रेलवे स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छ शौचालय हमारा मिशन : बिन्‍देश्‍वर पाठक


विश्‍व शौचालय दिवस
19 नवंबर पर पूर्वालोकन

डॉ़ बिन्‍देश्‍वर पाठक
ब्रांड अंबेसडर-स्‍वच्‍छ रेल मिशन


पचास साल से शौचालय और सफाई को लेकर जारी मेरे काम का एक ही मकसद रहा है, स्वच्छता की संस्कृति को बदलना। 1960 के दशक तक तो स्वच्छता को लेकर खास संस्कृति भी नहीं थी। इसका उदाहरण है कि जब भी कभी हमलोग किसी के यहां शौचालय को लेकर बात करने जाते थे तो लोगों का पहला सुझाव यह होता था कि पहले चाय पी लेते हैं, फिर शौचालय की बात करते हैं। पचास साल की कोशिशों का अब बदलाव नजर आने लगा है। अब लोग खुलकर शौचालय की बात करने लगे हैं। स्वच्छता की संस्कृति पर बात करने को लेकर कोई हिचक नजर नहीं आती। वैसे भी 2014 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपिता गांधी की डेढ़ सौंवीं जयंती तक देश को खुले में शौचालय से मुक्त करने का जो अभियान शुरू किया है, उसने भी देश में स्वच्छता को लेकर नई जागरूकता पैदा की है। शायद एक यह भी वजह है कि स्वच्छता के प्रति मेरी ललक व अनुभव को देखते हुए रेलवे ने तरजीह दी और सबसे बड़ी परिवहन सेवा के साथ मुझे जुड़ने का सौभाग्‍य मिला।

हमारा मानना है कि सफाई की संस्कृति तब और ज्यादा तेजी से विकसित होगी, जब इसे सेवा भाव से लिया जाय। हमारा भारत देश विशाल है और इस देश में जब तक सेवा भाव से काम नहीं किया जाएगा, स्वच्छता की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचा पाना और उनकी तरफ से सहज स्वीकारोक्ति हासिल कर पाना आसान नहीं होगा। देश में करीब आठ हजार रेलवे स्टेशन हैं और इसी तरह करीब साढ़े चार लाख स्कूल हैं। यद्यपि रेलवे ने अपने स्टेशनों की सफाई के लिए अभियान शुरू कर रखा है, लेकिन वास्‍तविकता यह है कि देश के दूरदराज के ज्यादातर स्टेशनों पर सफाई की उचित व्‍यवस्‍था नहीं हो पायी है। हमने एक कार्य योजना बनाई है कि रेलवे स्‍टेशनों की सफाई के प्रति जागरूकता अभियान में स्‍कूलों के बच्‍चों को शामिल किया जाएं, इससे न केवल बच्‍चों में स्‍वच्‍छता की भावना का विकास होगा, बल्कि रेलवे स्‍टेशनों पर भी स्‍वच्‍छता का असर दिखाई देने लगेगा।

इस योजना के तहत प्रत्‍येक रेलवे स्टेशन के नजदीक के स्कूलों के बच्चों को हफ्ते या महीने में एक-दो दिन स्टेशन पर बुलाया जाय और उन्हें उन स्टेशनों की सफाई के लिए प्रेरित किया जाय। इस कार्य में हिस्सा लेने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट दिए जाएंगे, ताकि उनका उत्साह बना रहे। भविष्‍य के सूत्रधार बच्‍चों में एक नया दृष्टिकोण विकसित होगा और वे गांवों और कस्बों तक इसे पहुंचाने में बहुत मददगार साबित होंगे। बच्‍चें व युवा वास्‍तव में किसी भी समाज के वास्‍तविक ब्रांड अंबेस्‍डर होते है, यदि हम स्‍वच्‍छता के प्रति उनके मन में एक विचार, एक कौंध जागृत कर दें, तो समाज और राष्‍ट्र वास्‍तव में लाभांवित होगा।

भारतीय रेल प्रतिदिन दो करोड़ लोगों को गंतव्‍य तक पहुंचाती हैं। जब यात्रा के दौरान स्‍टेशन पर पहुंचने और उतरने के समय स्‍वच्‍छ टॉयलेट उपलब्‍ध हो, तो व्‍यक्ति के लिए वास्‍तव में यह राहत की बात होती है। यात्रा सचमुच सुखद लगती है। वैसे करीब तीन सौ रेलवे स्टेशनों पर सुलभ की ओर से शौचालयों का रखरखाव किया जा रहा है। सुलभ इंटरनेशनल को रेलवे के साथ काम करने का अनुभव है। इसलिए मुझे लगता है कि हमें इस काम में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

मैंने महसूस किया है कि रेलवे स्टेशनों पर शौचालयों और मूत्रालयों की काफी कमी है। अगर हैं भी तो उनकी साफ-सफाई पर ध्यान कम है। हम इस दिशा में भी काम करेंगे। हम चाहेंगे कि रेलवे स्टेशनों पर मूत्रालयों और शौचालयों की संख्या बढ़े। वैसे रेल मंत्री सुरेश प्रभु के प्रस्ताव पर पहले से पांच रेलवे स्टेशनों पुरानी दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, ग्वालियर और गोरखपुर में शौचालय के रख-रखाव का काम कर रहे हैं और उन स्टेशनों को साफ रखने के काम में अपना दायित्‍व निभा रहे हैं।

