दागी जनप्रतिनिधियों की सदस्यता बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश के खिलाफ खुद राहुल गांधी के उतरने की बात विपक्षी दलों के गले नहीं उतर रही। सवाल यह उठ रहा है कि संप्रग सरकार के मंत्रिमंडल ने सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों से जुडे प्रावधानों को दो बार मंजूरी दी है।
पहले विधेयक के रूप में और फिर अध्यादेश के रूप में और दोनों ही बार कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है। इस विधेयक को पारित कराने के लिए संसद का मानसून सत्र एक दिन के लिए बढ़ाया भी गया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विरोध के कारण ही यह विधेयक स्थायी समिति को भेजा गया और पारित नहीं हो सका।
राहुल के सुर बदलते ही कांग्रेस और उसके समर्थक दलों के सुर भी बदल गए हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि जिस तरह राष्ट्रपति ने अध्यादेश को लेकर सवाल उठाएहै उससे कांग्रेस की फजीहत होती,इसी फजीहत से पार्टी को बचाने के लिए राहुल ने खुद "डेमेज कंट्रोल" का फार्मूला निकाला। जिस तरह से वे आनन फानन मीडिया के सामने आए और बात कहने के बाद वहां से चल दिए उससे इस आशंका को बल मिला की सब कुछ पहले से मैनेज था। राहुल ने जो कुछ बोला उसकी भूमिका पहले से तैयार थी। उन्हें बस मीडिया के सामने आकर पहले से तय बयान पढ़ना भर था।
राहुल के बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनके सुर में सुर मिलाने लगे। गांधी के अध्यादेश को बकवास करार देने और फाड कर फेंक देने संबंधी बयान को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ऑस्कर फर्नान्डीज, संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का समर्थन मिला।
फर्नान्डीज ने कहा कि जो भी राहुल कहते हैं, वह हमारे लिए मार्गदर्शन होता है। जबकि थरूर ने टि्वटर पर कहा कि राहुल गांधी के विचार बिल्कुल सही हैं। शुक्ला ने कहा कि जो कुछ भी गांधी ने कहा है, हम उसका समर्थन करेंगे।
अध्यादेश के विरूद्ध सबसे पहले आवाज उठाने वाले कांग्रेस नेताअनिल शास्त्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि राहुल इस अध्यादेश के खिलाफ बोले। यह अध्यादेश हमारी चुनावी संभावनाओं में पलीता लगा देता। वयोवृद्ध मार्क्सवादी नेता चटर्जी ने कहा कि गांधी ने दागी जनप्रतिनिधियों को लेकर सैद्धान्तिक रूख अख्तियार किया है। भारतीय जनता पार्टी के साथ 17 साल का गठबंधन तोड़कर कांग्रेस के साथ नजदीकियां बढ़ाने वाले जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी कहा गया है वह सही है।
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