इन्द्रेश कुमार एक देश भक्त हैं, उन पर राजनैतिक षड़यंत्र किया गया - संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारी इन्द्रेश कुमार ने एटीएस की चार्जशीट को एक मनगढ़ंत कहानी और राजनैतिक षड़यंत्र बताया है.

इस चार्जशीट पर आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने कहा, ''संघ किसी भी रुप में आतंकवाद का विरोध करता है. इस तरह के मामले में अगर किसी व्यक्तिशाह पर कोई आरोप है तो उसकी सही ढंग से जांच हो और अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसे दंड भी मिले.''

विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने इस चार्ज शीट को लेकर सीधे सरकार पर निशाना साधा और इसे राजनैतिक षड़यंत्र बताया.

उन्होंने कहा, "श्रीनगर में पाकिस्तान के झंडे फहराने वाले, दिल्ली में आकर कश्मीर को पाकिस्तान बनाने का भाषण देने वालों से सरकार वार्ता कर रही है, उनको जम्मू-कश्मीर पुलिस में नौकरियां दे रही है. जिस संगठन का 80-90 साल का देशभक्ति का इतिहास है, उनको ऐसी गतिविधियों के साथ दिखाना सबसे बड़ा षड़यंत्र है."

तोगड़िया का कहना है, "राष्ट्रीय स्वयं संघ के सदस्यों की देशभक्ति के बारे में आज तक किसी ने संदेह नहीं किया है. चिदंबरम ने भगवा आतंकवाद कहा, कहीं यह चार्जशीट चिदंबरम के वक्तव्य को साबित करने का राजनैतिक षड़यंत्र तो नहीं है."

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, "आरएसएस की राजनीति हमेशा से ही नकारात्मक रही है. उसने हमेशा समाज को अलगाने का काम किया है. हाल का प्रकरण महज़ इसकी एक अभिव्यक्ति है."

वहीँ बचाव पक्ष के एक सूत्र ने बताया कि इन्द्रेश कुमार के बारे में जो कुछ भी कहा गया है, वो चार्ज शीट का हिसा नहीं है. अलबत्ता जाँच अधिकारी ने इसका उल्लेख जरूर किया है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जाँच अधिकारी ने चार्ज शीट में कहा कि अभी कुछ गंभीर गोपनीय पहलुओं पर जांच जारी है.

जाँच अधिकारी ने आठ सौ पन्नों के आरोप पत्र में बाइसवें पृष्ठ पर इन्द्रेश कुमार और उस बैठक का उल्लेख किया है.

जयपुर में आरएसएस के भारती भवन पर संघ के एक पदाधिकारी संजय ने कहा, "इन्द्रेश कुमार पर आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. दरअसल अयोध्या पर अदालत ने हिन्दू संगठनों के पक्ष में फैसला दे दिया, अब कांग्रेस के पास कुछ नहीं बचा, सो वो बिहार में अल्पसंख्यक वोट रिझाने के लिए ये हथकंडे अपना रही है."

उन्होंने कहा, "इन्द्रेश कुमार एक देश भक्त हैं, उन्होंने चालीस साल पहले अपना जीवन सेवा के लिए समर्पित कर दिया. वो इंजीनियरिंग का पेशा छोड़कर देश सेवा में लग गए थे. ऐसे व्यक्ति पर नाहक आरोप लगाए गए हैं. केंद्र और राजस्थान में दोनों जगह कांग्रेस की सरकार है, हमें ऐसे आरोप पर कोई आश्चर्य नहीं होता."

पहला करवाचौथ का व्रत रखने वाली वधुएँ नहीं कर पाएंगी इस बार विशेष पूजा

करवाचौथ के व्रत की तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं। खासकर जिनका पहला करवाचौथ है, वे बेहद एक्साइटेड हैं। पंडितों की मानें तो जिन युवतियों की शादी अक्टूबर 2009 के बाद हुई है और इस बार वे पहला करवाचौथ का व्रत रखने जा रही हैं, उनके लिए करवाचौथ का व्रत मुश्किल हो सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि 31 साल बाद करवाचौथ के मौके पर सूर्य तुला राशि में है। शास्त्रों के हिसाब से यह तारा डूबा वाली स्थिति मानी जाती है।

नए वर-वधू को एक साल तक शास्त्रों के हिसाब से पूजा-अर्चना करनी होती है। सूर्य की ऐसी स्थिति में जिनका पहला करवाचौथ है, उनके लिए सूर्य की यह दशा अशुभ है। हालांकि कुछ पंडित ये भी कह रहे हैं कि व्रत रखा जा सकता है, लेकिन जिनका पहला व्रत है, वे करवाचौथ पर विशेष पूजा न करें।

करवाचौथ के व्रत को लेकर इस बार पंडितों में मतभेद बना हुआ है। सूर्य की स्थिति को देखते हुए कुछ पंडित नए जोड़े को करवाचौथ का व्रत न रखने की सलाह दे रहे हैं, उधर कुछ पंडितों का ये भी कहना है कि व्रत रखना कोई अशुभ बात नहीं है, लेकिन सूर्य की स्थिति को देखते हुए व्रत तो रखा जा सकता है, पर नए वर-वधू करवाचौथ पर होने वाली विशेष पूजा न करें तो बेहतर है।

ज्योतिष पंडित प्रकाश जोशी का कहना है कि इस बार करवाचौथ के मौके पर सूर्य तुला राशि में है। शास्त्रों में सूर्य की ऐसी स्थिति को तारा डूबा हुआ माना जाता है। शास्त्रों में लिखा है कि तारा डूबा होने पर करवाचौथ की पूजा नए जोड़ों के लिए कष्टकारी होती है। दूसरे उनका कहना है कि अगर नए जोड़े व्रत रख रहे हैं, तो करवाचौथ पर भगवान विष्णु की पूजा करें उसके बाद ही करवाचौथ की पूजा करें।

पंडित वीरेंद्र का कहना है कि सूर्य की ऐसी स्थिति में नए जोड़े के लिए करवाचौथ का व्रत थोड़ा कष्टकारी माना जाता है , लेकिन व्रत रखने में कोई बुराई नहीं है , व्रत तो कभी भी किसी के लिए भी रखा जा सकता है , हां इतना ध्यान रखें कि करवाचौथ पर जो नए जोड़े व्रत रख रहे हैं , वे करवाचौथ की विशेष पूजा न करें सामान्यतौर पर व्रत रख सकते हैं।

कांग्रेस ने अब एटीएस का दुरपयोग कर संघ नेता को अजमेर ब्लास्ट केस में फंसाया

अजमेर दरगाह शरीफ बम धमाका मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक प्रचारक इंद्रेश कुमार को आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) ने साजिश का आरोपी बनाया है। राजस्थान एटीएस ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इस आरोपपत्र में संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार पर भी बम धमाकों की साजिश का आरोप है। इंद्रेश पर सिर्फ अजमेर धमाकों में ही नहीं, बल्कि कई अन्य धमाकों की साजिश में भी शामिल होने का आरोप है।

एटीएस ने अजमेर की अदालत में जो आरोपपत्र दाखिल किया है, उसमें कहा गया है कि जयपुर के एमआई रोड के गुजराती समाज के गेस्ट हाउस में कमरा नंबर 26 में 31 अक्टूबर 2005 को अजमेर दरगाह सहित हैदराबाद की मक्का मस्जिद और मालेगांव में बम धमाकों की साजिश के लिए एक गुप्त बैठक हुई। बैठक में संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार, मालेगांव धमाकों की मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह, सुनील जोशी, रामजी कलसांगरा, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश और संदीश डांगे शामिल थे।

बैठक में अजमेर दरगाह समेत देश के विमिन्न शहरों में धमाकों के लिए जिम्मेदारी तय की गई थी। आरोपपत्र के मुताबिक बैठक को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा था कि अन्य धार्मिक संगठनों के साथ मिलकर काम करें, वरना मिशन सफल नहीं होगा। आरोपपत्र के मुताबिक कमरा नंबर 26 मनोज सिंह नाम के एक शख्स के नाम पर बुक था। मालूम हो कि इंद्रेश कुमार संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी का सदस्य है। इसके अलावा वह 1996 से संघ के उत्तर क्षेत्र के संपर्क प्रमुख के पद पर भी रहा है।

बैठक में सुनील जोशी को बम धमाका करने की, लोकेश शर्मा और रामजी कलसांगरे को हथियार और विस्फोटक जुटाने और रेकी कर ठिकाने तय करने की, देवेंद्र गुप्ता को फर्जी आईडी से मोबाईल सिम जुटाने, संदीप डागे और सुनील जोशी को धन जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अजमेर दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 में एक बम फटा था, जिसमें तीन की मौत हुई थी और 15 घायल हुए थे।

उधर , इंद्रेश कुमार का कहना है कि बरसों से उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। जो भी आरोप उन पर लगाए गए हैं वे सारे झूठे हैं। उन्होंने कहा कि आज वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे और साजिश का खुलासा करेंगे।