रेलवे ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर दो शौचालयों के रखरखाव का जिम्मा दिया है तो दो को बनाने की हमें जिम्मेदारी दी है और हम इस दिशा में काम करेंगे। देशभर के रेलवे प्लेटफॉर्मों पर शौचालयों और मूत्रालयों की कमी है, इसे पूरा कर पाना आसान नहीं है। हमारा मानना है कि इस कार्य को बैंकों से कर्ज लेकर पूरा किया जा सकता है और एक बार शौचालय बन गए तो उन्हीं के जरिए बैंक के कर्ज को भी दिया जा सकता है। सुलभ यह काम करने को तैयार है। हम रेलवे से आग्रह करेंगे कि वह सुलभ की गारंटी बैंकों को दे तो यह काम आसानी से पूरा किया जा सकता है। हम प्लेटफॉर्म की सफाई के लिए लोगों से सुझाव मांगेंगे, ताकि जन भागीदारी के तहत इस कार्य को सफल बनाया जाए। इसके लिए पूरे साल हम साफ-सफाई करने के अभियान के साथ-साथ सेमिनार और नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करेंगे। हमारे देश भर में अभियान से अनेक स्‍वंय सेवक जुड़े हैं इन सभी के सेवाभाव और सहयोग से आज हम शौचालय और सफाई की इस मुकाम तक पहुंचे हैं, हमें इसका दायरा और बढ़ाना है।

हम सिर्फ स्वच्छता की संस्कृति को ही बढ़ावा देने के लिए काम नहीं कर रहे, बल्कि हमने समाज में निचले स्तर पर मैला ढोने वाले लोगों के पुनर्वास से भी जुड़े है। इसके साथ ही हमारे पास दुनिया का एकमात्र टॉयलेट म्यूजियम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्‍वच्‍छता के प्रति जन जागरूकता अभियान की शुरूआत की है। यदि हम सभी देशवासी अपने आसपास एवं सार्वजनिक स्‍थलों, पार्कों, दर्शनीय स्‍थलों, रेलवे स्‍टेशनों पर स्‍वच्‍छता रखेंगे, तो निश्‍चय ही भारतवर्ष स्‍वच्‍छता का लक्ष्‍य पा सकेगा। रेल हमारे समाज की जीवन-रेखा है। स्‍टेशन और शौचालयों की स्‍वच्‍छता यात्रियों को सुखद एहसास प्रदान करती है और गंतव्‍य तक पहुंचना राहत से भरपूर होता है। आइए इस महत्‍वपूर्ण कार्य में हम सब अपना योगदान करें।

लेखक पदमश्री से सम्‍मानित रेल स्‍वच्‍छ मिशन के ब्रांड अंबेसडर हैं। लेख में व्‍यक्‍त विचार उनके निजी हैं।

स्वच्छ भारत जागरूकता अभियान में अभी तक अलीगढ़ सबसे आगे


शहरी क्षेत्रों में चलाए जा रहे स्वच्छ भारत जागरूकता अभियान में अलीगढ़ सबसे आगे 

वसई-विरार, हैदराबाद, गुरूग्राम, चंडीगढ़, मदुरै, वडोदरा, तिरुपति, मैसूर भी शीर्ष पर 

सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) प्रयासों पर इस पखवाड़े के दौरान शौचालयों की कार्यक्षमता को बढ़ावा देने के लिए 500 शहरों के स्वच्छ सर्वेक्षण में विशेष महत्व दिया जाएगा 

शहरी विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ सर्वेक्षण – 2017 के तहत 500 शहरों में आवश्यक पाक्षिक विषयगत गतिविधियों के अधीन चलाई गई स्वच्छ जागरूकता गतिविधियों में अलीगढ़ सबसे आगे हैं। मंत्रालय की आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों के मूल्यांकन के दौरान अलीगढ़ ने सबसे अधिक अंक अर्जित किए हैं। आईईसी कार्य प्रदर्शन का मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किया गया है, जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण – 2017 के अन्य मानकों का मूल्यांकन भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा किया जाएगा।

सभी शहरों से पार्कों, सरकारी कार्यालयों, आवासीय कालोनियों, पर्यटन स्थलों, स्कूलों आदि की साफ-सफाई और सफाई कामगारों के कल्याण के बारे में मीडिया कवरेज के सबूत के साथ नागरिकों को शामिल करके आईईसी गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। 

इस संबंध में अन्य शीर्ष 10 शहरों में के नाम हैं - वसई-विरार (महाराष्ट्र), हैदराबाद, गुरूग्राम, चंडीगढ़, मदुरै (तमिलनाडु), वडोदरा और राजकोट (गुजरात), तिरुपति (आंध्र प्रदेश) और मैसूर (कर्नाटक)। इन शहरों को सर्वेक्षण 2017 के तहत आईईसी के लिए 50 प्रतिशत आवंटित भार के अधीन अंक दिए गए हैं। 

शहरी विकास मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण – 2017 में शामिल सभी 500 शहरों को सूचित किया है कि इस रैंकिंग के अधीन आईईसी घटक के लिए बकाया 50 प्रतिशत भार की गणना कल से शुरू स्वच्छता पखवाड़े के दौरान व्यक्तिगत, समुदाय और सार्वजनिक शौचालयों को कार्यात्मक बनाने के लिए समुदाय भागीदारी के लिए किए गए उनके प्रयासों के आधार पर की जाएगी। स्वच्छ सर्वेक्षण – 2017 के अंतिम परिणामों की घोषणा जनवरी, 2017 में की जाएगी।

शहरी क्षेत्रों में शौचालयों के काम-काज के ऑडिट के आदेश


कल से शुरू होने वाले स्‍वच्‍छता पखवाड़े के अधीन राज्‍यों और शहरों से शौचालयों के कामकाज की लेखा परीक्षा करने के लिए कहा गया 

अधिक से अधिक शौचालयों के निर्माण को बढ़ावा देने, जल आपूर्ति सुनिश्चित करने और व्‍यवहार में परिवर्तन लाने के प्रयासों में तेजी लाना 

राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए गूगल टॉयलेट लोकेटर की शुरुआत की जायेगी 

शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्‍यों और शहरों के प्रशासन से कल से शुरू होने वाले स्‍वच्‍छता पखवाड़े के दौरान अगले 15 दिनों में शहरी क्षेत्रों में शौचालयों के काम-काज की व्‍यापक लेखा परीक्षा कराये जाने के लिए कहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि क्‍या शौचालय ठीक तरह से कार्य कर रहे हैं और उनका पूरी तरह से इस्‍तेमाल हो रहा है।

राज्‍य और शहरी प्रशासन को अगले 15 दिनों के लिए भेजी गई कार्य योजना में व्‍यक्तिगत घरेलू शौचालयों और समुदाय तथा घरेलू शौचालयों के कामकाज की प्रभावी रूप से लेखा परीक्षा करने के लिए समुदाय प्रतिनिधियों तक पहुंच कायम करने और जल उपलब्‍धता सहित पाई जाने वाली खामियों को दूर करने के लिए कहा गया है।

राज्‍यों और शहरों से पखवाड़े की शुरुआत में कम-से-कम दो अभियान शुरू करने और एक सप्‍ताह बाद शौचालयों के निर्माण के लिए लाभार्थियों को प्रोत्‍साहित करने के लिए कहा गया है। समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए शिलान्‍यास किये जाने हैं जो अब निविदा चरण में हैं।

व्‍यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण के लिए लाभार्थियों को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए विशेष कैंप आयोजित किये जा रहे हैं। व्‍यवहार में परिवर्तन लाने के एक हिस्‍से के रूप में ‘असली तरक्‍की अभियान’ के बारे में पोस्‍टर, स्‍कूटर या टीवी सेट खरीदने जैसी जरूरत के मुकाबले शौचालय के निर्माण को प्राथमिकता देने के कार्यों से संबंधित होर्डिंग और पोस्‍टरों को भी इस पखवाड़े के दौरान अधिक प्रमुखता और व्‍यापक रूप से प्रदर्शित किया जायेगा।

राज्यों और शहरी प्रशासन को व्‍यापक प्रचार-प्रसार तथा स्‍वच्‍छता प्रक्रियाओं के बारे में लोगों को प्रोत्‍साहित करने के लिए प्रस्‍तावित गतिविधियां आयोजित करते समय मीडिया को शामिल करने की भी सलाह दी गई है। शहरी विकास मंत्रालय राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए जल्‍दी ही गूगल टॉयलेट लोकेटर की शुरुआत करेगा। इससे उपयोग के लिए नजदीकी शौचालय का पता लगाने में मदद मिलेगी।

स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत 10 प्रतिष्ठित स्‍थानों की सफाई होगी


अपनी जड़ों तक वापस लौटने और ग्रामीण भारत से स्‍वच्‍छता के पाठ सीखने की आवश्‍यकता ‘ : पीने का पानी एवं स्‍वच्‍छता मंत्री के रूप में नरेन्‍द्र सिंह तोमर का पहला संबोधन  

पीने का पानी एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय ने 8 एवं 9 जुलाई को नई दिल्‍ली में देश भर में 100 प्रतिष्ठित स्‍थानों की विशेष सफाई के लिए, जिसकी शुरूआत पहले चरण में 10 स्‍थानों के साथ होगी, एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संबंधित राज्‍य सरकारों एवं नगर पालिका निकायों के प्रतिनिधियों के साथ साथ इस कार्यशाला में निम्‍नलिखित 10 स्‍थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

1.     वैष्‍णो देवी : जम्‍मू एवं कश्‍मीर
2.     ताज महल : उत्‍तर प्रदेश
3.     तिरूपति मंदिर : आंध्र प्रदेश
4.     स्‍वर्ण मंदिर : पंजाब
5.     अजमेर शरीफ : राजस्‍थान
6.     मीनाक्षी मंदिर : तमिलनाडु 
7.     कामख्‍या मंदिर : असम
8.     जगन्‍नाथ पुरी : ओडिशा
9.     मणिक‍िर्णकाघाट : उत्‍तर प्रदेश
10.  छत्रपति शिवाजी टर्मिनस : महाराष्‍ट्र

कार्यशाला के पहले दिन अर्थात 8 जुलाई, 2016 को कार्यशाला की शुरूआत केंद्रीय पीने का पानी एवं स्‍वच्‍छता मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर एवं पीने का पानी एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय में सचिव श्री परमेश्‍वरन अय्यर द्वारा उद्घाटन भाषण के साथ हुई।

मंत्री महोदय ने अपने उद्घाटन भाषण में (मंत्रालय का पद भार ग्रहण करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए) प्राचीन ग्रामीण भारत में व्‍याप्‍त कारगर ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन प्रचलन को रेखांकित किया और कहा कि हमें अपनी जड़ों तक वापस जाना चाहिए एवं  अतीत के अच्‍छे प्रचलनों से ‘स्‍वच्‍छता’ की सीख लेनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि गांधीजी ने एक स्‍वच्‍छ भारत के लिए काम किया और सभी के सामने अनुसरण करने के लिए एक उदाहरण प्रस्‍तुत किया। उन्‍होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व द्वारा सृजित वातावरण के बारे में भी बातें कीं जिन्‍होंने राष्‍ट्र में  ‘स्‍वच्‍छता’ को  समाज में एक मूल्‍य के रूप में फिर से प्रतिस्‍थापित किया है। स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत देश भर में प्रतिष्ठित स्‍थानों की सफाई के लिए पहल के संबंध में उन्‍होंने कहा कि पहले चरण में 10 प्रतिष्ठित स्‍थानों की सफाई में जो प्रतिमान स्‍थापित किए जाएंगे, उन्‍हें सभी 100 स्‍थानों तक विस्‍तारित किया जाएगा और उम्‍मीद है कि एक वैश्विक उदाहरण स्‍थापित किया जाएगा।

