केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आईएसबीएन पोर्टल लांच किया, आईएसबीएन अब एक क्लिक दूर!
केन्द्रीय
मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने आज नई दिल्ली
में एक समारोह में अंतर्राष्ट्रीय मानक पुस्तक संख्या (आईएसबीएन) के
पंजीकरण और आबंटन के लिए आईएनबीएन पोर्टल लांच किया।
श्रीमती ईरानी ने कहा कि आईएनबीएन पोर्टल कम समय में तैयार किया गया है, ताकि आईएनबीएन ऑनलाइन से प्रकाशक और लेखक को सुविधा मिल सके। यह प्रणाली प्रकाशकों के साथ-साथ लेखकों को भी निर्धारित समय में त्वरित और कुशल सेवा देगी।
श्रीमती ईरानी ने बताया कि प्रकाशकों की राय जानने के बाद क्षेत्रीय भाषा में एक मोबाइल एेप लांच किया जाएगा, ताकि देश के अधिक से अधिक प्रकाशकों और लेखकों तक पहुंचा जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस पहल से छोटे शहरों के प्रकाशक और लेखक भी लाभान्वित होंगे। इंटरनेट से लेखकों के कार्यों के फ्री डाउनलोड समस्या के बारे में उन्होंने आश्वासन दिया कि इलेक्ट्रानिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग सहित संबद्ध मंत्रालयों के साथ इस विषय पर बातचीत की जाएगी और इसे राज्यों के साथ भी साझा किया जाएगा।
इस अवसर पर जाने-माने लेखक प्रो. नरेन्द्र कोहली सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने आईएसबीएन के बारे में कहा कि प्रकाशन क्षेत्र के लिए आज के समय में आईएसबीएन एक महत्वपूर्ण अंग हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रकाशकों तथा लेखकों की पहुंच बढ़ाने के लिए यह ऑनलाइन प्रणाली अच्छा प्रयास है।
जाने-माने लेखक श्री अमिष त्रिपाठी इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि आईएसबीएन पुस्तक को एक पहचान देती है। यदि आपके पास नहीं है, तो पुस्तक की दुकान से यह नहीं बिकेगी। उन्होंने कहा कि भारत में आईएसबीएन अमेरिका तथा ब्रिटेन जैसे देशों से भिन्न और स्वतंत्र है। अमेरिका और ब्रिटेन में पंजीकरण के लिए प्रकाशकों को बड़ी राशि अदा करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अभी तक आईएसबीएन मानव शक्ति से चलता था, लेकिन आज से इसके ऑनलाइन हो जाने से देश के विभिन्न हिस्सों के प्रकाशक आसानी से अपना पंजीकरण करा सकेंगे और अपना समय भी बचाएंगे।
इससे पहले, संयुक्त सचिव (बीपी-सीआर) श्रीमती अपर्णा शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि आईएसबीएन पोर्टल पंजीकरण की प्रक्रिया को सटीक बनाने के लिए भारत सरकार के ई-गवर्नेंस कार्यक्रम का हिस्सा है।
एनबीटी की निदेशक डॉ. रीता चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रणाली से प्रकाशक और लेखक आईएसबीएन के लिए सहायता के साथ पंजीकरण करा सकेंगे।
श्रीमती ईरानी ने कहा कि आईएनबीएन पोर्टल कम समय में तैयार किया गया है, ताकि आईएनबीएन ऑनलाइन से प्रकाशक और लेखक को सुविधा मिल सके। यह प्रणाली प्रकाशकों के साथ-साथ लेखकों को भी निर्धारित समय में त्वरित और कुशल सेवा देगी।
श्रीमती ईरानी ने बताया कि प्रकाशकों की राय जानने के बाद क्षेत्रीय भाषा में एक मोबाइल एेप लांच किया जाएगा, ताकि देश के अधिक से अधिक प्रकाशकों और लेखकों तक पहुंचा जा सके। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस पहल से छोटे शहरों के प्रकाशक और लेखक भी लाभान्वित होंगे। इंटरनेट से लेखकों के कार्यों के फ्री डाउनलोड समस्या के बारे में उन्होंने आश्वासन दिया कि इलेक्ट्रानिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग सहित संबद्ध मंत्रालयों के साथ इस विषय पर बातचीत की जाएगी और इसे राज्यों के साथ भी साझा किया जाएगा।
इस अवसर पर जाने-माने लेखक प्रो. नरेन्द्र कोहली सम्मानित अतिथि थे। उन्होंने आईएसबीएन के बारे में कहा कि प्रकाशन क्षेत्र के लिए आज के समय में आईएसबीएन एक महत्वपूर्ण अंग हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रकाशकों तथा लेखकों की पहुंच बढ़ाने के लिए यह ऑनलाइन प्रणाली अच्छा प्रयास है।
जाने-माने लेखक श्री अमिष त्रिपाठी इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि आईएसबीएन पुस्तक को एक पहचान देती है। यदि आपके पास नहीं है, तो पुस्तक की दुकान से यह नहीं बिकेगी। उन्होंने कहा कि भारत में आईएसबीएन अमेरिका तथा ब्रिटेन जैसे देशों से भिन्न और स्वतंत्र है। अमेरिका और ब्रिटेन में पंजीकरण के लिए प्रकाशकों को बड़ी राशि अदा करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अभी तक आईएसबीएन मानव शक्ति से चलता था, लेकिन आज से इसके ऑनलाइन हो जाने से देश के विभिन्न हिस्सों के प्रकाशक आसानी से अपना पंजीकरण करा सकेंगे और अपना समय भी बचाएंगे।
इससे पहले, संयुक्त सचिव (बीपी-सीआर) श्रीमती अपर्णा शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि आईएसबीएन पोर्टल पंजीकरण की प्रक्रिया को सटीक बनाने के लिए भारत सरकार के ई-गवर्नेंस कार्यक्रम का हिस्सा है।
एनबीटी की निदेशक डॉ. रीता चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रणाली से प्रकाशक और लेखक आईएसबीएन के लिए सहायता के साथ पंजीकरण करा सकेंगे।
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