कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2016 के परिणामस्वरूप, जोकि लोकसभा में पारित हो गया है तथा राज्यसभा में विचाराधीन है, कुछ अफवाहों का दौर बना दिया गया है कि पैतृक आभूषणों सहित सोने के सभी आभूषणों पर 75 प्रतिशत की दर से कर और उपकर लगाया जाएगा। इसके साथ ही भुगतान योग्य कर की 10 प्रतिशत देयता पर अतिरिक्त शास्ति भी लगेगी।
2. यह एतद्द्वारा स्पष्ट किया जाता है कि उपर्युक्त विधेयक में आभूषणों पर कर लगाने संबंधी कोई नया प्रावधान अंत: स्थापित नहीं किया गया है। इस विधेयक का उद्देश्य केवल आयकर अधिनियम, 1961 (इस अधिनियम) की धारा 115 खखड़ के तहत लागू कर की मौजूदा दर को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना है, जिसमें 25 प्रतिशत अधिभार तथा उस पर उपकर भी शामिल है। इस धारा में केवल आभूषण सहित परिसंपत्तियों में अस्पष्ट निवेश के मामले में लगाए जाने वाली कर की दर का उपबंध किया गया है। आय के रूप में इन परिसंपत्तियों की प्रभार्यता धारा 69, 69क तथा 69ख के प्रावधानों के द्वारा शासित होती हैं, जोकि 1960 से इस अधिनियम का भाग है। इस विधेयक का उद्देश्य इन धाराओं के प्रावधानों में संशोधन करना नहीं है।
धारा 115 खखड़ के तहत कर की दर को बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है क्योंकि यह रिपोर्ट मिली है कि कर अपवंचक अपनी अघोषित आय को बिजनेस आय या अन्य स्रोतों से होने वाली आय के रूप में आय की विवरणी में शामिल करने का प्रयास कर रहें हैं। धारा 115 खखड़ के प्रावधान उन मामलों में लागू होते हैं जहां परिसंपत्ति अथवा नकदी आदि को ‘अस्पष्ट नकदी अथवा परिसंपत्ति‘ के रूप में घोषित किया जाना प्रार्थित है अथवा जहां इसे निराधार बिजनेस आय के रूप में छिपाया गया हो, तथा निर्धारिती अधिकारी ने इसका पता लगा लिया हो। ये कार्रवाइयां मुख्यत: उन मामलों में की जाती हैं, जहां विवरणी दाखिल की गई हो।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि अघोषित आय अथवा छूट प्राप्त आय जैसे कृषि से होने वाली आय या युक्तियुक्त घरेलू बचतों या कानूनी रूप से प्राप्त विरासत, जोकि स्पष्ट स्रोतों से अर्जित की गई हो, से खरीदे गए आभूषण/सोने पर न तो वर्तमान प्रावधानों के तहत, न ही प्रस्तावित संशोधित प्रावधानों के तहत कर लगता है। इस संबंध में, अनुदेश सं. 1916 के संदर्भ में भी ध्यान आकर्षित किया जाता है, जिसमें यह प्रावधान है कि तलाशी अभियानों के दौरान प्रति विवाहित महिला से 500 ग्राम, प्रति अविवाहित महिला से 250 ग्राम तथा परिवार के प्रति पुरूष सदस्य से 100 ग्राम तक सोने के आभूषणों तथा गहनों की जब्ती नहीं की जाएगी। इसके अतिरिक्त किसी भी सीमा तक वैध तरीके से आभूषणों को रखना पूरी तरह से सुरक्षित है।
4. उपर्युक्त को देखते हुए, यह शंका व्यक्त की जानी कि अघोषित स्रोतों या छूट प्राप्त आय से अर्जित घरेलू आभूषणों को प्रस्तावित संशोधन के अंतर्गत कर योग्य बनाया जाएगा, पूरी तरह से निराधान तथा बेबुनियाद है।
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