इसके बाद शहरी योजना निर्माण, स्‍वच्‍छता एवं सफाई के क्षेत्र में मैशेच्‍यूट्स इंस्‍टीच्‍श्‍ूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी, विश्व बैंक एवं सिटीज एलायंस जैसे संस्‍थानों के अंतरराष्‍ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा एक प्रस्‍तुतीकरण पेश किया गया। उन्‍होंने सिंगापुर, इक्‍वाडोर एवं पाकिस्‍तान (लाहौर के दिल्‍ली गेट की सफाई) समेत दुनिया भर के इसी प्रकार के एवं सफल अंतरराष्‍ट्रीय सफाई अभियानों के केस अध्‍ययन भी साझा किए।

इसके बाद 10 प्रतिष्ठित स्‍थानों की टीमों द्वारा विस्‍तृत प्रस्‍तुतीकरण पेश किए गए जिनमें शामिल हैं:

क)     भूगोल, कवर किया गया क्षेत्र, आने जाने वाले लोगों की संख्‍या आदि समेत साइट की विशेषताएं
ख)    साइट के भीतर एवं बाहर स्‍वच्‍छता की वर्तमान स्थिति
ग)     भीतर एवं बाहर स्‍वच्‍छता बनाये रखने के लिए वर्तमान में उठाए गए विि‍शष्‍ट कदम एवं
घ)     घटनाक्रमों, प्रमुख कंपनियों, वित्‍तीय बजटों आदि समेत प्रस्‍तावित कार्य योजना 

10 प्रतिष्ठित स्‍थानों की टीमों को अंतरराष्‍ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा फीडबैक दिए गए एवं टीमों के बीच सबसे अच्‍छे प्रचलनों को साझा किया गया।

कार्यशाला के दूसरे दिन अर्थात 9 जुलाई, 2016 को शहरी विकास मंत्रालय ने इस पहल के तहत शुरू किए गए स्‍वच्‍छता कार्यों से संबंधित केंद्र सरकार की महत्‍वपूर्ण योजनाओं पर एक प्रस्‍तुतीकरण पेश किया। उन्‍होंने सभी टीमों को यह आश्‍वासन भी दिया कि मंत्रालय अपनी तरफ से इस स्‍वच्‍छता अभियान को पूरा समर्थन देगा। 

प्रेरणादायक: उसने बकरी बेचकर और पायल गिरवी रख बनवाया शौचालय

गत दिनों छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में 104 वर्षीय वृद्धा श्रीमती कुंवरबाई द्वारा बकरियां बेचकर शौचालय निर्माण करने और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कुंवरबाई के चरण स्पर्श करने के वाकये की देशभर में चर्चा रही। लेकिन, महानगरीय चमक-धमक से दूर, राजस्थान के डूंगरपुर जिले के एक आदिवासी परिवार ने लाज बचाने के लिए अपनी आजीविका के प्रमुख साधन बकरी को बेचकर तथा चांदी के आभूषण को गिरवी रखकर कुंवरबाई जैसा ही शौचालय निर्माण का दूसरा अनूठा उदाहरण पेश किया है।

गरीब परिवार की दास्तान:

कहानी है डूंगरपुर-रतनपुर-अहमदाबाद मार्ग पर सड़क किनारे एक टूटी-फूटी झोंपड़ी में रहने वाले श्री कांतिलाल रोत और उसके परिवार की। शहर की एक मिल में दिहाड़ी मजदूरी करने वाला श्री कांतिलाल रोत अपनी विधवा मां, स्वर्गीय छोटे भाई की पत्नी व बच्चों के साथ अपनी पत्नी-बच्चों वाले बड़े परिवार का पालन पोषण कर रहा था। गत दिनों स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर परिषद डूंगरपुर द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत काम कर रहे फिनिश सोसायटी के प्रतिनिधियों ने उससे संपर्क किया और परिवारजनों को शौचालय बनवाने के लिए समझाया। शहर से सटी बस्ती के कारण विधवा मां श्रीमती लाली रोत भी अपनी दोनों बहुओं और खुद के लिए शौचालय की आवश्यकता महसूस कर रही थी। उसे बताया गया कि नगरपरिषद द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में केन्द्र सरकार की ओर से 4 हजार, राज्य सरकार के 4 हजार रुपये तथा नगरपरिषद की ओर से 4 हजार रुपये मिलाकर कुल 12 हजार रुपये दिए जाएंगे तो पूरा परिवार खुशी-खुशी शौचालय बनवाने के लिए तैयार हो गया।

प्रोत्साहन राशि के चार हजार की प्रथम किश्त मिलने के साथ ही पूरे परिवार ने खुद के हाथों गड्डा खोदना प्रारंभ किया। शेष राशि मिलने के बाद आवश्यक सामग्री खरीद कर उपर का ढांचा और पानी की टंकी भी बना ली परंतु अब उनके पास कारीगरों को चुकाने के लिए राशि खत्म हो चुकी थी। विधवा मां की जिद थी कि शौचालय तो बनेगा ही। उसकी सलाह पर श्री कांतिलाल ने अपने घर की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाली सात बकरियों में से एक बकरी 5 हजार रुपये में बेच दी और कारीगरों को मजदूरी का भुगतान किया। अब शौचालय के दरवाजे और अन्य सामग्री के लिए और धनराशि की आवश्यकता हुई तो उसकी पत्नी श्रीमती गौरी ने अपनी शादी में पीहर से आई हुई चांदी की पायल को गिरवी रखने के लिए दे दिया। बस फिर क्या था, श्री कांतिलाल ने बाजार में पायल को गिरवी रखकर चार हजार रुपये लिए और अपने शौचालय को पूर्ण करवाया और अब पूरा परिवार इसी शौचालय का उपयोग करता है।


