नई सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में द्रुत गति से विकास करने का संकल्प लिया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों की दो बैठकें गुवाहाटी में लगातार दो दिन आयोजित की गईं। दोनों बैठकों की अध्यक्षता श्री राम विलास पासवान, उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के माननीय मंत्री ने की। इनमें संसदीय समिति के सदस्य, सांसदों, मंत्रालय, एफ.सी.आई. और बी.आई.एस. के अधिकारियों ने भाग लिया।
दो दिवसीय बैठकों में बी.आई.एस. अधिनियम में संशोधन, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने, इसमें सुधार और “मेक इन इंडिया” और “स्वच्छ भारत अभियान” में बी.आई.एस की भूमिका के बारे में विचार-विमर्श किया गया ।
बैठकों की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने बताया कि बी.आई.एस. अधिनियम के 1986 में लागू होने के बाद पहली बार इसमें व्यापक पैमाने पर संशोधन किये जा रहे हैं। इन संशोधनों से सरकार को और अधिक उत्पादों को अनिवार्य प्रमाणीकरण के अतर्गत लाने का अधिकार मिलेगा। नये लाइसेंस देने की प्रकिया को सरल बनाने के साथ-साथ संशोधनों में कड़े दंड का प्रावधान भी किया गया है। 'आईएसआई' चिन्ह के गलत उपयोग को संज्ञेय अपराध बताया जायेगा। गुणवत्ता मानकों का पालन न करने के लिए पहली बार वितरकों एवं खुदरा विक्रेताओं को भी जिम्मेदार बनाये जाने का प्रावधान किया जा रहा है। संशोधनों में प्रोडक्ट लाइबिलिटी, उत्पादों को बाजार से वापस लौटाने और उपभोक्ताओं को मुआवजा देने का प्रावधान भी किया गया है।
बी.आई.एस. “मेक इन इंडिया” अभियान के तहत चुने हुए क्षेत्रों में मानकों के स्तर सुधारने और नए मानक बनाने के कार्य को प्रमुखता से कर रहा है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डी.आई.पी.पी.) से विचार-विमर्श के बाद पहले 46 उत्पादों को इसके लिए चुन लिया गया है।
“स्वच्छ भारत” अभियान के तहत बी.आई.एस. ठोस कचरे के प्रबंधन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट), स्ट्रीट फूड और पेयजल की आपूर्ति सार्वजनिक करने के लिए मौजूदा मानकों को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास कर रहा है।
बी.आई.एस. अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी मीडिया प्लान भी तैयार कर रहा है। इससे उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त उत्पाद उपलब्ध कराने के अतिरिक्त और धोखाधड़ी से भी बचाया जा सकेगा।
पूर्वोत्तर के लिए विशेष पहलः
बैठक के दौरान माननीय मंत्री ने पूर्वोत्तर में बी.आई.एस. गतिविधियों को और बढ़ावा देने का निर्देश दिया। उन्होंने गुवाहाटी में बी.आई.एस. प्रयोगशाला के अपग्रेडेशन पर जोर दिया। उन्होंने एनटीएच, आई.आई.टी. नॉर्थ गुवाहाटी, तेजपुर विश्वविद्यालय, जोरहाट क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला और चाय अनुसंधान, जोरहाट पर उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए भी कहा। मंत्री ने कहा कि वन अनुसंधान संस्थान में उपलब्ध परीक्षण सुविधाओं का लाभ आईएसआई चिन्ह वाले प्लाई बोर्ड के प्रमाणन के लिए किए जाने पर भी विचार करना चाहिए।
मंत्री जी ने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर के युवाओं को विभिन्न उत्पादों के परीक्षण का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
मानकों के बेहतर अनुपालन के लिए बी.आई.एस चरणबद्ध ढ़ंग में नई प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निदेश दिया गया। गुवाहाटी और पटना में बुनियादी सुविधाएं बढाई जायेंगी और मार्च 2016 तक 5 नई प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेंगी। उसके बाद आवश्यकतानुसार हर साल 4 नई प्रयोगशालाएं भी शुरू की जायेंगी।
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को मज़बूत बनाना
