, तो वह विवाद से सम्बन्धित पक्षों के बीच होगा और इसकी कानूनी मंजूरी आवश्यक होगी.

पुरोहित, सांध्वी प्रज्ञा को फिर न मिल सकी जमानत


सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के मालेगांव विस्फोट के मामले में बृहस्पतिवार को सेना के पूर्व अधिकारी श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, प्रज्ञा ठाकुर और अन्य आरोपियों को अंतिरम जमानत देने से इनकार कर दिया।

पुरोहित और अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता यू आर ललित ने न्यायामूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल पिछले चार साल से जेल में हैं और उनकी जमानत याचिकाएं नहीं सुनी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किलों को अब जमानत पर जेल से बाहर जाने की इजाजत दी जानी चाहिए। हालांकि उनकी दलीलों से असंतुष्ठ खंडपीठ ने यह कहते हुए अंतरिम जमानत पर उन लोगों को रिहा करने से मना कर दिया कि वह इस समय अंतरिम जमानत मंजूर नहीं कर सकती।

न्यायालय ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए पुरोहित से राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा पूछताछ किए जाने पर रोक का अंतरिम आदेश अगली सुनवाई तक के लिए बढ़ा दिया। इसी साल चार जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत देने संबंधी बंबई हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और पुरोहित की जमानत याचिका पर एनआई को भी पक्षकार बनाया था।

बीते साल 16 दिसंबर को पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के अमल पर रोक लगाई थी। पुरोहित ने 20 अक्टूबर, 2011 को दिए गए उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने एनआईए को इस बात की इजाजत दी थी कि वह पुरोहित को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ करे।

पुरोहित की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ आरोप पत्र 29 सितंबर, 2008 के बम विस्फोट के मामले में दाखिल किया गया है। महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए इस विस्फोट में सात लोग मारे गए थे।

केरल में संस्कृत भाषा अब कक्षा एक से ही पढाई जायेगी

केरल सरकार ने अब कक्षा एक से ही संस्कृत भाषा बच्चो को पढाने का निर्णय लिया है. यह निर्णय कैबिनेट की मीटिंग के बाद लिया गया.  हालंकि विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा एक विकल्प के तौर पर चुननी होगी, कक्षा एक के विद्यार्थी किसी और भाषा को भी चुन सकते हैं. पहले इस प्रकार का भाषा सीखने का विकल्प कक्षा पांच से था, लेकिन अब इस कक्षा एक से ही लागू किया गया है.

कुछ दिन पहले ही संस्कृत शिक्षक संगठन ने मुख्यमंत्री को इस बारे में एक ज्ञापन दिया था. और इसी ज्ञापन के मद्देनज़र कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है. 

इसके साथ ही कैबिनेट ने श्री नारायण गुरु जी के जीवन चरित्र और उनकी शिक्षाओं को भी सभी कक्षाओं की  इतिहास की पुस्तकों में शामिल करने का निर्णय भी लिया है.

पांच भारतीय दूतावासों ने सोनिया पर बर्बाद किए अस्सी लाख


प्रधानमंत्री कार्यालय ने भले ही सोनिया गांधी के विदेश दौरों के समय खर्च धन का विवरण देने से इन्कार किया हो, लेकिन उक्त जानकारी पाने की कोशिश कर रहे आरटीआइ कार्यकर्ता रमेश वर्मा को इसका ब्योरा मिल चुका है कि कांग्रेस अध्यक्ष की विदेश यात्राओं के दौरान भारतीय दूतावासों ने कितना पैसा खर्च किया? आइटीआइ के जरिये मिली जानकारी के अनुसार, सोनिया के सात विदेशी दौरों के समय उनकी खातिरदारी पर संबंधित देशों में भारतीय दूतावासों-उच्चायुक्तों ने करीब 80 लाख रुपये होटल, गाड़ी, टेलीफोन एवं अन्य मद में खर्च किए।

रमेश वर्मा को यह जानकारी इसलिए मिल पाई, क्योंकि विदेश मंत्रालय ने उनके आवेदन को भारतीय दूतावासों को अग्रसारित कर दिया। इनमें से कुछ ने उन्हें सीधे यह जानकारी प्रेषित कर दी कि उन्होंने सोनिया पर कितना खर्च किया।

दूतावास खर्च की गई राशि:

1. जोहानिसबर्ग 14,06,650

2.लंदन [3 अक्टूबर, 2007] - 2,82,913

3.लंदन [15 से 20 मार्च, 2011] 35,91,740

4. ब्रसेल्स [9 से 12 नवंबर, 2006]-8,573

5. म्यूनिख [8 से 10 जून, 2007] - 39,284

6. शंघाई [29 अक्टूबर, 2007] - 14,14,573

7. बीजिंग [7 से 9 अगस्त, 2008]- 12,57,793

Latest Victim of Hate Jihad in Kerala; Succumbs to Death


Kerala Junior football team Vice Captain Jithu Mohan succumbed to death today.He was doused with Petrol and Set on Fire last week,all because he fell in love with Shabana, a Muslim girl hailing from Chunakkara.He succumbed to death today at Amritha Hospital, Ernakulam 

Jithu is the third victim of jihadi terrorism in Kerala in short span of time, followed by Vishal at Chengannur and Sachin at Kannur.