शौचालय के लिए बकरी बेचने और पायल गिरवी रखने वाला आदिवासी परिवार

सभापति गुप्ता पहुंचे गौरी के घर:

इधर, अपने घर में शौचालय बनाने के लिए बकरी बेचने और पायल को गिरवी रखने वाले आदिवासी परिवार के समर्पण की सूचना नगर परिषद के सभापति श्री के.के.गुप्ता के पास पहुंची तो वह तत्काल ही गौरी के घर पहुंचे और पूरे वाकये की जानकारी लेते हुए गिरवी रखी गौरी की पायल को छुड़वाने के लिए अपनी तरफ से नकद चार हजार रुपये, अंतिम किश्त के चार हजार रुपये का चेक दिया और साथ ही, पूरे परिवार के इस समर्पण के लिए परिवार के मुखिया श्री कांतिलाल, उसकी पत्नी श्रीमती गौरी और विधवा मां श्रीमती लाली रोत का माल्यार्पण से अभिनंदन किया।


आदिवासी परिवार को पुरस्कार राशि देते नगर परिषद सभापति के.के.गुप्ता और आयुक्त


सभापति श्री गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के संकल्‍पों को सार्थक करने के लिए डूंगरपुर नगर परिषद प्रतिबद्ध है और नगर परिषद को राजस्थान में पहली ओडीएफ बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी है। परिषद के आयुक्त श्री दिलीप गुप्ता ने इस मौके पर जानकारी दी कि परिषद द्वारा 30 जून तक 16 वार्डों को खुले में शौचमुक्त कर दिया जाएगा। प्रताप जयंती होने पर उनके त्याग और समर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्‍हें प्रताप की प्रतिमा भी भेंट की।


आदिवासी परिवार को प्रताप की प्रतिमा भेंट करते नगर परिषद के सभापति श्री के.के.गुप्ता और आयुक्त

इस मौके पर शौचालय निर्माण के विषय पर विधवा श्रीमती लाली का कहना था कि बहुओं की लाज बचाने के लिए वो बकरी और चांदी की पायल तो क्या अपना घर भी गिरवी रखना पड़े तो रख देती। श्रीमती लाली और श्रीमती गौरी के इस समर्पण पर न सिर्फ परिवार अपितु आस-पड़ोस के लोग भी बड़े खुश दिखे। इस दौरान फिनिश सोसायटी के श्री निहाल अहसन और नगरपरिषद के कार्मिक भी मौजूद थे।

लेखक - गोपेंद्र नाथ भट्ट


वैंकेया नायडु ने प्रीत विहार,पूर्वी दिल्‍ली में ‘स्‍वच्‍छ शौचालय’ का उद्घाटन किया


दिल्‍ली में 20 स्‍थानों पर आधुनिक, उपयोग सुलभ सार्वजनिक शौचालय; प्रत्‍येक की लागत 13 लाख रुपये

श्री एम. वैंकेया नायडु ने प्रीत विहार, पूर्वी दिल्‍ली में ‘स्‍वच्‍छ शौचालय’ का उद्घाटन किया

राष्‍ट्रीय राजधानी में 4000 सार्वजनिक शौचालयों की कमी

केन्‍द्र ने घरेलू जलापूर्ति, सीवर कनेक्‍शन के लिए 223 करोड़ रुपये मंजूर किए

दिल्‍ली को आज विभिन्‍न स्‍थानों पर विमानों और रेलगा‍ड़ी के उच्‍चस्‍तरीय डिब्‍बों में इस्‍तेमाल होने वाली अत्‍याधुनिक कम्पाज़िट सामग्री से निर्मित आधुनिक और उपयोग सुलभ सार्वजनिक शौचालय प्राप्‍त हुए। इनमें से प्रत्‍येक की लागत 13 लाख रुपये है और ये 20 स्‍थानों पर बनाए गए हैं। केन्‍द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने पूर्वी दिल्‍ली के प्रीत विहार के सिक्‍का मार्किट में चार टॉयलट सीट और चार मूत्रालय वाले ऐसे ही एक ‘स्‍वच्‍छ शौचालय’ का उद्घाटन किया। स्‍थानीय कोआपरेटर्स और गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने 19 अन्‍य स्‍थानों पर ऐसे ही शौचालयों का उद्घाटन किया, जिनमें उत्‍तर (5), दक्षिण (6) और पूर्वी दिल्‍ली नगर निगम के 9 स्‍थान शामिल हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री वेंकैंया नायडू ने कहा कि दिल्‍ली में तीन एमसीडी क्षेत्रों में लगभग 4000 सार्वजनिक शौचालयों की कमी है और स्‍वच्‍छ भारत मिशन के अंतर्गत इस कमी को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। स्‍वच्‍छ भारत मिशन अक्‍टूबर, 2014 में प्रारंभ किये जाने के बाद से 7061 सार्वजनिक टॉयलट सीट के निर्माण के बाद दक्षिण दिल्‍ली के 5,318, उत्‍तर में 3,3,11 और पूर्वी एमसीडी क्षेत्र में 2,508 की कमी है। उन्‍होंने कहा कि करीब 6.50 प्रतिशत शहरी लोगो सार्वजनिक शौचालयों का इस्‍तेमाल करते हैं और शहरी क्षेत्रों में आवश्‍यक बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित किये जाने की जरूरत है।

श्री नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्‍ली को स्‍वच्‍छता के मामले में मिसाल कायम करनी चाहिए। उन्‍होंने जनता, नगर निमग और दिल्‍ली सरकार से इस अवसर पर सहयोग करने का अनुरोध किया।

