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देवबंद की वेबसाइट पर हलाल और हराम संबंधी फतवों की श्रेणी के सवाल क्रमांक 27466 में पूछा गया है, ‘‘रक्तदान शिविरों में रक्तदान करना इस्लाम के हिसाब से सही है या गलत?’’ इसके जवाब में देवबंद ने कहा है, ‘‘अपने शरीर के अंगों के हम मालिक नहीं हैं, जो अंगों का मनमाना उपयोग कर सकें, इसलिए रक्तदान या अंगदान करना अवैध है।’’ इसके बाद देवबंद ने कहा है, ‘‘हालांकि अगर किसी नजदीकी संबंधी का जीवन बचाने के लिए आप रक्तदान करें, तो इसकी अनुमति है।’’ दूसरी ओर इस्लामिक विद्वान देवबंद के इस फतवे से जरा भी सहमत नहीं हैं।
जाने-माने इस्लामिक धार्मिक नेता मौलाना वहीदुद्दीन खान ने इस फतवे को ‘पूरी तरह गलत’ बताते हुए अपने संप्रदाय के लोगों से अपील की कि वे रक्तदान से पीछे न हटें।
मौलाना वहीदुदद्ीन के मुताबिक, ‘‘दारूल उलूम का यह फतवा सरासर गलत है। रक्तदान और अंगदान दोनों ही जायज हैं।’’
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