भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कल जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में ललकार रैली के दौरान धारा 370 के बहाने केंद्र सरकार पर फिर हमला किया. उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में धारा 370 से यहां के सामान्य लोगों का भला हुआ है? अब धारा 370 कवच के रूप में इस्तेमाल हो रही है. उसे साम्प्रदायिकता से जोड़ा जा रहा है. सरकार सिर्फ सेक्युलरिज्म के नाम पर जिम्मेदारी से बचती रही है. मोदी ने कहा, मैं हिन्दू मुस्लिम की बात नहीं करता, मैं सवा सौ करोड़ लोगों की बात करता हूं.
मोदी ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा हालत के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 60 सालों के इतिहास से पता चलता है कि जम्मू कश्मीर को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच सही थी. पंडित नेहरू ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बात को नजरंदाज किया.
उन्होंने कहा, आतंकवाद से लड़ते हुए हमारे कई देशभक्त सिपाही शहीद हो गए. जान हथेली पर लेकर देश की रक्षा करने वाले सभी सैनिकों का आदर करता हूं. लेकिन आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर दिल्ली की सरकार सोई हुई है. पाकिस्तान की जेलों हिंदुस्तान के दो जवान सरबजीत और चमेल सिंह को मारा गया. मैं पण्डित प्रेमनाथ डोगरा को भी याद करना चाहता हूं. जैसा उनके साथ हुआ वैसा ही सरबजीत सिंह और चमेल सिंह के साथ हुआ. अगर भारत ने अपनी आवाज बुलंद की होती तो शायद सरबजीत सिंह की मौत नहीं होती. पर सरकार सोती रही.
मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के साथ मेरा करीबी रिश्ता रहा है. किसी ने मुझे 25 साल पुराना फोटो दिया. इस फोटो को देखर मेरी पुरानी यादें ताजा हो गई. मैंने यहां बहुत काम किया है. मैं आज महाराजा हरि सिंह को याद करना चाहता हूं. अगर उन्हें 1974 के बाद फैसले लेने की मुख्य धारा में शामिल किया जाता तो आज स्थितियां अलग होती. हरि सिंह ने समाज के लिए काम किया था. उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए खूब काम किया. उन्होंने छुआछूत के खिलाफ भी आवाज बुलंद की थी.
मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को अलग स्टेट की बजाय सुपर स्टेट बनाना चाहिए. मोदी ने कहा कि दिल्ली की सरकार इतनी गहरी नींद में सोई हुई है कि उसे लोगों का गुस्सा भी जगा नहीं सकता. उन्होंने कहा कि क्या ऐसी कोई सरकार है जो उस वक्त भी सोती रहती है जब लोगों को मारा जा रहा हो.
मोदी ने केंद्र के साथ राज्य की उमर सरकार पर भी निशाना साधा. मोदी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जो अधिकार हासिल हैं, वह उनकी बहन सारा को हासिल नहीं हैं. मोदी ने कहा, सारा ने कश्मीर के बाहर शादी की और उसके सारे अधिकार छीन लिए गए. जो अधिकार उमर को मिलते हैं, वह उनकी बहन सारा को भी मिलने चाहिए.
मोदी ने केंद्र सरकार पर धारा 370 पर चर्चा न करने का आरोप लगाया. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा था उन्होंने भी कहा था यह एक दिन खत्म हो जाएगी, लेकिन केंद्र सरकार इस पर चर्चा करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा, जम्मू में धारा 370 का भी इस्तेमाल हो रहा है. समय की मांग है कि जनता की भलाई को देखते हुए इस पर चर्चा हो. पंडित नेहरू ने कहा था यह धारा समय रहते घिसते घिसते घिस जाएगी. लेकिन सरकार इस पर चर्चा तक को तैयार नहीं है. धारा 370 का उपयोग कवच के तौर पर हो रहा है. इसे सांप्रदायिकता के गहने पहना दिए गए हैं.
मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तानी जेल में मारे गए चमेल सिंह का भी जिक्र किया और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा,पाकिस्तान में दो घटनाएं घटीं. एक की तरफ मीडिया का ध्यान गया, लेकिन दूसरी घटना को भुला दिया गया. पाकिस्तान की जेलों में हिंदुस्तान के दो बेगुनाह नौजवान बंद थे. एक पंजाब के थे सरबजीत और दूसरे हमारे जम्मू के चमेल सिंह. जिस जेल के अंदर सरबजीत को मारा गया, जिस तरीके से मारा गया, वैसे ही उस जेल में एक हफ्ते पहले चमेल सिंह को मारा गया था. सरकार एक हफ्ते पहले जाग जाती तो सरबजीत आज जिंदा होते.
मोदी की रैली के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे, जिसके चलते शरदकालीन राजधानी में सिविल कर्फ्यू जैसी स्थिति हो गई है। सूत्रों के अनुसार वाहनों का आवागमन व व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहा. वहीं लोगों को रैली स्थल तक पहुंचाने के लिए पैदल ही तीन से पांच किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. सुबह से ही हज़ारों की संख्या में मोदी के समर्थक जम्मू के मौलाना आज़ाद स्टेडियम में एकत्रित हो गए थे! इसके पहले सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया. चप्पे चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात थे और हर आने जाने वाले की तलाशी ली जा रही थी. पटना में मोदी रैली के हादसे को मद्देनज़र रखते हुए सुरक्षा विभाग कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था.
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