ये शौचालय शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राष्‍ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) द्वारा कारपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व के अंतर्गत स्‍थापित किये गये हैं। एनबीसीसी द्वारा 10 और स्‍थानों पर ऐसे शौचालय उपलब्‍ध कराए जाएंगे।

शौचालयों और मानव अपशिष्‍ट के प्रशोधन के लिए जलापूर्ति और सीवर कनेक्‍शन की आवश्‍यकता का उल्‍लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि उनके मंत्रालय ने हाल ही में कायाकल्‍प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन के अंतर्गत दिल्‍ली के लिए 223 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इसके अंतर्गत 113 करोड़ रुपये जलापूर्ति कनेक्‍शनों के लिए और 104 करोड़ रुपये सीवेज नेटवर्क में सुधार लाने पर खर्च किये जाएंगे।

पूर्वी एमसीडी में जिन स्‍थानों पर सार्वजनिक शौचालय उपलब्‍ध कराए गए हैं, वे हैं – प्रीत विहार, वीर सावरगर अस्‍पताल, स्‍वामी दयानंद अस्‍पताल, डीडीए मार्केट (मयूर विहार, फेज-2), आनंद विहार, लोनी रोड पेट्रोल पंप, सीलमपुर मेट्रो स्‍टेशन, सी ब्‍लॉक (यमुना विहार) और न्‍यू जाफराबाद।

दक्षिणी एमसीडी – उपहार सिनेमा के निकट, कालू सराय डीटीसी डिपो के निकट, मुनिरका डीडीए फ्लैट्स, फोर्टिस अस्‍पताल के निकट, नेहरू प्‍लेस मेट्रो स्‍टेशन के निकट और नेहरू प्‍लेस डिस्ट्रिक सेंटर।

उत्‍तर दिल्‍ली – समयपुर बादली मेट्रो स्‍टेशन के निकट, जीटी रोड (आजादपुर), नांगलोई मेट्रो स्‍टेशन, फजिल रोड और पुराना टांगा स्‍टैंड, रेलवे पार्सल सेंटर, एसपीएम मार्ग।

‘क्लीन माई कोच’ सेवा शुरू हुई, जानिये कैसे ले सकते हैं इसका लाभ


रेल गाडि़यों में सफाई कायम रखने की जिम्मेदारी रेल और यात्रियों दोनों की: श्री सुरेश प्रभु 

भारतीय रेल के सफाई अभियान ‘स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत’ को आगे बढ़ाने के क्रम में रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने  ‘क्लीन माई कोच’ सेवा की शुरूआत की। उन्होंने इसकी शुरुआत रेल भवन से नई दिल्ली /उत्तर रेलवे, मुंबई सेंट्रल/ पश्चिम रेलवे और लखनऊ जं./ उत्तर पूर्व रेलवे के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की। इस अवसर पर रेल राज्य मंत्री श्री मनोज कुमार सिन्हा विशेष रूप से उपस्थित थे। भारतीय रेल की तरफ से इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए.के. मित्तल, सदस्य यांत्रिक श्री हेमंत कुमार और बोर्ड के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। इनके अलावा नई दिल्ली / उत्तर रेलवे, मुंबई सेंट्रल/ पश्चिम रेलवे और लखनऊ जं./ उत्तर पूर्व रेलवे की तरफ से अनेक जनप्रतिनिधि और आला अधिकारी मौजूद थे। रेल मंत्री ने 2016-17 के अपने रेल बजट भाषण में क्लीन माई कोच सेवा की घोषणा की थी और उस पर फौरी कार्रवाई करते हुए उसे लागू भी कर दिया गया।

इस अवसर पर रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि चूंकि रेल देश के प्रत्‍येक नागरिक से जुड़ी हुई है इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि रेल अपने परिसरों में साफ वातावरण कायम रखे। इसके क्रम में गैर वातानुकूलित डिब्बों में भी डस्टबीन रखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि रेल सीमाओं में बंधकर नहीं चलती इसलिए रेलवे परिसरों के आसपास सफाई रखना रेल प्रशासन और देश के नागरिकों की बराबर की जिम्मेदारी  है। उन्होंने कहा कि प्रयास होना चाहिए कि भारत का भ्रमण करने के लिए जो विदेशी पर्यटक यहां आते हैं वे भारतीय रेलों के बारे में शानदार स्‍मृतियों के साथ वापस लौटें। उन्होंने आगे कहा कि रेलवे डिजटलीकरण और स्वच्छ और यात्री सुविधा, कोच डिजाइन यांत्रिक‍ लॉन्ड्री, गाड़ी के भीतर प्रदान की जाने वाली सेवाओं, सोशल मीडिया इत्यादि क्षेत्रों में प्रगति कर रही है। उन्‍होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में यात्रियों को और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि उनका यात्रा अनुभव बेहतर हो सके।

रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि भारतीय रेल ने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को एक बड़े स्वरूप  में अपनाया है। भारतीय रेल में दिन प्रति दिन सुधार हो रहा है और वह यात्रियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। उन्‍होंने कहा कि क्लीन माई कोच सेवा से गाडि़यों में सफाई कायम रखने के लिए जिम्मेदारी निश्चित होगी। उन्‍होंने कहा कि भारतीय रेल विश्व मानको के अनुरूप काम करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

‘क्लीन माई कोच सेवा’ के मुख्य बिन्दू :

