हरियाणा की नई सत्ता संभालने वाली बीजेपी सरकार ने लड़कियों के जींस व टॉप पहनने व मोबाइल न रखने के मुद्दे पर हिंदू महासभा को झटका दे दिया है। उन्होंने कड़ा स्टैंड लेते हुए महासभा के बयान को नकारा है। हालांकि, इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया है।
प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे पॉवरफुल मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि एक सभ्य समाज किसी भी संगठन को समाज पर कुछ भी थोपने की इजाजत नहीं देता। बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि देश में समाज के विकास के लिए सामाजिक संगठन हैं, लेकिन किसी को भी यह तय करने का अधिकार नहीं है कि कौन क्या पहने और क्या नहीं रखे।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का काम है और राज्य में इसे किसी को तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। प्रदेश के सीनियर कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनकड़ ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि हरियाणा में हिंदू महासभा का अस्तित्व ही नहीं है। इसलिए मीडिया को इसे तव्जजो ही नहीं देनी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि खाप में कई बुद्धिमान लोग हैं और वे नई सोच के समर्थक हैं।
इधर, प्रदेश की नई सरकार के इस मुद्दे पर अपनाए गए तेवर के बीच हिंदू महासभा ने 2 नवंबर को अपनी कार्यकारिणी की बैठक हिसार में बुला ली है। हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मपाल सिवाच ने कहा कि हमारे द्वारा चलाई गई मुहिम प्रदेश भर से भारी समर्थन मिल रहा हैं।
अगर हिंदू महासभा की मुहिम सफल हुई तो रेप व छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आएगी। सिवाच के अनुसार हिंदू महासभा द्वारा लिए गए फैसले को बुजुर्गों और महिलाओं से सराहना मिली है। उन्होंने छात्र व छात्राओं के अभिभावकों से भी इस मिशन में सहयोग मांगा।
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