महाराष्ट्र के विकास में बिहार के लोगों का कोई योगदान नहीं - उद्धव ठाकरे

शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी की बिहार में हो रही एक चुनावी सभा में महाराष्ट्र के विकास में बिहार के लोगों के योगदान के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि यह राज्य के लोगों काअपमानहै।

ठाकरे ने आज संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नक्शेकदम पर चल रहे हैं, उन्होंने भी कथितरूप से मराठियों का अपमान किया था। उन्होंने एक विदेशी पत्रकार द्वारा लिखित पुस्तक के कुछ अंश प्रेस कॉन्फ्रेंस में पढ़े।

उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि क्या महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं में हिम्मत है कि वे गांधी के बिहार चुनाव में कल दिए गए भाषण का विरोध कर सकें। रिपोर्ट के अनुसार गांधी ने एक चुनाव सभा में कल कहा था कि महाराष्ट्र के विकास में बिहार के लोगों के योगदान के बावजूद उन्हें भगा दिया गया। ठाकरे ने कहा कि यदि गांधी को बिहार के लोगों से इतना ही लगाव है, तो महाराष्ट्र में रह रहे बिहारियों को रायबरेली के विकास के लिए वहां ले जाएं।

उन्होंने कहा कि हम लोग इस तरह के बयान को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ठाकरे ने कहा कि भारतीय विद्यार्थी सेना और युवा सेना दोनों मिलकर काम करेंगे और विद्यार्थी सेना को समाप्त करने का प्रश्न ही नहीं है। हाल ही में हुई दशहरा रैली में युवा सेना की घोषणा की गई थी, जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य को सौंपा गया।

नक्सलियों ने आईबी के इंस्पेक्टर का अपहरण किया

पुरुलिया जिले से खुफिया शाखा आईबी के एक इंस्पेक्टर और गैर सरकारी संगठन के एक अधिकारी का नक्सलियों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया।

पुलिस के मुताबिक इंस्पेक्टर पार्थ बिस्वास और समरजीत बोस का आज सुबह जिले के अयोध्या इलाके से अपहरण कर लिया गया।

पुलिस महानिदेशक एन मुखर्जी ने बताया ‘‘हमने घटना के बारे में सुना है। नक्सिलयों ने जिला पुलिस प्रशासन के पास ऐसे संकेत भी भेजे हैं।’’ वहीं जिला पुलिस अधीक्षक राजेश जादव ने कहा ‘‘हम इन लोगों की गतिविधियों के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते क्योंकि ये जिला पुलिस के भाग नहीं हैं।’’

नक्सलियों ने बताया कि दोनों उनकी हिरासत में हैं। हालांकि उन्होंने दोनों की रिहाई के लिए अब तक कोई शर्त नहीं रखी है।

अवैध रूप से मकान कब्जाने के आरोपी ने पुलिस पर अपने धार्मिक ग्रन्थ के अपमान का आरोप लगाया

उत्तराखण्ड के पौडी जिले के कोटद्वार क्षेत्र में आज एक धार्मिक ग्रंथ का कथित रूप से अपमान करने के चलते इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।

उप जिलाधिकारी जी सी गुसांई ने आज बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के पांच लोगों ने थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से एक मकान खाली कराने के दौरान धार्मिक ग्रंथ को उठाकर बाहर फेंक दिया और उसके साथ छेड़छाड़ भी की।

गुसांई ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

दूसरी ओर, कोटद्वार के थाना प्रभारी एम सी पाठक ने कहा कि किसी भी धार्मिक ग्रंथ के साथ छेड़छाड़ नहीं की गयी है और न ही उसे फेंका गया है बल्कि अवैध रूप से मकान पर कब्जा करने के चलते मकान मालिक द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराये जाने के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।

गुसांई ने कहा कि इलाके में पुलिस गश्त बढा दी गई है और स्थिति नियंत्रण में है।

कश्मीर में आजादी की मांग देशद्रोह नहीं ???

बीजेपी का कहना है कि देश का संविधान अधिकारियों को अलगाववादी भाषणों पर रोक लगाने का अधिकार देता है पर सिविल सोसाइटी के कई लोग इस राय से इत्तफाक नहीं रखते।

पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त और कश्मीर कैडर के आईएएस वजाहत हबीबुल्लाह ने साफ कहा, ' हमें आजादी लफ्ज से डरना नहीं चाहिए। खासकर अगर कोई भारत की सीमा और संविधान के दायरे में ज्यादा आजादी की मांग कर रहा हो। 'लेकिन उनके मुताबिक अगर कोई भारत से आजाद होने की बात करता है तब भी हमें कठोर कानूनी कार्रवाई के बदले उनके साथ बहस शुरू करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ' कानून की बातें अपनी जगह हैं, मुझे लगता है कि सैयद अली शाह गिलानी और अरुंधती रॉय के भाषणों के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का असर उल्टा होगा। इससे डर जाहिर होगा, यह संदेश जाएगा कि देश की अटूट एकता में हमारा भरोसा कमजोर है। '

नागरिक अधिकारों की वकालत के लिए जाने जाने वाले एडवोकेट प्रशांत भूषण कहते हैं कि रॉय और गिलानी के भाषणों के लिए उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता। वह बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 1962 में केदारनाथ बनाम पंजाब सरकार केस में साफ कर चुकी है कि जब तक सशस्त्र विद्रोह या हिंसा के इस्तेमाल की अपील न हो तब तक कुछ भी राजद्रोह नहीं है।

नक्सलियों ने उड़ीसा में एक पंचायत कार्यालय पर हमला किया

नक्सलियों ने आज सुबह जिले में एक पंचायत कार्यालय पर हमला बोल दिया। हमले के कारण पंचायत कार्यालय की इमारत समेत नजदीक के एक गोदाम को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

पुलिस ने बताया कि लगभग 40 सशस्त्र नक्सली पड़िया इलाके के नीलीगुडा गांव में घुस गए और पंचायत कार्यालय के काफी हिस्से को नष्ट कर दिया।

उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने इसी परिसर में स्थित एक गोदाम को भी भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद सभी नक्सली नजदीकी जंगलों में घुस गए।

नक्सली इस दौरान सरकार और सुरक्षा बल विरोधी नारे भी लगा रहे थे।

राहुल गाँधी का बिहार के बारे में आंकलन गलत - जदयू

सत्तारुढ़ जदयू ने राजग के कार्यकाल के दौरान बिहार में विकास के अभाव के बारे में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की कथित धारणा को खारिज करते हुए आज कहा कि देश में जहां विकास दर 7.2 फीसदी रही वहीं सहयोग नहीं मिलने के बावजूद सूबे ने 11 फीसदी की दर से प्रगति की।

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भीम सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल का आकलन आम लोगों की सोच के विपरीत है जबकि राजग के विरोधियों सहित विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार ने बीते पांच वष्रो में बहुत प्रगति की है। ’’

बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के युवा नेता द्वारा विकास के संबंध में किये जा रहे भाषण का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्रों अमेठी तथा रायबरेली की तुलना में बिहार ने कहीं अधिक विकास किया है।

स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह का प्रसार करने की छूट नहीं दी जा सकती : भाजपा

कश्मीर कीआज़ादीके विषय पर कल राष्ट्रीय राजधानी में हुई विचार गोष्ठी की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा ने आज कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी हरकतें अस्वीकार्य हैं और केन्द्र आंख मूंदने की बजाय दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा, ‘‘सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में कल अलगाववादी समूहों का एकत्र होकर देशद्रोह का प्रसार करने से राष्ट्र सकते में है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश से अलग होने के अधिकार को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा संविधान में दिए भाषण की स्वतंत्रता के अधिकार को देश के खिलाफ प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

ऐसा करने वालो के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह देशद्रोह का प्रसार करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करके उन्हें दंडित करे।

यहां कल ‘‘आज़ादी--एकमात्र रास्ता’’ विषय पर आयोजित गोष्ठी में अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी सहित कई अलगाववादियों के अलावा नक्सलवाद और खालिस्तान के समर्थक मौजूद थे।

ग्रामीणों के अमीर होने से बड़ी मंहगाई - मोंटेक सिंह अहलूवालिया

बढ़ती महंगाई का ठीकरा कई बार राज्य सरकारों के सिर फोड़ चुकी केंद्र सरकार ने इसके लिए नयाअपराधीढूंढ निकाला है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की मानें तो गांवों में बढ़ रही समृद्घि ही महंगाई के लिए जिम्मेदार है।

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय और जीवनस्तर बढ़ने से खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ी है और यही वजह है कि खाद्य पदार्थो की महंगाई दर लगातार ऊंची बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘यदि ग्रामीण आय बढ़ेगी, तो ज्यादा लोग सब्जियां और फल खरीदेंगे और उनकी कीमतें ऊपर चढ़ेंगी।

खाद्यान्न की वजह से महंगाई नहीं बढ़ी है, खाद्यान्न की कीमतें फिलहाल नरमी में हैं, महंगाई का दबाव दूध, फल और सब्जियों की वजह से बना है। अहलूवालिया ने कहा कि जब कुल महंगाई दर कम हो और सब्जियों की कीमत अधिक हो तो ऐसी स्थिति में किसी को ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए।

