भारत सरकार राजमाता श्रीमती विजया राजे सिंधिया की जन्मशती मनाएगी

भारत सरकार ने 11 अक्टूबर, 2018 से 11 अक्टूबर, 2019 तक ग्वालियर की राजमाता श्रीमती विजया राजे सिंधिया की जन्मशती मनाने का फैसला किया है। गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 12 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति (एनआईसी) सालभर चलने वाले समारोहों के लिए गतिविधियों तथा कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। समारोह के दौरान 100 रुपये का स्मारक सिक्का और स्मारक डाक टिकट जारी करने का प्रस्ताव है। अन्य गतिविधियों में संगोष्ठियों, व्याख्यानों, प्रकाशनों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो महिला सशक्तिकरण पर आधारित होंगे।

ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय श्रीमती विजया राजे सिंधिया का जन्म मध्यप्रदेश के सागर जिले में 11 अक्टूबर, 1919 में हुआ था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन से प्रभावित हुईं और आजादी की लड़ाई में शामिल हो गयीं। राजमाता विजया राजे सिंधिया लड़कियों को शिक्षित करने और महिला सशक्तिकरण में विश्वास करती थीं। भारत की स्वतंत्रता के बाद लड़कियों की शिक्षा में एक नये युग का सूत्रपात हुआ। भारतीय मूल्यों, धर्मों और संस्कृति के आधार पर सर्वांगीण शिक्षा की आवश्यकता पूरी करने के लिए उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए बहुत काम किया।

श्रीमती विजया राजे सिंधिया 1957 और 1998 के बीच कई वर्षों तक संसद सदस्य रहीं। उन्होंने विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भागीदारी की। उन्होंने विशेषकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में शिक्षा द्वारा महिलाओं की उन्नति के लिए समर्पित विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर काम किया। वे लेखिका भी थीं और उन्होंने दो पुस्तकें भी लिखी हैं। श्रीमती विजया राजे सिंधिया का निधन 25 जनवरी, 2001 को हुआ।

गृह मंत्रालय का मूर्तियों की तोड़फोड़ को रोकने के लिए राज्यों को निर्देश


देश के कुछ इलाकों से मूर्तियों की तोड़-फोड़ की घटनाओं की शिकायत मिली है। गृह मंत्रालय ने ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ऐसी घटनाओं को नकारते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।

गृह मंत्रालय ने राज्‍यों से कहा है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्‍यक उपाय करें। ऐसी घटनाओं में लिप्‍त लोगों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई और इससे संबंधित नियमों के अधीन मामले दर्ज किए जाने चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भी गृहमंत्री से इस संबंध में चर्चा की।

मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश में हुए घटनाक्रमों पर राजनाथ सिंह का वक्तव्य


मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में 7 एवं 8 मार्च, 2017 को हुए घटनाक्रमों के संबंध में लोकसभा में गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा दिया गया वक्तव्य -

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 07 मार्च, 2017 को सुबह 9 बजकर 41 मिनट पर मध्य प्रदेश के जिला शाजापुर में जबड़ी रेलवे स्टेशन के नजदीक गाड़ी नम्बर 59320, भोपाल-उज्जैन पैसेंजर के सामान्‍य कोच में एक विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में 10 रेलयात्री घायल हुए और रेलवे की सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचा। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल सभी घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है।

उपरोक्‍त घटना के संबंध में जी आर पी उज्जैन थाने में रेल गार्ड से प्राप्‍त जानकारी के आधार पर मामले की जांच के लिए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है, जिसकी संख्‍या 47/17 है।

घटना की सूचना प्राप्त होते ही मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक तथा अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तथा घटना की जांच के संबंध में प्राथमिक स्‍तर पर आवश्‍यक कार्रवाई शुरू कर दी। घटनास्थल की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपियों द्वारा विस्फोट को अंजाम देने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विस्फोटक पदार्थों से तैयार आईईडी का उपयोग किया गया था। 

घटना की जांच के संबंध में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा केन्द्रीय एजेंसियों के साथ पर्याप्‍त तालमेल स्थापित किया गया। इसके बाद, प्राप्त सूचना के आधार पर मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा होशंगाबाद जिले के पिपरिया नामक स्थान पर वाहन जांच के दौरान 03 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। संदिग्‍धों से पूछताछ के दौरान उपरोक्‍त घटना में इनका हाथ होने की आशंका के आधार पर इन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। संपूर्ण घटनाक्रम की आगे की कार्रवाई केन्द्रीय एजेंसियों को सौंप दी गई है और विस्‍फोट में शामिल अन्‍य अभियुक्तों के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।

संदिग्‍धों से की गई पूछताछ तथा अन्य उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ, इटावा, कानपुर और औरैया में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। 

लखनऊ में काकोरी थाना के अंतर्गत हाजी कॉलोनी स्थित एक मकान में कानपुर निवासी मोहम्मद सैफुल्लाह उर्फ अली के किराये पर रहने की सूचना प्राप्त हुई। एटीएस उत्‍तर प्रदेश द्वारा उक्त मकान की घेराबंदी की गई और संदिग्‍ध सैफुल्लाह को गिरफ़तार करने के प्रयास किए गए। मगर उसने आत्मसमर्पण करने से इंकार कर दिया और एटीएस पर गोलीबारी शुरू कर दी। अंततः लगभग 12 घंटे के प्रयास के बाद एटीएस की टीम ने उस कमरे में प्रवेश किया जहां सैफुल्लाह छिपा हुआ था तथा फिर इसके बाद आमने-सामने हुई मुठभेड़ में इस संदिग्ध आतंकी को मार गिराया गया। मृतक के कमरे से 08 पिस्टल, 630 जिंदा कारतूस सहित डेढ़ लाख रुपये नकद, लगभग 45 ग्राम सोना, 03 मोबाइल फोन, 4 सिमकार्ड और 02 वायरलेस सेट के साथ-साथ कुछ विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई।

