टोल प्लाजा के परिचालन में एकरूपता के अभाव और वहां कार्यरत लोगों के दुर्व्यवहार के बारे में मिली शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल प्लाजा संचालकों के लिए ‘आचार संहिता’ जारी की है। एनएचएआई के ठेकेदारों/रियायतग्राहियों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे नीतिगत निर्देशों के साथ-साथ एनएचएआई द्वारा तय किये गये मानकों का पालन करें। समान वर्दी संहिता भी जारी की गई है, जिस पर देशभर में टोल प्लाजा पर कार्यरत लोगों को अमल करना होगा। एनएचएआई ने बिल बोर्ड पर टोल दरों/रियायतों/छूटों को दर्शाने के लिए एक मानक प्रपत्र भी वितरित किया है, जिसे सड़क इस्तेमालकर्ताओं के हित में रियायतग्राहियों/ठेकेदारों द्वारा अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
अब से सुरक्षा एवं आसान पहचान के लिए टोल प्लाजा के स्टाफ के हर सदस्य को पर्याप्त चिन्हों वाली गहरे नीले रंग की वर्दी पहननी होगी। रियायतग्राहियों/ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि टोल प्लाजा पर कार्यरत लोगों को सात दिनों का न्यूनतम प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए, ताकि वे एनएचएआई के इन निर्देशों से अवगत हो सकें कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। यह प्रशिक्षण इसलिए भी जरूरी है, ताकि टोल प्लाजा पर कार्यरत लोग किसी आपातकालीन स्थिति में सड़क इस्तेमालकर्ताओं के साथ सही तरीके से पेश आयें और उनकी मदद करें।
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