Jithu Mohan is a degree student of SD College. On coming to know about the relationship, the girl’s relatives opposed it and smuggled her to another relative’s house. Following this Jithu gave a habeas corpus in the High Court, following which the girl was produced before court. She was, however, allowed to leave the place with her relatives. Meanwhile Jithu’s friends said that the youth was forcibly taken to the house of Shabana’s sister who resides in Kodungallur by Shabana’s brother in law. Also in league with Shabana’s relative is a Police Officer of AR Camp, Wahab. The incident of setting Jithu afire took place in Wahab’s house.

Hindu organisations have called for Hartal tomorrow in Kodungallur and Mavellikara demanding the arrest of Police officer Wahab and his Jihadi aides.

सोनिया गांधी के विदेश दौरों के ब्योरों को सार्वजनिक करिए - मोदी


गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रुख पर कायम रहते हुए मांग की है कि सरकार को कांगे्रस अध्यक्ष सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं पर हुए खर्च को सार्वजनिक करना चाहिए। साथ ही भाजपा ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस यह तो नहीं बता रही कि सोनिया गांधी के विदेश दौरे और इलाज पर हुए खर्च का भुगतान सरकारी खजाने से किया गया या नहीं, लेकिन यह कह कर ध्यान भटका रही है कि विपक्ष उनकी सेहत से जुड़े मुद्दे उठा रहा है। 

मोदी ने मंगलवार को युवाओं की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि तीन साल पहले सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं पर हुए खर्च के बारे में आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना को अभी तक मुहैया नहीं कराया गया है। तीन साल पहले हिसार के एक युवक ने आरटीआई के तहत सरकार से सोनिया की विदेश यात्राओं और उन पर खर्च के बारे में सूचना देने को कहा था। सूचना का अधिकार कानून के तहत सूचना तीन महीने में देनी होती है, लेकिन अभी तक सूचना मुहैया नहीं कराई गई। उन्होंने कहा- जब चीजों को छिपाने की कोशिश की जाती है तो लगता है कि कुछ गड़बड़ है।

मोदी ने कहा- मैंने एक अखबार में पढ़ा कि सोनिया के विदेश दौरों पर 1880 करोड़ रुपए खर्च किए गए। अगर आपको मोदी का मुंह बंद करना है तो 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार के सत्ता में आने के बाद से अभी तक सोनिया गांधी के विदेश दौरों के ब्योरों को सार्वजनिक करिए। मुझे उनकी व्यक्तिगत जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं है। अगर राष्ट्रीय खजाने से इस खर्च को वहन किया गया तो देश के लोगों को इस बारे में सूचना हासिल करने का अधिकार है और उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा- सोमवार को एक जनसभा में मैंने एक अखबार की खबर के आधार पर एक सवाल उठाया था। उससे राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। मुझे धमकाया जा रहा है कि आप खर्च के बारे में पूछेंगे तो आपके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगा दिए जाएंगे।

उन्होंने पहले ही मेरे खिलाफ सीबीआई को लगा दिया है, अब क्या बचा है। मोदी ने कहा- क्या मुझे ऐसी धमकियों के आगे झुक जाना चाहिए, क्या मुझे घबराना चाहिए, क्या मैं भाग जाऊं, क्या मैं न्याय की अपनी लड़ाई को छोड़ दूं, मैं सोनिया गांधी से कोई जवाब नहीं मांग रहा हूं। मैं उनके खिलाफ कोई सवाल नहीं पूछ रहा हूं। मैं मनमोहन सिंह की सरकार से सवाल कर रहा हूं कि सरकारी खजाने से कितना धन खर्च किया गया, यह देश जानना चाहता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ने भी सोनिया गांधी की बीमारी के बारे में नहीं पूछा है। उनके स्वास्थ्य का मुद्दा तो इस साल उठा। इन सवालों को तो तीन साल पहले उठाया गया। उस समय किसी को भी उनके स्वास्थ्य मुद्दे की जानकारी नहीं थी। इसलिए कांग्रेस को इसे कोई भावनात्मक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। मैं खुद प्रधानमंत्री से कहूंगा कि सोनिया की बीमारी पर जो भी धन खर्च हुआ हो, देश उसे व्यय करेगा।

