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यह 12 एकड़ क्षेत्र में बनाई जाएगी।
यह स्थान कोझीकोड से करीब 10 किलोमीटर दूर कारंतुर में स्थित है।
शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संगठन जामिया मार्काजु ससाकुफाती ससुन्नीया के सूत्रों ने बताया कि 40 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह मस्जिद भारत का अहम इस्लामी केंद्र होगा।
उन्होंने बताया कि पांच महीनों में इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और इसे दो साल से भी कम वक्त में पूरा कर लिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया है कि मस्जिद के डिजाइनर एवं त्रिसूर के वास्तुकार रियाज मुहम्मद के मुताबिक यह मुगल वास्तुकला शैली पर आधारित होगी।
उन्होंने बताया, ‘‘इसमें हरित इमारत की अवधारणा का पूरी तरह से पालन किया जाएगा ताकि निर्मित इलाके के चारों ओर हरियाली छाई हो।’’ सूत्रों ने बताया, ‘‘यह इमारत आठ एकड़ के क्षेत्र में फैली होगी और यह चार एकड़ के हरित क्षेत्र और सुंदर बगीचों से घिरी होगी। एक बहुत बड़े नमाज गृह के अलावा परिसर में सेमिनार के लिये एक सभागार और एक बड़ा पुस्तकालय भी होगा।
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