वित्त मंत्रालय द्वारा विनियमित राष्ट्रीय बचत योजनाओं (NSS) में आकर्षक उच्च रिटर्न के साथ निवेश की पूर्ण सुरक्षा की पेशकश की जाती है। ये योजनाएं मुख्यत: डाक घरों के जरिये क्रियान्वयन के कारण खासकर दुर्गम क्षेत्रों में वित्तीय समावेश के प्रपत्रों की भी भूमिका निभाती हैं।
यह निर्णय लिया गया है कि राष्ट्रीय बचत योजनाओं के संदर्भ में 1 अप्रैल, 2016 से निम्नलिखित को क्रियान्वित किया जाएगा:
- सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और मासिक आय योजना प्रशंसनीय सामाजिक विकास या सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लक्ष्यों पर आधारित बचत योजनाएं हैं। अत: तुलनीय परिपक्वता अवधि वाले जी-सेक रेट के मुकाबले इन योजनाओं को ब्याज दरों और वृद्धि या फैलाव (स्प्रेड) के मामले में जो बढ़त अर्थात 0.75 फीसदी, 1 फीसदी और 0.25 फीसदी हासिल है, उन्हें सरकार द्वारा अपरिवर्तित रखा गया है।
- इसी तरह दीर्घकालिक प्रपत्रों जैसे कि 5 साल की सावधि जमा, 5 साल वाले राष्ट्रीय बचत पत्र और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) को तुलनीय परिपक्वता अवधि वाले जी-सेक रेट के मुकाबले 0.25 फीसदी का जो स्प्रेड फिलहाल हासिल है, उसे सरकार द्वारा अपरिवर्तित रखा गया है।
- 1 साल, 2 साल और 3 साल की सावधि जमाओं, केवीपी और 5 साल की आवर्ती जमाओं को तुलनीय परिपक्वता अवधि वाली सरकारी प्रतिभूतियों के मुकाबले 0.25 फीसदी का जो स्प्रेड फिलहाल हासिल है, उसे 1 अप्रैल 2016 से समाप्त कर दिया जायेगा, ताकि इन्हें बैंकिंग क्षेत्र के समान प्रपत्रों पर देय ब्याज दरों के और करीब लाया जा सके।
- अल्प बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को प्रासंगिक सरकारी प्रतिभूतियों की ब्याज दरों के अनुरूप करने के उद्देश्य से अल्प बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 1 अप्रैल, 2016 से हर तिमाही तय की जाएंगी, जैसा कि नीचे दिया गया है।
क्रम संख्या
|
जिस तिमाही के लिए ब्याज दर प्रभावी मानी जाएगी
|
जिस तारीख को संशोधन अधिसूचित किया जाएगा
|
जिस अवधि के संदर्भ में एफआईएमएमडीए के मासांत जी-सेक रेट पर ब्याज दर आधारित होगी
|
1.
|
अप्रैल-जून
|
15 मार्च
|
दिसम्बर-जनवरी-फरवरी
|
2.
|
जुलाई-सितम्बर
|
15 जून
|
मार्च-अप्रैल-मई
|
3.
|
अक्टूबर–दिसम्बर
|
15 सितम्बर
|
जून-जुलाई-अगस्त
|
4.
|
जनवरी–मार्च
|
15 दिसम्बर
|
सितम्बर-अक्टूबर- नवम्बर
|
0 comments :
Post a Comment