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को मज़बूत बनाने के उपाय पर भी बैठक के दौरान चर्चा की। उन्होंने बैठक में भाग ले रहे सांसदों को इस प्रणाली को और प्रभावी बनाने और इसके लाभ वांछित लाभार्थियों तक सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाये गये कदमों से अवगत कराया। मंत्री ने सांसदों को इस संबंध में मंत्रालय द्वारा तैयार 9 सूत्री कार्य योजना की जानकारी दी। इसमें खाद्यान्नों को राशन की दुकानों तक ले जाने, जाली राशन कार्डों को हटाने एवं वितरण व्यवस्था के कंप्यूटरीकरण तथा राशन की दुकानों को चलाने में स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संगठनों और सहकारी संस्थाओं की भागीदारी शामिल है ।
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकारों से जिला, ब्लॉक और राशन की दुकानों के स्तर पर सतर्कता समितियॉं गठित करने को कहा गया है जिनमें अनुसूचित जाति/ जनजाति,महिलाओं और स्थानीय निकायों की भागीदारी हो ताकि टीपीडीएस के कामकाज को और पारदर्शी बनाया जा सके। राज्यों से शिकायत दर्ज करने के लिए अलग से एक नि:शुल्क टेलीफोन नंबर और पीडीएस पोर्टल बनाने के लिए भी कहा गया।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को लागू किए जाने की जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि 11 राज्यों ने इसे लागू कर दिया है। बाकी राज्य भी लाभार्थियों की पहचान करने के साथ-साथ जरूरी तैयारी कर रहे हैं।
माननीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर में टीपीडीएस को मज़बूत बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि असम को अभी टीपीडीएस के अंतर्गत ही खाद्यान्न आवंटित किया जा रहा है क्योंकि एनएफएसए को अभी लागू किया जाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य के आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चाय बागानों के कामगारों को रियायती दरों पर खाद्यान्न मिलता रहेगा क्योंकि राज्य सरकार ने उन्हें एनएफएसए के लाभार्थियों में शामिल किया है।
चर्चा में भाग लेते हुए माननीय सांसदों ने बीआईएस और टीपीडीएस के कामकाज में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उनका कहना था कि टीपीडीएस में शिकायत निवारण व्यवस्था को और मज़बूत बनाना चाहिए और पंचायत तथा दूसरे स्थानीय निकायों को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका देनी चाहिए। उन्होंने खाद्यान्न क्षति को रोकने के लिए भंडारण व्यवस्था को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया। चर्चा में भाग लेने वाले माननीय सदस्यों में श्री रमेश चंदेर कौशिक, श्री बलभद्र माझी, श्री रामप्रसाद शर्मा और श्री भूपेंद्र सिंह शामिल थे। कल की बैठक में श्री भूपेंद्र सिंह,माननीय सांसद भी सम्मिलित थे।
इसके अलावा लमडिंग-बदरपुर रेलवे सेक्शन को बड़ी लाइन में बदलने के कार्य की भी समीक्षा की गई। पूर्वोत्तर में खाद्यान्नों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दृष्टि से यह परियोजना काफी अहम है। इस बैठक में रेलवे और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए । मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में रेल अधिकारियों को निदेश दिया कि लमडिंग से बदरपुर तक का कार्य हर हालत में 31 मार्च से पहले पूरा कर लिया जाए। रेलवे के इस कार्य से इस क्षेत्र के तीन राज्य मणिपुर, त्रिपुरा और मिज़ोरम तथा दक्षिण असम पूर्ण रूप से प्रभावित हैं। एफ. सी. आई. द्वारा सड़क मार्ग से प्रत्येक माह लगभग एक लाख टन अनाज का परिचालन किया जा रहा है। किन्तु अप्रैल माह से वर्षा प्रारंभ हो जाने के कारण यह कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा।
रेलवे के महाप्रबंधक (नि.) श्री आर.के. सिंह द्वारा बताया गया कि 31 मार्च 2015 तक लमडिंग-बदरपुर सेक्शन का कार्य कर लिया जाएगा।
उनके द्वारा योजना के बारे में विवरण देते हुए कहा गया कि 0 से 100 कि.मी. तक, 100 से 120 कि.मी. तक तथा 120 कि. मी. से 201 कि.मी. तक निर्माण विभिन्न स्तरों पर चल रहा है। उन्होंने यह भी अपील की कि क्षेत्र के विभिन्न संगठन सहयोग करें जिससे कि यह कार्य समय सीमा के अन्दर पूरा किया जा सके।
माननीय मंत्री द्वारा रेलवे के महाप्रबंधक के आश्वासन पर एफ. सी. आई. को भी आवश्यक तैयारी करने के लिए कहा गया।
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