उधर नई दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि कांग्रेस यह नहीं बता रही कि सोनिया गांधी के विदेश दौरों और इलाज पर हुए खर्च का भुगतान सरकारी खजाने से किया गया या नहीं, लेकिन यह कह कर ध्यान भटका रही है कि विपक्ष उनकी सेहत से जुड़े मुद्दे उठा रहा है। उन्होंने कहा कि हम मुद्दों से भटकाने और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नहीं उठाए गए मुद्दों को भी जोड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी के रवैए की निंदा करते हैं। उन्होंने बहुत स्पष्ट तौर पर मीडिया सूत्रों का हवाला देकर एक सवाल उठाया। अगर आप वाकई सवाल का जवाब देने में रुचि रखते हों तो आप यह बताएं कि कितनी रकम खर्च की गई।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर 1880 करोड़ रुपए खर्च नहीं किए तो बता दें कि कितने रुपए खर्च हुए। अगर ये रुपए सरकारी खजाने से खर्च नहीं किए गए तो यह भी बताएं। इस सवाल का जवाब देने से आपको कौन रोक रहा है। उन्होंने कहा कि इन सवालों के जवाब देने से बचने के लिए कांग्रेस ध्यान भटकाने वाले तरीके अपना रही है ।

हिमाचलियों का मनरेगा से मोह भंग 66.27 % ने नहीं लिया लाभ

केंद्र की महत्त्वाकांक्षी (वैसे नेताओं और अधिकारियों के लिए पैसा बनाने की मशीन) महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम करने में हिमाचल के ग्रामीण रुचि नहीं ले रहे हैं। मौजूदा वित्त वर्ष के करीब छह माह बीत जाने पर प्रदेश के मात्र 33 फीसदी जॉब कार्डधारकों ने ही मनरेगा के तहत काम को आवेदन किया है, जबकि 66.27 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने एक भी दिन मनरेगा के तहत काम नहीं मांगा है। इससे मनरेगा योजना के सफल कार्यान्वयन पर भी सवाल उठने लगे है। हिमाचल में मनरेगा से अब तक 11 लाख 21 हजार 615 ग्रामीण जुड़ चुके हैं। इन्हें विभाग द्वारा जॉब कार्ड दिए जा चुके है। 

सभी जॉब कार्डधारकों को मनरेगा के तहत साल में 100 दिन रोजगार पाने का कानून हक है, लेकिन हिमाचल में सात लाख 43 हजार 341 जॉब कार्डधारकों ने मनरेगा के तहत काम करने में रुचि नहीं दिखाई है। राज्य में इससे मनरेगा के तहत विभिन्न विकास कार्य ठप पड़े हैं। इन्हें निपटाने के लिए पर्याप्त मात्रा में दिहाड़ीदार नहीं मिल रहे हैं। बुद्धिजीवियों की मानें तो हिमाचल में मनरेगा के तहत दी जा रही 128 रुपए की दिहाड़ी अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। यही वजह है कि लोग मनरेगा के तहत काम को आगे नहीं आ रहे हैं।  

मंडी के 2.11 लाख जॉब कार्डधारकों में से 1.10 लाख लोग मनरेगा के तहत काम को आवेदन कर चुके है। चंबा के 1.00 लाख जॉब कार्डधारकों में से 52.23 हजार जॉब कार्डधारकों ने मनरेगा के तहत काम में रुचि दिखाई है। कांगड़ा के 2.28 लाख ग्रामीणों में से मात्र 62.09 हजार लोगों, बिलासपुर के 56.13 हजार में से 13.39 हजार, हमीरपुर के 81.40 हजार में से 18.40 हजार, कुल्लू के 87.49 हजार लोगों में से 29.84 हजार तथा ऊना जिला के 69.61 हजार जॉब कार्डधारकों में से 11.68 हजार लोगों ने ही मनरेगा के तहत काम को आवेदन किया है। पंचायती राज विभाग के उप निदेशक बीडी शर्मा के मुताबिक मनरेगा डिमांड आधारित योजना है। जो व्यक्ति काम के लिए पंचायत में आवेदन करता है, उन्हें निर्धारित समय अवधि में रोजगार दे दिया है

सेवानिवृति के बाद मिलने वाले पद की लालसा में जज सुनाते है गलत फैसले - जेटली


न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन की मांग और न्यायिक सुधारों की वकालत करते हुए बीजेपी ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की न्यायाधिकरणों में नियुक्ति के प्रचलन से न्यायपालिका पर असर पड़ रहा है.

बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवक्ता अधिवेशन को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि पार्टी के एजेंडा में न्यायिक सुधार प्राथमिकता में हैं और सेवानिवृत्ति के दो साल की अवधि के बाद ही जजों की नियुक्ति न्यायाधिकरणों में की जानी चाहिए.