घटना के संबंध में थाना लखनऊ स्थित एटीएस पुलिस थाने में अपराध संख्या 2/2017 धारा 307/121ए/122/123/124-ए आईपीसी, 3/4/25/27 आर्म्‍स एक्‍ट और 16/18/23 यूएपीए के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

एटीएस कानपुर इकाई द्वारा जाजमउ थाना क्षेत्र से एक अन्य संदिग्‍ध को गिरफ्तार किया गया जिसके विरुद्ध अपराध संख्या 3/2017 धारा 121/121।/123/124ए आईपीसी और यूएपीए की धारा 16/18/23/38 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

उपरोक्त के अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा इटावा और औरैया से दो अन्य अभियुक्तों को भी उपरोक्त संदिग्ध आतंकवादियों को हथियार उपलब्‍ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अब तक इस घटनाक्रम में कुल 6 गिरफ्तारियां हुई हैं।

उपरोक्त घटनाक्रम राज्य पुलिस और केन्द्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल का उदाहरण है। दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की बदौलत देश की सुरक्षा व्‍यवस्‍था के संबंध में मौजूदा खतरे को टालने में सफलता प्राप्त हुई है। इस प्रकरण की आगे की जांच एनआईए को सौंपी जाएगी।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह का विमुद्रीकरण पर सन्देश


हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से पांच सौ व एक हजार रूपए के नोटों को वैध मुद्रा के रूप में चलन समाप्त करने का जो निर्णय लिया गया है वह ऐतिहासिक, साहसिक और राष्ट्रहित में लिया गया निर्णय है। 

ऐसे फैसले वे ही लोग करते है जो राजनीति केवल सरकार बनाने के लिए नही करते बल्कि राजनीति समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए करते है। 

स्वाभाविक रूप से इस फैसले के परिणामस्वरूप भ्रष्टाचारियों और आतंकवादियों के आर्थिक स्रोतों पर लगाम लगेगी तथा राजनीति एवं प्रशासनिक काम-काज में शुचिता बढ़ेगी।

इस फैसले से थोड़े समय के लिए जो कुछ भी कठिनाई अनुभव हो रही है इस हेतु सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ हर स्तर से प्रयत्नशील है। अतः शीघ्र ही स्थितियां सहज और सामान्य हो जाएगी। 

परन्तु देश की जनता ने जिस तरीके से राष्ट्रहित में लिए गए इस फैसले का स्वागत किया है, सहयोग और संबल प्रदान किया है वह निश्चित रूप से अभिनंदनीय है।

पढ़िए जम्‍मू-कश्‍मीर पर राजनाथ सिंह का राज्‍यसभा में पूरा वक्‍तव्‍य



माननीय सभापति महोदय, 

कश्‍मीर घाटी में उत्‍पन्‍न स्‍थिति के संबंध में मैंने दिनांक 18 जुलाई को इस सदन को अवगत कराया था। 

तत्‍पश्‍चात् 23 एवं 24 जुलाई को मैंने श्रीनगर और अनंतनाग का दौरा किया। लगभग 30 विभिन्‍न प्रतिनिधिमंडलों से बातचीत की, जिनमें सब्‍जी-फल उत्‍पादक, नौका चालक, विभिन्‍न समुदाय के संगठन, विकास मंचों के प्रतिनिधि, युवा उद्यमी वर्ग के लोग, Chamber of Commerce,कार्यरत एवं सेवानिवृत्‍त सरकारी कर्मी एवं पर्यटन व्‍यवसायी शामिल हैं। 

माननीय मुख्‍यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल तथा सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से मिलकर मैंने स्‍थिति का जायजा लिया। 

राजनीतिक आकलन हेतु मैं करीब-करीब सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मिला। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने मुझसे मिलने से इंकार किया, जिससे दुर्भाग्‍यवश उनके प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिल सका। 

दिनांक 8 अगस्‍त को जम्‍मू-कश्‍मीर की माननीय मुख्‍यमंत्री से दिल्‍ली में पुन: चर्चा भी हुई। 

कश्‍मीर घाटी में उत्‍पन्‍न स्‍थिति के बारे में जो आशंकाएं व्‍यक्‍त की गई हैं और कदाचित वे आशंकाएं माननीय सदस्‍यों को भी होंगी, उन पर मैं कुछ कहना चाहूंगा। दिनांक 9 जुलाई से लगातार चल रहे कर्फ्यू से आम जनता को राशन आदि नहीं मिल रहा है, यह एक आशंका है। मैं आपके माध्‍यम से माननीय सदस्‍यों को बताना चाहूंगा कि कश्‍मीर घाटी में कोई Blanket कर्फ्यू नहीं है। विभिन्‍न जिलों में, कतिपय स्‍थानों पर आवश्‍यकतानुसार कर्फ्यू लगाया गया है, और स्‍थिति में सुधार होने पर उसको हटाने अथवा उसमें ढील की कार्रवाई की गई है। हां, हो सकता है कि स्‍थिति अगर पुन: खराब हुई तो कर्फ्यू पुन: लगाया गया हो। 

वास्‍तव में, अगर आम जनता को असुविधा हुई है, तो वह पाकिस्‍तान से प्रेरित अलगाववादी नेताओं द्वारा दिनांक 9 जुलाई से निरंतर, बिना किसी Break के, हड़ताल का आह्वान है। इससे, जिन शहरों, या जिन स्‍थानों में, कर्फ्यू नहीं भी होता है, वहां भय से बाजार नहीं खुल पाते हैं। अत: वास्‍तव में, अपनी स्‍वार्थ पूर्ति के लिए, अपने आपको Relevant रखने की दृष्‍टि से, आम जनता को असुविधा पहुंचाने का प्रयास अलगाववादी नेताओं ने किया है। और मैं निश्‍चितता के साथ कह सकता हूं कि यह पाकिस्‍तान से प्रेरित है। हड़ताल का कार्यक्रम रावलपिंडी में तय होता है, श्रीनगर में नहीं। 

अलगाववादियों की इस अमानवीय Strategy के बावजूद, यह कहना होगा कि राज्‍य सरकार ने आम जनता की सुविधा हेतु जो कार्य किया है, वह सराहनीय है। 

