
मुलायम ने यहां संवाददाताओं को जारी एक छपे हुए बयान में कहा कि इन न्यायिक निर्णयों में आस्था को कानून एवं सुबूतों से उपर रखकर फैसला दिया गया है. यह देश, संविधान और स्वयं न्यायपालिका के लिये अच्छा संकेत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से आगे चलकर अनेक संकट पैदा हो सकते हैं.
मुलायम ने कहा कि अदालत के निर्णय से देश का मुसलमान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है और पूरे समुदाय में मायूसी है.
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि वह पक्ष उच्चतम न्यायालय में जाएगा जहां सुबूतों एवं कानून के आधार पर फैसला आएगा जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
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