छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में योग गुरू बाबा रामदेव की गिरफ्तारी से दुखी उनके अनुयायी ने जहर खाकर जान दे दी है।
दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने आज बताया कि शहर के कलेक्ट्रेट परिसर के पास सत्याग्रह स्थल पर एक सत्याग्रही सुखूराम ने जहर खाकर जान दे दी है।
कुमार ने बताया कि रविवार को बाबा रामदेव के अनुयायी सत्याग्रह के लिए कलेक्टर परिसर स्थित स्थल पर एकत्र हुए थे। सत्याग्रह के दौरान जब एक सत्याग्रही सुखूराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने जब सुखूराम के बैग की तलाशी ली तब उससे एक कीटनाशक की शीशी तथा सुसाइड नोट बरामद किया गया। इसमें सुखूराम ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी पर दुख जताया है तथा रामदेव के नाम लिखे पत्र में उसने राज्य में पूंजीवादियों को भूमि दिए जाने और भूमिहीनों की हालत पर चिंता जताई है।
उसने लिखा है कि जमीन नहीं होने कारण उसे दर दर की ठोकर खाना पड़ रहा है और अब आत्महत्या ही एक विकल्प है।
सुखूराम के बेटे तेजप्रताप ने बताया कि वे दुर्ग जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर बेरला ब्लाक के तेलगा गांव के रहने वाले हैं। उसके पिता पिछले छह माह से बाबा रामदेव के अभियान से जुड़े हुए थे। सत्याग्रह में शामिल होने के लिए वे शनिवार को गांव से निकले थे। तबीयत खराब होने की सूचना पर जब परिजन दुर्ग पहुंचे तब तक उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि सुखूराम के चिकित्सकीय जांच में उसकी मृत्यु जहर खाने से हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने आज बताया कि शहर के कलेक्ट्रेट परिसर के पास सत्याग्रह स्थल पर एक सत्याग्रही सुखूराम ने जहर खाकर जान दे दी है।
कुमार ने बताया कि रविवार को बाबा रामदेव के अनुयायी सत्याग्रह के लिए कलेक्टर परिसर स्थित स्थल पर एकत्र हुए थे। सत्याग्रह के दौरान जब एक सत्याग्रही सुखूराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस ने जब सुखूराम के बैग की तलाशी ली तब उससे एक कीटनाशक की शीशी तथा सुसाइड नोट बरामद किया गया। इसमें सुखूराम ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी पर दुख जताया है तथा रामदेव के नाम लिखे पत्र में उसने राज्य में पूंजीवादियों को भूमि दिए जाने और भूमिहीनों की हालत पर चिंता जताई है।
उसने लिखा है कि जमीन नहीं होने कारण उसे दर दर की ठोकर खाना पड़ रहा है और अब आत्महत्या ही एक विकल्प है।
सुखूराम के बेटे तेजप्रताप ने बताया कि वे दुर्ग जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर बेरला ब्लाक के तेलगा गांव के रहने वाले हैं। उसके पिता पिछले छह माह से बाबा रामदेव के अभियान से जुड़े हुए थे। सत्याग्रह में शामिल होने के लिए वे शनिवार को गांव से निकले थे। तबीयत खराब होने की सूचना पर जब परिजन दुर्ग पहुंचे तब तक उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि सुखूराम के चिकित्सकीय जांच में उसकी मृत्यु जहर खाने से हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सत्याग्रह का पहला शहीद एक दूरदराज गाँव से निकला।
ReplyDeleteबहुत अफ़सोस जनक खबर.
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