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अरुण जेटली
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वित्त
भारतीय रेल: दृढ़ता, गति, प्रगति: सुरेश प्रभु की ई-बुक डाउनलोड करें
Dear Rail user,
Our respected Prime Minister, Shri Narendra Modi Ji has a vision for this great nation and in this vision Indian Railways has an important place to be the "backbone of India's economic development".
During my tenure I have tried to bring about a change and to usher in new practices and new work culture. All Budget Announcements have been broken up into actionable points and are being monitored on a regular basis. I am happy to inform that 103 Budget Announcements already stand implemented.
In the past one year a number of milestones have been achieved. However, I am aware that the journey for transforming the Indian Railways will be long and winding. There are many more challenges to be overcome and expectations to be fulfilled. But I have been fortunate to always have your unstinting support and cooperation.
It is, therefore, important to communicate with you about the work being done in Indian Railways. Please Download Booklet containing the recent initiatives taken by the Railways. I look forward to your suggestions and I am confident that together we will make the Indian Railways much better.
With regards,
Yours sincerely,
(Suresh Prabhu)
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भारतीय रेल
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सुरेश प्रभु
सांतवा वेतन आयोग: पढ़िए और डाउनलोड भी कीजिये
न्यूनतम वेतन: अधिकतम वेतन 2,25,000 रुपये प्रतिमाह और सामान्य वेतन स्तर मौजूदा रूप में कैबिनेट सचिव तथा अन्य लोगों का प्रतिमाह वेतन 2,50,000 रुपये।
वित्तीय अनुमान:
वित्त वर्ष 2016-17 में होने वाला कुल वित्तीय प्रभाव इस प्रकार होने की संभावना है- ‘बिजनेस एज यूजूअल’ के आधार पर होने वाला खर्च 1,02,100 करोड़ रुपये। इसके अनुसार वेतन में 39,100 करोड़ रुपये का इजाफा, भत्तों में 29,300 करोड़ रुपये का इजाफा और पेंशन में 33,700 करोड़ रुपये का इजाफा संभावित।
कुल वित्तीय प्रभाव में से 1,02,100 करोड़ रूपये और 73,650 करोड़ रुपये आम बजट द्वारा तथा 28,450 करोड़ रूपये रेलवे बजट द्वारा वहन किया जाएगा।
‘बिजनेस एज यूजूअल’ के मद्देनजर वेतन, भत्ते और पेंशन की कुल बढोत्तरी 23.55 प्रतिशत होगी। इसके दायरे में वेतन में 16 प्रतिशत, भत्तों में 63 प्रतिशत और पेंशन में 24 प्रतिशत का इजाफा होगा।
आयोग के सिफारिशों के अनुरूप कुल प्रभाव छठवें वेतन आयोग के मामले में 0.77 प्रतिशत के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद के मद्देनजर वेतन, भत्ते और पेंशन के आधार पर कुल खर्च के अनुपात में 0.65 प्रतिशत प्वाइंट का इजाफा संभावित है।
नया वेतन ढांचा : ग्रेड वेतन ढांचे से संबंधित मुद्दों पर विचार करते हुए और पे-बैंड और ग्रेड-पे की मौजूदा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के दृष्टिकोण से उनके संबंध में नया वेतन ढांचा तैयार किया गया है। ग्रेड-पे को पे-मेट्रिक्स में शामिल किया गया है। कर्मचारी की स्थिति को अब तक ग्रेड-पे के आधार पर तय किया जाता था, अब उसे पे-मेट्रिक्स के स्तर पर तय किया जाएगा।
निर्धारण : सभी कर्मचारियों के लिए समान रूप से लागू होने वाले निर्धारण नियोग को 2.57 करने का प्रस्ताव है।
वार्षिक वेतन वृद्धि : वार्षिक वेतन वृद्धि की दर 3 प्रतिशत बरकरार रखी गई है।
संशोधित निश्चित पदोन्नति (एमएसीपी) :
एमएसीपी के तहत कामकाज के नियम कड़े किए गए हैं। अब उन्हें ‘अच्छा’ से ‘बहुत अच्छा’ किया गया है।
आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि वार्षिक वेतन वृद्धि उन कर्मचारियों को नहीं दी जाए जो एमएसीपी की शर्तों के अनुरूप काम करने में सक्षम नहीं हैं या अपने सेवा काल के पहले 20 वर्षों के दौरान नियमित पदोन्नति के योग्य नहीं पाए गए हैं।
एमएसीपी में अन्य बदलावों की सिफारिश नहीं की गई है।
सैन्य सेवा वेतन (एमएसपी) :
एमएसपी केवल रक्षा बलों के कर्मियों पर भी लागू होगी। इसके पहले ब्रिगेडियर और उनके समकक्ष पदों के संबंध में एमएसपी लागू होगी। मौजूदा मासिक एमएसपी और अनुमोदित संशोधित दरें इस प्रकार हैं :-
मौजूदा
|
प्रस्तावित
| ||
i.