रेल मंत्री के बजट भाषण के पैराग्राफ 68 (1) में घोषणा की गई थी कि पूरे भारत में क्लीन माई कोच सेवा शुरू की जाएगी। योजना के अनुरूप कोच में सफाई के लिए या‍त्री मोबाइल नंबर 58888 पर एसएमएस कर सकते हैं। इसके अलावा यात्री एंडराइड अप्‍लीकेशन ‘Cleanmycoach Indian Railways’ का उपयोग कर सकते हैं या वेब पेज  ‘cleanmycoach.com’ पर लॉग- इन करके आग्रह कर सकते हैं। यात्रियों के आग्रह की पावती के रूप में एक कोड के साथ उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस जाएगा। इसके साथ ही एक संदेश सर्वर के जरिये उक्त रेल गाड़ी में चलने वाले हाउस कीपिंग स्टाफ के मोबाइल पर भी भेजा जाएगा। इसमें या‍त्रियों का कोच नंबर  और बर्थ नंबर दिया जाएगा। हाउस कीपिंग स्टाफ यात्रियों से संपर्क करेगा और सफाई के संबंध में यात्रियों की मांग पूरी करेगा। संतुष्ट हो जाने पर या‍त्री हाउस कीपिंग स्टाफ को उक्त कोड नंबर बताएगा। इसे एसएमएस के जरिये वापस भेजा जाएगा। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि शिकायत दूर कर दी गई है। यदि या‍त्री संतुष्ट नहीं है तो वह कोड नहीं बताएगा और शिकायत को दूर किया हुआ नहीं माना जाएगा।

इस सेवा से भारत के नागरिकों को यह अधिकार मिलता है कि वे माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए जाने वाले डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्‍यों के अनुरूप रेल गाड़ी में महत्वपूर्ण सेवाएं प्राप्त कर सकें। रेल गाड़ी में स्वच्छता सुनिश्चित करने से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का अनुपालन भी होता है।

यह योजना भारतीय रेल के 43 डिविजनों में शुरू की जा रही है। इस पहल की औपचारिक शुरूआत के साथ इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। मौजूदा वित्‍त वर्ष के दौरान अन्य 24 डिविजनों से चालू होने वाली गाडि़यों में भी इसे लागू किया जाएगा।

रेल मंत्रालय ने क्लीन माई कोच पहल की शुरूआत नई दिल्ली / उत्तर रेलवे, मुंबई सेंट्रल/ पश्चिम रेलवे और लखनऊ जं./उत्तर पूर्व रेलवे से की।

स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप्प लॉन्च किया गया


केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति(स्वतंत्र प्रभार) तथा नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप्प लॉन्च किया । यह परियोजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा डीईजीएस तथा एनआईसी के माध्यम से लागू की जा रही है। यह मोबाइल एप्प स्वच्छ पर्यटन के रूप में गूगल सर्च इंजन पर उपलब्ध है । शुरु में यह एनड्रॉयड फोन पर उपलब्ध है और शीघ्र ही यह ऐप्पल तथा माइक्रोसाफ्ट पर भी उपलब्ध होगा । इस एप्प की मॉनिटरिंग पर्यटन मंत्रालय में स्वच्छ भारत मिशन की परियोजना निगरानी इकाई द्वारा की जाएगी ।

इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि वैसे स्मारकों को स्वच्छ बनाए रखने में साधारण जन और पर्यटकों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है लेकिन पर्यटन मंत्रालय ने जन साधारण को मदद देने का निर्णय़ लिया ताकि लोग पर्यटन क्षेत्रों के आस –पास के क्षेत्रों में गंदगी की शिकायत कर सकें । इसीलिए पर्यटन मंत्रालय यह मोबाइल एप्प लांच कर रहा है । उन्होंने कहा कि जब तक स्वच्छता के काम में सभी हितधारक योगदान नहीं करते तब तक ऐसी परियोजना सफल नहीं होगी ।

पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने बताया कि हाल में लॉन्च किए गए टूरिस्ट इंफोलाइन पर रोजाना 18000 जवाब मिल रहे हैं । उन्होंने कहा कि घरेलू पर्यटन की सभावनाएं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन की तरह अपार हैं।इसीलिए लोगों से जनसाधरण और पर्यटकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं ।

पर्यटन सचिव श्री विनोद जुत्सी ने कहा कि 2016 की शुरुआत पर्यटन क्षेत्र में अच्छी खबर के साथ हुई है । इस वर्ष जुलाई-अगस्त में मेगा पर्यटन सम्मेलन आयोजित किए जाने की आशा है । उन्होंने कहा कि पर्यटन तथा संस्कृति मंत्रालय इस मोबाइल एप्प को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे ।

इस मोबाइल एप्प पर नागरिक गंदे स्थानों के फोटो लेकर अपनी टिप्पणियों के साथ अपलोड कर सकते हैं । इसके बाद यह एप्पीलिकेशन एएसआई के नोडल अधिकारी को एक एसएमएस भेजता है और बताए गए स्थान से गंदगी हटाई जाती है ।

क्रम संख्या
स्वच्छ पर्यटन मोबाइल एप्प में कवर कए जाने वाले 25 स्मारकों की सूची
1.
लेह पैलेस, लेह, जम्मू-कश्मीर
14.
जागेश्वर मंदिर, उत्तराखंड
2.
हुमायूं का मकबरा, नई दिल्ली

15.
श्रावास्ति, उत्तर प्रदेश
3.
कुतुब मिनार परिसर , नई दिल्ली
16.
सारनाथ, उत्तर प्रदेश

4.
लाल किला, दिल्ली

17.
वैशाली-कोल्हुआ, बिहार
5.
हजारद्वारी पैलेस, मुर्शीदाबाद, पश्चिम बंगाल
18.
खजुराहो पश्चिमी समूह परिसर, मध्य प्रदेश

