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यह बात भारत में स्विटजरलैंड के राजदूत फिलिप वेटी ने बुधवार को कही। वेटी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के द्वारा आयोजित एक निवेश संवर्द्धन कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए चेन्नै आये थे। उन्होंने कहा कि यह भारत को तय करना है कि वह नए समझौते के तहत किन के बैंक आंकड़ों की जानकारी के लिए आवेदन करना चाहता है।
भारत और स्विटजरलैंड ने इस साल अगस्त में डबल टैक्सेसन अवॉयडेंस समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत सरकार भारतीयों द्वारा स्विस बैंक में जमा किये जाने वाले पैसे की जानकारी ले सकती है।
माना जाता है कि बड़ी संख्या में भारतीयों ने स्विस बैंक में पैसा जमा कर रखा है। दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भारतीय कम्पनी स्विटजरलैंड की छोटी-मझोली कम्पनियों के साथ साझीदारी कर सकती है, जिन्हें अपने कारोबार का योग्य उत्तराधिकारी खोजने में काफी मुश्किलें आ रही है। उन्होंने कहा कि स्विटजरलैंड की अर्थव्यवस्था का 90 फीसदी हिस्सा छोटी मझोली कम्पनियों का है।
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