कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी द्वारा प्रतिबंधित संगठन सिमी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को कट्टरपंथी विचारधारा वाले एक जैसे संगठन बताये जाने पर भारतीय जनता पार्टी, संघ, और विश्व हिन्दू परिषद ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जबकि कांग्रेस ने श्री गांधी के बयान को सही ठहराया है.
अयोध्या पर हाई कोर्ट के फैसले के बाद से मुसलमानों के बीच अपनी सियासत संभालने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने संघ परिवार पर हमला बोलने की रणनीति अपनाई है। बावजूद इसके कि हाई कोर्ट के फैसले पर संघ परिवार ने भले ही संयम दिखाया हो, लेकिन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उसकी तुलना आतंकी संगठन सिमी से कर सियासत गरमा दी है।
राहुल के बयान के बाद संघ और भाजपा की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया हुई तो पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव दिग्विजय सिंह भी इस दंगल में कूद पड़े।अयोध्या का फैसला आने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बेहद सधा हुआ बयान दिया था कि 'न कोई जीता न कोई हारा।'
वहीं, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने फैसले की तीखी आलोचना कर खुद को मुस्लिमों के सबसे बड़े झंडाबरदार के रूप में पेश किया था। इन स्थितियों में कांग्रेस को सियासी नुकसान नजर आ रहा था। इससे उबरने के लिए ही उसने सोची-समझी रणनीति के तहत अपने तुरुप के पत्ते राहुल गांधी को आगे कर दिया। खुद को मुसलमानों का खैरख्वाह साबित करने और संघ के चेहरे से इस उदारता के मुखौटे को उतारने के लिए राहुल ने भाजपा शासित मध्य प्रदेश को चुना।राहुल ने भोपाल में कहा कि 'सिमी और आरएसएस दोनों कंट्टरपंथी विचारधारा के समर्थक हैं।'
राहुल के इस बयान को संघ ने तत्काल औचित्यहीन करार दिया। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी राम माधव ने कहा कि 'राहुल को लंबी राजनीति करनी है तो पहले वह इतिहास को पढ़ें और भारत को ठीक से जानें। उन्हें समझाना चाहिए कि संघ, सिमी और कांग्रेस का क्या इतिहास है।' माधव ने कांग्रेस पर पिछले 60 वर्षो से कंट्टरता को बढ़ाने का आरोप लगाया। भाजपा ने भी राहुल पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस महासचिव अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि संघ राष्ट्रवाद की पाठशाला है और सिमी राष्ट्रद्रोही संगठन है। कांग्रेस अपने राजनीतिक फायदे के लिए अतार्किक तुलना कर रही है।
उन्होंने कहा कि राहुल का यह बयान उनकी अपरिपक्वता, उद्दण्डता और अज्ञानता का परिचायक है।राहुल पर हमले बढ़ते देख तुरंत दिग्विजय मैदान में कूदे और संघ परिवार को सांप्रदायिक और कंट्टरवादी संगठन करार देने के लिए कई नाम गिना डाले। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 'संघ की कोई विश्वसनीयता नहीं है। अजमेर ब्लास्ट के आरोपी देवेंद्र गुप्ता, सुनील जोशी, सुनील डांगे और राजेश कालकर सभी संघ की पाठशाला से निकले हैं।' दिग्विजय ने कहा कि मुख्य मुद्दा है धार्मिक कंट्टरपन है, जिससे कांग्रेस आजादी के पहले से लड़ती चली आ रही है।
Rahul Ko Desh Ke Itihash Ke Bare Me Kuch Thik Se Pata Nahi Hai.
ReplyDeleteAjadi ke Bad Pakistan Se Yudh me Desh Ke Grah Mantri Ne Rss Ke Dwra Madad Ki Sarahna Ki Thi.
Desh Me AAi Aapda Ke Samay RSS Khadi Najar Aati Hai...
Kya Rahul Ko Simi Bhi Madad Ke Liye Khadi Dikhai Deti Hai...?