हालांकि, अहलूवालिया ने विश्वास जताया कि नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर जल्द ही एकल अंक में आ जाएगी, लेकिन उन्होंने इसकी समयसीमा के बारे में बताने से इंकार कर दिया। कुछ अर्थशास्त्रियों का भी मानना है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दिसंबर के अंत तक एकल अंक में होगी।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी के मुताबिक, आपूर्ति संबंधी बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त हो रही हैं और यह खाद्य वस्तुओं की महंगाई कम करने में मदद करेगा।

चाटुकारों ने राहुल गाँधी की तुलना जयप्रकाश नारायण जी से की

बिहार चुनाव में कांग्रेस ने चाटुकारिता की हद्द करते हुए दिवंगत समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण से राहुल गांधी की तुलना करते ुए कहा कि पार्टी महासचिव का ध्यान युवाओं की जरूरतों, उनकी चिंताओं और उनके भविष्य पर है।

कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा, ' बिहार में कांग्रेस की अंदरूनी लहर चल रही है। जयप्रकाश नारायण के बाद राहुल गांधी ही युवाओं की चिंताओं, जरूरतों और भविष्य के बारे में सोचते हैं। '

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ही ऐसे नेता थे जिन्हें बच्चों से प्यार है। इसी तरह जयप्रकाश नारायण के बाद राहुल ही ऐसे नेता हैं जो युवाओं से लगाव रखते हैं।

सवाल पूछने पर मोहन ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह जयप्रकाश नारायण और राहुल में तुलना नहीं कर रहे हैं। जेपी आपातकाल के विरोध का प्रतीक थे।

मोहन ने कहा कि राहुल ने देशभर के विश्वविद्यालयों में जाकर वहां के छात्रों को संबोधित किया। अन्य किसी भी नेता ने ऐसा नहीं किया।

बिहार में बीजेपी और जेडी(यू) तथा आरजेडी और एलजेपी के बीच गठबंधन को ' अस्वाभाविक और अस्थायी ' बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग कांग्रेस के विकास कार्यों को देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में लालू प्रसाद का आरजेडी ' आखिरी पारी ' खेल रहा है

लोक जनशक्ति पार्टी के समर्थक मतदाताओ को पैसे बांटते गिरफ्तार

मधुबनी में पुलिस ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 4 समर्थकों को पैसे बांटते गिरफ्तार किया है। ये सभी बेनीपट्टी से लोजपा प्रत्याशी सज्ज़न सिंह को वोट देने के लिए मतदाताओं में पैसे बांट रहे थे। पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है। इनसे पूछताछ की जा रही है।

साथ ही सज्ज़न सिंह समेत इन समर्थकों पर भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया है। जिले के लौकहा विधानसभा के बूथ संख्या 208 के बाहर आज अज्ञात अपराधियों ने देशी बम विस्फोट किया है। इस घटना से मतदाताओं में दहशत फ़ैल गई है।

हालांकि, इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में जुट गई है। आशंका जताई जा रही है कि यह विस्फोट मतदाताओं को डराने के लिए किया गया था। घटना के बाद मतदान कुछ देर के लिए बाधित हो गया था। हालांकि, बाद में दुबारा मतदान शुरू हो गया था.

प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए नेपाल और पश्चिम बंगाल से लगी राज्य की सीमाएं सील कर दी गई हैं। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। राज्य की 243 सीटों पर छह चरणों में चुनाव हो रहे हैं। अंतिम चरण में 20 नवंबर को मतदान के बाद 24 नवंबर को मतगणना होगी।

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कुमार अंशुमाली ने बताया कि अधिकतर केंद्रों पर केंद्रीय बल तैनात किए गए हैं। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि वह जीत को लेकर आश्वस्त हैं। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर बिहार चुनाव में जीत हासिल करेगी।

देशद्रोही सैयद अली शाह गिलानी पर दिल्ली में जूता पड़ा

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौजूदगी से दिल्ली में एक कार्यक्रम में अच्छा-खासा बवाल हो गया। कुछ कश्मीरी पंडितों ने वहां जमा होकर नारेबाजी करते हुए गिलानी को वहां से बाहर निकालने की मांग की। भीड़ में से किसी ने गिलानी की तरफ जूता भी उछाला।

दिल्ली के एलटीजी ऑडिटोरियम में 'आजादी- एक मात्र रास्ता ' पर सेमिनार का आयोजन किया गया था। इसमें कई कट्टरपंथी और कश्मीर को भारत से अलग करने के विचार का समर्थन करने वाले कई जाने-माने लोग भाग ले रहे थे। जैसे ही गिलानी बोलने के लिए खड़े हुए करीब 70-75 कश्मीरी पंडित वहां जमा होकर 'भारत माता की जय ' और ' वंदे मातरम् ' के नारे लगाने लगे। वे लोग गिलानी को वहां से हटाने की मांग कर रहे थे।

इस समूह में फेसबुक पर सक्रिय कुछ राष्ट्रवादी देशभक्तों, लोवी भरद्वाज , अमित आर्य , देवेंदर शर्मा , अग्रवाल जी आदि भी थे, जिन्हें इस हंगामे के कारण गिरफ्तार भी कर लिया गया था और देश शाम उनकी रिहाई हुई.

इसी शोर-शराबे में किसी ने मंच पर बैठे गिलानी की तरफ जूता उछाल दिया लेकिन जूता उन्हें नहीं लगा। इसके तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों और आयोजकों ने मंच पर बैठे नेताओं की हिफाजत के लिए मंच को घेर लिया। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाला।

विरोध प्रदर्शन के वक्त इस मुद्दे पर एसएआर गिलानी बोल रहे थे जिन्हें पहले संसद पर हमले का आरोपी बनाया गया था और बाद में छोड़ दिया गया था

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जीवित है और सेना लेकर भारत की और बढ़ रहें हैं

अखिल भारतीय भारत दल के संस्थापक योगीराज स्वामी गौरीशंकर अवधूत (124) का दावा है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस (113) आज भी जीवित हैं। देश के बड़े राजनीतिज्ञ और मुख्य पदों पर आसीन गणमान्य लोग कई बार नेताजी से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि नेतीजी के लिए जन जागरण अभियान शुरू कर रखा है।

अभियान के तहत बुधवार को अखिल भारतीय भारत दल द्वारा शहर में विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी और उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा। जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर शोभायात्रा गुड़मंडी, सलारजंग गेट, स्काइलार्क रोड से होती हुई जीटी रोड पर जाएगी।

इसके बाद बस स्टैंड, लालबत्ती चौक से होकर उपायुक्त कार्यालय पर पहुंचेगी। उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने के बाद मॉडल टाउन, शिवाजी स्टेडियम, आठ मरला, जाटल रोड से होकर वापस जगन्नाथ मंदिर में पहुंचेगी। 21 अक्टूबर को शिवाजी स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित कर सभा में मौजूद लोगों को नेताजी के विषय में बताया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि नेताजी देश को मिली आजादी से संतुष्ट नहीं है, बल्कि इसे देशवासियों के लिए कमजोरी मानते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार मैं खुद भी नेताजी से मिल चुका हूं और देश के बड़े-बड़े नेता आजाद हिंद फौज के निर्माता से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि नेताजी 1941 में काबुल सहित कई देशों में देखे गए। 1955 में रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति और 1958 में देश की एक अन्य उपलब्धि भी नेताजी से मिलकर आई थी।

पंजाब के आतंकवाद को खत्म करने का रास्ता भी नेताजी द्वारा ही बताया गया था। 28 मई 1964 को नेहरू के पार्थिव शरीर के पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस साधु के वेश में भारत पहुंचे थे। नेताजी को नोनिहाल फिल्म में साफ तरह से देखा जा सकता है। 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति इरान में मिलकर आए थे।

20 अप्रैल 2006 में भारत में भी आए थे। उन्होंने दावा किया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस इस समय जापान सीमा पर हैं। भूटान, नागालैंड, चीन की संयुक्त सेना लेकर देश की तरफ बढ़ रहे हैं।

ओबामा को हरमंदिर साहिब की यात्रा न टालने के लिए फेसबुक पर अपील

भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वर्ण मंदिर नही जाने की खबरों से दुखी एक सिख समूह ने अपने समुदाय के सदस्यों से ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से अभियान चलाने को कहा है ताकि व्हाइट हाउस पर ओबामा के सिखों के सबसे पवित्र स्थल की यात्रा करने लिए दबाव बनाया जा सके

यूनाइटेड सिख नामक समूह ने ओबामा से स्वर्ण मंदिर की अपनी यात्रा रद्द नहीं करने की अपील की है । एक वक्तव्य में समूह ने कहा, ‘‘ नवंबर में होने वाली राष्ट्रपति की भारत यात्रा को लेकर खासतौर पर सिख समुदाय बेहद उत्साहित है ।’’ वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘व्हाइट हाउस के ट्विटर और फेसबुक एकाउंट पर जाइए ताकि राष्ट्रपति को हरमंदर साहिब की यात्रा के महत्व का पता चल सके ।’’