उदाहरणार्थ, इस अवधि में राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा स्‍कीम के तहत लगभग 95 प्रतिशत अनाज का वितरण हुआ है। औसतन बांटे जाने वाली करीब 48 हजार क्विंटल चीनी की तुलना में लगभग 34 हजार क्‍विंटल का वितरण हो चुका है। इस अवधि में लगभग 3 लाख 10 हजार LPG Cylinders का विक्रय भी हो चुका है। 

माननीय सभापति महोदय, घाटी में सभी आवश्‍यक वस्‍तुओं का स्‍टॉक भी उपलब्‍ध है। उदाहरणार्थ, श्रीनगर में करीब 23 सौ क्‍विंटल चीनी उपलब्‍ध है। विभिन्‍न Petroleum Companies के पास 18 दिन का एलपीजी स्‍टॉक तथा 19 दिनों के लिए पेट्रोल और 32 दिनों के लिए मिट्टी का तेल भी उपलब्‍ध है। 

इसी प्रकार, घाटी में आम तौर पर उपलब्‍ध फल-सब्‍जी का भी क्रय-विक्रय राज्‍य सरकार समय-समय पर कर्फ्यू में ढील देकर सुनिश्‍चित कर चुकी है। इसी प्रकार तड़के दूध का वितरण भी कराया गया है। दिनांक 14 जुलाई से लेकर 8 अगस्त तक की अवधि के दौरान आवश्‍यक वस्‍तुओं, फल-सब्‍जी आदि लेकर 5,600 ट्रक घाटी में पहुंच चुके हैं। 

मैं यह नहीं कह सकता कि घाटी की जनता बिल्‍कुल आम जीवन बसर कर रही है। हड़ताल से आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियां बंद हैं, जिससे कई वर्गों की आमदनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। लेकिन जो स्‍थिति घाटी में कुछ Vested interest और Misguided elements ने पैदा की है, उस स्‍थिति में जो भी आम जनता की सुविधा के लिए किया जा सकता है, वह राज्‍य सरकार ने किया है, और कर रही है। 

दूसरी आशंका यह व्‍यक्‍त की जाती है कि पर्याप्‍त चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध नहीं है। कश्‍मीर में हो रही हिंसा में 2656 मरीज विभिन्‍न अस्‍पताल पहुंचे, जिनमें से 2564 को इलाज के बाद Discharge किया जा चुका है। अब करीब 100 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 51 ऐसे हैं जिनकी आंखों में चोटें आई हैं। दुर्भाग्‍यवश Stone pelting से करीब 100 Ambulances क्षतिग्रस्‍त होने के बावजूद, इस अवधि में 400 से अधिक Ambulances कार्यशील रहीं

इस अवधि में करीब 5 लाख सामान्‍य मरीजों का भी OPD में इलाज किया गया, जिनमें से करीब 33 हजार Indoor Patients थे। लगभग 8 हजार छोटी-बड़ी Surgeries इस अवधि में की गई हैं और जहां आवश्‍यक हुआ है, मरीजों को दिल्‍ली में भी इलाज हेतु लाया गया है। दिल्‍ली के AIIMS तथा मुम्‍बई के आदित्‍य ज्‍योति अस्‍पताल के Eye-Surgery करने वाले दल श्रीनगर होकर आए, और उन्‍होंने वहां चल रहे इलाज पर अपनी संतुष्‍टि व्‍यक्‍त की है। 

माननीय सभापति महोदय, पेलेट गन्‍स की चर्चा पिछली बार इस सदन में हो चुकी है। जैसा कि मैंने पहले बताया, इस Weapon को 2010 में Non-lethal मानकर Introduce किया गया था। जैसा कि मैंने लोकसभा में आश्‍वस्‍त किया था, अन्‍य Viable Non-lethal Technologies की संभावनाओं पर गौर करने हेतु मैंने वरिष्‍ठ अधिकारियों की एक Committee गठित कर दी है। 

माननीय सभापति महोदय, दिनांक 18 जुलाई को, जब इस सम्‍माननीय सदन में इस मुद्दे पर पहले चर्चा हुई थी, तब वर्तमान Agitation में 567 घटनाएं हो चुकी थीं। इन घटनाओं में 33 Civilians की एवं 01 सुरक्षाकर्मी की मृत्‍यु हुई थी। 1948 Civilians तथा 1739 सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। तत्‍पश्‍चात्, दिनांक 08 अगस्‍त तक, 451 घटनाएं और हो चुकी हैं। इनमें 10 Civilians और 01 सुरक्षाकर्मी की मृत्‍यु हुई है। 1408 Civilians और 2776 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। 

माननीय सभापति, कश्‍मीर भारत का ताज है। हमने आजादी धर्मनिरपेक्षता और Equality for all के आधार पर जीती है और इन्‍हीं को हमारे संविधान का केंद्र बिंदु बनाया है। हमारे नापाक पड़ोसी से भिन्‍न, हमारा समाज एकता और समानता की आधारशिला पर खड़ा है। कश्‍मीरियों के लिए हमारा दिल उतना ही धड़कता है, जितना कि उड़ीसा या असम के लिए, तमिलनाडु या केरल के लिए, गुजरात या राजस्‍थान के लिए। हमारे मन में न कोई भेद है, न भाव। मानवता हमारी भारतीयता की पहचान है। हमारे घर के किसी भी सदस्‍य को कोई शिकायत हो, तो हम उसको मिल-बैठकर सुलझा सकते हैं, और सुलझाना चाहते हैं। बातचीत हेतु हमारे दरवाजे भारत के हर नागरिक के लिए हमेशा खुले हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री जी ने कल कहा, अन्‍य बच्‍चों के माफिक कश्‍मीरी बच्‍चों के हाथ में पत्‍थर नहीं, किताबें होनी चाहिए, कलम होनी चाहिए, Bat-ball होना चाहिए। ऐसा हम अपनी ईमानदारी से, अपने Good Intent से, अपनी मेहनत से और आपसी बातचीत से सुनिश्‍चित करेंगे। 

