नैमिष्य सम्मान पुरस्कार की मंजूरी देने के संबंध में मीडिया के एक वर्ग में तथ्यात्मक रूप से गलत सूचना प्रकाशित होने के बारे में संस्कृति मंत्रालय का स्पष्टीकरण
मीडिया के एक वर्ग में ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि संस्कृति मंत्रालय ने नैमिष्य पुरस्कार स्थापित करने के लिए आरएसएस की सांस्कृतिक इकाई को अपनी मंजूरी दे दी है और इन पुरस्कारों के पहले संस्करण को शुरू करने के लिए अगले महीने राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के रूप में एक भव्य आयोजन वाराणसी में आयोजित किया जायेगा। यह समाचार पूरी तरह से गलत और असत्य है।
मीडिया के एक वर्ग ने यह समाचार संस्कृति मंत्रालय के अधिकृत सूत्रों से पुष्टि किये बिना ही प्रकाशित किया है। इससे संस्कृति मंत्रालय के हितधारकों और आम जनता के मन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
इस संदर्भ में संस्कृति मंत्रालय यह स्पष्ट करना चाहता है कि शान्ति, मानव अधिकार, साहित्य, अभिनय कला, विज्ञान और शिक्षा के संबंध में नैमिष्य सम्मान शुरू करने के बारे में कहीं से भी कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि इस मंत्रालय ने नैमिष्य सम्मान स्थापित करने के लिए कोई बजट आवंटित नहीं किया है।
संस्कृति मंत्रालय यह भी स्पष्ट करना चाहता है कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की अवधारणा इस मंत्रालय को 2015 में प्राप्त हुई थी इसका उद्देश्य कला और शिल्प, व्यंजन, संगीत और नृत्य आदि सहित भारतीय संस्कृति के सभी पहलुओं का प्रदर्शन करना है। नवंबर 2015 में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की भव्य सफलता के बाद मंत्रालय ने इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के सभी विभिन्न आयामों का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से अक्टूबर 2016 में एक बार फिर इसका आयोजन किया गया है।
चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का वाराणसी में 10 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट से तथा जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और कनार्टक में 5-5 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट से आयोजन किया जायेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि नैमिष्य सम्मान राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का हिस्सा नहीं है।
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