यूनाइटेड सिख ने कनाडाई प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर और ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के स्वर्ण मंदिर की यात्रा की तस्वीरें भी जारी की है ।

देगंगा के हिन्दू विरोधी दंगों का सच और मीडिया की नपुन्सिकता

विगत 5 सितम्बर की शाम से पश्चिम बंगाल के उत्तरी चौबीस परगना जिले के अल्पसंख्यक हिन्दू परिवार भय, असुरक्षा और आतंक के साये में रह रहे हैं। ये अल्पसंख्यक हिन्दू परिवार पिछले कुछ वर्षों से इस प्रकार की स्थिति लगातार झेल रहे हैं, लेकिन इस बार की स्थिति अत्यंत गम्भीर है। सन् 2001 की जनगणना के मुताबिक देगंगा ब्लॉक में मुस्लिम जनसंख्या 69% थी (जो अब पता नहीं कितनी बढ़ चुकी होगी)

(चित्र : खाली पड़ी सरकारी भूमि जहाँ से विवाद शुरु किया गया)

पश्चिम बंगाल का यह इलाका, बांग्लादेश से बहुत पास पड़ता है। यहाँ जितने हिन्दू परिवार बसे हैं उनमें से अधिकतर या तो बहुत पुराने रहवासी हैं या बांग्लादेश में मुस्लिमों द्वारा किये गये अत्याचार से भागकर यहाँ आ बसे हैं। उत्तरी 24 परगना से वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस से हाजी नूर-उल-इस्लाम सांसद है, और तृणमूल कांग्रेस से ही ज्योतिप्रिया मलिक विधायक है। 24 परगना जिले में भारत विभाजन के समय से ही विस्थापित हिन्दुओं को बसाया गया था,

लेकिन पिछले 60-65 साल में इस जिले के 8 ब्लॉक में मुस्लिम जनसंख्या 75% से ऊपर, जबकि अन्य में लगभग 40 से 60 प्रतिशत हो चुकी है, जिसमें से अधिकतर बांग्लादेशी हैं और तृणमूल और माकपा के वोटबैंक हैं।

5 तारीख (सितम्बर) को देगंगा के काली मन्दिर के पास खुली ज़मीन, जिस पर दुर्गा पूजा का पंडाल विगत 40 वर्ष से लग रहा है, को लेकर जेहादियों ने आपत्ति उठाना शुरु किया और उस ज़मीन की खुदाई करके एक नहर निकालने की बात करने लगे ताकि पूजा पाण्डाल और गाँव का सम्पर्क टूट जाये जिससे उस ज़मीन पर अवैध कब्जे में आसानी हो, उस वक्त स्थानीय पुलिस ने उस समूह को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। 6 सितम्बर की शाम को इफ़्तार के बाद अचानक एक उग्र भीड़ ने मन्दिर और आसपास की दुकानों पर हमला बोल दिया

माँ काली की प्रतिमा तोड़ दी गई, कई दुकानों को चुन-चुनकर लूटा गया और धारदार हथियारों से लोगों पर हमला किया गया। चार बसें जलाई गईं और बेराछापा से लेकर कदमगाछी तक की सड़क ब्लॉक कर दी गई। भीड़ बढ़ती ही गई और उसने कार्तिकपुर के शनि मन्दिर और देगंगा की विप्लबी कालोनी के मन्दिरों में भारी तोड़फ़ोड़ की।

देगंगा पुलिस थाने के मुख्य प्रभारी अरुप घोष इस हमले में बुरी तरह घायल हुए और उनके सिर पर चोट तथा हाथों में फ़्रेक्चर हुआ है (चित्र – जलाये गये मकान और हिन्दू संतों की तस्वीरें)। जमकर हुए बेकाबू दंगे में 6 सितम्बर को 25 लोग घायल हुए। 7 सितम्बर को भी जब हालात काबू में नहीं आये तब रैपिड एक्शन फ़ोर्स और सेना के जवानों को लगाना पड़ा, उसमें भी तृणमू कांग्रेस की नेता रत्ना चौधरी ने पुलिस पर दबाव बनाया कि वह मुस्लिम दंगाईयों पर कोई कठोर कार्रवाई न करे, क्योंकि रमज़ान का महीना चल रहा है, जबकि सांसद हाजी नूर-उल-इस्लाम भीड़ को नियंत्रित करने की बजाय उसे उकसाने में लगा रहा।

बेलियाघाट के बाज़ार में RAF के 6-7 जवानों को दंगाईयों की भीड़ ने एक दुकान में घेर लिया और बाहर से शटर गिराकर पेट्रोल से आग लगाने की कोशिश की, हालांकि अन्य जवानों के वहाँ आने से उनकी जान बच गई (चित्र – सांसद नूरुल इस्लाम)। 7 सितम्बर की शाम तक दंगाई बेलगाम तरीके से लूटपाट, छेड़छाड़ और हमले करते रहे, कुल मिलाकर 245 दुकानें लूटी गईं और 120 से अधिक व्यक्ति घायल हुए। प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर माना कि 65 हिन्दू परिवार पूरी तरह बरबाद हो चुके हैं और उन्हें उचित मुआवज़ा दिया जायेगा।

जैसी कि आशंका पहले ही जताई जा रही थी कि बंगाल के आगामी चुनावों को देखते हुए माकपा और तृणमूल कांग्रेस में मुस्लिम वोट बैंक हथियाने की होड़ और तेज़ होगी, और ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी होना तय है। घटना के तीन दिन बाद तक भाजपा के एक प्रतिनिधिमण्डल को छोड़कर अन्य किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता या नेता ने वहाँ जाना उचित नहीं समझा, क्योंकि सभी को अपने वोटबैंक की चिंता थी।

राष्ट्रीय मीडिया की ऐसी ही “घृणित और नपुंसक चुप्पी” हमने बरेली के दंगों के समय भी देखी थी, जहाँ लगातार 15 दिनों तक भीषण दंगे चले थे और हेलीकॉप्टर से सुरक्षा बलों को उतारना पड़ा था। उस वक्त भी “तथाकथित राष्ट्रीय अखबारों” और “फ़र्जी सबसे तेज़” चैनलों ने पूरी खबर को ब्लैक आउट कर दिया था…। यहाँ सेना के फ़्लैग मार्च और RAF की त्वरित कार्रवाई के बावजूद आज एक सप्ताह बाद भी मीडिया ने इस खबर को पूरी तरह से दबा रखा है। 24 सितम्बर को आने वाले अयोध्या के निर्णय की वजह से मीडिया को अपना “सेकुलर” रोल निभाने के कितने करोड़ रुपये मिले हैं यह तो पता नहीं, अलबत्ता “आज तक” ने संतों के स्टिंग ऑपरेशन को “हे राम” नाम का शीर्षक देकर अपने “विदेश में बैठे असली मालिकों” को खुश करने की भरपूर कोशिश की है।

ऐसी ही एक और भद्दी लेकिन “सेकुलर” कोशिश ममता बैनर्जी ने भी की है जब उन्होंने हिज़ाब में नमाज़ पढ़ते हुए अपनी फ़ोटो, रेल्वे की एक परियोजना के उदघाटन समारोह के विज्ञापन हमारे टैक्स के पैसों पर छपवाई है और पश्चिम बंगाल के मुसलमानों से अघोषित वादा किया है कि “यह रेल तुम्हारी है, रेल सम्पत्ति तुम्हारी है, मैं नमाज़ पढ़ रही हूं, मुझे ही वोट देना, माकपा को नहीं…”। फ़िर बेचारी अकेली ममता को ही दोष क्यों देना, जब वामपंथी बरसों से केरल और बंगाल में यही गंदा खेल जारी रखे हुए हैं और मनमोहन सिंह खुद कह चुके हैं कि “देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिमों का है…”, तब भला 24 परगना स्थित देगंगा ब्लॉक के गरीब हिन्दुओं की सुनवाई कौन और कैसे करेगा? उन्हें तो मरना और पिटना ही है…।

जिस प्रकार सोनिया अम्मा कह चुकी हैं कि भोपाल गैस काण्ड और एण्डरसन पर चर्चा न करें (क्योंकि उससे राजीव गाँधी का निकम्मापन उजागर होता है), तथा गुजरात के दंगों को अवश्य याद रखिए (क्योंकि भारत के इतिहास में अब तक सिर्फ़ एक ही दंगा हुआ है)…

ठीक इसी प्रकार मनमोहन सिंह, दिग्विजय सिंह, ममता बनर्जी, वामपंथी सब मिलकर आपसे कह रहे हैं कि, बाकी सब भूल जाईये, आपको सिर्फ़ यह याद रखना है कि हिन्दुओं को एकजुट करने की कोशिश को ही “साम्प्रदायिकता” कहते है…

सुरेश चिपलूनकर (प्रखर राष्ट्रवादी लेखक और चिन्तक)