|
सेना अधिकारी
|
₹6,000
|
₹15,500
|
ii.
|
नर्सिंग अधिकारी
|
₹4,200
|
₹10,800
|
iii.
|
जेसीओ/ओआर
|
₹2,000
|
₹ 5,200
|
iv.
|
वायुसेना में नॉन कॉमबेटेंट (दर्जशुदा)
|
₹1,000
|
₹ 3,600
|
अल्प सेवा कमीशन अधिकारी : अल्प सेवा कमीशन अधिकारियों को 7 और 10 वर्षों के सेवा काल के बीच कभी भी सशस्त्र बल छोड़ने की अनुमति होगी। इस पर उन्हें साढ़े दस महीनों के बराबर ग्रेच्यूटी मिलेगी। उन्हें किसी भी प्रतिष्ठित संस्थान में एक वर्ष का कार्यकारी कार्यक्रम या एमटेक कार्यक्रम करने के लिए धनराशि दी जाएगी।
लेटरल एंट्री / सेटलमेंट : सशस्त्र बल कर्मियों की लेटरल एंट्री / सेटलमेंट के लिए आयोग एक संशोधित प्रणाली की सिफारिश कर रहा है, ताकि इन कर्मियों को अन्य संगठनों में समायोजित किया जा सके। सीएपीएफ में लेटरल एंट्री के लिए एक आकर्षक पैकेज अनुमोदित किया गया है।
मुख्यालयों/फील्ड में तैनात अमले में समानता : सहायकों और स्टेनों जैसे समान पद पर मुख्यालय और फील्ड में काम करने वाले कर्मियों के संबंध में समानता।
संवर्ग समीक्षा: समूह ‘ए’ के अधिकारियों के लिए संवर्ग प्रक्रिया में व्यवस्थित परिवर्तन।
भत्ते: आयोग ने 52 भत्तों को समाप्त करने की सिफारिश की है। अन्य 36 भत्ते भी अलग पहचान के आधार पर समाप्त कर दिए गए हैं, लेकिन या तो उन्हें मौजूदा भत्तों में या नए प्रस्तावित भत्तों में शामिल किया गया है। जोखिम और कठिनाई से संबंधित भत्तों को प्रस्तावित जोखिम एवं कठिनाई मेट्रिक्स के अधीन किया गया है।
मौजूदा मासिक सियाचिन भत्ते और अनुमोदित संशोधित दरें इस प्रकार हैं:-
मौजूदा
|
प्रस्तावित
| ||
i.
|
सेना अधिकारी
|
₹21,000
|
₹31,500
|
iii.
