बहरहाल, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने अभिभावकों से बच्चों को स्कूल, कॉलेज न भेजने का आह्वान किया है जिसकी वजह से स्कूलों में उपस्थिति क्षीण रही।
घाटी में जारी अशांति के कारण शिक्षा प्रणाली को नुकसान हुआ है। यहाँ 11 जून को पुलिस द्वारा आँसू गैस के गोले छोड़ने के कारण 17 वर्षीय एक छात्र के मारे जाने के बाद हिंसा शुरू हुई थी।
छात्रों और स्कूलों के कर्मचारियों को जाने आने में सुविधा मिले और शिक्षण संस्थाओं का कामकाज निर्बाध हो सके, यह सुनिश्चित करने के लिए उमर अब्दुल्ला की सरकार ने राज्य परिवहन निगम की 170 से अधिक बसें शहर के 11 मार्गों पर चलाई हैं।
स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति करीब 20 फीसदी ही रही लेकिन प्रशासन को उम्मीद है कि कल से स्कूल जाने वाले छात्रों की संख्या बढ़ेगी।
राज्य के शिक्षा मंत्री पीरजादा मोहम्मद सईद ने कल घाटी में अध्ययन प्रक्रिया फिर से शुरू करने और सालाना परीक्षाएँ आयोजित करने की व्यायक योजना का ऐलान किया था।
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