![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi68r6wwpzHI8CMcThcRtq8G9VUuMgj4zDJnLXiThetTKB7da2i2XHE_bj2zxyd-5NoM4ZDEnNn39o7HJawKLpdb1RoIp6u-zXuokhzpqDyLiwuq0BT_DNKXC8jeAFpFNy3qnOwrI3s6Cg/s200/ahc.jpg)
न्यायालय ने इस नीति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सामाजिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है और एक ‘मर रहे शख्स के साथ मजाक’ सरीखा है ।
आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति एस यू खान ने कहा कि ऐसी नीति, यदि यह कानून के मुताबिक ही क्यों न हों, सामाजिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है और ऐसे उपायों से बचने के लिए सरकार को एक कल्याणकारी राज्य का मुखौटा उतारना होगा।
0 comments :
Post a Comment