
जब अधिवक्ता मुकुल सिन्हा ने सफाई पेश की कि राज्य सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट को पहले ही जानकारी दे दी थी कि नरेंद्र मोदी को पूछताछ के लिए बुलाए न जाने पर फैसला अंतिम नहीं है तो इस पर आयोग ने सफाई दी की यह समन पूर्व गृह राज्य मंत्री गोर्धन जदाफिया और पुलिस अधिकारी आरजे सावानी से संबद्ध था और नरेंद्र मोदी से संबद्ध नहीं था।
हालांकि जस्टिस नानावटी ने साफ किया कि यदि भविष्य में आयोग के सामने ऎसे सबूत आए और आयोग को किसी को भी समन भेजने की जरूरत महसूस हुई तो आयोग समन भेजेगा।
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