भाकपा ने सोमवार को कहा कि अमेरिका यह कहकर 'छल से' कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहा है कि मुद्दे के हल के लिए भारत और पाकिस्तान द्वारा कहे जाने पर वह अपनी भूमिका की पेशकश कर सकता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बातचीत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बयान पर टिप्पणी करते हुए भाकपा के उप महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि वे कुटिल तरीके से कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप का प्रयास कर रहे हैं। यह बेहद कुटिल प्रकार का बयान है।
रेड्डी ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के प्रति अमेरिका वास्तव में गंभीर होता तो वह पाकिस्तान को चेतावनी देता, हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाता और उन्हें बातचीत के जरिए मुद्दा हल करने की सलाह देता।
कश्मीर को लंबे समय से चला आ रहा विवाद बताते हुए ओबामा ने सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होना दोनों के हित में है। रेड्डी ने अमेरिका पर भारत और अमेरिका दोनों देशों को हथियार बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच अधिक तनाव से अमेरिका को हथियार बेचने में मदद मिलेगी।
रेड्डी ने कहा कि ओबामा आउटसोर्सिग पर लगे प्रतिबंध हटाने को तैयार नहीं हैं जबकि अमेरिका में रोजगार के मौके सृजित करने के लिए अमेरिका बोइंग विमान, परमाणु रिएक्टर और सैन्य साजोसामान भारत को निर्यात कर रहा है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिग मुहब्बत या कल्याणार्थ नहीं है। यह सस्ते श्रमिक की उपलब्धता का सवाल है। भारतीय कंपनियां अपने कर्मियों को अमेरिकी समकक्षों की तुलना में सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत तक का ही भुगतान कर रही हैं।
0 comments :
Post a Comment