कुछ हफ्ता-दो हफ्ता पूर्व पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि उनको उस दिन का इंतजार है, जब कश्‍मीर उनका होगा। मैं उनको, और उनके पीछे असली पावर रखने वालों को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि उनके लिए यह इंतजार अनन्‍त होगा। कश्‍मीर हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। पाकिस्‍तान तो क्‍या, दुनिया की कोई भी ताकत कश्‍मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती है। 

माननीय सभापति महोदय, पाकिस्‍तान द्वारा बार-बार कहा जाता है कि भारत और पाकिस्‍तान के बीच कश्‍मीर एक Issue है। मैं जिम्‍मेदारी से वही बात कहना चाहूंगा, जो कि 22 फरवरी, 1994 को इस संसद ने एक आवाज़ से कहा था- कश्‍मीर का मुद्दा सिर्फ एक है, और वह है PoK की वापसी। उस वापसी तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। इस संसद के 1994 Resolution की पूर्ति करके ही रहेंगे। 

पढ़िए सार्क सम्मलेन में राजनाथ सिंह का वो भाषण जो पाक ने नहीं दिखाया


वक्‍तव्‍य का मूल पाठ हिंदी में निम्‍नलिखित है: 

“सार्क गृह मंत्रियों की 7वीं बैठक में मैंने दिनांक 04.08.2016 को भाग लिया। 

इस बैठक में मुख्‍य Agenda आतंकवाद, Narcotic Drugs की तस्‍करी, Cyber crime एवं Human Trafficking थे। लगभग सभी देशों ने, आतंकवाद की घोर भ्रत्‍सना की। 

भारत की ओर से मैंने आतंकवाद पर विशेष बल दिया -मुझे विश्‍वास है कि इस सदन के सभी सदस्‍य इस बात से सहमत होंगे- क्‍योंकि दक्षिण एशिया में शांति और खुशहाली के लिए सबसे बड़ी चुनौति और सबसे बड़ा खतरा यदि कोई है तो वह आतंकवाद है। मैंने इस बुराई को जड़ सहित उखाड़ फेंकने का पक्‍का संकल्‍प करने का आवाह्न किया। 

सार्क के सभी सदस्‍यों से आग्रह किया कि वे आतंकवाद को न तो Glorify करें, न ही Patronage दें। एक देश का आतंकवादी किसी के लिए भीMartyr या स्‍वतंत्रता सेनानी नहीं हो सकता। 

आतंकवाद को बढ़ावा नहीं मिले, इस हेतु मैंने कहा कि जरूरी है कि न सिर्फ आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के विरुद्ध, बल्‍कि उन्‍हें समर्थन देने वाले व्‍यक्‍तियों, संस्‍थाओं, संगठनों औरराष्‍ट्रों के विरुद्ध भी कठोर से कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। आतंकवाद की हैवानियत से तभी निपटा जा सकेगा। इसके अलावा मैंने सार्क के गृहमंत्रियों की इस बैठक में भारत की ओर से निम्‍न सुझाव रखे:- 

(i). आतंकवादियों पर विश्‍व समुदाय की सहमति से लगाए गए प्रतिबंध का सम्‍मान किया जाए। 

(ii). अच्‍छे और बुरे आतंकवाद में भेद करने की भूल कदापि नहीं की जाए। 

(iii). आतंकवाद को बढ़ावा या समर्थन देने वाले सभी States अथवा Non-states actor के विरुद्ध प्रभावी कदम आवश्‍यक हैं। 

(iv). आतंकवाद में सम्‍मिलित व्‍यक्‍तियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए और उनका Extradition सुनिश्‍चित किया जाना चाहिए ताकि वे कानून से न बच पाएं। 

(v). SAARC Convention on Mutual Assistance on Criminal Matters को उन देशों द्वारा Ratify किया जाना आवश्‍यक है जिन्‍होंने अब तक इसको Ratify नहीं किया है। 

(vi). SAARC Terrorist Offences Monitoring Desk (STOMD) और SAARC Drug Offences Monitoring Desk (SDOMD)को उन देशों की सहमति की आवश्‍यकता है जिन्‍होंने अब तक इस पर अपनी सहमति नहीं दी है। 

मैंने भारत में महिलाओं और बच्‍चों की सुरक्षा हेतु Track Child और Operation Smile जैसे उठाए गए कदमों की ओर सार्क गृहमंत्रियों का ध्‍यान आकर्षित किया। भारत द्वारा ईमानदार, Transparent और Accountable Governance हेतु जनधन योजना और आधार जैसे कार्यक्रमों से भी सार्क गृहमंत्रियों को अवगत कराया। 

भारत की ओर से सार्क गृहसचिवों एवं गृहमंत्रियों की बैठक के दौरान भारत द्वारा निम्‍न Initiatives की भी घोषणा की गई :- 

1. STOMD और SDOMD का प्रभावी रूप से लागू करने हेतु भारत की ओर से तकनीकी सहायता। 

2. भारत में 22-23 सितम्‍बर को SAARC Anti Terrorism Mechanism के Experts की बैठक का आयोजन। सौभाग्‍य से,सभी सदस्‍य देशों ने इस बैठक में भाग लेने पर सहमति दी। 

3. नशीले पदार्थों की रोकथाम हेतु भारत द्वारा SAARC सदस्‍य देशों के अधिकारियों को विभिन्‍न प्रकार का प्रशिक्षण। 

4. सार्क देशों की Computer Emergency Response Teams (CERTs) की पहली बैठक भारत में आयोजित करने का प्रस्‍ताव। 

जहां तक हमारे पड़ोसी देश पाकिस्‍तान का सवाल है मैं माननीय सदस्‍यों को बताना चाहूंगा कि SAARC Convention on Mutual Assistance on Criminal Matters को उसने अब तक Ratify नहीं किया है। STOMD और SDOMD हेतु भी उनकी सहमति अभी शेष है। पाकिस्‍तान की ओर से कहा गया कि वे इस ओर शीघ्र कार्यवाही करेंगे, और मैं आशा करता हूं कि,यह “शीघ्र”, वास्‍तव में शीघ्र होगा। 

