उत्तर प्रदेश के मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी और अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मोहसीन रजा ने कहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मुसलमानों की नजर में मसीहा बनने के लिए कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। वह आज तक मुसलमानों की बेहतरी के लिए कुछ नहीं कर पाए। मोहसीन ने दावे के साथ कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने का काम वर्ष 1990 में मुलायम सिंह ने किया था।
उप्र की ओर से रणजी ट्रॉफी के कई मैच खेल चुके मोहसीन रजा ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत के दौरान मुलायम और कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। मोहसीन ने सवाल किया कि मुलायम ने आज तक मुसलमानों की बेहतरी के लिए क्या किया है?
उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच नफरत की बड़ी लकीर खींचने का काम सबसे पहले मुलायम ने ही वर्ष 1990 में किया था। वर्ष 1990 में कारसेवकों पर गोली चलवाकर मुसलमानों का रहनुमा बनने का दावा करने वाले मुलायम ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए मुसलमानों का हमेशा ही इस्तेमाल किया। मुसलमानों के विकास से उनका कोई लेनादेना नहीं है।
मोहसीन कहते हैं, "यदि उन्हें मुसलमानों से लगाव होता तो आज सपा में सिर्फ चंद मुस्लिम नेता ही नजर नहीं आते। वर्ष 1990 में कारसेवकों पर हुई गोलीबारी की वजह से ही उसकी प्रतिक्रिया वर्ष 1992 में एक बड़े आंदोलन के रूप में हुई।"
मोहसीन ने कहा कि यदि देश का विकास होता है, तो उसका फायदा हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी लोग उठा रहे हैं। गुजरात के विकास का फायदा मुसलमानों को मिल रहा है, इसलिए वहां का मुसलमान भी नरेंद्र मोदी के पक्ष में खड़ा है।
उन्होंने कहा, "देश का विकास नरेंद्र मोदी के माध्यम से होगा तो क्या उसका लाभ देश के अल्पसंख्यकों को नहीं मिलेगा? और उनका विकास नहीं होगा? मुसलमानों के भीतर सिर्फ मोदी के नाम का खौफ पैदा किया जा रहा है।"
मुसलमानों के बीच मोदी को लेकर डर पैदा किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, "यह वही लोग कह रहे हैं जो मुस्लिम समुदाय को सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए यूज करते हैं। सही बात यह है कि मोदी को लेकर मुसलमानों के भीतर कोई डर नहीं है।"
मोहसीन ने कहा कि मोदी के डर को लेकर कई मुस्लिम धर्मावलंबी अपना मत दे चुके हैं। शैक्षणिक रूप से पिछड़े मुसलमानों के भीतर ही मोदी का डर पैदा करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि ऐसा करने वालों को पता है कि पढ़े-लिखे मुसलमान इस बात को समझते हैं और वे उनके बहकावे में नहीं आएंगे।
मोहसीन ने कहा कि यदि कोई हिंदू राष्ट्रवादी हो सकता है तो मुसलमान भी राष्ट्रवादी हो सकता है। देशभक्ति का जज्बा सभी समुदायों के भीतर है लेकिन कुछ लोग इसका गलत मतलब निकाल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मोहसीन रजा ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत वर्ष 1981-82 में की थी। वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार 20 वर्षो तक खेलते रहे। मोहसीन उप्र किक्रेट टीम के कोच भी रह चुके हैं और अपने दिशा-निर्देशन में पीयूष चावला, सुदीप त्यागी, सुरेश रैना, आरपी सिंह और तन्मय श्रीवास्तव जैसे खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखार चुके हैं।
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