|
जीसीओ/ओआरएस
|
₹14,000
|
₹21,000
|
यह जोखिम/कठिनाई भत्ते की अंतिम सीमा है और इस भत्ते से अधिक रकम वाली कोई भी व्यक्तिगत आरएचए देय नहीं होगा।
मकान भाड़ा भत्ता (एचआरए) : क्योंकि मूल वेतन को बढ़ाकर संशोधित किया गया है, इसलिए आयोग ने सिफारिश की है कि वर्ग ‘एक्स’, ‘वाई’ और ‘जेड’ शहरों के लिए नये मूल वेतन के संबंध में एचआरए क्रमश: 24 प्रतिशत,16 प्रतिशत और 08 प्रतिशत की दर से देय होगा। आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा, तब एचआरए की संशोधित दर क्रमश: 27 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 09 प्रतिशत होगी। इसके साथ ही जब महंगाई भत्ता 100 प्रतिशत के पार हो जाएगा तो संशोधित दर क्रमश: 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत हो जाएगी।
सशस्त्र बल, सीएपीएफ और भारतीय तटरक्षक बल के पीबीओआर को मिलने वाला एचआरए अभी तक विवाहित स्थिति में ही प्राप्त होता था। इस प्रकार कई लोग वंचित रह जाते थे। अब एचआरए के दायरे में सभी को रखा गया है।
रिपोर्ट में जिन भत्तों का उल्लेख नहीं है, वे समाप्त माने जाएंगे।
भत्तों का दावा करने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया गया है।
अग्रिम :
बिना ब्याज वाले सभी अग्रिमों को समाप्त कर दिया गया है।
केवल व्यक्तिगत कम्प्यूटर अग्रिम और भवन निर्माण अग्रिम संबंधी ब्याज वाले अग्रिमों को कायम रखा गया है। भवन निर्माण अग्रिम की धनराशि मौजूदा 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।
सरकारी कर्मचारी सामूहिक बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) : सीजीईजीआईएस के तहत बीमा कवरेज के लिए योगदान की दर बहुत समय से अपरिवर्तित रही है। उन्हें अब बढ़ाया गया है। सीजीईजीआईएस की निम्नलिखित दरों की सिफारिश की गई है:
मौजूदा
|
प्रस्तावित
| |||
कर्मचारी की श्रेणी
|
मासिक कटौती
(₹)
|
बीमा रकम
(₹)
|
मासिक कटौती
(₹)
|
बीमा रकम
(₹)
|
10 और ऊपर
|
120
|
1,20,000
|
5000
|
50,00,000
|
6 से 9
|
60
|
60,000
|
2500
|
25,00,000
|
1 से 5
|
30
|
30,000
|
1500
|
15,00,000
|
चिकित्सा सुविधा :
केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने की सिफारिश की गई है। सीजीएचएस क्षेत्र के बाहर रहने वाले पेंशनधारियों के लाभ के लिए सीजीएचएस को उन अस्पतालों को अनुबंधित करना चाहिए जो पहले से सीएस (एमए)/ईसीएचएस के अंतर्गत अनुबंधित हैं, ताकि इन पेंशनधारियों को गैर-नकदी आधार पर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।
सभी पोस्टल पेंशनधारी सीजीएचएस के दायरे में रखे जाएं। सभी पोस्टल डिस्पेंसरियों को सीजीएचएस में शामिल किया जाए।
पेंशन: आयोग ने 01 जनवरी, 2016 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले सीपीएएफ और रक्षा कर्मियों सहित सभी सिविल कर्मचारियों की संशोधित पेंशन प्रणाली की सिफारिश की है। इसे पूर्व के पेंशनधारियों और वर्तमान में अवकाश प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की पेंशन में समानता लाई जाएगी जिनका सेवा काल और वेतनमान तथा सेवानिवृत्ति की अवधि समान हो।
पूर्व के पेंशनधारियों की पेंशन पे-बैंड और ग्रेड-पे के बारे में आयोग द्वारा अनुमोदित पे-मेट्रिक्स पर तय होगी। यह इन्हीं पे-बैंड और ग्रेड-पे और सेवानिवृत्ति के आधार पर तय किया जाएगा।