अन्ना हजारे राष्ट्रपति को पद्म विभूषण पुरस्कार लौटायेंगे।

जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार की गैर सामाजिक नीतियों के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

हजारे ने उन्हें प्रदान किये गए पद्म विभूषण पुरस्कार को वापस लौटने की बात कही है।

हजारे ने कहा कि वह 11 नवंबर को वे राष्ट्रपति को पद्म विभूषण पुरस्कार लौटायेंगे। उन्होंने पुणे जिले के अलांदी देवाची में एक दिसंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की भी धमकी दी है।

योजनाओं के नामाकरण में राष्ट्रीय नेताओं का उपयोग नहीं करने के निर्देश के बाबजूत एक नई योजना इंदिरा गांधी के नाम पर

कैबिनेट सचिव की ओर से नयी योजनाओं के नामाकरण में राष्ट्रीय नेताओं का लगातार उपयोग नहीं करने के निर्देश के दस दिन बाद ही सरकार ने आज इंदिरा गांधी के नाम पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए नयी योजना पेश की

आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति ने नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना लागू करने को मंजूरी दी है।

इस विषय पर कैबिनेट सचिव के निर्देश के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘ संभव है यह नामाकरण कैबिनेट सचिव के सकरुलर से पहले हुआ हो।’’

मुझसे सिर्फ ‘राजनीतिक बदला’ लिया जा रहा है - सुधांशु मित्तल

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधांशु मित्तल ने भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में कथित अनियमितता के लिये उन्हेंराजनीतिक बलि का बकराबनाया गया है

मित्तल ने कहा, ‘‘मुझे केवल राजनीतिक बलि का बकरा बनाया गया है ।’’ उन्होंने अपने परिवार या खुद के भ्रष्टाचार में शामिल होने से इंकार किया । इससे पहले मित्तल के परिसरों पर आयकर विभाग ने छापे मारे थे ।

मित्तल को भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और प्रमोद महाजन का नजदीकी माना जाता है । मित्तल ने कहा कि उनकी कंपनी दिल्ली टेंट एंड डेकोरेटिव ने राष्ट्रमंडल खेलों की एजेंसियों से केवल 29 लाख का बिजनेस किया था ।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की अनियमितताओं की जांच के नाम पर ‘राजनीतिक बदला’ लिया जा रहा है ।

कश्मीर के लिए नियुक्त तीनों वार्ताकार किसी भी सीमा तक जा सकतें हैं - चिदंबरम

गृहमंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए नियुक्त किए गए तीनों वार्ताकारों को राजनीतिक हल के लिए राह ढूंढ़ने का जिम्मा सौंपा गया है और समिति के समक्ष कोई सीमा रेखा नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि कोई सीमा रेखा नहीं है। उनका मुख्य कार्य एक राजनीतिक हल के लिए राह ढूंढ़ना है। बाकी सभी राजनीतिक हल में सहायक हैं।

जाने माने पत्रकार दिलीप पडगांवकर, प्रख्यात विद्धान राधा कुमार और केंद्रीय सूचना आयुक्त एमएम अंसारी को 13 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त किया गया था। इनकी कल चिदंबरम के साथ बैठक हुई थी। चिदंबरम ने कहा कि एक राजनीतिक समस्या है और हमें एक राजनीतिक हल प्राप्त करना है। चिंदबरम ने कहा कि वार्ताकारों का कार्य राज्य में व्यापक रूप से परामर्श करना, समाज के विभिन्न तबके के बहुत सारे लोगों से मुलाकात करना है।

उन्हें खासतौर पर राजनीतिक दलों से, नेताओं, राजनीतिक संगठनों, विश्वविद्यालय शिक्षक, छात्र और गैर सरकारी संगठनों से बात करनी है। गृहमंत्री ने कहा कि यह लोग जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का राजनीतिक हल प्राप्त करने के लिए विचार के हर पहलू को जुटाएंगे।

बहरहाल, चिदंबरम ने चौथे वार्ताकार की नियुक्ति का विकल्प खुला रखा है। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा तीन सदस्यीय दल में किसी चौथे सदस्य को शामिल किए जाने की संभावना है, उन्होंने कहा कि हम ऐसा कर सकते हैं।

देश में कहीं से भी चुनाव जीत जाऊंगा - प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और उनकी बेटी प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि वे राजनीति में आएंगे या नहीं यह तो नहीं जानते पर उन्हें भरोसा है कि वे देश में कहीं से भी चुनाव लड़े तो जीत जाएंगे।

एक निजी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कर में वाड्रा ने कहा कि वे राजनीति में तभी शामिल हो सकते हैं जब उन्हें लगे कि वे कुछ हटके कर सकते है। उन्होंने कहा कि जब मेरे बच्चे बड़े हो जाएंगे तब मुझे राजनीति में आने में कोई दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा कि हर चीज का समय होता है। इस समय वे मेरे बच्चे और कारोबार में बिजी हूं। वाड्रा ने स्वीकार किया कि उन में 2009 में सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने का भारी दबाव था लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।

मैं क्षत्रिय हूँ और भगवान राम मेरे पूर्वज थे - अमर सिंह

समाजवादी पार्टी से निष्कासित नेता और लोकमंच के संस्थापक अमर सिंह ने आज यहां कहा कि अंतत: उन्हें 14 साल तक की गयी अपनी गलतियों का अहसास हो गया है और अब वह इसका प्रायश्चित करना चाहते हैं

अयोध्या मामले में उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पहली बार यहां आये सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘‘14 वर्षों तक सिद्धांतो और मूल्यों की धज्जियां उड़ायी जाती रही..तब मै मुलायम सिंह यादव के बगल में बैठकर सब कुछ चुपचाप बर्दाश्त करता रहा.. मैं भी गलतियां की और अब अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित कर रहा हूं। ’’ सिंह ने कहा कि वह क्षत्रिय हैं और भगवान राम उनके पूर्वज थे।

उन्होंने कहा ‘‘वह राम हम सब के लिए आस्था का केन्द्र है। ’’ सिंह ने तोताश्री मठ में एक धार्मिक अनुष्ठान भी किया और आज उनकी अयोध्या के विवादित स्थल पर स्वामित्व के मुकदमें में सबसे पुराने पक्षकार एवं आपसी बातचीत द्वारा समझौते के पक्षधर हाशिम अंसारी से मुलाकात करने की योजना है ।

कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के एक विधायक ने त्यागपत्र दिया

कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक ने विधानसभा से आज त्यागपत्र दे दिया जिस पर पार्टी के शीर्ष नेता सत्ताधारी भाजपा पर विधायक को अपने पक्ष में करने आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री बी एस येद्दयुरप्पा के आवास के सामने धरने पर बैठ गए।


पुलिस
ने हालांकि ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सिद्धरमैयाह और प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष आर वी देशपांडेय सहित कुछ विधायकों सहित पार्टी के 70 नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर यह धरना समाप्त करा दिया।

कांग्रेसी नेता एक पांच सितारा होटल में बैठक कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें पार्टी विधायक एस वी रामचंद्र के त्यागपत्र की सूचना मिली। सूचना मिलते ही नेताओं ने बैइक समाप्त करके मुख्यमंत्री के आवास के बाहर पहुंचे और धरना शुरू कर दिया।

बेंगलुरु से विधायक रामचंद्र ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया को सौंपा। हालांकि जब विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने कांग्रेस के स्पष्टीकरण के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया तब सिद्धरमैया और देशपांडेय के नेतृत्व में नेताओं ने धरना शुरू कर दिया।

कांग्रेसियों ने अपने ही नेता और केंद्रीय मंत्री का मुंह काला किया

कांग्रेस भवन में मंगलवार को केंद्रीय संसदीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रभारी वी. नारायण सामी पर पार्टी के ही नाराज कार्यकर्ताओं ने कालिख पोत दी।

सामी प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधियों की बैठक लेने आए हुए थे। कांग्रेस भवन में इस तरह की पहली घटना है। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर उनपर अपमान व बलवे का जुर्म दर्ज किया है।




प्रदेश प्रतिनिधियों की बैठक दिन के 11 बजे होने वाली थी। सामी प्रदेश चुनाव अधिकारी विप्लव ठाकुर और सांसद चरणदास महंत के साथ कांग्रेस भवन पहुंचे। अगवानी के लिए शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदरचंद धाड़ीवाल

बाहर खड़े थे। सामी के पहुंचने पर वहां मौजूद पार्टी के करीब दो दर्जन युवा कार्यकर्ता सोनिया और राहुल गांधी के नारे लगाने लगे। इसी बीच एक कार्यकर्ता ने शीशी में भरी काली स्याही सामी पर फेंक दी।


घटना के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री के समर्थक नेता की ओर शक जताया जा रहा है। सामी के खिलाफ उस नेता ने पहले भी पर्चे बंटवाए हैं। कांग्रेस के ही कई नेता उस ओर इशारा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस ने संदिग्ध नेताओं की कॉल डिटेल निकालने का काम शुरू कर दिया है। घटना केंद्रीय मंत्री के साथ हुई है। पुलिस को तह तक जाकर आरोपियों का पता लगाना चाहिए।

