यूपी और बिहार में एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर चल रही है। माना जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में गुजरात के चीफ मिनिस्टर और राहुल गांधी के बीच सीधा मुकाबला होगा। लेकिन अगर इकनॉमिक टाइम्स के सर्वे के नतीजे देखें तो पता चलता है कि काफी हद तक यह मुकाबला एकतरफा होगा। इस रेस में मोदी बड़े मार्जिन से राहुल गांधी से आगे चल रहे हैं। खास तौर से यूपी में हर दूसरा वोटर मोदी को सपोर्ट करता हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी इससे खुश हो सकती है, लेकिन उसे पता है कि बगैर अलायंस पार्टनर्स को जोड़े वह केंद्र की सत्ता पर काबिज नहीं हो पाएगी।
रिसर्च फर्म एसी नीलसन की तरफ से 4 से 26 सितंबर के बीच कराए गए इस सर्वे के मुताबिक यूपी और बिहार में बीजेपी को जनता का सपोर्ट तो बढ़ रहा है, लेकिन इतना नहीं कि उससे पार्टी देश के इन दो बड़े राजनीतिक अखाड़ों में क्लीन स्वीप कर जाए। इन दो राज्यों में 120 लोकसभा सीटें हैं। बीजेपी को इनमें से एक-तिहाई से ज्यादा (27 यूपी में और 17 बिहार में) सीटें मिलती नजर आ रही हैं। देश पर कौन राज करेगा, यह तय करने की क्षमता रखने वाले इन दोनों राज्यों में इकनॉमिक टाइम्स की तरफ से कराए गए एक बड़े और व्यापक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण में लगभग 8,500 वोटर्स शामिल हुए।
यूपी में हर दूसरे वोटर ने नरेंद्र मोदी को पहली पसंद बताया है। उनकी अप्रूवल रेटिंग से इसका पता चलता है। यूपी में सिर्फ 9 फीसदी वोटरों ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार बताया। वहीं, राज्य में 50 फीसदी वोटर मोदी को अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। बिहार में भी मोदी इस पद के लिए पहली पसंद हैं। जबकि राज्य में केवल 19 फीसदी वोटर राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। मोदी को चाहने वालों की संख्या उनसे कुछ ज्यादा है। राहुल गांधी की अप्रूवल रेटिंग हर कैटिगरी के वोटरों में मोदी से कम है। फर्स्ट टाइम वोटर्स में भी मोदी की पॉप्युलैरिटी राहुल गांधी से ज्यादा है, जबकि वह राहुल से 19 साल बड़े हैं।
सर्वे से पता चला है कि मोदी को बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने से मुस्लिम वोटरों का झुकाव कांग्रेस की ओर बढ़ा है। हालांकि, इसकी पहले से ही उम्मीद की जा रही थी। मुस्लिम वोटरों को डर है कि इससे हिंदू वोटरों का ध्रुवीकरण मोदी के पक्ष में हो सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो इससे कांग्रेस को नुकसान होगा। लोगों का मानना है कि मोदी इकॉनमी, नैशनल सिक्यॉरिटी और फॉरेन पॉलिसी को हैंडल करने के मामले में राहुल गांधी से बेहतर साबित होंगे। केंद्र में सत्ता के लिए अलायंस बनाना भी बहुत अहमियत रखता है। अलायंस मैनेजर के तौर पर भी राहुल गांधी की इमेज अच्छी नहीं है।
सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को दोनों राज्यों में कुल 44 सीटें- यूपी में 27 और बिहार में 17 सीटें मिल सकती हैं। इस बार दिल्ली के तख्त का रास्ता इन्हीं दोनों राज्यों से होकर गुजरेगा, यह बात पक्की लग रही है। ऐसे में सर्वेक्षण के ये आंकड़े बीजेपी को देश भर में कम्फर्ट जोन में लाने के लिए काफी नहीं होंगे। हालांकि, सर्वे में बीजेपी के लिए राहत की बात यह रही है कि मोदी चुनावी नतीजे तय करने वाले मेन फैक्टर हो सकते हैं। सर्वे का एक फेज मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले ही पूरा हो गया था। जो बड़ी तस्वीर सामने आई है, उसके हिसाब से मोदी को यूपी में चुनौती देने वाले मुलायम सिंह यादव और बिहार में नीतीश कुमार के दबदबे में कमी आ सकती है। यूपी में बीजेपी 27 सीटों पर जीत हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। यह आंकड़ा पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव में मिली सीटों का लगभग तीन गुना है।
यूपी में बीजेपी सभी विरोधी दलों के सपोर्ट बेस में सेंध लगाती नजर आएगी। यहां उसे 28 फीसदी वोट मिलते नजर आ रहे हैं, जबकि 2009 में 17 फीसदी वोट मिले थे। सर्वेक्षण के मुताबिक, यूपी में एसपी का वोट शेयर 5 पर्सेंट पॉइंट की गिरावट के साथ 18 फीसदी तक आ सकता है। ऐसे में उसकी लोकसभा सीटों का आंकड़ा 16 तक सिमट सकता है। यहां बीएसपी और कांग्रेस को भी नुकसान होता नजर आ रहा है।
मोदी के फेवर में अपर कास्ट का कंसॉलिडेशन होने पर बीएसपी का सपोर्ट बेस घट सकता है। हालांकि, कोर दलित वोट पक्का होने से इसकी सीटें पिछली बार की तरह 20 या इसके आसपास रह सकती हैं। मोदी ज्यादातर मतदाता वर्ग में पॉप्युलैरिटी गेन कर रहे हैं, जिससे कांग्रेस की संभावनाएं खराब हो रही हैं। कांग्रेस को 9 सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है। ऐसे में वह यूपी में खिसक कर चौथे नंबर पर आ जाएगी। बिहार में जेडीयू और बीजेपी के अलगाव पर कहा जा रहा था कि इससे मोदी को नुकसान हो सकता है, लेकिन सर्वेक्षण में कुछ और संकेत मिले हैं। यहां बीजेपी को 40 में 17 जबकि जेडीयू को 2009 की सिर्फ आधी, मतलब 10 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पिछली बार से 1 सीट ज्यादा यानी 5 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस का आंकड़ा पिछली बार से डबल होकर 4 सीटों तक पहुंच सकता है।
bjp bihar me 30 seet prapt karegi sabhi sarve dhae ke dhare rah jayege.
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