यह रकम अवकाश प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के अनुमानित वेतन के आधार पर होगी। इसके तहत वेतन वृद्धि को 03 प्रतिशत की दर से सेवा काल के स्तर पर जोड़ा जाएगा।
सशस्त्र बलों के कर्मियों के मामले में यह रकम योग्यता अनुसार सेना सेवा वेतन में शामिल होगी।
कुल रकम का 50 प्रतिशत नई पेंशन का आधार बनाया जाएगा।
एक वैकल्पिक हिसाब तैयार किया जाएगा जो मौजूदा मूल पेंशन के लिए 2.57 गुना होगा।
पेंशनधारी को दोनों में से जो अधिक होगा, वह प्रदान किया जाएगा।
ग्रेच्यूटी : ग्रेच्यूटी की अधिकतम सीमा को मौजूदा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया जाएगा। जब भी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत बढ़ेगा, ग्रेच्यूटी की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत तक बढ़ाई जाएगी।
सशस्त्र बलों के लिए निशक्तता पेंशन : आयोग मौजूदा परसेंटाईल आधारित निशक्तता पेंशन प्रणाली के स्थान पर एक स्लैब आधारित निशक्तता पेंशन प्रणाली की सिफारिश कर रहा है।
निकटवर्ती रिश्तेदार को एकमुश्त अनुकम्पा क्षतिपूर्ति: आयोग मृतक के निकटवर्ती रिश्तेदार को एकमुश्त अनुकम्पा क्षतिपूर्ति की दर को संशोधित करने की सिफारिश कर रहा है। यह प्रणाली कर्तव्यपालन के दौरान विभिन्न परिस्थितियों में मृत्यु होने पर देय होगी। यह प्रणाली सीएपीएफ कर्मियों सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों के संबंध में समान रूप से लागू होगी।
सीएपीएफ कर्मियों को शहीद का दर्जा: आयोग का मानना है कि रक्षा बल कर्मियों के समान स्तर पर भी कर्तव्य पालन के दौरान यदि सीएपीएफ के कर्मियों की मृत्यु होती है, तो उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।
नई पेंशन प्रणाली : कमीशन को नई पेंशन प्रणाली के संबंध में कई शिकायतें मिली थीं। इसे दुरूस्त करने के लिए कई सिफारिशें की गई हैं। शिकायतों को हल करने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाने की सिफारिश की गई है।
नियामक संस्थान : आयोग ने सिफारिश की है कि चयनित नियामक संस्थानों के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए क्रमश: 4,50,000 रूपये और 4,00,000 रूपये प्रतिमाह एक समेकित वेतन पैकेज तय किया जाए। सेवानिवृत्त सरकारी कर्मियों के मामले में उनकी पेंशन को उनके समेकित वेतन से नहीं काटा जाएगा। जब भी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक हो जाएगा, तो समेकित वेतन पैकेज में 25 प्रतिशत का इजाफा किया जाएगा। शेष नियामक संस्थानों के सदस्यों के लिए सामान्य प्रतिस्थापन वेतन की सिफारिश की गई है।
कामकाज आधारित वेतन : आयोग ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के सभी वर्गों के लिए कामकाज आधारित वेतन (पीआरपी) की सिफारिश की है। इसका आधार संशोधित वार्षिक कामकाज संबंधी रिपोर्टों और अन्य विस्तृत दिशा-निर्देशों के मद्देनजर ‘रिजल्ट्स फ्रेमवर्क डॉक्यूमेंट’ है।
आयोग की कुछ सिफारिशें इस प्रकार हैं, जिन पर दृष्टिकोण संबंधी सहमति नहीं हो सकी थी-
बढ़त (एज) : यह बढ़त मौजूदा रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय विदेश सेवा के संबंध में मौजूद है, जो पदोन्नति के तीन चरणों से संबंधित है। यह पदोन्नति एसटीएस, जेएजी और एनएफएसजी के विषय में है। आयोग अध्यक्ष ने सिफारिश की थी कि इसके दायरे में भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा को भी लाया जाए।