दक्षिण एशिया क्षेत्र समेत पूरी दुनिया में आतंकवाद के गहरे बादल मंडरा रहे हैं। पूरी World Community इस गंभीर खतरे से बेहद चिंतित है, ऐसा सर्व विदित है। यह इस बात से भी स्‍पष्‍ट है कि भारत ने तो इस मानवता विरोधी खतरे पर अपना स्‍पष्‍ट Messageतो दिया ही,साथ में लगभग सभी सदस्‍य देशों ने भी इस हैवानियत पर अपनी चिंता व्‍यक्‍त की। 

माननीय, अध्‍यक्ष महोदया, मैं इस बात पर बल देना चाहता हूं कि भारत का यह Message मानवता की खातिर, और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए है। माननीय सदस्‍य इस बात पर सहमत होंगे कि प्रमुख रूप से आतंकवाद ही मानविधकारों का सबसे बड़ा दुश्‍मन है।” 

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आम बजट के लिए वित्तमंत्री को बधाई दी


केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को आम बजट 2016-17 पर बधाई दी। अपने बयान श्री सिंह ने कहा कि 'मैं केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को 2016-17 के उत्तम आम बजट पेश करने पर बधाई देता हूं। यह बजट पूर्ण रूप से किसानों, गरीबों और सुधार के पक्ष में है। इस बजट में सरकार की प्राथमिकता की रूपरेखा के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वप्न नजर आता है।' 

अगर यह आम बजट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सालाना परीक्षा है तो मैं यह अवश्य कहूंगा कि श्री मोदी इस परीक्षा में पूर्ण रूप से सफल हुए हैं। बजट 2016-17 से सरकार को आर्थिक नीव को मजबूत करने और बुनियादी सुविधाओं के जाल को बढ़ाने का अवसर मिलेगा। इस वर्ष सरकार की प्राथमिकता ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और किसानों को आय सुरक्षा प्रदान करना होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बीस हजार करोड़ के आवंटन के साथ संयोजित सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाये जाने पर बल दिया जायेगा जिससे भारत में कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। 

किसानों को कृषि संबंधी ऋण देने के लिए उच्चतम लक्ष्य 9 लाख करोड़ रखा गया है और मनरेगा के लिए 38500 करोड़ रुपये का आवंटन किया जायेगा जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना निधि को बढ़ाकर 19000 करोड़ किया जायेगा जो ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की ओर बड़ा कदम है। 

इस वर्ष बुनियादी ढांचे का विकास बजट की पहली प्राथमिकताओं में रहेगा जिसमें 55 हजार करोड़ को राजमार्गों के विकास के लिए रखा जायेगा। इस बार की एनडीए सरकार रेलवे में बड़ी राशि निवेश करने के साथ बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में पहले की तुलना में 2.2 लाख करोड़ का इजाफा करेगी। 

बजट में बीपीएल परिवारों को एक लाख से ज्यादा का स्वास्थ्य बीमा दिया की बात कही गई है जो यह दर्शाती है कि वर्तमान सरकार गरीब और जरुरतमंदों की चिंता करती है। रेलवे में पूंजी व्‍यय को जोड़ देने से राजग सरकार द्वारा बुनयादी सेक्‍टर में किया जाने वाला निवेश बढ़कर 2.2 लाख करोड़ हो जाएगा। 

बजट में यह ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं को 2.87 करोड़ का वित्तीय सहायता दिये जाने की बात कही गई है जो कि लंबे समय तक पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी। 

बजट में कई ऐसे प्रावधानों को शामिल किया गया है जो निर्माण क्षेत्र को बढ़ाने के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करायेगा। यह बजट निश्चित रूप से हर मोर्चे पर लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा है और अर्थव्यवस्था पर भविष्य में कई तरह के सकरात्मक प्रभाव देखे जा सकेंगे। 

राजनाथ की मुफ़्ती को दो टूक: मसर्रत आलम को गिरफ्तार करो

पांच साल के अंतराल के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी को श्रीनगर के बाहरी इलाके में एक जनसभा करने की इजाजत दी. इस जनसभा में पिछले महीने जेल से रिहा हुए मसर्रत आलम सहित गिलानी के समर्थकों ने पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए और पाकिस्तानी झंडे लहराए.

सर्दी का मौसम दिल्ली में बिताने के बाद यहां लौटे गिलानी को आलम की अगुवाई में निकाले गए एक जुलूस में हवाई अड्डे से उनके आवास तक ले जाया गया. इस बीच, आलम के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मसर्रत के इस रवैया से केंद्र सरकार नाराज है और उसने इस मामले पर कार्रवाई को कहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन कर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से बात की है और उन्हें मसर्रत को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल रात जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से बात की और स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे से समझौता नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने सिंह को बताया कि रैली में क्या हुआ था और वहां क्या स्थिति थी.

उनके मुताबिक, सिंह ने सईद से कहा कि ‘‘ऐसे किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता जिसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जा सकता है.’’ गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि जो लोग इसमें लिप्त थे उनके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जानी चाहिए. पांच साल के अंतराल के बाद, जम्मू कश्मीर सरकार ने कल गिलानी को रैली करने की अनुमति दी थी जहां जेल से पिछले माह रिहा हुए मसर्रत आलम सहित उनके समर्थकों ने पाकिस्तान समर्थक नारे लगाए और अन्य ने पाकिस्तानी झंडे लहराए.

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी की गठबंधन सहयोगी भाजपा ने इस घटना पर कडी प्रतिक्रिया जाहिर की. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि राज्य सरकार से कहा गया है कि कानून तोडने वालों पर वह कार्रवाई करे.      
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि यदि इस घटना से वह इतनी ही चिंतित है तो उसे गठबंधन तोड देना चाहिए. पीडीपी-भाजपा के पिछले महीने राज्य की सत्ता में आने के तुरंत बाद रिहा हुए आलम ने श्रीनगर हवाई अड्डे से हैदरपुरा स्थित गिलानी के आवास तक मार्च की अगुवाई की.      

