केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में पिछले दो वर्षों में हुए दंगों की जानकारी दी गई है । इसके अनुसार पिछले ९ माह में देशभर में ४७९ दंगे हुए, जिसमे १०७ लोगों की मृत्यु हुई । इसमें ६६ धर्मांध एवं ४१ हिंदू नागरिक हैं । उसी प्रकार १ सहस्र ६७९ लोग घायल हुए, जिसमें ७९४ हिंदू एवं ७०३ धर्मांध नागरिकों का समावेश है । इसके अतिरिक्त २०० पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं ।
केंद्रीय गृहमंत्रालय ने प्रथम बार धर्म के विवरण के साथ धार्मिक अथवा जातीय दंगों में बलि चढे नागरिकों की अंक संख्या घोषित की है । (स्वतंत्रता के ६६ वर्षों में सर्वाधिक समय सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने इससे पूर्व ऐसी अंक संख्या कभी घोषित नहीं की थी । परंतु वर्तमान समय में ही वह क्यों घोषित की गई है ? इस अंक संख्या में भी धर्मांध अधिक मारे गए ऐसा बताकर हिंदुओं को आक्रामक दर्शाया जा रहा है ।
देश में अनेक स्थानों पर प्रतिदिन धर्मांधोद्वारा हिंदुओं पर आक्रमण होते हैं; परंतु हिन्दू विरोधी मीडिया यह समाचार हिंदुओं से छिपाकर रखता हैं । ऐसे आक्रमणों में धर्मांधोद्वारा हिंदुओं की हत्या की जाती है तथा अनेक हिंदू घायल होते हैं । ऐसा होते हुए भी पिछले ९ माह की अंकसंख्या में धर्मांधो की अपेक्षा अल्प हिंदुओं की मृत्यु हुई, यह संदेहजनक है । हिंदुओंको कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत इस अंकसंख्या की सच्चाई का शोधन करना चाहिए तथा धर्मांधप्रेमी कांग्रेस को उजागर करना चाहिए, अन्यथा पूर्वमें ही हिंदुओं पर आक्रमण करनेवाले धर्मांध मृत धर्मांधो का प्रतिशोध लेने हेतु हिंदुओंपर अधिक आक्रमण करेंगे, यह ध्यानमें लें !
१. इस अंकशास्र के अनुसार पूरे देश में हुए विविध स्थानों के दंगोंमें सबसे अधिक मृत्यु उत्तरप्रदेशमें हुई है । वर्ष २०१३ के प्रथम नौ माह में सर्वाधिक दंगे उत्तरप्रदेश में हुए हैं ।
२.उत्तरप्रदेश में सितंबर तक ९३ दंगे उभरे, जिसमें कुल मिलकर ६२ लोगों की मृत्यु हुई । इसमें ४२ धर्मांध एवं २० हिंदुओं का समावेश है । इसके अतिरिक्त पूरे राज्य में जातीय तनाव की १०८ घटनाएं हुई ।
महाराष्ट्र में हुए ५६ दंगो में ३ हिंदू, एवं ७ धर्मांधो की हत्या
१. वर्ष २०१३ मे महाराष्ट्र में ५६ जातीय दंगे एवं तनाव की १०० घटनाएं हुर्इं । इन घटनाओ में ३ हिंदू तथा ७ धर्मांध बलि चढे । घायलों में११ हिंदू एवं १०६ धर्मांध तथा ६४ पुलिसकर्मियोंका समावेश है ।
२. वर्ष २०१२ मे ९४ दंगे तथा जातीय तनाव की २०८ घटनाएं हुर्इं, जिसमें ९ धर्मांध एवं ६ हिंदू कुल मिलाकर १५ नागरिकों की मृत्यु हुई ।
कांग्रेस हिन्दुओं को मनुष्य मानती ही नहीं-------!
ReplyDeleteये बेचारे तो गुलाम हैं----!