उधर, पार्टी नेता अरुण जेटली ने सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की न्यायाधिकरणों में नियुक्ति के प्रचलन से न्यायपालिका पर असर पड़ने की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘न्यायपालिका में निष्पक्षता को बनाये रखने के लिए न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे वेतन के बराबर पेंशन देने और सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्यायपालिका पर असर पड़ रहा है.’

जेटली ने कहा, ‘सेवानिवृति की उम्र होने के बावजूद न्यायाधीश अवकाश ग्रहण करने के इच्छुक नहीं होते हैं.’

पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई का दुरुपयोग किये जाने का आरोप लगाते हुए मांग की कि सीबीआई की कार्यशैली की जांच होनी चाहिए.

जेटली ने परमाणु करार के मामले में संप्रग-1 सरकार द्वारा सपा के सहयोग से विश्वास मत साबित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अगर सीबीआई सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी नहीं होती, तो आज संप्रग सरकार नहीं होती. उन्होंने कहा कि सपा, बसपा जैसे दल केंद्र सरकार का कितना भी विरोध करें लेकिन बाद में वे मिल जाते हैं क्योंकि उनपर सीबीआई की तलवार लटकी होती है.

गडकरी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि सीबीआई के अलावा सरकार विपक्षी दलों को ब्लैकमेल करने के लिए न्यायापालिका का भी दुरुपयोग कर रही है.’ उन्होंने गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में भाजपा नेताओं के खिलाफ सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

गडकरी ने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को पहचानने की चेतावनी देते हुए कहा, ‘हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे.’ उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बीजेपी विपक्षी दल से ‘सुशासन’ वाली पार्टी बने.

जेटली ने देश में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन होना चाहिए जिसमें न्यायाधीश हों, सरकार के प्रतिनिधि हों और समाज के प्रतिनिधि हों और यह आयोग नियुक्ति तथा न्यायपालिका संबंधी शिकायतों की सुनवाई करे.

जेटली ने अन्य देशों में मुकदमों की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि वहां अदालतों में जाने से पहले मामलों को सुलझाने का प्रचलन है लेकिन भारत में अनावश्यक तौर पर वाद बनाये जाते हैं. उन्होंने कानून के पेशे से जुड़े लोगों को निरंतर प्रशिक्षण दिये जाने की भी हिमायत की.

जेटली ने न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका द्वारा अपनी अपनी सीमाओं में काम करने की वकालत करते हुए कहा कि सभी संस्थाओं को सक्रियता के साथ संयम बरतना चाहिए. उन्होंने छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) पर उच्चतम न्यायालय द्वारा पाबंदी लगाये जाने के संदर्भ में कहा कि ‘जम्मू कश्मीर और पंजाब में आतंकवाद से लड़ाई न्यायाधीशों ने नहीं पुलिस और सेना ने लड़ी थी.’ जेटली ने खुदरा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पर केंद्र सरकार के फैसले पर भी विरोध दोहराया.

जेटली के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि संकेतों में कलंक लगाने के बजाए उन्हें कुछ चीजों को साफ-साफ दृढ़ता से कहना चाहिए अगर वे इन्हें सच जानते हैं.

पूर्व कानूनी मंत्री होने के नाते जेटली को मालूम होना चाहिए कि कुछ संवैघानिक संस्थाओं के प्रमुख केवल पदस्थ और सेवानिवृत्त न्यायाधीश ही हो सकते हैं.

तेलंगाना के मुद्दे पर उस्मानिया विश्वविद्यालय में हिंसा


अलग तेलंगाना राज्य समर्थकों को ‘तेलंगाना मार्च ’ में शामिल होने के लिए एक रैली निकालने की इजाजत नहीं दिए जाने पर तेलंगाना समर्थक छात्रों की पुलिस के साथ झड़प हो गई। इसके बाद आज उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा भड़क गई। 

नारेबाजी कर रहे दर्जनों लोगों ने परिसर में बैरीकेड तोड़ डाले और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जबकि कुछ छात्रों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। 
विभिन्न छात्र संगठनों से

जुड़े तेलंगाना समर्थक कार्यकर्ता ‘तेलंगाना मार्च’ में शामिल होने के लिए एक रैली निकालना चाहते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें विश्वविद्यालय से कोई रैली निकालने की इजाजत देने से कल इनकार कर दिया था। 

अर्द्धसैनिक बलों को परिसरों में स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए घूमते हुए देखा गया। वहीं, तेलंगाना कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर अत्यधिक सख्ती बरती। 

तेलंगाना संयुक्त कार्रवाई समिति ने अलग राज्य की अपनी मांग के लिए तेलंगाना मार्च का आयोजन किया है।

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