दिल्ली विश्वविद्यालय का दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स गुरुवार को यकायक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। कारण था यहां कश्मीर आधारित विवाद फिल्म ‘जश्न-ए-आजादी’ की स्क्रीनिंग। दरअसल, विवि प्रशासन की रोक के बावजूद सोशियोलॉजी विभाग में इस फिल्म का प्रदर्शन हुआ और इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) समर्थक छात्रों ने जमकर हंगामा किया।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने इसे देश को बांटने वाली फिल्म करार दिया, जबकि सोशियोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. नंदिनी सुंदर ने इस बात से इंकार करते हुए इसे छात्रों के लिए उपयोगी बताया। सोशलॉजी विभाग में दिखाई गई इस फिल्म को लेकर गुरुवार सुबह यकायक विश्वविद्यालय का प्रोक्टर कार्यालय व मौरिस नगर थाना पुलिस हरकत में आई।
सूत्रों के अनुसार उनकी चिंता की वजह कश्मीर आधारित इस फिल्म को लेकर शहीद भगत सिंह क्रांति दल की ओर से आई वह धमकी थी, जिसमें फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान कोई भी दुर्घटना घटने की चेतावनी दी गई थी। प्रोक्टर प्रो.आई उषा राव ने आनन-फानन में करीब एक घंटा पहले फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की बात सोशियोलॉजी विभाग प्रमुख से कही, पर रोक के बजाए कार्यक्रम निर्धारित समय दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ और छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने इसमें हिस्सा भी लिया।
सोशियोलॉजी विभाग प्रमुख से जब प्रशासन की मंजूरी के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन के लिए किसी तरह की मंजूरी की आवश्यकता विभाग को नहीं रहती है। स्क्रीनिंग के चलते आयोजन स्थल पर एबीवीपी समर्थक छात्रों की भीड़ लग गई।
हालत बिगड़ते देख विश्वविद्यालय के मुख्य सुरक्षा अधिकारी गजे सिंह व मौरिस नगर थाना प्रमुख अल्का आजाद मौके पर पहुंचीं और हंगामा कर रहे छात्रों को सोशियोलॉजी विभाग में जाने से रोका। फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने पहुंचे एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रोहित चहल का कहना था कि फिल्म पर इसलिए रोक जरूरी है, क्योंकि इसमें आतंकवादियों को हीरो और भारतीय सेना को विलेन के तौर पर दिखाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म पर यकीन करें तो कश्मीर में भारतीय सेनाएं अत्याचार का पर्याय बन चुकी हैं। काबिलेगौर यह है कि सेंसर बोर्ड से मंजूरी के बिना ही इस फिल्म का प्रदर्शन हो रहा है।
0 comments :
Post a Comment