पाकिस्तान की फाइनेंस राजधानी कराची में 80 साल पुराना मंदिर गिराए जाने के विरोध में हिंदू समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। सोल्जर बाजार इलाके में स्थित राम पीर मंदिर को एक बिल्डर के साथ जमीनी विवाद की पृष्ठिभूमि में गिराया गया। इसको लेकर हिंदुओं ने प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शन किया। पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक रमेश कुमार वांकवानी ने कहा, अब भी कई धार्मिक चीजें और तस्वीरें मलबे में दबी हुई हैं। मंदिर परिसर में रहने वाले परिवार बेघर हो गए हैं। सनद रहे कि कुछ समय पहले ही पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि देश में नाबालिग हिन्दू लड़कियों का जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय बहुत चिंतित है।
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से मामलों में हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर उनके साथ रेप किया जाता है और बाद में उन्हें धर्म परिवर्तन पर मजबूर किया जाता है। सिंध प्रान्त विशेष कर देश की व्यापारिक राजधानी कराची में जबर्दस्ती परिवर्तन की घटनाएं हो रही हैं। पाकिस्तान की सीनेट की अल्पसंख्यक मामलों की स्थाई समिति ने ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस उपाए करने का आग्रह किया था।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन की घटनाएं केवल सिंध तक सीमित नहीं है बल्कि देश के अन्य भागों में भी ऐसा हो रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का अपहरण होता है, उनके साथ रेप किया जाता है और बाद में यह दलील दी जाती है कि लडकी ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है। उसकी मुस्लिम व्यक्ति से शादी हो गई है और वह अपने पुराने धर्म में लौटना नहीं चाहती।
आयोग ने कहा कि अदालतें भी अल्पसंख्यक लड़की या उसके परिवार वालों के साथ इंसाफ नहीं करतीं। 12 या 13 साल की लड़की को भी अभिभावकों के संरक्षण में नहीं छोडा जाता। आयोग ने एक घटना का उल्लेख किया जिसमें 12 साल की एक लड़की ने यह बयान दिया कि उसने स्वेच्छा से इस्लाम कबूल कर लिया है। अदालत ने परिवार वालों के वकील की इस दलील की अनसुनी कर दी कि लड़की नाबालिग है। आयोग ने कहा कि ऐसे मामलों पर अदालतें निष्पक्ष रूप से विचार नहीं कर पातीं क्योंकि मजहबी नारेबाजी करने वाले कट्टरपंथी लोगों से भय रहता है।
0 comments :
Post a Comment