पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सगोत्र विवाह के लिए संवेदनशील माने जाने वाले मुजफ्फरनगर जिले में एक पंचायत ने कुंवारी लड़कियों के मोबाइल फोन के उपयोग पर पाबंदी लगा दी है।
मुजफ्फरनगर जिले के लांक गांव में हुई सर्वजातीय पंचायत में यह फरमान सुनाया गया। इसमें गांव की मोघा, भितरवाल, सुधान, सालान और लांधड़ा पट्टी के प्रमुख लोग उपस्थित रहे। पंचायत ढाई घंटे चली और इसमें व्यापक विचार-विमर्श किया गया। पंचायत के बाद संचालक राजेंद्र मलिक आर्य ने बताया कि लड़कियों के मोबाइल फोन के इस्तेमाल को जायज नहीं माना। तर्क दिए कि मोबाइल इस्तेमाल करने से लड़कियों के गलत रास्ते पर जा सकती हैं। कुछ वक्ताओं का कहना था कि इस तरह के मामले विभिन्न जगहों पर सामने भी आ चुके हैं।
जिला मुख्यालय से मिली सूचना के मुताबिक सोमवार को इस सर्वजातीय पंचायत का आयोजन किया गया और मोबाइल के चलते लड़कियों पर पड़ रहे बुरे प्रभाव को देखते हुए इनके द्वारा मोबाइल फोन के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी गई।
इसके अलावा पंचाचत ने रागिनी प्रतियोगिता में महिला डांसर के ठुमके लगाने पर भी रोक लगा दी।
पंचायत ने गांवों की चौपाल पर होने वाली रागिनी प्रतियोगिता में महिला डांसर के ठुमकों को भी सामाजिक पतन का कारण बताते हुए उस पर रोक लगा दी।
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