आयोग के सदस्य श्री विवेक राय का मानना था कि वित्तीय बढ़त भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय विदेश सेवा के लिए ही न्याय संगत है। आयोग के सदस्य डॉ. रथिन रॉय का विचार था कि आईएएस और आईएफएस को मिलने वाली वित्तीय बढ़त को हटा दिया जाए।
मनोनयन : आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य डॉ. रथिन रॉय ने सिफारिश की थी कि जिन अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों और केंद्रीय सेवा समूह ‘ए’ अधिकारियों ने सेवा के 17 साल पूरे कर लिए हों, उन्हें आईएएस अधिकारियों सहित ‘दो वर्षीय बढ़त’ को समाप्त करके सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम में मनोनयन के लिए योग्य माना जाए। आयोग के सदस्य श्री विवेक राय इस विचार से सहमत नहीं थे और उन्होंने सिफारिश की थी कि सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम की समीक्षा की जाए।
संगठित समूह ‘ए’ सेवाओं के लिए गैर-क्रियाशील उन्नयन : आयोग के अध्यक्ष का विचार था कि संगठित समूह ‘ए’ सेवाओं द्वारा प्राप्त एनएफयू को कायम रखा जाए तथा उसके दायरे में सीएपीएफ, भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा बलों को भी शामिल किया जाए। सदस्य श्री विवेक राय और डॉ. रथिन रॉय ने सीएजी और एचएजी स्तर पर एनएफयू को समाप्त करने की सिफारिश की थी।
सेवानिवृत्ति : आयोग के अध्यक्ष और सदस्य डॉ. रथिन रॉय ने सिफारिश की थी कि सभी सीएपीएफ कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु समान रूप से 60 वर्ष हो। आयोग के सदस्य श्री विवेक राय इस सिफारिश से सहमत नहीं थे और उन्होंने गृह मंत्रालय के कदम का अनुमोदन किया।
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सांतवा वेतन आयोग
पूरा रेलवे बजट डाउनलोड करे (Download Railway Budget 2011-12
- रेलवे जोनों में टक्कर-रोधी उपकरण.
- पिछले पांच साल में रेल हादसे में कमी आई है.
- प्रभावित बस्तर-गढ़चिरौली के बीच रेल लाइन बनाई जाएगी.
- बनर्जी ने किया प्रधानमंत्री रेल विकास योजना का ऐलान.
- बिछाने का लक्ष्य 1000 किलोमीटर से घटाकर 700 किलोमीटर किया गया.
- जम्मू में सुरंग पुल बनाने का ट्रेनिंग कॉलेज बनाया जाएगा.
- मणिपुर में डीजल लोकोमेटिव सेंटर बनाया जाएगा.
- इंफाल को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा.
- उड़ीसा में भी कोच फैक्ट्री बनाई जाएगी.
- सिंगूर में मेट्रो कोच फैक्ट्री बनाई जाएगी.
- बोंगोईगांव और नंदीग्राम में औद्योगिक पार्क बनाया जाएगा.
- निजी निवेश से 85 प्रस्ताव आए हैं.: ममता बनर्जी
- गांवों को रेल से जोड़ने का प्रयास हो रहा है: ममता बनर्जी
- राय बरेली कोच फैक्ट्री का काम तेजी से हो रहा है: ममता
- ममता ने कहा, ज्यादा दे डिब्बे उपलब्ध कराने की योजना.
- ममता ने कहा, कर्मचारियों के काम की तारीफ नहीं होती.
- ममता ने कहा, रेलवे से देश में आर्थिक विकास हुआ.
- रेल कर्मचारियों पर मुझे गर्व है: ममता बनर्जी
पूरा बजट डाउनलोड करे :
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ममता बनर्जी
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