रजद के मुहम्मद शाहबुद्दीन की जमानत याचिका खारिज

सुप्रीमकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मुहम्मद शाहबुद्दीन की जमानत याचिका खारिज कर दी। सन 2004 में हुए एक अपहरण मामले में जेल में बंद पूर्व सांसद ने सुप्रीमकोर्ट में जमानत के लिए याचिका पेश की थी।

जस्टिस एचएस बेदी और जस्टिस सीके प्रसाद की पीठ ने इस सिलसिले में शाहबुद्दीन को कोई रियायत देने से इंकार कर दिया। पीठ ने कहा कि सिवान के पूर्व सांसद पर हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसी जघन्य वारदातों के दर्जनों मुकदमे चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें जमानत देना उचित नहीं होगा।

याचिका खारिज करते हुए पीठ ने यह भी कहा कि हम टेलीविजन भी देखते हैं और समाचार पत्र भी पढ़ते हैं। हम मामलों के अच्छे जानकार हैं।

भारतीय दर्शक अशिष्ट हैं - जीशान अशरफ, पाकिस्तान हाकी महासंघ

पाकिस्तान हाकी महासंघ और राष्ट्रीय कप्तान जीशान अशरफ का मानना है कि राष्ट्रमंडल खेलों में टीम के खराब प्रदर्शन का एक कारण दिल्ली में दर्शकों का बर्ताव भी रहा जो मुंबई आतंकी हमले के बादअशिष्टहो गए हैं

पीएचएफ सचिव आसिफ बाजवा ने कहा कि टीम ने उन्हें यही बताया कि 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद से उन्हें भारतीय दर्शकों से अधिक अपमान और अशिष्टता झेलना पड़ रहा है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ अब खिलाड़ियों के लिये भारत में खेलना अधिक मुश्किल हो गया है । दर्शकों से मिल रहे बर्ताव के कारण उन पर अधिक दबाव बनता है ।’’ फरवरी मार्च में दिल्ली में हुए विश्व कप में बारहवें स्थान पर रही पाकिस्तान टीम के मैनेजर बाजवा ही थे । उन्हें टीम के खराब प्रदर्शन के बाद पद से हटा दिया गया था ।

राष्ट्रमंडल खेलों में पाकिस्तान छठे स्थान पर रहा ।

बाजवा ने कहा कि खिलाड़ियों ने उन्हें बताया कि दर्शकों के बर्ताव के कारण उन पर काफी दबाव बना । उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे लिये यह निराशाजनक है । मैं बहाने नहीं बना रहा लेकिन हमारे खिलाड़ियों पर अब अधिक दबाव होता है ।"

सपा नेता चौधरी हरिमोहन सिंह ने जन्मदिन पर तिरंगा बना केक काटा

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता के जन्मदिन कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से तिरंगे के अपमान की घटना के संबंध में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

आरोप है कि कानपुर के मर्चेट चैम्बर हाल में सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी एवं पार्टी के स्थानीय नेता चौधरी हरिमोहन सिंह के 91वें जन्मदिन के मौके पर सोमवार को तिरंगा बना केक (केक पर तिरंगे के तीनों रंग और अशोक चक्रबनी आकृति) काटा गया और इस दौरान सपा के वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विपक्ष शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद थे।

स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा मामला प्रकाश में लाए जाने के बाद ग्वालटोली थाने में देर रात मुकदमा दर्ज किया गया। ग्वालटोली थाना-प्रभारी हरिराम वर्मा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया समाचार चैनलों के फुटेज में केक पर तिरंगे के तीनों रंग और अशोक चक्र बनी आकृति प्रतीत हो रही है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के निर्देश पर सोमवार देर रात अज्ञात लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा-2 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वर्मा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अलगाववादी नेता मसरत आलम गिरफ़्तार, घाटी में फिर कर्फ़्यू

कश्मीर में पुलिस ने एक अलगाववादी नेता मसरत आलम को गिरफ़्तार कर लिया है.उनकी गिरफ़्तारी के बाद मंगलवार को कश्मीर घाटी के अधिकांश इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है.मसरत आलम को सोमवार रात को श्रीनगर के बाहरी इलाक़े तलबल से गिरफ़्तार किया गया.

पुलिस महानिदेशक एसएम सहाय ने कहा,''जी हाँ, हमने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया है.''

आलम जून में भारत सरकार के ख़िलाफ़ 'कश्मीर छोड़ो' आंदोलन छेड़े जाने के बाद से भूमिगत था. हालांकि सैयद अली शाह गीलानी ने अगस्त में अपनी रिहाई के बाद इस आंदोलन की कमान संभाल ली थी. आलम को पृथकतावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का क़रीबी और उन्हें कश्मीर घाटी के प्रदर्शनों के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि कश्मीर छोड़ो आंदोलन के बाद कश्मीर घाटी में बंद और प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था.इस आंदोलन के कारण पिछले चार महीनों में जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है.इस दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस फ़ायरिंग में सौ से अधिक लोग मारे गए हैं

काशी विश्वनाथ मंदिर से त्रिशूल का फलक चोरी

कड़े सुरक्षा घेरे में मौजूद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित अविमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित चांदी के त्रिशूल का फलक चोरी चला गया यह चोरी कब हुई या किसने की मंदिर प्रशासन या सुरक्षा तंत्र कुछ भी बता पाने में असमर्थ है

फिलहाल मंडलायुक्त अजय कुमार उपाध्याय के निर्देश पर विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी : एडीएम.प्रोटोकाल संजय यादव ने चौक थाने में अज्ञात लोगों के ख्लिाफ रिपोर्ट लिखा दी है । इस बीच मंदिर प्रशासन के पास उपलब्ध अतिरिक्त फलक भी लगा दिया गया है ।

कमिश्नर ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी से भी मामले की मजिस्ट्रेटी जांच करा दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है । जिलाधिकारी रविन्द्र ने कहा कि संजय यादव की देखरेख में घटना की मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी ।

दूसरी तरफ पुलिस उप महानिरीक्षक डी. के. ठाकुर ने कहा कि यह चोरी की घटना नहीं बल्कि इसमें मंदिर स्टाफ की संलिप्तता प्रतीत होती है । कुछ दर्शनार्थियों ने दोपहर में देखा की गर्भगृह के उत्तर स्थित अविमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित त्रिशूल की डंडी तो मौजूद है लेकिन फलक गायब है । इसकी सूचना तत्काल मंदिर प्रशासन से होती हुई जिला प्रशासन तक पहुंची और अफरा.तफरी मच गयी ।

गोधरा कांड में फंसाए गए दो भाजपा विधायको को जमानत

गुजरात उच्च न्यायालय ने गोधरा कांड के बाद हुए दंगे के मामले में गिरफ्तार भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गोसा और स्थानीय निकाय के सदस्य को आज जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति आर एच शुक्ला ने मामले की सुनवाई करते हुए गोसा और दाह्याभाई पटेल को जमानत दे दी। पटेल को गत अगस्त में उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था जब कुछ गवाहों ने मेहसाणा के विसनगर के दीप्दा दरवाजा क्षेत्र में दंगा भड़काने के आरोप लगाये। वर्ष 2002 में हुए इस दंगे के दौरान 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।

गोसा और पटेल के वकील योगेश लखानी ने कहा था कि गवाहों ने उनके मुवक्किल का नाम इस मामले की सुनवाई के दौरान इस वर्ष के शुरू में लिया था। लखानी ने कहा, ‘‘वर्ष 2002 के बाद से गवाहों के बयान चार बार दर्ज किये गए लेकिन उस दौरान उन्होंने गोसा और पटेल का नाम नहीं लिया।’

सीबीआई मेरे खिलाफ मीडिया में झूठी कहानियां बना रही है - अमित शाह

गुजरात के सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी राज्य के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह ने आज विशेष अदालत में याचिका दायर करके आरोप लगाया कि सीबीआई उनके खिलाफ मीडिया में झूठी कहानियां बना रही है ताकि उनकी जमानत को किसी प्रकार रोका जा सके।

विशेष अदालत ने शाह द्वारा यह या़िचका दायर करने के बाद सीबीआई को आज नोटिस जारी किया। शाह की ओर से यह याचिका सीबीआई की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए आई रावल की अदालत में दायर की गयी। अदालत ने इस पर जांच एजेंसी को एक नोटिस जारी करते हुए इसका जवाब 27 अक्तूबर तक देने को कहा।

शाह ने अपने दो पन्ने की याचिका में सात अगस्त को एक स्थानीय दैनिक में प्रकाशित समाचार का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि सीबीआई ने शहर में निकाय चुनावों से पहले उन्हें और उनके पुत्र को साबरमती जेल स्थित जेल अधीक्षक के कार्यालय में कुछ राजनीतिज्ञों के साथ बैठक करते हुए पकड़ा था।

