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प्रत्यक्षदर्शी जगदीश सिंह ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनीता गुप्ता से कहा, ‘‘मैंने देखा कि लाठी और सरिया से लैस भीड़ मेरी बहन जगदीश कौर के घर में घुसी और खिड़कियां एवं लोहे का गेट पूरी तरह तोड़ दिया गया ।’’ चौथे दिन जिरह के दौरान उन्होंने अदालत से कहा, ‘‘एक नवंबर 1984 को हमारे घर पर भी हमला किया गया.. दंगाइयों ने हमारे घर पर हमला किया और फर्नीचर, मोटरसाइकिल आदि में आग लगा दी ।’’
प्रत्यक्षदर्शी ने दंगे के दौरान की घटनाओं को अपनी बहन के पति एवं पुत्र की हत्या से भी जोड़ा । 31 अक्तूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगे भड़के थे ।
प्रत्यक्षदर्शी की गवाही किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची और इसके कल भी जारी रहने की संभावना है ।
19 अक्तूबर को अपनी गवाही में सिंह ने अदालत में कुमार की पहचान दंगे के दौरान उनके भाइयों की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने वाले के रूप में की ।
43 वर्षीय सिंह शिकायतकर्ता जगदीश कौर के रिश्तेदार भी हैं जिनके पति केहर सिंह और एक पुत्र की दंगे के दौरान हत्या कर दी गई थी ।
ye danga karne wale secular the, isliye..
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