हुर्रियत कांफ्रेंस से अलग होने के बाद सभी पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी पार्टियों के साथ अपना संगठन बनाने वाले गिलानी ने आत्म-निर्णय के अधिकार की बात की और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में उनके भाषण का सीधा प्रसारण किया गया.      

हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा, ‘‘यह (गिलानी के भाषण का प्रसारण) पीओके में एक अर्ध-सरकारी संगठन के साथ की गई व्यवस्था से हुआ.’’ उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब पाकिस्तान और गिलानी के समर्थन के साथ-साथ 45 साल के मसर्रत आलम के समर्थन में भी नारे लगाए जाने लगे.  

संवाददाताओं से बातचीत में आलम ने इन बातों को नकारा कि वह गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल हो रहा है. पाकिस्तानी झंडे लहराने वाले नौजवानों के एक समूह की ओर इशारा करते हुए आलम ने कहा, ‘‘हम तो बस कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को बढावा दे रहे हैं. उनके हौसले को देखिए.’’ साल 2010 में गर्मी के मौसम में श्रीनगर में हुए प्रदर्शन के बाद गिलानी की यह पहली जनसभा थी. साल 2010 के प्रदर्शन में 100 से ज्यादा नौजवान मारे गए थे. पूरे प्रदर्शन में आलम ने अहम भूमिका निभाई थी और हडतालों के लिए साप्ताहिक कार्यक्रम जारी किया करता था.      

हुर्रियत के झंडों के अलावा कुछ समर्थकों के हाथों में पाकिस्तानी झंडे भी देखे गए. उन्होंने पाकिस्तान समर्थक और आजादी समर्थक नारे भी लगाए. जनसभा को संबोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई सीमा विवाद नहीं है बल्कि राज्य के एक करोड लोगों का मुद्दा है.      

गिलानी ने कहा, ‘‘हम यथास्थिति स्वीकार नहीं करेंगे और आत्म-निर्णय का अधिकार हासिल करने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा. हम शिमला समझौता या लाहौर घोषणा-पत्र स्वीकार नहीं करेंगे.’’

साध्वी प्रज्ञा को अब सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी से आस

1993 के मुंबर्इ धमाका मामले में अवैध हथियार रखने के संबंध में सजा काट रहे अभिनेता संजय दत्त को पॅरॉल पर कर्इ बार घर जाने की अनुमती मिलती है; लेकिन साध्वी प्रज्ञा सिंग पर लगे आरोप अभी सिद्ध भी नहीं हुए है, फिर भी उन्हें कर्इ वर्षों से परिवार के लोगों को भी मिलने नहीं दिया जाता, यह बात दु:खद है ।

साध्वी प्रज्ञा छह सालों बाद शनिवार को अपनी गंभीर रूप से बीमार मां से मिलने के लिए जेल से बाहर आईं। वह जेल में दी जाने वाली यातनाओं को याद करके रो पड़ीं। साध्वी प्रज्ञा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंसाफ की आस लगाई हैं। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अगर मोदी भी उनकी मदद नहीं करते तो वह भी राजनाथ हो जाएंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह मोदी से न्याय की उम्मीद रखती हैं, प्रज्ञा ने कहा, ‘मोदी जी एक राष्ट्रवादी व्यक्ति हैं। उन्हें पता है कि भारत में देशभक्त कैसे कष्ट झेल रहे हैं। उन्हें मेरे जैसे लोगों के लिए कुछ जरूर करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते तो जल्दी ही वह भी राजनाथ सिंह जैसे लोगों की श्रेणी में आ जाएंगे।’

दरअसल, बीजेपी जब विपक्ष में थी तब राजनाथ ने उनके लिए इंसाफ की मांग की थी। प्रज्ञा ने कहा, ‘ऐसे बहुत से लोग हैं जो बोलते बहुत कुछ हैं लेकिन सच तो यह है कि उन्हें किसी चीज की परवाह नहीं है।’ प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी हैं। साल 2008 में राजनाथ सिंह ने उनका बचाव किया था।

राजनाथ ने कहा था, ‘अगर पुलिस के पास हिंदुत्ववादी समूहों के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत हैं तो वह इन्हें पेश करे। बिना पर्याप्त सबूत के प्रज्ञा ठाकुर को आतंकवादी कहने की कोई वजह नहीं है।’

प्रज्ञा ने कहा, ‘भारत सरकार की वजह से ही मैंने अपने पिता को खो दिया। वह मेरे साथ होने वाले अत्याचार को बर्दाश्त नहीं कर पाए। अब भारत सरकार मेरी मां को भी मुझसे छीन रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अब मेरी मां का आखिरी समय नजदीक है और मुझे उनसे मिलने के लिए सिर्फ एक घंटे का समय दिया गया है।’

स्वामी असीमानंद के एटीएस के सामने यह कबूलने पर कि मालेगांव ब्लास्ट में हिंदुत्ववादी आतंकी शामिल थे, प्रज्ञा ने कहा, ‘किसी भी हिंदू को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस ने देशभक्तों को आतंकियों का नाम दे दिया था।’ उन्होंने मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में अपनी भूमिका के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

शनिवार को प्रज्ञा एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अपनी मां से मिलने गईं । उन्होंने कहा, ‘जो लोग न्याय की परिभाषा समझते हैं वह खुद ब खुद आगे आएंगे। हालांकि ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो बेवजह बोलने में यकीन रखते हैं।’

गृह मंत्रालय साइबर अपराध से बचाव लिए अपनी रणनीति को मजबूत करेगा - राजनाथ सिंह

केन्‍द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में कहा कि गृह मंत्रालय साइबर अपराध से निपटने के लिए उन सभी जरूरी कदमों को उठाने पर विचार कर रहा है, जिससे इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय जल्‍द ही साइबर अपराध से निपटने की रणनीति को मजबूत बनाएगा। श्री सिंह भारतीय पुलिस सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों की 66वीं पासिंग आउट परेड में मुख्‍य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। यह कार्यक्रम हैदराबाद के सरदार वल्‍लभभाई पटेल राष्‍ट्रीय पुलिस अकादमी में आयोजित था। 