शाह ने आरोप लगाया कि सीबीआई उनके चरित्र को खराब करने के लिए इस तरह की गलत खबरें मीडिया में प्रकाशित करा रही है ताकि गवाह प्रभावित हों और उन्हें जमानत मिलने की संभावनाएं समाप्त हो जाएं।

देश में भ्रष्टाचार की जड़ है कांग्रेस पार्टी - लालू यादव

बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बोलते हुए कांग्रेस पार्टी की खूब खिंचाई की।

एक खास बातचीत के दौरान लालू ने कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि राहुल अभी पूरे हिंदुस्तान को नहीं जानते हैं।

बातचीत के दौरान लालू ने कहा कि उनके सामने कांग्रेस पार्टी का कोई वजूद नहीं है। लालू के मुताबिक कांग्रेस पार्टी की मुश्किल घड़ी में हमने उसका साथ दिया था।

“जब सोनिया गांधी पर विदेशी होने का आरोप लग रहा था, तब मैंने कहा कि कौन कहता है कि सोनिया गांधी विदेशी हैं। वे तो भारत की बहू हैं और उन्हें ही हम भारत की प्रधानमंत्री बनाएंगे। उस दौरान कोई भी कांग्रेसी ने सोनिया गांधी का साथ नहीं दिया।”

लालू के मुताबिक कांग्रेस पार्टी किसी की ‘यार’ नहीं है। देश में भ्रष्टाचार की जड़ है कांग्रेस पार्टी। कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य है लालू को मिटाना, मायावती को मिटाना, रामविलास पासवान को मिटाना।

स्वयं के बारे में पूछने पर लालू ने कहा कि हमारी पार्टी ही देश के लिए एक सही पार्टी साबित हो सकती है और हमारी पार्टी ही एक ओरिजिनल पार्टी है।

लालू के क्रिकेटर पुत्र तेजस्वी के चुनावी मैदान में उतरने की बात को खंडित करते हुए लालू ने कहा कि “अभी उसका बाप बूढ़ा नहीं हुआ है, जो वह चुनावी दंगल में आए। वह अभी रणजी खेलता है और कल भारत के लिए खेलेगा।”

राहुल गांधी के बारे में पूछने पर लालू ने कहा कि “मेरा बेटा राहुल का जवाब नहीं है, राहुल तो बहुत ऊंचे घराने से हैं, लेकिन लालू का बेटा एक आम परिवार से ताल्लुक रखता है। लालू के बेटे ने देश को गहराई से समझा और देखा है, राहुल तो अभी हिंदुस्तान को ही नहीं जानते।”

भ्रष्ट्राचार का ईनाम : कलमाड़ी की टीम को एक्सटेंशन

कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी का कार्यकाल अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है। यह फैसला कॉमनवेल्थ गेम्स पर मंत्रि समूह (जीओएम) की बहुचर्चित बैठक में किया गया। बैठक केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी की अगुवाई में हुई।

बैठक में ऑर्गनाइजिंग कमिटी के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी मौजूद थे। बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए रेड्डी ने कहा कि बैठक में पारित प्रस्ताव में कॉमनवेल्थ गेम्स शानदार ढंग से समाप्त होने पर दिल्लीवासियों और देशवासियों को बधाई दी गई।

उन्होंने बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स ऑर्गनाइजिंग कमिटी को उसके मौजूदा स्वरूप में अगले आदेश तक के लिए एक्सटेंशन दे दिया गया है।

जीओएम की बैठक में सुरेश कलमाड़ी से किसी तरह का जवाब तलब किया गया या नहीं और अगर किया गया तो उनके जवाब से जीओएम किस हद तक संतुष्ट थी, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

कर्नाटक की भाजपा सरकार को राहत के संकेत

कर्नाटक में भाजपा के 11 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ आज एक राय पर नहीं पहुंच सकी और अब 20 अक्तूबर को तीसरे न्यायाधीश इसकी सुनवाई करेंगे।

इसके साथ ही पीठ ने पांच निर्दलीय विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे को एक खंड पीठ को सौंप दिया जो दो नवंबर को इसकी सुनवाई करेगी।

मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने विधानसभाध्यक्ष के जी बोपैया द्वारा 11 भाजपा विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को कायम रखा वहीं पीठ के दूसरे न्यायाधीश एन कुमार ने विधानसभाध्यक्ष के आदेश को दरकिनार कर दिया।

न्यायमूर्ति खेहर ने कहा कि 11 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे की सुनवाई 20 अक्तूबर को तीसरे न्यायाधीश करेंगे।

पांच निर्दलीय विधायकों के मामले में पीठ ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि इसे किसी अन्य पीठ को सौंपा जाना चाहिए। हम इसे किसी अन्य पीठ को सौंपेंगे।

10 जनपथ :सोनिया का आवास: कोई फरिश्तों का निवास नहीं - तरुण विजय

केन्द्र के पैसे का बिहार सरकार द्वारा जनता के कल्याण के लिए इस्तमाल नहीं करने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आरोपों से खफा भाजपा ने आज कहा कि ये दोनो खरात बांटने वाले ‘‘राजा-सम्राट’’ जैसा बर्ताव कर रहे हैं

भाजपा प्रवक्ता तरूण विजय ने कहा कि मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी बिहार में घूम घूम कर ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं मानो वे राजा-सम्राट हैं और बिहार को उसके हिस्से का कोष देकर उन्होंने कोई अहसान किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया और मनमोहन सिंह का बर्ताव ऐसा आभास दे रहा है जैसे भारत में लोकतंत्र नहीं, राजशाही है। जैसे केन्द्र राज्य को खरात दे रहा है। मुगल सलतनत या तुगलकी काल में भी ऐसी बात नहीं सुनी गई थी।’’ राज्यसभा सांसद ने कहा, राज्य सरकारें खून पसीना बहा कर राजस्व एकत्र करके केन्द्र को देती हैं जिसे बाद में राज्यों की जरूरतों के अनुसार केन्द्र उनमें वितरित करता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह और सोनिया के बयानों से आपातकाल जैसे माहौल का आभास होता है जब देश पर तानाशाही थोपी गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी बात करने वालों को यह याद रखना चाहिए कि 10 जनपथ :सोनिया का आवास: कोई फरिश्तों का निवास नहीं है।’’

बिहार भाजपा ने पूर्व विधायक सहित छह सदस्यों को पार्टी से निष्कासित किया

बिहार प्रदेश भाजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए एक पूर्व विधायक सहित छह सदस्यों को आज पार्टी से निष्कासित कर दिया।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता संजय मयूख ने बताया कि पार्टी से निष्कासित किए गए लोगों में पूर्व विधायक सत्यदेव सिंह, सिवान के शंभु प्रसाद, बेतिया के अनिल झा, बगह के कंचन बैठा और सीतामढी के महेंद्र यादव और सुशील चौधरी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इन सभी लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

शिवसेना की युवा ईकाई युवासेना का गठन, बाल ठाकरे ने पोते को बनाया प्रमुख

शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने कल मुंबई में दशहरा रैली में अपने पोते आदित्य को राजनीति में उतारते हुए उसे पार्टी की युवा शाखा का प्रमुख घोषित कर दिया।

रैली के दौरान मंच पर ठाकरे परिवार के तीन पीढी के लोग विराजमान थे। ठाकरे ने आदित्य ठाकरे को तलवार पेश करते हुए युवा सेना के प्रमुख पद को पूरे जोश के साथ संभालने के लिए प्रेरित किया।

83 वर्षीय ठाकरे ने कहा कि वह पार्टी में वंशवाद राजनीति में विश्वास नहीं करते। पहली बार सार्वजनिक जीवन में पेश हो रहे 20 वर्षीय आदित्य सेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र हैं।

उन्होंने यहां शिवाजी पार्क मैदान में आयोजित वाषिर्क दशहरा रैली में कहा, ‘‘मैं कभी उद्धव को शिवसेना में लेकर नहीं आया। उन्हें ‘कृष्णकुंज’ वाले शख्स ने :कृष्णकुंज उनके भतीजे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे का आधिकारिक आवास है: बनाया।

वास्तव में मैंने इसका विरोध किया था लेकिन पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने उद्धव के नेतृत्व को स्वीकार कर लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी की कार्यप्रणाली दुर्बल लोकतंत्र नहीं बल्कि शिवशाही पर चलती है। आप मुझसे पूछे बिना कोई निर्णय नहीं ले सकते। आप मुझे तानाशाह या हिटलर करार दे सकते हैं।

लेकिन मैंने यह वंश परंपरा शुरू नहीं की।’’ इस अवसर पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि युवा सेना शिवसेना में शामिल होने वालों के लिए एक प्रवेशद्वार के रूप में होगी।

जनरल वी. के. सिंह के बयान पर बडबडाया पाक

भारतीय सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह के उस बयान पर पाकिस्तान ने उग्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान और चीन भारत की सुरक्षा के लिए बड़े खतरे हैं।'

पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा है, 'भारतीय सेना प्रमुख द्वारा दिया गया बयान निराधार और सचाई से परे हैं। हम इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।'