6.
शोर मंदिर, महाबलिपुरम, तमिलनाडु
19.
जहाज महल परिसर, मांडू, मध्य प्रदेश

7.
एलीफैन्टा गुफा, मुंबई, महाराष्ट्र
20.
मार्तण्ड मंदिर , कश्मीर
8.
ताज महल, आगरा, उत्तर प्रदेश
21.
तंजावूर-बृहदेश्वर मंदिर, तमिलनाडु
9.
कुंभलगढ़ किला, राजस्थान
22.
मंदिर समूह पट्टाडकल, कर्नाटक
10.
रानी की वाव, गुजरात
23.
मसरुर शिला मंदिर, हिमाचल प्रदेश
11.   
फतेहपुर सिकरी, आगरा, उत्तर प्रदेश

24.
रंग घर, सिबसागर, असम
12.
हम्पी, कर्नाटक

25.
कोणार्क मंदिर, ओडिशा
13.
दौलताबाद किला, महाराष्ट्र




इस एप्प को डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें :  Download

सार्वजनिक समारोह के बाद सफाई हेतु जमा करानी होगी 10 हज़ार से 1 लाख तक की सिक्‍यूरिटी

स्‍वच्‍छ भारत मिशन में सहयोग देते हुए शहरी विकास मंत्रालय ने सार्वजनिक सभाओं और किसी अन्‍य समारोह के दौरान और उसके बाद सफाई सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। शहरी विकास मंत्री श्री वेंकैया नायडू द्वारा मंजूर इस प्रक्रिया के अंतर्गत ऐसे समारोहों के आयोजक सफाई के लिए जवाबदेह होंगे और उन्‍हें आयोजन की इजाजत लेने के लिए सिक्‍यूरिटी जमा करानी होगी। आयोजकों द्वारा सफाई नहीं करवाने पर सम्‍बद्ध नगर निगम जमा राशि का इस्‍तेमाल करते हुए सफाई कार्य करेगा।

मंत्रालय ने सार्वजनिक समारोहों और बैठकों के दौरान पानी की बोतलें, खाने-पीने का बचा-खुचा सामान, इस्‍तेमाल किए गए फूलों, पैकेजिंग सामग्री और रैपर आदि बिखराकर गंदगी फैलाने को गंभीरता से लिया था। इसके अलावा सार्वजनिक सुविधाएं नहीं होने के कारण आसपास की जगहों में अस्‍वास्‍थ्‍यकर माहौल पैदा होता है।  नये नियमों के अंतर्गत आयोजकों को सफाई सुनिश्चित करने का वचन देना होगा और धनराशि जमा करानी होगी। नियमों का पालन नहीं करने पर धनराशि जमा करानी होगी। 500 लोगों के एकत्र होने पर 10,000 रूपये जमा कराने होंगे, 50,000 लोगों के एकत्र होने पर 50,000 रूपये और 50,000 से ज्‍यादा लोगों के एकत्र होने पर 1,00,000 रूपये सिक्‍यूरिटी देनी होगी। सिक्‍यूरिटी नहीं देने पर सम्‍बद्ध एजेंसियों को इजाजत नहीं दी जाएगी।

आयोजकों को पर्याप्‍त कूड़ेदानों और सार्वजनिक सुविधाओं की व्‍यवस्‍था करनी होगी। परिसर में उचित सफाई के लिए पर्याप्‍त संख्‍या में सफाई कर्मचारियों को तैनात करना होगा। समारोह समाप्‍त होने के बाद आयोजकों को नगर निगम द्वारा तय कूड़े को नजदीकी कूड़ाघर तक पहुंचाने की व्‍यवस्‍था करनी होगी। आयोजकों को समारोह समाप्‍त होने के छह घंटे के भीतर परिसर के मालिक को साफ-सुथरा स्‍थान सौंपना होगा। यदि आयोजक सफाई करवा देते हैं तो डिमांड ड्राफ्ट के रूप में सिक्‍यूरिटी की राशि तीन दिन के भीतर नगर निगम द्वारा लौटा दी जाएगी।

सार्वजनिक/ ऐसे स्‍थानों पर जो समारोहों के लिए निर्धारित नहीं हैं, जहां पुलिस से सीधे इजाजत लेनी पड़ती है, आयोजकों को पुलिस के पास ये वचन और सिक्‍यूरिटी की राशि जमा करानी होगी।  सफाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्‍न प्रावधान करते समय निम्‍नलिखित मानकों का पालन करना होगा :

सुविधा
स्‍थल का प्रकार
मानक
सार्वजनिक सुविधाएं
होटलों, रेस्‍तरां, विवाह हॉल, फार्महाउस जैसे परिसर
प्रत्‍येक 75 लोगों के लिए 1 टॉयलेट सीट

पार्कों/बगीचों आदि में समारोहों/बैठकों के लिए
25,000 लोगों तक- प्रत्‍येक 500 लोगों के लिए 1 सीट  
25,000 से ज्‍यादा लोगों के लिए- प्रत्‍येक 1000 के लिए 1 सीट
कूड़ेदान
होटल, रेस्‍तरां, विवाह हॉल आदि।
200 लोगों तक- परिसरों में 150 लीटर की क्षमता के 4 कूड़ेदान और परिसरों के बाहर प्रत्‍येक 100 लीटर की क्षमता के 2 अतिरिक्‍त कूड़ेदान

पार्कों, बगीचों आदि में
1000 लोगों तक- 100 लीटर की क्षमता के 5-5 कूड़ेदान और 1,100 लीटर की क्षमता का एक कूड़ेदान

1000 से 5000 लोगों के बीच- 100-100 लीअर की क्षमता के 10 कूड़ेदान और 1,100 लीटर की क्षमता के 2 कूड़ेदान

5000 लोगों से ज्‍यादा- प्रत्‍येक 500 लोगों के लिए 100-100 लीटरों का 1 कूड़ेदान और प्रत्‍येक 5000 लोगों के लिए 1,100 लीटर की क्षमता का एक कूड़ेदान

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