गृह मंत्री ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि साइबर अपराधी आपके शहर का है या देश का है, यह काम संसार में कहीं से भी संभव है और किसी को भी कहीं पर भी और किसी भी समय निशाना बना सकता है। भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्‍लभभाई पटेल के व्‍यक्तित्‍व की चर्चा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने ‘’अकेले ही अपने दम पर भारत की 562 देशी रियासतों को अधिकतम साहस और न्‍यूनतम हिंसा का उदाहरण प्रस्‍तुत करते हुए भारतीय गणराज्‍य में विलय करा दिया था। ‘’मुख्‍य तौर पर जूनागढ़ और हैदराबाद रियासतों का भारत में विलय स्‍वतंत्रता के उपरांत इतिहास में प्ररेणादायक उदाहरण हैं। यही वह कारण हैं जिसे देखते हुए हमारी सरकार ने इस दिन को ‘राष्‍ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने का निश्‍चय किया है। 

प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि बदलते समय के अनुसार पुलिस की भूमिका भी बदलती जा रही है। उन्‍होंने कहा, देश के लिए सबसे पारदर्शी प्रतिनिधि पुलिस ही है, जो बदलते समाज का सशक्‍त माध्‍यम हैं। ‘’थाना न्‍याय का मंदिर बने और हमारे पुलिस के जवान को समाज में शांति और विश्‍वास का वातावरण पैदा करने के लिए प्रयोगात्‍मक होना चाहिए।

समाज में बढ़ते अपराध और उसके क्षेत्र में हो रहे विस्‍तार को देखते हुए पुलिस को अत्‍याधुनिक प्रशिक्षण देना और पुलिस संगठन को मजबूत करना समय की जरूरत है। श्री सिंह ने बताया कि सरकार धर्मवीर आयोग 1978 की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर आवश्‍यक कदम उठाएगी। 

पास आउट परेड में शामिल 143 प्रशिक्षु अधिकारियों में 28 महिलाएं हैं। एनपीए में 15 अधिकारी ऐसे भी हैं जो मित्र देशों के हैं। मध्‍य प्रदेश कैडर के श्री अभिषेक तिवारी ने सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री बेटन के साथ गृह मंत्री रिवॉल्‍वर पुरस्‍कार जीते। 

श्री राजनाथ सिंह ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि आपकी वर्दी का गौरव यही है कि इसे देखकर देश के लोगों में विश्‍वास और संतुष्टि का अहसास हो। 

प्रचार के आखिरी दिन राजनाथ सिंह का काग्रेस पर करारा हमला

पश्चिमी उत्तार प्रदेश के चुनावी घमासान में भाजपा कांग्रेस-रालोद गठबंधन के खिलाफ वह बेहद आक्रामक है। कांग्रेस के राज्य में राष्ट्रपति शासन की अटकलों को हथियार बनाकर वह मतदाताओं से पूर्ण बहुमत वाली सरकार की अपील कर रही है और अपना मजबूत दावा पेश कर रही है। उसके निशाने पर सपा व बसपा भी है।

सपा की कांग्रेस के साथ हो रही नूरा कुश्ती व बसपा सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों को उसने यहां अपना प्रमुख मुद्दा बनाया हुआ है।छठे चरण के प्रचार अभियान के आखिरी दिन भाजपा की तरफ से धुआंधार प्रचार पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किया। उन्होंने सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक आठ जनसभाएं कर पार्टी की उम्मीदों को बढ़ाने में पूरी ताकत लगाई। उत्तार प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की कांग्रेस की अटकलों को पूरी तरह खारिज करते हुए राजनाथ सिंह से राज्य में पार्टी के पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने का दावा किया है।

उन्होंने पश्चिमी उत्तार प्रदेश में मतदाताओं से आग्रह किया कि जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने व त्रिशंकु विधानसभा लाकर अप्रत्यक्ष राज करने के मंसूबे बांध रही ताकतों को नाकाम करें।राजनाथ सिंह ने कहा कि सपा तो पहले चार चरण में ही हार मान चुकी है और उसने कांग्रेस के साथ सहयोग लेने-देने की बात कहनी शुरू कर दी है।

कांग्रेस ने भी पांच चरण बाद राष्ट्रपति शासन की बात कहकर अपनी हालत खुद ही बयां कर दी है। अब बसपा को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा ही मैदान में है।राजनाथ सिंह ने खैर, जेवर, दादरी, स्याना, किठौर, बेहट, थाना भवन व सिवाल खास की जनसभाओं में किसानों व युवाओं से सीधा संवाद करते हुए बिजली, खाद, गन्ना की कीमत व भुगतान के साथ छात्रों की पढ़ाई की दिक्कतों पर चर्चा की।

भीड़ के साथ सवाल-जवाब की शैली में उन्होंने वादा किया कि भाजपा की सरकार बनने पर गन्ना किसानों के बकाया का छह महीने में भुगतान व 300 रुपये प्रति क्विंटल कीमत दी जाएगी।बसपा सरकार के भ्रष्टाचार पर करारा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बिना मुख्यमंत्री के सहमति के इतने बड़े घोटाले नहीं हो सकते है। उन्होंने कहा कि भाजपा के भी तीन मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन कभी भ्रष्टाचार का आरोप तक नहीं लगा।

भाजपा पश्चिम बंगाल में करेगी नवजागरण रथयात्रा - चंदन मित्रा

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की राज्य मेंरथयात्राशुरू होगी। 30 जनवरी से शुरू होने वाली इस रथयात्रा के दौरान पार्टी कानून व्यवस्था और विकास के मोर्चे पर वाम मोर्चा सरकार की विफलता को उजागर करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार और महँगाई के मुद्दों पर कांग्रेस और तृणमूल को निशाना बनाएगी।

भाजपा के पश्चिम बंगाल के प्रभारी चंदन मित्रा ने बताया कि नवजागरण रथयात्रा 30 जनवरी को कूच बिहार से शुरू होकर 15 फरवरी को कोलकाता में एक रैली के साथ संपन्न होगी। इसमें महँगाई और भ्रष्टाचार के अलावा स्थानीय मुद्दों पर सरकार की विफलता को जनता के बीच उजागर किया जाएगा।