प्रवक्ता ने कहा, 'भारतीय सेना प्रमुख द्वारा क्षेत्र में संभावित परमाणु युद्ध संबंधित दिया गया बयान अति गैरजिम्मेदाराना है और दुनिया के इस हिस्से में शांति और सुरक्षा के लिए हानिकारक है।' प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के बयान देने से पहले अधिक परिपक्वता एवं संयम बरतना चाहिए।

गौरतलब है कि जनरल सिंह, सेना के थिंक टैंक सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस) की ओर से भारतीय सेना की उभरती भूमिकाएं और कार्य विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में शुक्रवार को ये बातें कही थी।

मनमोहन सिंह बिहार की जनता से झूठ बोल रहें हैं - नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह केंद्रीय परियोजनाओं को लेकर बिहार की जनता को गुमराह कर रहे हैं। नीतीश ने यह टिप्पणी मनमोहन के उस कथन के संदर्भ में की जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार केंद्र प्रायोजित योजनाओं को लेकर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है तथा उन्हें लागू करने में अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभा रही।

मुख्यमंत्री ने इसके लिए खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा, 'गुमराह हम नहीं वही कर रहे हैं।' राजग के घटक दल जदयू और भाजपा द्वारा संयुक्त रूप से बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री बड़े आदमी हैं और वह उनकी इज्जत करते हैं। भले ही वह दूसरे दल के नेता हैं और उन्हें अपनी पार्टी के लिए वोट मांगने का भी अधिकार है, लेकिन वह उनसे इतना जरूर कहना चाहेंगे कि अभी तक राशि के दुरुपयोग की कला उन्होंने नहीं सीखी और न ही वैसी सोहबत उन्हें मिली है। नीतीश के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता अरूण जेटली भी मौजूद थे।

नीतीश ने प्रधानमंत्री के बयान को दुखद बताते हुए कहा कि दूसरे पर असत्य आरोप लगाना और मनगढ़ंत बातें कहना कहां तक उचित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान लोग अपनी बातें रखते हैं। उन्होंने एक मर्यादा के अंदर अपना अभियान छेड़ा है, लेकिन अगर दूसरे मर्यादा को तोड़कर असंयमित बयानबाजी करें तो यह ठीक नहीं है। बिहार की जनता इन सब चीजों को देख रही है।

नीतीश ने कहा कि लालू जी का पिछला लेखा-जोखा सबके सामने है। 15 साल उन्होंने बिहार के लिए जो कुछ 'कमाल' किया है, जनता भी इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में 'कमाल' का प्रति उत्तर देगी। नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बिहार में अपना जनाधार बनाने की कोशिश में लगी है और उसका भी पिछला लेखा-जोखा सबके सामने है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1997 में बिहार में जब राजद की सरकार अल्पमत में आ गई तो उसकी रक्षा के लिए कांग्रेस पार्टी आई और उसे बचाया। वर्ष 2000 में दोनों दलों ने एक-दूसरे से अलग होकर चुनाव लड़ा। जैसा इस बार हो रहा, तब भी वैसे ही चुनाव में उनके तमाम बडे़ नेताओं ने चुनाव प्रचार किया और उसमें वही बातें कहीं जो आज कह रहे हैं। उस समय भी कांग्रेस के नेताओं ने कहा था कि वे राजद के साथ कभी नहीं जाएंगे लेकिन वर्ष 2000 के चुनाव के बाद जब त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति उत्पन्न हुई और पहले सरकार बनाने का उन्हें मौका मिला तो कांग्रेस पार्टी ने फिर राजद का साथ देने का फैसला किया और एक साझा सरकार का गठन हुआ।

उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस पार्टी के 23 विधायक थे और उसमें एक बिहार विधानसभा सभा के अध्यक्ष बने और बाकी अन्य मंत्री बने। कांग्रेस और राजद के आज भी मिले होने का आरोप लगाते हुए नीतीश ने कहा कि इस बार भी एक तय रणनीति के तहत वे एक-दूसरे पर सीधा हमला कर रहे हैं और उसके लिए कोई प्रमाण नहीं प्रस्तुत करते।

नीतीश ने कहा कि उन्होंने कई बार यह सवाल उठाया है कि लोकसभा में चार सदस्यों वाली पार्टी राजद के नेता लालू प्रसाद को सदन में अगली सीट किसकी कृपा से मिली हुई है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस और राजद के बीच के अंतरंग संबंधों को पुख्ता करता है।

कांग्रेस पार्टी को लेकर लोगों का पुराना तजुर्बा है कि जब भी वह केंद्र में आती है मंहगाई बढ़ाने के साथ ही लोकतांत्रिक संस्थाओं और परंपराओं को तोड़ने का काम करती है तथा संघीय ढांचे पर हमला करती है।

नीतीश ने कहा कि इस बार भी देश में मंहगाई पूर्व की कांग्रेस सरकारों की तरह बेतहाशा बढ़ी है और संघीय ढांचे पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा कल दिए गए बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उनको पार्टी से अलग होकर चीजों को देखना चाहिए।

नीतीश ने कहा कि वह पिछले पांच साल से प्रधानमंत्री को बिहार आने का न्योता देते रहे, पर उनको वक्त नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखने के लिए सर्वदलीय शिष्टमंडल के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा पर वर्ष 2006 से आज तक उन्हें समय नहीं दिया गया।

प्रधानमंत्री के इस बयान पर कि केंद्र की सप्रंग सरकार द्वारा पिछले छह वर्षो के दौरान बिहार को विशेष पैकेज के तौर पर छह हजार करोड़ रुपये दिए गए, नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री इस प्रकार से तथ्यों की अनदेखी करेंगे, इसकी उम्मीद नहीं थी और उसमें वह सुधार करना चाहेंगे।

नीतीश ने कहा कि बिहार को उक्त राशि वर्ष 2002 से मिल रही है और यह निर्णय संप्रग सरकार का नहीं, बल्कि केंद्र की पिछली राजग सरकार का निर्णय है और इसकी जड़ में बिहार पुनर्गठन विधेयक है।

नीतीश ने प्रधानमंत्री से बिहार पुनर्गठन विधेयक का एक बार पूर्वावलोकन करने का आग्रह करते हुए कहा कि बिहार को एक हजार करोड़ रुपये देने का निर्णय बिहार के बंटवारे के समय उससे झारखंड के अलग होने के समय लिया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2004 में केंद्र में संप्रग की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री ने बिहार को विशेष पैकेज देने की बात कही थी पर वह आज तक नहीं मिला और न ही इस प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त गन्ना से एथनाल बनाने की अनुमति मांगी, वह भी नहीं दी गई और न ही कोल लिंकेज दिया।

नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री योजना आयोग के अध्यक्ष हैं और उक्त राशि के बारे में कुछ भी बोलने से पहले वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष से पूछ लेते क्योंकि उक्त राशि तो केंद्रीय एजेंसियों को ही खर्च करनी है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय राशि को लेकर जो आरोप राज्यों पर लगाए जाते हैं, वे नहीं लगाया जाना चाहिए पर केंद्रीय मंत्री धड़ल्ले के साथ ऐसा करके देश के संघीय ढांचा पर हमले कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि योजनामद के तहत जो सहायता राज्यों को केंद्र से मिलती है, उसका फार्मूला पूर्व से बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि देश में जो कर संग्रहित किए जाते हैं उसके बारे में योजना आयोग तय करता है कि कितना हिस्सा केंद्र के पास रहेगा और कितना राज्यों को मिलेगा। नीतीश ने कहा कि उक्त टैक्स पर राज्यों का भी अधिकार है इसलिए केंद्र जो किसी राज्य को राशि देता है, वह उसकी कृपा नहीं होती।

उन्होंने कहा कि जहां तक केंद्र प्रायोजित योजनाओं की बात है तो उसमें राज्यों को भी अपना हिस्सा लगाना पड़ता है और राष्ट्रीय विकास परिषद में उसे कम किए जाने और उसको लेकर निर्णय राज्यों पर छोड़ने की बात उठाई जा चुकी है।

नीतीश ने कहा कि लेकिन यहां हो यह रहा है कि पूर्व में केंद्र अपने पास जितना रखता था, वर्तमान में उससे ज्यादा अपने पास रख रहा है और कम हिस्सा राज्यों के बीच वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे पूर्व में भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि 20 हजार करोड़ रूपए की योजना आकार में सत्तर प्रतिशत राशि राज्य के आंतरिक स्रोतों के हैं।

इस अवसर भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने केंद्र पर बिहार के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक अर्थशास्त्री होने के नाते प्रधानमंत्री ने बिहार की वर्तमान आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया होता तो वे उस पर इस तरह का बेबुनियाद आरोप नहीं लगाते।

उन्होंने कहा कि वह प्रदेश की राजग सरकार राज्य के विकास के लिए किए गए कार्यो से संतुष्ट हैं और नीतीश नीत राजग सरकार को दूसरा मौका दिए जाने की जनता के बीच जाकर उनसे अपील करेंगे।

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