रथयात्रा को पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथसिंह हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जबकि 15 फरवरी को कोलकाता में लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी रैली को संबोधित करेंगें । मित्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल एक गरीब राज्य है और इसके लिए तृणमूल और कांग्रेस दोनों ही जिम्मेदार हैं। पिछले 34 साल में वाम शासन ने भी राज्य पर असर डाला है। इसी तरह भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है। बंगाल की वाम सरकार ने मुस्लिमों को नौकरी में आरक्षण दिया। हमने धार्मिक आधार पर आरक्षण का विरोध किया है और हम वोट बैंक की इस राजनीति का खुलासा करेंगे।

भाजपा का पश्चिम बंगाल में वस्तुत: कुछ दाँव पर नहीं लगा है, लेकिन मित्रा का कहना है कि पार्टी शांति और विकास के मोर्चे पर खुद को एक विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश करेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने बंगाल में अपने कैडरों के विकास पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया और तृणमूल कांग्रेस जैसे तत्कालीन सहयोगी दल पर अधिक निर्भरता दिखाने की गलती की। मित्रा ने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल की सभी 294 सीटों पर चुनाव लडेगी और स्थानीय पार्टियों के साथ गठजोड़ की संभावना भी तलाशेगी।

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को शैतान राष्ट्र घोषित करने की मांग की

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान और उन अन्य देशों कोशैतान राष्ट्रघोषित किया जाना चाहिए जहाँ से आतंकवादी अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई हमले के आघात से भारत अभी नहीं उबरा है।

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सिंह ने कहा कि क्योंकि उसकी (पाकिस्तान की) धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए हो रहा है इसलिए उसे शैतान या असफल राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। भारत के लोग आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की भारी कीमत चुकाते रहे हैं। सिंह ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि 2008 में मुंबई में हुए खौफनाक हमले की भयावह यादें अब भी जीवित हैं। इस हमले की योजना सीमापर से बनाई गई और क्रियान्वित की गई और सारी दुनिया ने इसे टीवी पर देखा। हम इस चुनौती से निर्णायक तौर पर निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सिंह ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो संयुक्त राष्ट्र महासभा या सुरक्षा परिषद को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे जंग की भारी कीमत भारत के लोगों को चुकानी पड़ी है। आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है और इससे निपटने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास की जरूरत है।

Join our WhatsApp Group

Join our WhatsApp Group
Join our WhatsApp Group

फेसबुक समूह:

फेसबुक पेज:

शीर्षक

भाजपा कांग्रेस मुस्लिम नरेन्द्र मोदी हिन्दू कश्मीर अन्तराष्ट्रीय खबरें पाकिस्तान मंदिर सोनिया गाँधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राहुल गाँधी मोदी सरकार अयोध्या विश्व हिन्दू परिषद् लखनऊ जम्मू उत्तर प्रदेश मुंबई गुजरात दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश श्रीनगर स्वामी रामदेव मनमोहन सिंह अन्ना हजारे लेख बिहार विधानसभा चुनाव बिहार लालकृष्ण आडवाणी मस्जिद स्पेक्ट्रम घोटाला अहमदाबाद अमेरिका नितिन गडकरी सुप्रीम कोर्ट चुनाव पटना भोपाल कर्नाटक सपा सीबीआई आतंकवाद आतंकवादी पी चिदंबरम ईसाई बांग्लादेश हिमाचल प्रदेश उमा भारती बेंगलुरु केरल अरुंधती राय जयपुर पंजाब इस्लामाबाद उमर अब्दुल्ला डा़ प्रवीण भाई तोगड़िया धर्म परिवर्तन महाराष्ट्र सैयद अली शाह गिलानी हिन्दुराष्ट्र अरुण जेटली मोहन भागवत राष्ट्रमंडल खेल वाशिंगटन शिवसेना इंदौर गंगा दवा उद्योग हिंदू कश्मीरी पंडित गोधरा कांड बलात्कार भाजपायूमो मंहगाई यूपीए साध्वी प्रज्ञा सुब्रमण्यम स्वामी चीन बी. एस. येदियुरप्पा भ्रष्टाचार शिवराज सिंह चौहान हिंदुत्व हैदराबाद इलाहाबाद काला धन गौ-हत्या चंडीगढ़ चेन्नई तमिलनाडु नीतीश कुमार शीला दीक्षित सुषमा स्वराज हरियाणा अशोक सिंघल कोलकाता जन लोकपाल विधेयक नई दिल्ली नागपुर मायावती मुजफ्फरनगर मुलायम सिंह रविशंकर प्रसाद स्वामी अग्निवेश अखिल भारतीय हिन्दू महासभा आजम खां उत्तराखंड फिल्म जगत ममता बनर्जी लालू यादव अजमेर प्रणव मुखर्जी बंगाल मालेगांव विस्फोट विकीलीक्स अटल बिहारी वाजपेयी आशाराम बापू ओसामा बिन लादेन नक्सली अरविंद केजरीवाल एबीवीपी कपिल सिब्बल क्रिकेट तरुण विजय तृणमूल कांग्रेस बजरंग दल बसपा बाल ठाकरे राजिस्थान वरुण गांधी वीडियो सोहराबुद्दीन केस हरिद्वार असम गोवा मनीष तिवारी शिमला सिख विरोधी दंगे सिमी इसराइल एनडीए कल्याण सिंह पेट्रोल प्रेम कुमार धूमल सैयद अहमद बुखारी अनुच्छेद 370 जदयू भारत स्वाभिमान मंच हिंदू जनजागृति समिति आम आदमी पार्टी विडियो-Video हिंदू युवा वाहिनी कोयला घोटाला मुस्लिम लीग छत्तीसगढ़ हिंदू जागरण मंच सीवान
registration for Z.com Research India

लोकप्रिय ख़बरें

ख़बरें और भी ...

राष्ट्रवादी समाचार. Powered by Blogger.

नियमित पाठक